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पी पी एच न्यूज | नरसिंहपुर
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📢 🌟 PPH न्यूज़ स्पेशल रिपोर्ट🗓️ रविवार, 15 जून 2025📍 स्थान: गोटेगांव, जिला नरसिंहपुर (मध्यप्रदेश)🖋️ प्रस्तुति: मणिनागेंद...
15/06/2025

📢 🌟 PPH न्यूज़ स्पेशल रिपोर्ट
🗓️ रविवार, 15 जून 2025
📍 स्थान: गोटेगांव, जिला नरसिंहपुर (मध्यप्रदेश)
🖋️ प्रस्तुति: मणिनागेंद्र सिंह फाउंडेशन न्यूज़ डेस्क
🎙️ रिपोर्टर: तुलसी गोस्वामी,

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🇮🇳 गांव से भारत निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल: मणिनागेंद्र सिंह सैनिक स्कूल का शुभारंभ

“जहां शिक्षा केवल आजीविका का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र की सेवा का पथ हो – वहां से जन्म लेता है ‘सैनिक स्कूल’ जैसा संगठित आंदोलन।”

गोटेगांव की धरा पर स्थापित हुआ है वह प्रेरक केंद्र, जो शिक्षा के माध्यम से भारत के भविष्य का निर्माण कर रहा है –
"मणिनागेंद्र सिंह सैनिक स्कूल" – यह मात्र एक स्कूल नहीं, बल्कि गांव-गांव में आत्मबल, अनुशासन और राष्ट्रप्रेम की मशाल है।

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🎯 विजन: शिक्षा, सेवा और सशक्तिकरण का समर्पित संगम

यह सैनिक स्कूल "मणिनागेंद्र सिंह फाउंडेशन" की दूरदर्शी सोच और मजबूत सामाजिक प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष परिणाम है।
इसका उद्देश्य है:

🔹 ग्रामीण बच्चों को रक्षा, प्रशासन, विज्ञान, और नेतृत्व के लिए तैयार करना
🔹 सैनिक भावना, अनुशासन और समाज सेवा को प्राथमिक शिक्षा से ही बच्चों में रोपित करना
🔹 शिक्षा को केवल डिग्री तक सीमित न रखकर, जीवन निर्माण और राष्ट्र निर्माण से जोड़ना
🔹 गांवों में छिपी प्रतिभा को पहचानना, तराशना और उसे एक मंच देना

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🧱 आधारशिला: मणिनागेंद्र सिंह पब्लिक स्कूल (MNSPS)

"मणिनागेंद्र सिंह सैनिक स्कूल" की प्रवेशश्रेणी कक्षा 6 से प्रारंभ होती है। इसके लिए तैयार किया गया है –
"मणिनागेंद्र सिंह पब्लिक स्कूल" – जो कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को सैनिक स्कूल के वातावरण में प्रारंभिक प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करता है।

इसमें सम्मिलित हैं:

🧘 योग और प्रार्थना से दिनचर्या की शुरुआत
📚 AISSEE (All India Sainik School Entrance Exam) के लिए विशेष तैयारी
🏃 खेल, परेड, एनसीसी, समाज सेवा गतिविधियाँ
🧠 नैतिक शिक्षा, संस्कार और व्यवहारिक ज्ञान
👨‍🏫 राष्ट्रवादी विचारों से युक्त प्रशिक्षण वातावरण

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🎓 प्रवेश प्रणाली: समान अवसर, पारदर्शी चयन

✅ 60% आरक्षित सीटें – मणिनागेंद्र सिंह पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों के लिए
👉 पहले से सैनिक वातावरण का अनुभव, प्रशिक्षित आधार, AISSEE की सतत तैयारी
✅ 40% ओपन मेरिट – पूरे भारत से आवेदन, केवल योग्यता के आधार पर चयन
📌 चयन प्रक्रिया पूर्णतः निष्पक्ष, लिखित परीक्षा व व्यक्तिगत मूल्यांकन आधारित

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📝 AISSEE परीक्षा – सैनिक बनने की पहली सीढ़ी

🔸 यह प्रवेश परीक्षा National Testing Agency (NTA) द्वारा आयोजित होती है
🔹 विषय: गणित, भाषा ज्ञान, सामान्य ज्ञान, बुद्धिमत्ता, तर्कशक्ति

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🕰️ अनुशासित दिनचर्या: जो बनाती है लीडर और देशभक्त

सैनिक स्कूल की दैनिक दिनचर्या:

🕔 5:30 – शारीरिक व्यायाम और दौड़

🧘‍♂️ 6:30 – प्रार्थना और योग

📘 8:00 – 1:00 – शिक्षण सत्र

🎯 2:00 – 5:00 – खेल, NCC, परेड, सांस्कृतिक अभ्यास

📖 6:00 – 8:00 – स्वाध्याय, ट्यूटर मार्गदर्शन

🌙 9:00 – विश्राम

➡️ यह दिनचर्या बच्चों को अनुशासित, आत्मनिर्भर, संवेदनशील और देश के प्रति समर्पित बनाती है।

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👨‍🏫 शिक्षक चयन प्रक्रिया: सिर्फ डिग्री नहीं, समर्पण चाहिए

✅ विशेष सैन्य अनुशासन, योग, नैतिक और सामाजिक शिक्षा में प्रशिक्षित शिक्षक
✅ शिक्षक = गुरु + प्रशिक्षक + राष्ट्रपथ प्रदर्शक
✅ हर शिक्षक का उद्देश्य – विद्यार्थियों को सच्चा नागरिक और देशसेवक बनाना

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💰 फीस, सहायता और छात्रवृत्ति: ताकि कोई बच्चा पीछे न रह जाए

🎓 विशेष सहायता योजनाएं:

SC/ST/OBC, EWS वर्गों के लिए छूट

ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए 100% छात्रवृत्ति
🎁 “एक बच्चा, एक भविष्य” योजना – निशुल्क शिक्षा + हॉस्टल सुविधा

➡️ शिक्षा हो सबके लिए – यही संकल्प है फाउंडेशन का

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🛡️ भविष्य की दिशा – हर विकासखंड तक विस्तार का संकल्प

🚩 ग्राम पंचायत स्तर पर टैलेंट सर्च अभियान
🚩 NDA, CDS, SSB के लिए विशेष गाइडेंस सेंटर
🚩 गोटेगांव से शुरू होकर जिले, संभाग और प्रदेश भर में पहुंचने का लक्ष्य

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📞 संपर्क करें – इस क्रांति का हिस्सा बनें

📍 पता:
मणिनागेंद्र सिंह पब्लिक स्कूल
श्री देव ठाकुर बाबा मंदिर परिसर, SRG ऑफिस, गोटेगांव, जिला नरसिंहपुर (म.प्र.)

📆 सत्र प्रारंभ: जुलाई 2025 से
📞 मोबाइल: +91-8359807175
📧 ईमेल: [email protected]
📲 व्हाट्सएप करें: “MNSF सैनिक स्कूल” लिखें और पूरी जानकारी प्राप्त करें

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✨ निष्कर्ष – यह स्कूल नहीं, एक आंदोलन है!

> यह सिर्फ किताबें नहीं,
यह सिर्फ कक्षाएं नहीं,
यह सिर्फ परीक्षा पास करने की व्यवस्था नहीं –
बल्कि यह भारत के भावी रक्षक तैयार करने का सुनियोजित प्रयत्न है।

🌾 गांवों से निकल कर,
🛡️ अनुशासन के कवच में ढलकर,
🇮🇳 यह बच्चे बनेंगे – भारत के सच्चे सैनिक, सच्चे सेवक और सच्चे नेता।

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🚩 Powered by:
मणिनागेंद्र सिंह फाउंडेशन
"गांव से भारत निर्माण की ओर..."

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प्रेस-विज्ञप्तिः(प्रकाशनार्थं समर्प्यते — सार्वजनिकसञ्चारमाध्यमेषु प्रकाशनाय)सर्वसम्मान्यायाः पत्रकारसमाजस्य सम्पूर्णायै...
14/04/2025

प्रेस-विज्ञप्तिः
(प्रकाशनार्थं समर्प्यते — सार्वजनिकसञ्चारमाध्यमेषु प्रकाशनाय)

सर्वसम्मान्यायाः पत्रकारसमाजस्य सम्पूर्णायै सूचना —
परमाराध्यपरमपूजनीयपरमधर्माधीशजगद्गुरुश्रीशंकराचार्यस्वामिनः श्रीअविमुक्तेश्वरानन्दसरस्वत्याः १००८ ईश्वरमहाभागस्य सन्निधौ आयोज्यमानस्य पत्रकारवार्ताक्रमस्य सम्बन्धे।

वाराणस्याम् — दिनाङ्कः १४तमः अप्रैलमासस्य, वर्षे २०२५ तमे

सर्वज्ञः, सर्वशास्त्रविदाम् अग्रेसरः, सनातनधर्मध्वजवाहकः, वेदान्तमार्गप्रकाशकः, आस्तिकसङ्घस्य प्रणेता, धर्मसंस्कृतिरक्षणदक्षः, परमाराध्यः परमधर्माधीशः श्रीज्योतिष्पीठाधीश्वरः, श्रीमज्जगद्गुरुशंकराचार्यः, स्वामीश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती १००८ ईश्वरमहाभागः, वाराणसीनगरे स्थिते केदारघाटस्य सन्निकटे श्रीविद्यामठे एकस्य विशेषप्रयोजनकस्यान्तर्गतं पत्रकारसम्मेलनस्य आयोजना करिष्यति।

एषः पत्रकारवार्तासत्रविन्यासः दिनाङ्के १५-०४-२०२५, मङ्गलवासरे, मध्याह्ने एकवादनात् आरभ्य सम्पन्नः भविष्यति। अस्मिन सत्रे परमाराध्यः श्रीशंकराचार्यमहाभागः राष्ट्रधर्मसम्बन्धी, धार्मिक-आध्यात्मिक-दार्शनिक-वर्तमानसामाजिकविषयकं च बहुपरिमाणं विचारविस्तारं करिष्यन्ति, यः राष्ट्रजीवनस्य चित्तमूलानि स्पृशति।

यः संवादः केवलं धर्मस्य वा आस्थाया विषये न स्यात्, अपि तु राष्ट्रहितस्य, समाजसुधारस्य, संस्कृति-परम्परासंरक्षणस्य च अवलम्बनीयं मार्गदर्शनं समुपस्थापयिष्यति।

अतः वयं अत्यन्तं सादरपूर्वकं समस्तान् प्रिन्टमाध्यमेन तथा दृश्यश्रव्यसञ्चारमाध्यमेन सम्बद्धान् पत्रकारबन्धून्, सम्पूर्णपत्रकारसमुदायस्य बन्धुजनान्, हार्द्रं निमन्त्रणं दत्तुम् इच्छामः यत् भवन्तः कृपया निर्दिष्टे दिने, निर्दिष्टे स्थले, निर्दिष्टे काले सम्यगुपस्थितिं कुर्वन्तु, तथा श्रीशंकराचार्यमहाभागस्य दिव्यवाणीं श्रुत्वा धर्ममार्गे प्रेरणां लभेरन्।

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पत्रकारवार्तायाः विवरणम्—

दिनाङ्कः – पञ्चदशः अप्रैलमासः, २०२५ तमे वर्षे

वासरः – मङ्गलवासरः (Tuesday)

कालः – मध्याह्नसमये प्रायः एकवादने (1:00 PM)

स्थलविशेषः – श्रीविद्यामठः, केदारघाटस्य समीपे, वाराणसीपुरी।

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प्रेषकः
श्रीमान् संजयः पाण्डेयः
(माध्यमसम्पर्कप्रभारी:)
परमाराध्यपरमधर्माधीशजगद्गुरोः श्रीशंकराचार्यस्वामिनः श्रीअविमुक्तेश्वरानन्दसरस्वत्याः १००८ ईश्वरमहाभागस्य पादारविन्दयोः सेवकः।
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अपनी छलांग लगाओ: जीवन की ऊँचाइयों को छूने का समय!(पी पी एच न्यूज़, 10 अप्रैल 2025)जीवन एक ऐसी यात्रा है, जहाँ हर कदम पर ...
11/04/2025

अपनी छलांग लगाओ: जीवन की ऊँचाइयों को छूने का समय!

(पी पी एच न्यूज़, 10 अप्रैल 2025)

जीवन एक ऐसी यात्रा है, जहाँ हर कदम पर हमें साहस और विश्वास के साथ आगे बढ़ना पड़ता है। हाल ही में हमारे सामने आई एक शानदार तस्वीर इस बात का जीवंत प्रमाण है। इसमें एक सिल्हूट एक गहरी खाई के ऊपर से छलांग लगाता हुआ दिखाई देता है, जबकि सूर्यास्त की सुनहरी किरणें पृष्ठभूमि में एक नई सुबह की उम्मीद जगाती हैं। यह तस्वीर केवल एक दृश्य नहीं, बल्कि आपके भीतर छिपे साहसी योद्धा को जगाने का आह्वान है! यह हमें याद दिलाती है कि सफलता और सपनों तक पहुँचने के लिए हमें अपने डर को पीछे छोड़कर एक बहादुरी भरी छलांग लगानी होगी। तो, तैयार हो जाइए—आज आपकी बारी है अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी छलांग लगाने की!

# # # # साहस की उड़ान
इस तस्वीर में व्यक्ति का खाई को पार करने का प्रयास एक प्रेरक संदेश देता है: जीवन की हर चुनौती, चाहे वह आर्थिक संकट हो, असफलता का डर हो, या समाज के बनाए नियमों की बेड़ियाँ हों, एक खाई की तरह हमारे सामने खड़ी होती है। लेकिन सूरज की चमकती किरणें हमें यह आश्वासन देती हैं कि अंधेरा हमेशा नहीं रहता—हर कदम के साथ उजाला नज़दीक आता है। यह आपकी कहानी का हिस्सा बन सकता है! बस एक बार हिम्मत जुटाएँ, और देखिए कि आपकी छलांग आपको नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी। डर को अपने रास्ते में न आने दें—आपके सपने आपका इंतज़ार कर रहे हैं!

# # # # प्रेरक कहानी: थॉमस एडिसन का अथक संघर्ष
इस छलांग से हमें थॉमस एडिसन की याद आती है, जिन्होंने बिजली के बल्ब को ईजाद करने के लिए 10,000 से भी ज्यादा असफल प्रयोग किए। हर असफलता के बाद लोग उन्हें हतोत्साहित करते थे, लेकिन एडिसन ने इसे एक खाई की तरह देखा—जिसे पार करना था। उन्होंने कहा, "मैंने असफलता नहीं पाई, मैंने बस 10,000 तरीके खोजे कि यह काम कैसे नहीं होता।" उनकी यह दृढ़ता और साहस ने उन्हें इतिहास में अमर कर दिया। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि हर असफलता एक सबक है, और हर छलांग हमें अपने लक्ष्य के करीब ले जाती है। आप भी अपनी जिंदगी में ऐसी छलांग लगाएँ—क्योंकि असफलता अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है!

# # # # अपनी खाई को पार करें
जीवन में हर किसी के सामने एक खाई आती है। एक छात्र के लिए यह कठिन परीक्षा हो सकती है, एक पेशेवर के लिए यह नई नौकरी का जोखिम, और एक सपने देखने वाले के लिए यह अपने जुनून को सच करने का साहस। लेकिन याद रखें, इस तस्वीर की तरह, आप भी उस खाई को पार कर सकते हैं! अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानें, अपने डर को चुनौती दें, और एक कदम आगे बढ़ाएँ। हर बड़ी सफलता की शुरुआत एक छोटी सी छलांग से होती है। तो, आज से ही अपने सपनों की ओर पहला कदम बढ़ाएँ—आपके पास खोने के लिए कुछ नहीं, और पाने के लिए सब कुछ है!

# # # # सूर्यास्त का संदेश: नई शुरुआत की ओर
सूर्यास्त इस तस्वीर का दिल है, जो हमें यह सिखाता है कि हर अंत में एक नई शुरुआत छिपी होती है। जैसे सूरज हर रात के बाद फिर से उगता है, वैसे ही आपकी हर असफलता के बाद एक नई सुबह का इंतज़ार है। यह समय है अपने डर को अलविदा कहने का और अपनी जिंदगी को एक नई दिशा देने का। सूरज की किरणें आपको बता रही हैं—आपके पास अपार संभावनाएँ हैं, बस अपनी छलांग लगाएँ!

# # # # आज अपनी छलांग लगाएँ!
यह तस्वीर एक प्रेरणा का स्रोत है, जो कहती है कि आप अपने भाग्य के निर्माता हैं। थॉमस एडिसन की तरह, अपनी असफलताओं को सीख बनाएँ, और रामायण के भगवान राम की तरह अपने लक्ष्य के लिए साहस के साथ आगे बढ़ें। भगवान राम ने सीता की रक्षा के लिए समुद्र की खाई को पार करने का साहस दिखाया और नल-नील के साथ सेतु बनवाया। उनकी यह दृढ़ता हमें प्रेरित करती है कि कोई भी बाधा तब तक हमारा रास्ता नहीं रोक सकती, जब तक हम हार नहीं मानते। जीवन एक साहसिक यात्रा है, और हर छलांग आपको और मजबूत बनाती है। तो, उठिए, अपने सपनों की ओर देखिए, और आज ही अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी छलांग लगाइए! याद रखें, सूरज हमेशा आपके लिए चमकेगा—बस आपको पहला कदम उठाना होगा।

आपके अंदर एक विजेता छिपा है—उसे आज आज़ाद करें!

(लेखक: पी पी एच न्यूज़ डेस्क)

शीर्षक: समय का चक्र और जीवन की विडंबनाएं – जब शिकारी ही शिकार बन जाए।पीपीएच न्यूज़ | गोटेगांव, 11 अप्रैल – एक अत्यंत विच...
11/04/2025

शीर्षक: समय का चक्र और जीवन की विडंबनाएं – जब शिकारी ही शिकार बन जाए।

पीपीएच न्यूज़ | गोटेगांव, 11 अप्रैल – एक अत्यंत विचारोत्तेजक छवि सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है, जिसमें जीवन के दो अलग-अलग पक्ष दर्शाए गए हैं। पहली तस्वीर में एक पक्षी जमीन पर चलती चींटियों को शिकार बना रहा है, जबकि दूसरी तस्वीर में वही पक्षी मृत पड़ा है और सैकड़ों चींटियाँ उसके शव को नोंच रही हैं। यह केवल एक दृश्य नहीं, बल्कि एक गहरी सीख है – समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता, और शक्ति का घमंड अंततः विनाश की ओर ले जाता है।

प्रकृति का अटल नियम: समय की चाल किसी के लिए नहीं रुकती

यह छवि इस बात का प्रतीक है कि आज जो प्रबल है, कल दुर्बल भी हो सकता है। यही प्रकृति का संतुलन है – हर शक्ति का अंत तय है। पक्षी जो वर्षों तक चींटियों का शिकार करता रहा, आज उन्हीं चींटियों का भोजन बन गया। यह एक चेतावनी भी है – घमंड और क्रूरता का अंत हमेशा विनाश में ही होता है।

कहानी से सीख: 'सेठ और भिखारी'

इस दृश्य को समझने के लिए एक प्रसिद्ध लोककथा उपयुक्त प्रतीत होती है। एक धनाढ्य सेठ रोज़ एक भिखारी को अपमानित करता, उसे दुत्कारता और कहता, “तू जीवनभर भिखारी ही रहेगा।” समय बदला, सेठ का व्यापार डूबा और वह स्वयं दर-दर भटकने लगा। एक दिन उसी भिखारी ने, जो अब सफल व्यापारी बन चुका था, उसे भोजन कराया। यह उदाहरण दर्शाता है कि जीवन में जो आज नीचे है, वह कल ऊपर भी हो सकता है।

समाज और शासन के लिए संदेश

पीपीएच न्यूज़ अपने पाठकों को यह याद दिलाना चाहता है कि यह छवि केवल पक्षी और चींटियों की नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में लागू होती है – राजनीति, व्यापार, प्रशासन, रिश्तों और समाज में। जो आज दूसरों को कमजोर समझता है, कल खुद उसी के सामने झुकने पर मजबूर हो सकता है।

राजनीति में जो नेता आज जनता को दरकिनार करते हैं, कल वही जनता उन्हें चुनाव में जवाब दे सकती है। कंपनियों में जो मालिक कर्मचारियों का शोषण करते हैं, वे कल उन्हीं के बिना असफल हो सकते हैं।

समापन: विनम्रता और सहानुभूति ही सच्चा बल

पीपीएच न्यूज़ अपने पाठकों को यही सन्देश देना चाहता है कि शक्ति और सफलता का उपयोग विनम्रता से करें। दूसरों का सम्मान करें, चाहे वे कितने ही छोटे या कमजोर क्यों न प्रतीत हों। समय सबका हिसाब करता है – धीरे, लेकिन सटीक।

याद रखें:
"आज जो शिकार कर रहा है, कल वही शिकार हो सकता है। जीवन का यही न्याय है।"

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लेख: पीपीएच न्यूज़ विशेष संपादकीय टीम द्वारा

विशेष लेख: "चुनौतियों से लड़ो, चूतियों से नहीं" – आज के परिप्रेक्ष्य में एक जीवन मंत्र।टैगलाइन:“समय और ऊर्जा अनमोल है, उ...
08/04/2025

विशेष लेख: "चुनौतियों से लड़ो, चूतियों से नहीं" – आज के परिप्रेक्ष्य में एक जीवन मंत्र।

टैगलाइन:
“समय और ऊर्जा अनमोल है, उसे विकास में लगाओ… बकवास में नहीं।”

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भूमिका:

आज की तेज़ रफ्तार और डिजिटली जुड़ी दुनिया में हर इंसान जीवन की किसी न किसी चुनौती से जूझ रहा है—कैरियर, संबंध, स्वास्थ्य, आत्म-संयम, या सामाजिक जिम्मेदारियाँ। परंतु इन सब के बीच, एक और "अदृश्य शत्रु" सामने आता है, जो न तो प्रत्यक्ष लाभ देता है और न ही कोई रचनात्मक संवाद—वो है "चूतियों" से उलझना।

यह लेख उसी गंभीर विषय पर है, जिसे अक्सर हम मजाक में टाल देते हैं लेकिन इसका असर हमारी मानसिक शांति, लक्ष्य और सफलता पर गहरा होता है।

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"चूतियों" का अर्थ क्या है?

यह शब्द सामाजिक शब्दकोश में उन लोगों के लिए प्रयोग होता है:

जो बिना तर्क के बहस करते हैं,

जिन्हें न खुद सीखना है, न दूसरों को सीखने देना है,

जो हर बात को नकारात्मक नजरिए से देखते हैं,

जिनकी बातों में न तर्क है, न उद्देश्य, सिर्फ अहंकार और दिखावा।

ऐसे लोग सिर्फ समय बर्बाद नहीं करते, आपकी ऊर्जा, मनोबल और दिशा भी भटका सकते हैं।

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चुनौतियों से लड़ना क्यों ज़रूरी है?

चुनौतियाँ आपको मजबूत बनाती हैं, आपकी सीमाओं को तोड़ती हैं, और आपको अगले स्तर तक पहुँचाती हैं। उदाहरण के लिए:

अगर आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो रोज़ की मेहनत, असफलता से उबरना, और निरंतर अभ्यास आपकी चुनौतियाँ हैं।

अगर आप किसान हैं, तो मौसम, बाजार और नीति संबंधी अवरोध आपकी असली लड़ाई है।

अगर आप एक कलाकार, उद्यमी, शिक्षक या कर्मचारी हैं, तो रचनात्मकता, मेहनत और संतुलन आपकी असली जंग है।

इन लड़ाइयों से जीतने पर आपको आत्म-संतोष, पहचान और विकास मिलता है।

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"चूतियों" से क्यों नहीं लड़ना चाहिए?

1. वे आपकी ऊर्जा चूसते हैं: उनकी बहसों का कोई अंत नहीं होता। वो सिर्फ आपको चिढ़ाना या नीचा दिखाना जानते हैं।

2. आपका समय नष्ट होता है: जिस समय में आप अपने लक्ष्य पर काम कर सकते हैं, वो उलझन में बर्बाद हो जाता है।

3. आपका फोकस भटकता है: आप असली मुद्दों से हटकर अनावश्यक चीज़ों में फँस जाते हैं।

4. वे कभी नहीं बदलते: आप कितना भी समझा लें, अगर कोई व्यक्ति सीखने को तैयार नहीं है, तो संवाद व्यर्थ है।

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आज के समय में यह विचार और ज़्यादा प्रासंगिक क्यों है?

सोशल मीडिया की दुनिया: आज हर कोई अपनी राय दे रहा है, बिना ज़िम्मेदारी या विवेक के। यहाँ तर्क से अधिक ट्रोलिंग है, संवाद से अधिक विवाद है।

राजनीतिक और सामाजिक ध्रुवीकरण: बहसें समाधान की ओर नहीं, बल्कि बंटवारे की ओर जा रही हैं।

युवाओं की दिशा: युवाओं को आज आवश्यकता है स्पष्ट सोच, प्रेरणा और निर्माण की। लेकिन बहुत से युवा आज "कमेन्ट वॉर" में समय गंवा रहे हैं।

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क्या करें?

1. फोकस रखें: अपना ध्यान अपने उद्देश्य पर केंद्रित रखें।

2. चुप रहना भी कला है: हर बात का जवाब देना जरूरी नहीं।

3. ब्लॉक-बटन का इस्तेमाल करें: मानसिक शांति ज़्यादा ज़रूरी है।

4. रचनात्मक संवाद अपनाएं: जहां संवाद हो, वहां सीखने की संभावना होती है।

5. सकारात्मक संगति चुनें: जैसे मनुष्य वैसा संग, वैसी दिशा और वैसी मंज़िल।

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निष्कर्ष:

"चुनौतियों से लड़ो, चूतियों से नहीं"—यह सिर्फ एक व्यंग्यात्मक पंक्ति नहीं, बल्कि आज के दौर का मंत्र है। जो व्यक्ति अपने जीवन की असली चुनौतियों को पहचानकर, उस पर काम करता है, वही सफलता और संतोष की ओर बढ़ता है।

दूसरी ओर, जो अपनी ऊर्जा उन लोगों पर खर्च करता है, जो न बदलते हैं, न सीखते हैं—वह खुद भी स्थिर रह जाता है।

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अगर आप अपने जीवन में वाकई कुछ बड़ा करना चाहते हैं—तो चुनौतियों को अपना युद्ध समझिए, और चूतियों को नजरअंदाज करने की कला सीखिए।

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 # # # झलकारी बाई जी के बलिदान दिवस पर विशेष: एक वीरांगना की अमर गाथा   # # # # पी पी एच न्यूज़, नरसिंहपुर | 03 अप्रैल 20...
04/04/2025

# # # झलकारी बाई जी के बलिदान दिवस पर विशेष: एक वीरांगना की अमर गाथा
# # # # पी पी एच न्यूज़, नरसिंहपुर | 03 अप्रैल 2025

आज, 03 अप्रैल 2025, हम उस महान वीरांगना झलकारी बाई के बलिदान दिवस को याद कर रहे हैं, जिन्होंने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857) में अपनी अदम्य वीरता और देशभक्ति का परिचय दिया। झलकारी बाई का नाम इतिहास के उन सुनहरे पन्नों में दर्ज है, जहां साहस, बलिदान और मातृभूमि के प्रति समर्पण की कहानियां जीवंत हैं। नरसिंहपुर के पी पी एच न्यूज़ की ओर से हम इस विशेष लेख के माध्यम से इस महान योद्धा के जीवन, उनके संघर्ष और उनके बलिदान की गाथा को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी इस प्रेरणादायी व्यक्तित्व से प्रेरणा ले सके।

# # # # एक साधारण शुरुआत से असाधारण यात्रा
झलकारी बाई का जन्म 22 नवंबर 1830 को झांसी के निकट भोजला गांव में एक साधारण कोली परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम सदोवर सिंह और माता का नाम जमुना देवी था। बचपन में ही मां के निधन के बाद उनके पिता ने उन्हें लड़कों की तरह पाला-पोसा। उस दौर में जब महिलाओं को घर की चारदीवारी तक सीमित रखा जाता था, झलकारी ने घुड़सवारी, तलवारबाजी और हथियार चलाने की कला में महारत हासिल की। औपचारिक शिक्षा से वंचित होने के बावजूद, उन्होंने अपने साहस और दृढ़ संकल्प से एक योद्धा के रूप में अपनी पहचान बनाई।

बचपन से ही झलकारी की वीरता के किस्से प्रसिद्ध थे। एक बार जंगल में लकड़ियां बीनते समय उनकी मुठभेड़ एक तेंदुए से हुई। नन्ही झलकारी ने अपनी कुल्हाड़ी से उस तेंदुए को मार गिराया। एक अन्य घटना में, जब डकैतों ने गांव के एक व्यापारी पर हमला किया, तो झलकारी ने अकेले ही उनकी बहादुरी से डकैतों को खदेड़ दिया। इन घटनाओं ने उनके साहस और नन्ही उम्र में ही उनके अद्भुत पराक्रम को उजागर किया।

# # # # रानी लक्ष्मीबाई से मुलाकात और सेना में प्रवेश
झलकारी का विवाह झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की सेना के एक साहसी सैनिक पूरन कोरी से हुआ। पूरन की वीरता भी सेना में विख्यात थी। एक बार गौरी पूजा के अवसर पर झलकारी अन्य ग्रामीण महिलाओं के साथ झांसी के किले में रानी लक्ष्मीबाई को सम्मान देने गईं। वहां उनकी शक्ल रानी से इतनी मिलती-जुलती थी कि रानी स्वयं आश्चर्यचकित रह गईं। झलकारी की बहादुरी के किस्से सुनकर रानी ने उन्हें अपनी सेना के महिला दस्ते "दुर्गा दल" में शामिल करने का आदेश दिया।

दुर्गा दल में शामिल होने के बाद झलकारी ने कठिन प्रशिक्षण लिया। उन्होंने बंदूक चलाना, तोप संचालन और तलवारबाजी में निपुणता हासिल की। उनकी शारीरिक समानता और युद्ध कौशल ने उन्हें रानी की विश्वसनीय सहयोगी बना दिया। धीरे-धीरे वे दुर्गा दल की सेनापति बन गईं और रानी के महत्वपूर्ण निर्णयों में उनकी सलाह ली जाने लगी।

# # # # 1857 का स्वतंत्रता संग्राम और झलकारी की वीरता
1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भारत के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ था। जब अंग्रेजों ने लॉर्ड डलहौजी की "हड़प नीति" के तहत झांसी को अपने अधीन करने की कोशिश की, तो रानी लक्ष्मीबाई ने इसका कड़ा विरोध किया। अप्रैल 1858 में जनरल ह्यूग रोज के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने झांसी के किले को घेर लिया। इस संकट के समय झलकारी बाई ने अपनी वीरता और चतुराई का परिचय दिया।

जब किले का पतन निश्चित हो गया और रानी को सुरक्षित निकालने की आवश्यकता पड़ी, तो झलकारी ने रानी लक्ष्मीबाई का वेश धारण किया। उनकी शक्ल की समानता ने अंग्रेजों को भ्रमित कर दिया। झलकारी ने दुर्गा दल और झांसी की सेना का नेतृत्व करते हुए अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया। इस बीच, रानी लक्ष्मीबाई अपने विश्वस्त सैनिकों के साथ किले से सुरक्षित निकल गईं। झलकारी ने अकेले ही युद्ध का मोर्चा संभाला और अंग्रेजों को यह विश्वास दिला दिया कि वे रानी से ही लड़ रहे हैं।

# # # # बलिदान और अमरता
4 अप्रैल 1858 को झलकारी बाई अंग्रेजों के हाथों पकड़ी गईं। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि अंग्रेजों ने उनकी वीरता से प्रभावित होकर उन्हें छोड़ दिया था, लेकिन अधिकांश स्रोतों के अनुसार, उन्होंने युद्ध में वीरगति प्राप्त की। उनका बलिदान रानी लक्ष्मीबाई को बचाने और स्वतंत्रता संग्राम को जीवित रखने के लिए था। झलकारी की शहादत ने यह साबित कर दिया कि देशभक्ति और साहस किसी जाति, वर्ग या लिंग से परे होते हैं।

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने उनकी वीरता को इन शब्दों में याद किया:
*"जा कर रण में ललकारी थी, वह तो झांसी की झलकारी थी।*
*गोरों से लड़ना सिखा गई, है इतिहास में झलक रही,*
*वह भारत की ही नारी थी।"*

# # # # झलकारी बाई का योगदान और उपेक्षा
झलकारी बाई का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अतुलनीय है, फिर भी इतिहास के पन्नों में उन्हें वह स्थान नहीं मिला, जिसकी वे हकदार थीं। कुछ लोग इसे उनकी निम्न जाति (कोली) से जोड़कर देखते हैं, तो कुछ इसे उस समय के सामाजिक ढांचे का परिणाम मानते हैं। लेकिन सच यह है कि झलकारी ने अपने प्राणों की आहुति देकर यह सिद्ध किया कि वीरता और देशभक्ति किसी सामाजिक बंधन से ऊपर होती है।

भारत सरकार ने उनकी स्मृति में डाक टिकट जारी किया और कई स्थानों पर उनकी प्रतिमाएं स्थापित की गईं। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में उनकी समाधि आज भी उनके बलिदान की गवाही देती है।

# # # # नरसिंहपुर से संदेश
नरसिंहपुर के नागरिकों के लिए झलकारी बाई की कहानी एक प्रेरणा है। आज के युवाओं को उनके जीवन से यह सीख लेनी चाहिए कि साहस और समर्पण से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। पी पी एच न्यूज़ की ओर से हम इस बलिदान दिवस पर झलकारी बाई को नमन करते हैं और उनके जीवन को याद करने का संकल्प लेते हैं।

# # # # निष्कर्ष
झलकारी बाई केवल एक योद्धा नहीं थीं, बल्कि एक प्रतीक थीं—महिला सशक्तिकरण, देशभक्ति और आत्म बलिदान का। उनका जीवन हमें सिखाता है कि विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत और सूझबूझ से बड़े से बड़ा संकट टाला जा सकता है। आज, 03 अप्रैल 2025 को, हम इस वीरांगना को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके बलिदान को सलाम करते हैं।

*लेखक: पी पी एच न्यूज़ टीम, नरसिंहपुर*
*दिनांक: 03 अप्रैल 2025*

**शिक्षा के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान दें: मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने विद्यार्थियों को दिए टिप्स**  **पीपीएच ...
03/04/2025

**शिक्षा के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान दें: मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने विद्यार्थियों को दिए टिप्स**

**पीपीएच न्यूज़, नरसिंहपुर (03 अप्रैल 2025):** "स्कूल चले हम" अभियान के तहत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, केरपानी में आयोजित शाला उत्सव कार्यक्रम में प्रदेश के मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने न केवल शिक्षा के महत्व पर बल दिया, बल्कि विद्यार्थियों को स्किल डेवलपमेंट (कौशल विकास) के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी युग में केवल किताबी ज्ञान ही काफी नहीं है, बल्कि प्रैक्टिकल स्किल्स (व्यावहारिक कौशल) भी जरूरी हैं।

# # # **बच्चे स्किल्स कैसे सीखें?**
मंत्री पटेल ने विद्यार्थियों को कौशल विकास के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स दिए:

1. **रोजमर्रा की गतिविधियों से सीखें:**
- घर के छोटे-छोटे काम जैसे बागवानी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मरम्मत, या कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान भी एक स्किल है।
- अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को ऐसे कामों में हिस्सा लेने दें।

2. **स्कूल के एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में भाग लें:**
- ड्राइंग, पेंटिंग, डिबेट, स्पोर्ट्स, या साइंस प्रोजेक्ट्स जैसी गतिविधियों से बच्चों की क्रिएटिविटी और लीडरशिप स्किल्स बढ़ती हैं।
- मंत्री पटेल ने अपने बचपन का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पिता ने उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी भाग लेने के लिए प्रेरित किया था।

3. **डिजिटल लर्निंग और टेक्नोलॉजी का उपयोग करें:**
- इंटरनेट पर मुफ्त में उपलब्ध ऑनलाइन कोर्सेज (जैसे कोडिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग, या इंग्लिश स्पीकिंग) से नए स्किल्स सीखें।
- सरकार द्वारा संचालित पोर्टल्स जैसे **डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, या स्वयं पोर्टल** का लाभ उठाएं।

4. **लोकल आर्ट एंड क्राफ्ट को सीखें:**
- नरसिंहपुर जिले की स्थानीय कलाएं जैसे बांस शिल्प, मिट्टी के बर्तन बनाना, या हथकरघा बुनाई भी एक बेहतरीन स्किल है।
- इन कलाओं को सीखकर बच्चे भविष्य में स्वरोजगार भी शुरू कर सकते हैं।

5. **कम्युनिकेशन और सॉफ्ट स्किल्स पर काम करें:**
- अच्छी बॉडी लैंग्वेज, पब्लिक स्पीकिंग और टीमवर्क जैसे सॉफ्ट स्किल्स आज हर फील्ड में जरूरी हैं।
- विद्यार्थी स्कूल में होने वाले डिबेट्स, नाटकों या ग्रुप डिस्कशन में भाग लेकर इन्हें सुधार सकते हैं।

# # # **सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं**
मंत्री पटेल ने बताया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) और मध्य प्रदेश सरकार की **"हुनर से हुनर तक"** जैसी योजनाओं के तहत युवाओं को फ्री स्किल ट्रेनिंग दी जाती है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे ऐसी योजनाओं की जानकारी लें और अपनी रुचि के अनुसार कोर्सेज ज्वाइन करें।

# # # **कलेक्टर ने भी दिया स्किल डेवलपमेंट का मंत्र**
कलेक्टर शीतला पटले ने कहा, *"मैंने भी यूपीएससी की तैयारी के दौरान टाइम मैनेजमेंट और एनालिटिकल स्किल्स पर काम किया था। आज के दौर में हर बच्चे को मल्टीटास्किंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स सीखनी चाहिए।"*

# # # **उपस्थित गणमान्य व्यक्ति**
इस अवसर पर पूर्व राज्यमंत्री जालम सिंह पटेल, जिला अध्यक्ष राम सनेही पाठक, जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति नीलेश काकोड़िया, उपाध्यक्ष अनीता ठाकुर,पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष महंत पीतम पुरी , पुलिस अधीक्षक मृगाखी डेका, सीईओ दलीप कुमार सहित अन्य अधिकारी, शिक्षक और अभिभावक उपस्थित रहे।

# # # **निष्कर्ष**
मंत्री पटेल ने कहा कि शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट दोनों ही बच्चों के भविष्य के लिए जरूरी हैं।

**रिपोर्ट:** पीपीएच न्यूज़ नेटवर्क

**बॉलीवुड मनोरंजन समाचार - 2 अप्रैल 2025**  *पी पी एच न्यूज़, नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश*  *दिनांक: बुधवार, 2 अप्रैल 2025*  नम...
02/04/2025

**बॉलीवुड मनोरंजन समाचार - 2 अप्रैल 2025**
*पी पी एच न्यूज़, नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश*
*दिनांक: बुधवार, 2 अप्रैल 2025*

नमस्ते बॉलीवुड प्रेमियों! आज हम आपके लिए लेकर आए हैं बॉलीवुड की ताज़ा और रोमांचक खबरें। फिल्मों, सितारों और मनोरंजन की दुनिया से जुड़ी हर बड़ी अपडेट यहाँ मौजूद है। तो चलिए शुरू करते हैं!

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# # # **सलमान खान की 'सिकंदर' ने बॉक्स ऑफिस पर मचाया धमाल**
ईद के मौके पर रिलीज़ हुई सलमान खान और रश्मिका मंदाना की फिल्म *सिकंदर* ने पहले दिन ही धूम मचा दी। फिल्म ने पहले दिन 26 करोड़ रुपये की कमाई की, हालांकि यह सलमान की सबसे कम ओपनिंग फिल्मों में से एक रही। एक्शन और ड्रामा से भरपूर इस फिल्म को दर्शकों ने "फुल-ऑन एंटरटेनर" करार दिया। नरसिंहपुर के सिनेमाघरों में भी फैंस की भारी भीड़ देखी गई।

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# # # **ऐश्वर्या-अभिषेक की शादी की खबरें फिर सुर्खियों में**
ऐश्वर्या राय बच्चन और अभिषेक बच्चन हाल ही एक फैमिली वेडिंग में साथ नज़र आए, जिसके बाद उनके रिश्ते को लेकर चल रही अफवाहों पर ब्रेक लग गया। दोनों की केमिस्ट्री ने फैंस का दिल जीत लिया। नरसिंहपुर के बॉलीवुड फैंस भी इस जोड़ी की तारीफ करते नहीं थक रहे।

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# # # **आर्यन खान की 'बास्टर्ड्स ऑफ बॉलीवुड' की धमाकेदार शुरुआत**
शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की पहली वेब सीरीज़ *बास्टर्ड्स ऑफ बॉलीवुड* का ग्रैंड लॉन्च मुंबई में हुआ। इस इवेंट में शाहरुख, गौरी और सुहाना खान भी शामिल हुए। यह सीरीज़ बॉलीवुड की अनकही कहानियों को पर्दे पर लाने का वादा करती है। नरसिंहपुर के युवाओं में इसे लेकर खासा उत्साह है।

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# # # **रणदीप हुडा ने बॉलीवुड पर साधा निशाना**
अभिनेता रणदीप हुडा ने हाल ही कहा कि बॉलीवुड में "भीड़ चाल" चलती है। उन्होंने साउथ सिनेमा की तारीफ करते हुए कहा कि वहाँ की फिल्में मानवीय भावनाओं पर केंद्रित होती हैं, जो दर्शकों को ज्यादा आकर्षित करती हैं। नरसिंहपुर में उनके फैंस उनकी बेबाकी की सराहना कर रहे हैं।

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# # # **साइना नेहवाल की बायोपिक की घोषणा**
बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल की जिंदगी पर बन रही फिल्म की घोषणा हो गई है। इस फिल्म में मुख्य भूमिका के लिए श्रद्धा कपूर का नाम चर्चा में है। नरसिंहपुर के खेल और फिल्म प्रेमियों के बीच यह खबर खूब वायरल हो रही है।

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# # # **आमिर खान की नई गर्लफ्रेंड के साथ पहली झलक**
आमिर खान अपनी नई गर्लफ्रेंड गौरी स्प्रैट के साथ पहली बार सार्वजनिक रूप से नज़र आए। दोनों को मुंबई में एक इवेंट में देखा गया। नरसिंहपुर के फैंस इस नई जोड़ी को लेकर उत्साहित हैं और सोशल मीडिया पर चर्चा जोरों पर है।

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**विशेष खबर:** बॉलीवुड और क्षेत्रीय सिनेमा के बीच सहयोग बढ़ रहा है। कई बड़े निर्माता अब मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में फिल्मांकन की योजना बना रहे हैं, जिससे नरसिंहपुर जैसे शहरों में भी फिल्मी माहौल बनने की उम्मीद है।

*पी पी एच न्यूज़ की ओर से बॉलीवुड के सभी फैंस को शुभकामनाएँ!*
अगली अपडेट के लिए बने रहें!

**राशिचक्र समाचार - 2 अप्रैल 2025**  *पी पी एच न्यूज़, नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश*  *दिनांक: बुधवार, 2 अप्रैल 2025*  नमस्ते नर...
02/04/2025

**राशिचक्र समाचार - 2 अप्रैल 2025**
*पी पी एच न्यूज़, नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश*
*दिनांक: बुधवार, 2 अप्रैल 2025*

नमस्ते नरसिंहपुर वासियों! आज 2 अप्रैल 2025, चैत्र मास, शुक्ल पक्ष, पंचमी तिथि के साथ भरणी नक्षत्र और चंद्रमा वृष राशि में प्रवेश कर चुका है। आइए जानते हैं कि आज का दिन आपके लिए क्या लेकर आया है। यहाँ आपके राशिचक्र के आधार पर दैनिक भविष्यफल प्रस्तुत है, जो वैदिक ज्योतिष पर आधारित है।

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# # # **मेष (Aries)**
आज का दिन आपके लिए ऊर्जा से भरा रहेगा। कार्यक्षेत्र में नई जिम्मेदारियाँ मिल सकती हैं, जिन्हें संभालने के लिए धैर्य की जरूरत होगी। नरसिंहपुर के व्यापारियों के लिए आज लाभ के योग बन रहे हैं। स्वास्थ्य का ध्यान रखें, खासकर पेट से संबंधित परेशानी से बचें।
*शुभ रंग:* लाल
*शुभ अंक:* 9

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# # # **वृषभ (Ta**us)**
चंद्रमा आपकी राशि में है, जिससे मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा। नरसिंहपुर के छात्रों के लिए पढ़ाई में सफलता के संकेत हैं। खर्चों पर नियंत्रण रखें।
*शुभ रंग:* सफेद
*शुभ अंक:* 6

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# # # **मिथुन (Gemini)**
आज आपको अपने विचारों को स्पष्ट रखने की जरूरत है। कार्यस्थल पर सहकर्मियों से सहयोग मिलेगा। नरसिंहपुर में नौकरीपेशा लोगों के लिए तरक्की की संभावना है। यात्रा के योग बन रहे हैं, सावधानी बरतें।
*शुभ रंग:* हरा
*शुभ अंक:* 5

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# # # **कर्क (Cancer)**
आज भावनाओं पर काबू रखें। आर्थिक स्थिति में सुधार के संकेत हैं। नरसिंहपुर के व्यापारियों के लिए नया निवेश सोच-समझकर करें। परिवार में किसी शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है।
*शुभ रंग:* नीला
*शुभ अंक:* 2

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# # # **सिंह (Leo)**
आज आपका नेतृत्व कौशल चमकेगा। कार्यक्षेत्र में आपकी मेहनत रंग लाएगी। नरसिंहपुर में सामाजिक कार्यों में भागीदारी बढ़ेगी। स्वास्थ्य के लिए योग और ध्यान लाभकारी रहेगा।
*शुभ रंग:* नारंगी
*शुभ अंक:* 1

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# # # **कन्या (Virgo)**
आज सावधानी से निर्णय लें। नरसिंहपुर के नौकरीपेशा लोगों को अपने काम पर फोकस रखना होगा। धन लाभ के लिए किए गए प्रयास सफल होंगे। सेहत में सुधार के लिए खानपान पर ध्यान दें।
*शुभ रंग:* भूरा
*शुभ अंक:* 3

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# # # **तुला (Libra)**
आज का दिन संतुलन बनाए रखने का है। नरसिंहपुर में शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों को अच्छे परिणाम मिलेंगे। प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी। आर्थिक स्थिति स्थिर रहेगी।
*शुभ रंग:* गुलाबी
*शुभ अंक:* 7

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# # # **वृश्चिक (Scorpio)**
आज आपकी मेहनत का फल मिलेगा। नरसिंहपुर के व्यापारियों के लिए नई योजनाएँ लाभकारी सिद्ध होंगी। स्वास्थ्य में छोटी-मोटी परेशानी हो सकती है, सतर्क रहें।
*शुभ रंग:* काला
*शुभ अंक:* 8

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# # # **धनु (Sagittarius)**
आज का दिन उत्साह से भरा रहेगा। नरसिंहपुर में नौकरीपेशा लोगों के लिए नई जिम्मेदारियाँ मिल सकती हैं। यात्रा के योग हैं, जो लाभकारी रहेंगे। परिवार का सहयोग मिलेगा।
*शुभ रंग:* पीला
*शुभ अंक:* 9

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# # # **मकर (Capricorn)**
आज धैर्य और मेहनत से काम लें। नरसिंहपुर के छात्रों के लिए पढ़ाई में एकाग्रता जरूरी है। आर्थिक मामलों में सावधानी बरतें। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।
*शुभ रंग:* ग्रे
*शुभ अंक:* 4

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# # # **कुंभ (Aquarius)**
आज का दिन रचनात्मकता के लिए शुभ है। नरसिंहपुर में सामाजिक कार्यों में आपकी प्रशंसा होगी। धन लाभ के नए रास्ते खुलेंगे। सेहत का ध्यान रखें।
*शुभ रंग:* बैंगनी
*शुभ अंक:* 11

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# # # **मीन (Pisces)**
आज संवेदनशीलता के साथ निर्णय लें। नरसिंहपुर के व्यापारियों के लिए दिन सामान्य रहेगा। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। स्वास्थ्य के लिए पानी अधिक पिएँ।
*शुभ रंग:* समुद्री नीला
*शुभ अंक:* 3

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**विशेष टिप:** आज राहुकाल दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक रहेगा। इस दौरान महत्वपूर्ण कार्यों से बचें। नरसिंहपुर के निवासियों के लिए यह दिन सामान्य रूप से शुभ रहेगा, बस अपने कार्यों में संतुलन बनाए रखें।

*पी पी एच न्यूज़ की ओर से आपको दिन की शुभकामनाएँ!*

सूने घर में हुई चोरी का 24 घंटे में पर्दाफाश, चांदी के जेवर शत-प्रतिशत बरामदनरसिंहपुर। थाना स्टेशनगंज पुलिस ने त्वरित का...
01/04/2025

सूने घर में हुई चोरी का 24 घंटे में पर्दाफाश, चांदी के जेवर शत-प्रतिशत बरामद

नरसिंहपुर। थाना स्टेशनगंज पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सूने घर में चोरी की वारदात को महज 24 घंटे के भीतर सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से चोरी गए चांदी के बहुमूल्य जेवरात की शत-प्रतिशत बरामदगी की है। पुलिस की इस तेज कार्रवाई से क्षेत्रवासियों में सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है। चोरी गए आभूषणों की कुल अनुमानित कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये आंकी गई है।

घटना का पूरा विवरण

ग्राम रोंसरा निवासी पीड़ित व्यक्ति ने थाना स्टेशनगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 29 मार्च 2025 को दोपहर करीब 2 बजे वह इतवारा बाजार में गेहूं लेने गया था। अपने काम से लौटने के बाद उसने भोजन किया और आराम करने चला गया। शाम को जब उसकी पत्नी ट्रेन से वापस घर लौटी और अलमारी खोलने के लिए दराज की चाबी मांगी, तो उसे अलमारी का दराज टूटा हुआ मिला। जब उसने भीतर देखा, तो पाया कि उसमें रखा कीमती चांदी का आभूषण गायब था।

चोरी हुए जेवरों में शामिल थे - प्रार्थी की मां का एक चांदी का कड्डोरा जिसका वजन लगभग 1 किलो था, उसकी पत्नी का चांदी का कड्डोरा जिसका वजन लगभग 500 ग्राम था, और इसके अलावा एक जोड़ी चांदी की पायल, जिसका वजन करीब 250 ग्राम था। इस अप्रत्याशित घटना से परिवार स्तब्ध रह गया और तत्काल थाना स्टेशनगंज में इसकी सूचना दी गई।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सफलता

थाना प्रभारी निरीक्षक रत्नाकर हिंगवे के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए चोरी की जांच शुरू की। पुलिस टीम ने स्थानीय लोगों से पूछताछ की और आसपास के क्षेत्र में आने-जाने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया। गहन पड़ताल और साइबर सेल की मदद से पुलिस को एक मुख्य संदिग्ध दीपक ठाकुर (25) के बारे में जानकारी मिली, जो करेली का निवासी है लेकिन वर्तमान में ग्राम रोंसरा में रह रहा था।

संदेह के आधार पर हिरासत में लेकर जब दीपक ठाकुर से गहराई से पूछताछ की गई, तो उसने चोरी की वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार कर ली। पूछताछ में उसने अपने एक अन्य साथी मनीष लोधी (38), निवासी ग्राम रहली, थाना सुआतला का नाम उजागर किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मनीष लोधी को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया। दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ करने के बाद पुलिस ने चोरी गए जेवरात को बरामद कर लिया।

बरामद किए गए आभूषणों में 1 किलो और 500 ग्राम वजन के दो कड्डोरे तथा 250 ग्राम की एक जोड़ी पायल शामिल हैं, जिनकी कुल अनुमानित बाजार कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये आंकी गई है। इस त्वरित सफलता से पुलिस ने साबित किया कि अपराधियों के लिए नरसिंहपुर में कोई जगह नहीं है।

पुलिस टीम की विशेष भूमिका

इस संपूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी निरीक्षक रत्नाकर हिंगवे के नेतृत्व में सहायक उपनिरीक्षक सतीश राजपूत, प्रधान आरक्षक आशीष, वरिष्ठ आरक्षक संजय, आरक्षक हिमांशु, लक्ष्मी, नंदकिशोर, योगेन्द्र, अंकित तथा साइबर सेल की महिला आरक्षक कुमुद पाठक और वरिष्ठ आरक्षक पूरन मेहरा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम ने कड़ी मेहनत और पेशेवर दक्षता के साथ पूरे मामले को सुलझाया और चोरी गए आभूषणों की पूरी बरामदगी सुनिश्चित की।

इस तेजी से हुई कार्रवाई के बाद स्थानीय नागरिकों ने पुलिस की सराहना की और विश्वास जताया कि पुलिस प्रशासन अपराधियों पर लगातार सख्ती बनाए रखेगा।

पी पी एच न्यूज, नरसिंहपुर
(1 अप्रैल 2025, मंगलवार)

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