
15/08/2025
*स्वार्थ से परे सेवा: संत रामपाल जी महाराज की शिष्याओं को स्वतंत्रता दिवस पर किया गया सम्मानित*
*जबलपुर, 15 अगस्त 2025|* संत रामपाल जी महाराज की शिष्याओं कल्लू दासी और शांति दासी ने जीवन के अंतिम क्षणों में समाजहित का ऐसा उदाहरण पेश किया जो प्रेरणादायक है। उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार, परिजनों ने उनका देहदान नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में किया। इस महान कार्य के लिए जिला प्रशासन, जबलपुर द्वारा उनके परिजनों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रदान किया।
पत्रकारों द्वारा परिजनों से प्रश्न करने पर उन्होंने बताया कि वे संत रामपालजी महाराज के अनुयायि हैं। संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संगों में बार-बार समझाते हैं कि मानव जीवन का उद्देश्य केवल स्वयं के लिए जीना नहीं है, अपितु सतभक्ति करना है और साथ-साथ जनकल्याण में योगदान देना है। उनका संदेश है – "मानवता सबसे बड़ा धर्म है।" देहदान जैसे कार्य से न केवल चिकित्सा विज्ञान को सहायता मिलती है, बल्कि अनगिनत लोगों को नया जीवन देने का मार्ग प्रशस्त होता है।
कल्लू दासी और शांति दासी का यह कदम संत रामपालजी महाराज जी की इस शिक्षा का जीवंत प्रमाण है। उन्होंने यह दिखाया कि सही साधना और परमात्मा की भक्ति से मनुष्य में निःस्वार्थ सेवा की भावना विकसित होती है।
आज जब समाज में स्वार्थ और भौतिकवाद बढ़ रहा है, ऐसे में संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों का यह उदाहरण हमें याद दिलाता है कि जीवन की असली सफलता सेवा और परोपकार में है। यह सम्मान केवल उनके परिजनों का नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
dehdaan