VSK Mahakoshal

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"जब हम विनम्रता में महान होते हैं, तभी हम महानता के सबसे करीब होते हैं।"राष्ट्रगान के रचयिता, महान साहित्यकार रविंद्र ना...
07/08/2025

"जब हम विनम्रता में महान होते हैं, तभी हम महानता के सबसे करीब होते हैं।"

राष्ट्रगान के रचयिता, महान साहित्यकार रविंद्र नाथ टैगोर जी की पुण्यतिथि पर शत्-शत् नमन।


गोंड पेंटिंग राखी: परंपरा का अनमोल उपहार • मंडला की बहनों की रचनात्मकता• गोंड चित्रकला का सांस्कृतिक वैभव• स्व सहायता सम...
06/08/2025

गोंड पेंटिंग राखी: परंपरा का अनमोल उपहार

• मंडला की बहनों की रचनात्मकता
• गोंड चित्रकला का सांस्कृतिक वैभव
• स्व सहायता समूह की नई पहल

गोंड पेंटिंग राखियां सिर्फ एक धागा नहीं,
बल्कि हैं –
• प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक
• जनजातीय संस्कृति की पहचान
• परंपरा और आधुनिकता का संगम

#गोंड_पेंटिंग #महाकौशल
#मंडला #डिंडौरी

05/08/2025

पंच परिवर्तन के विषय को भी पूजनीय सरसंघचालक जी समाज के सामने इस व्याख्यानमाला में रखेंगे - मान. श्री सुनील आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, रा. स्व. संघ

#पंच_परिवर्तन

05/08/2025

"दिल्ली में आगामी 26,27 और 28 अगस्त को तीन दिवसीय, 100 वर्ष की संघ यात्रा- नए क्षितिज व्याख्यानमाला का आयोजन किया जा रहा है जिसमें पूजनीय सरसंघचालक जी का उद्बोधन होगा."
- मान. श्री सुनील आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, रा. स्व. संघ

पंचानन महादेव जबलपुर गौरीघाट का बादशाह हलवाई मंदिर में पंचानन महादेव विराजमान है। जिनके सामने शिव पिडी अतीव मनोहारी है। ...
04/08/2025

पंचानन महादेव जबलपुर

गौरीघाट का बादशाह हलवाई मंदिर में पंचानन महादेव विराजमान है। जिनके सामने शिव पिडी अतीव मनोहारी है। सावन के मास में इनका शृंगार नयनाभिराम होता है। यह मंदिर एक टीले पर स्थित है। यहां रानी दुर्गावती का यहां आगमन होता रहता था। यहां प्राचीन पूजन स्थल है।

पुराने लोग बताते हैं कि रानी दुर्गावती मदनमहल किले राजाघाट यानि लालपुर में से गुफा के रास्ते इस मंदिर में पूजा करने के लिए आती थीं। गुफा का एक द्वार खुलता था, जहां रानी दुर्गावती नर्मदा स्नान करने के बाद राजकाज प्रारंभ करती थीं। यहां एक वट वृक्ष के तने में प्राचीन मूर्तियां दबी हुई हैं। इससे साफ है। कि वृक्ष से लगे मंदिर की मूर्तियां हैं। कालांतर में मंदिर खंडित हो गया किंतु मूर्तियां वृक्ष में समाहित हो गई।
सावन में शिव के विग्रह व शिव की पिंडी का अनुपम श्रृंगार होता है। गणपति का विग्रह भी नयनाभिराम है। प्रत्येक स्तंभ में देवी-देवताओं की आकृतियां उत्तकीर्ण हैं। सूर्यचक्र व श्रीयंत्र भी आकर्षित करते हैं। श्रीगणेश के विग्रह के सामने छत पर श्रीयंत्र अंकित है। साथ ही चारों युगों के भगवान की मूर्तियां भीं हैं। स्तम्भ में 27 नक्षत्रों, नवग्रहों और दिशाओं की मूर्तियां भी बनी हुई हैं।


ादेव #पंचानन_महादेव #जबलपुर

जनजातियों का “लोभ और भय” के ज़रिए धर्मांतरण हो रहा है। ये धार्मिक स्वतंत्रता नहीं, अपराध है।  #जनजाति_विरोधी_चर्च
02/08/2025

जनजातियों का “लोभ और भय” के ज़रिए धर्मांतरण हो रहा है। ये धार्मिक स्वतंत्रता नहीं, अपराध है।

#जनजाति_विरोधी_चर्च

"धर्म को भी रक्षण की आवश्यकता है। धर्म कितना भी अच्छा हो तो भी वह रक्षक के बिना व्यावहारिक क्षेत्र में नहीं टिक सकता, इस...
02/08/2025

"धर्म को भी रक्षण की आवश्यकता है। धर्म कितना भी अच्छा हो तो भी वह रक्षक के बिना व्यावहारिक क्षेत्र में नहीं टिक सकता, इसलिए धर्म के अनुयायी होने ही चाहिए।"

- वंदनीया लक्ष्मीबाई केलकर


"मानव स्वभाव ही ऐसा है कि हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते, उत्सव प्रिय होना मानव स्वभाव है। हमारे त्यौहार होने ही चाहिए।...
01/08/2025

"मानव स्वभाव ही ऐसा है कि हम बिना उत्सवों के नहीं रह सकते, उत्सव प्रिय होना मानव स्वभाव है। हमारे त्यौहार होने ही चाहिए।"

महान समाज सुधारक, विचारक एवं स्वतंत्रता सेनानी 'लोकमान्य बालगंगाधर तिलक जी' की पुण्यतिथि पर शत् शत् नमन।


राष्ट्र सेविका समिति की ज्योति: वंदनीय प्रमिलाताई मेढे जीराष्ट्र सेविका समिति की चतुर्थ प्रमुख संचालिका वंदनीय प्रमिलाता...
31/07/2025

राष्ट्र सेविका समिति की ज्योति: वंदनीय प्रमिलाताई मेढे जी

राष्ट्र सेविका समिति की चतुर्थ प्रमुख संचालिका वंदनीय प्रमिलाताई मेढे जी का 97 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया। अंतिम समय तक मातृत्व भाव से ओतप्रोत, अनुशासनप्रिय और राष्ट्र चिंतन में लीन यह व्यक्तित्व अब हमारे बीच नहीं रहा। देवी अहल्या मंदिर परिसर में उनका देहावसान राष्ट्र और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

प्रमिलाताई ने अपने कार्य से यह सिद्ध किया कि "असल हिंदुत्व" केवल भावनात्मक न होकर संकल्प, सेवा और देश-हितकारी सक्रियता है। 2009 में एक प्रशिक्षण शिविर में उन्होंने बताया कि देश का भाव "यह देश मेरा है" हर हृदय में होना चाहिए, और इसी सोच के साथ उन्होंने दूरस्थ, संवेदनशील एवं चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में निरंतर भ्रमण कर राष्ट्र निर्माण का कार्य आगे बढाया।

प्रमिलाताई जी का जीवन एक प्रेरक गाथा है। तीन माह से स्वास्थ्य ठीक न होने के बावजूद वे मानसिक रूप से सतर्क और चिंतनशील रहीं। उनकी जीवन यात्रा साधारण नहीं थी— वे कर्म, अनुशासन, मातृत्व और राष्ट्रनिष्ठा की जीवंत मूर्ति थीं।

प्रमुख संचालिका शांताकुमारी जी ने भावपूर्ण शब्दों में श्रद्धांजलि देते हुए कहा—
"वंदनीय प्रमिलाताई जी बहुमुखी व्यक्तित्व की प्रखर चिंतनशील, कर्मठ कार्यकर्ता थीं। अंतिम क्षण तक अनुशासित जीवन जीते हुए उन्होंने मातृत्व भाव से हम सबका मार्गदर्शन किया। उनके आदर्श पथ पर चलते रहना ही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है।"

प्रमिलाताई जी का विशेष ध्यान हमेशा राष्ट्र की ज्वलंत चुनौतियों पर रहता था। जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील प्रदेश उनके मन के अत्यंत समीप थे। धारा 370 हटाने और वहाँ आतंकवाद समाप्त करने के लिए उन्होंने समिति के माध्यम से अनेक प्रयास किए। आतंकवाद से पीड़ित परिवारों को गोद लेना, धर्मांतरण से पीड़ित बेटियों को उनके परिवारों में पुनः स्थापित कराना—इन कार्यों में उनका मातृत्व भाव और राष्ट्रनिष्ठा प्रत्यक्ष झलकती थी।

उनका जीवन हमें सिखाता है कि अनुशासन, सेवा और राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण साधना ही जीवन की सार्थकता है। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा—
"कहने की आवश्यकता नहीं, उनकी कृति ही बोलती है।"

प्रमिलाताई का अंतिम समय नागपुर स्थित देवी अहिल्या मंदिर में बीता, जहां वे वर्षों से रहती और वही उनका केंद्र रहा। उनके स्वास्थ्य में पिछले तीन माह से गिरावट थी और 31 जुलाई 2025 को सुबह 9 बजकर 5 मिनट पर उन्होंने अंतिम श्वास ली-उनके प्रति भावपूर्ण श्रद्धांजलि और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने की प्रतिज्ञा के साथ उनका पार्थिव शरीर उनके दच्छानसार एमएस को सौंपा गया

आज जब हम उनके प्रेरक जीवन को स्मरण करते हैं, तो यह अनुभव होता है कि उन्होंने जो मार्ग दिखाया, वही हमारी अगली पीढ़ियों के लिए दिशा है। उनके दिखाए आदर्शों पर चलना ही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

#राष्ट्र_सेविका_समिति #महाकौशल #प्रमिलाताई

31/07/2025

मालेगाँव विस्फोट मामले में न्यायालय ने जो निर्णय दिया है उसने सारे आरोपों को निराधार घोषित किया है- मान. श्री सुनील आंबेकर, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख, रा. स्व. संघ

बाढ़ में भी बनी सेवा की मशालतेंदूखेड़ा (दमोह) : बाढ़ प्रभावित गांवों में जब हर ओर अंधेरा था, तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ...
31/07/2025

बाढ़ में भी बनी सेवा की मशाल

तेंदूखेड़ा (दमोह) : बाढ़ प्रभावित गांवों में जब हर ओर अंधेरा था, तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्पित स्वयंसेवकों ने उम्मीद की रोशनी जलाई।

स्वयंसेवकों ने न केवल बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री पहुँचाई, बल्कि निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कर रोग प्रतिरोधक उपाय भी बताए।

जहाँ सरकार की पहुंच नहीं, वहाँ संघ के सेवक पहुंचे —
कंधों पर राशन, हाथों में दवाई और मन में सेवा का संकल्प।

#सेवा_कार्य #बाढ़राहत #राष्ट्रीयस्वयंसेवकसंघ #दमोह #मध्यप्रदेश #महाकौशल #संघ_का_संघर्ष

"जिसमें दया नहीं, धर्म नहीं, निज भाषा से प्रेम नहीं, चरित्र नहीं, आत्मबल नहीं है, वह भी कोई आदमी है।" हिंदी के महान उपन्...
31/07/2025

"जिसमें दया नहीं, धर्म नहीं, निज भाषा से प्रेम नहीं, चरित्र नहीं, आत्मबल नहीं है, वह भी कोई आदमी है।"

हिंदी के महान उपन्यासकार, संवेदनशील रचनाकार एवं कुशल वक्ता वक्ता मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर शत्-शत् नमन।


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