Azmate Madare Aazam

Azmate Madare Aazam __ دم مدار بیڑا پار __🙌
Kun Karam Bar Hale ma_❤️
Ya Sayyadi Qutbul Madar_✍️
User_ Madarul Haleem Shah

21/08/2025

15वाँ उर्से पाक मुबारक मदार चिल्ला शरीफ इन्द्राना जबलपुर (म.प्र.)

27/11/2024

Manqabate Madarul Aalameen r.a. Urse Miskeen shah Malang rh. alaih
at Miskiniya Masjid Kotwali jabalpur mp

27/11/2024

URS MUBARAK HAZRAT MISKEEN ALI SHAH MALANG R.H.
KOTWALI MISKINIYA MASJID TAKIYA JABALPUR MP

06/11/2024

परचम कुशाई, मदार चिल्ला शरीफ, हावेरी कर्नाटक का हसीन मंज़र।

25/10/2024

*मस्जिदो के इमाम से गुज़ारिश*...✍️

*अस्सलामो अलेकुम हज़रात हम जुमा के दिन जब भी* *मस्जिद जाते हैं तो जिन वलियों का उर्स आने वाला होता है बरोज़े जुमा में उनके लिए खास तकरीर का* *एहतमाम इमाम साहब करते हैं चाहे वह ताजुद्दीन औलिया हों या निजामुद्दीन औलिया हों या ख्वाजा गरीब नवाज़ हों या मखदूम अशरफ जहांगीर* *सिमनानी हों या गौस पाक हों*
*सबका ज़िक्र किया जाता है लेकिन वही जब मदारे पाक या वारिसे पाक का उर्स आता है तो ज़्यादातर मस्जिद के इमाम* *उनके नाम से दरकिनारी अख्तियार करते हुए* *नज़र आते हैं अगर आप तमाम औलिया इकराम का* *ज़िक्र कर रहे हैं तो महज़ इन वली का ज़िक्र करने में आपको कोई तकलीफ नहीं* *होनी चाहिए क्या इनका सुमार इमाम हसन और इमाम हुसैन की औलाद में नहीं होता क्या बाकी वलियों* *की तरह इनकी इज़्ज़त और एहतराम व ताज़ीम हम पर फर्ज नहीं* *तकरीर में सबका नाम लेना और इन काबिले एहतराम वलियों का नाम ना लेना यही दिखाता है कि आपके दिल में खोट है अभी मदारे पाक का उर्स भी आने वाला है कुछ दिनों बाद मदारे पाक का चांद नज़र आ जाएगा लेकिन* *मस्जिदों में ज़िक्र नहीं, अरे आप उस वली का ज़िक्र नहीं कर रहे जिसकी खिदमत मखदूम अशरफ जहांगीर* *सिमनानी ने की, गौस पाक को जिसने गोद में खिलाया, गौस पाक के जलाल को जिसने खत्म किया, गौस पाक जिसको दादा कहा करते थे, ख्वाजा गरीब नवाज जिस* *वली से मुलाकात के लिए अकेले 3000 फीट ऊंची पहाड़ी पर चढ़ गए, उनका जिक्र करने में आपको क्यों ऐतराज़ होता है जब बड़े-बड़े वली उनका* *एहतराम करते थे तो आप क्यों नहीं करते आप क्यों नहीं उनकी जिंदगी से लोगों को नसीहत करते अगर जिक्र कर रहे हैं तो सबका करें किसी को ना छोड़े नहीं तो फिर किसी का ना करें, ताकि बाकियों के दिल* *में रंजीदगी ना हो बाकी सिलसिले वाले तकलीफ महसूस न करें अगर आप हमारी बात से सहमत हो तो हम आपके शुक्र गुज़ार हैं जिनको बुरा लगा हो उनके लिए माज़रत अल्लाह हाफिज़*🙌❤️

*हज़रत टीपू सुल्तान से पहले आज़ादी की लड़ाई किसने शुरू की?*🇮🇳हमने इतिहास से संबंधित जिनका *First Freedom fighter* (प्रथम...
14/08/2024

*हज़रत टीपू सुल्तान से पहले आज़ादी की लड़ाई किसने शुरू की?*🇮🇳

हमने इतिहास से संबंधित जिनका *First Freedom fighter* (प्रथम स्वतंत्रता सेनानी) के रूप में जिक्र किया उसमें हज़रत टीपू सुल्तान रह.अलैह का ज़िक्र ज्यादा मिला लेकिन क्या आप लोग जानते हैं कि यह पूर्णतः सत्य नहीं है बल्कि आप तो *Second Freedom fighter of india* हुए हज़रत टीपू सुल्तान से भी पहले जिसने आजादी की लड़ाई शुरू की और आजादी के लिए अपनी आवाज बुलंद की और लोगों को जागरूक किया वह मदारिया सिलसिले के एक अज़ीम बुज़ुर्ग हज़रत मजनू शाह मलंग रह.अलैह है जो सन 1763 ई. में प्रथम स्वतंत्रता सेनानी के रूप में निखरे कई जगहों पर आपका तज़किरा दिखाया या किया गया है जिसमें मशहूर है,
•हिस्ट्री ऑफ़ फ्रीडम मूवमेंट ऑफ़ इंडिया वैल्यूम टू टारचर्ड 1967,
• एडिशन घोष जे.एम. सन्यासी और फकीरेन बंगाल कलकत्ता 1930 सफा 10,
•उत्तर प्रदेश नेशनल टीवी चैनल "जाग उठा किसान और मजनू शाह" सीरियल,
• 'नई दुनिया' हफ्तारोज़ दिल्ली 16 से 22 अगस्त 1994 इत्यादि,
हिंदुस्तान के बड़े-बड़े राज्य बंगाल उड़ीसा और बिहार के मुसलमान के आप रूहानी पेशवा थे जिसे हिंदू भी बेपनाह अकीदत रखते थे आगे चलकर इस बगावत में बाबा भवानी पाठक ने आपका भरपूर साथ दिया यह साईबा पंत के सन्यासियों के रहनुमा थे।
हज़रत मजनू शाह मलंग का बढ़ चढ़कर साथ देने वाले आपके नामवर खुलफा जो इस तरह हैं मूसा शाह, चिराग अली शाह, नूरुल हम्द, रमज़ानी शाह, ज़हूरी शाह, सुब्हान अली, उमूमी शाह, नेकू शाह बुद्धू शाह, इमाम शाह, फरगल शाह, मतीउल्लाह और इसके अलावा आपका साथ जिन्होंने दिया उसमें हेमन सिंह, भवानी पाठक, देवी चौधरानी, कर्पानाथ पीतांबर वगैरा ने 45 45 बरस तक इस तहरीके आज़ादी को चलाया मजनू शाह एक ज़बरदस्त तंज़ीमी सलाहियत के मालिक थे वह मुश्किल हालात में तो बेमिसाल सुजाअत का मुज़ाहिरा करते थे उन्होंने मेकेंज़ी की ज़ेरे कमान फौज को एक के बाद एक कई हज़ीमतों से दोचार किया और 1766 में फैसलाकुन शिकस्त दी 1769 में कमांडर कीथ की फौज को ज़िल्लत आमेज़ शिकस्त देकर उसका सर कलम कर दिया।
1771 में मजनू शाह अपने मस्तानगढ़ के किले में मोर्चाबंदी करके लेफ्टिनेंट टेलर की फौज के छक्के छुड़ा दिए और बिहार निकल गए जहां किसानों और दस्तकारों का एक बड़ा लश्कर आपके साथ हो गया 14 नवंबर 1776 को फिरंगियों को एक और शिकस्त दी जिसमें लेफ्टिनेंट रॉबर्टसन शदीद तौर पर ज़ख्मी हुआ 29 दिसंबर 1786 जिला बागोरा के गांव मोंगरा में आप अचानक नुमूदार हुए और लेफ्टिनेंट ब्रेनान की फौज पर इतना ज़बरदस्त हमला किया कि अंग्रेज फौज के पांव उखड़ गए और इसी जंग में हज़रत मजनू शाह बहुत ज़ख्मी हुए और ज़ख्मो से चूर मकनपुर शरीफ पहुंचे और अपनी गढ़ी में कयाम किया मगर ऐसी हालत में भी मजनू शाह को मकनपुर शरीफ में आबाद अंग्रेजों का वजूद ठंडी आंखों नहीं भाया और उन्होंने मैक्सोल ब्रादर्स के एक भाई पीटर मैक्सोल को दुनिया से रुखसत कर दिया। 1787 में हज़रत मजनू शाह मलंग रह.अलैह शहादत के मर्तबे पर फाइज़ होगए। आपसे जुड़ी और भी खास बातें हैं मगर तहरीर की ज़्यादती को देखते हुए कुछ बहुत खास बातों को ही बयान किया गया है।

...अज़ क़लम...
*मदारुल हलीम शाह*
इब्न
*गद्दीनशीन मो.कलीम शाह तकियादार जबलपुर म.प्र.*

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Madar Tekri Road
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