13/09/2025
बाबूबरही विधायक मीना कामत ने की नीतीश कुमार का अपमान? मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास किये हुए उसी सड़क को चुनावी समय देखते हुए फिर से अपने नाम से कर दी शिलान्यास। स्वीकृति वर्ष गायब कर की सामाजिक मर्यादा का उल्लंघन, कार्रवाई की हो रही है माँग...
बाबूबरही के पूर्व विधायक प्रो. उमाकांत यादव ने जदयू विधायक मीना कामत पर लगाया एक ही सड़क को दुबारा शिलान्यास का गम्भीर आरोप, योजना स्वीकृति वर्ष को छुपाने का भी मामला, जदयू(एनडीए) विधायक मीना कुमारी कामत को इस मुद्दे पर अब न तो उगलते बन रहा है और न निगलते।
बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र से राजद के पूर्व विधायक डॉ.(प्रो.) उमाकांत यादव ने वर्तमान विधायक मीना कामत पर आरोप लगाते हुए कहा है कि खुटौना से तेनुआही के बीच जिस सड़क का शिलान्यास पहले ही हो चुका था उस सड़क का विधायक द्वारा दुबारा शिलान्यास किया गया है। इतना ही नहीं, एक ही सड़क का दुबारा शिलान्यास करने की जल्दबाजी में विधायक मीना कामत का पोल खुल चुका है क्योंकि उस सड़क की स्वीकृति पूर्व उप-मुख्यमंत्री-सह-तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के 17 महीने(अगस्त 2022 से जनवरी 2024) के कार्यकाल में मेरे(उमाकांत यादव) के आग्रह पर हुआ था, इसी बात को छुपाने हेतु उस शिलापट्ट में कहीं भी योजना का स्वीकृति वर्ष का जिक्र नहीं किया गया है, जिसका शिलान्यास उसी समय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा हुआ था। जितने भी सड़क उस समय एमआर योजना से स्वीकृत हुई, उन सभी सड़कों का शिलान्यास तात्कालिक मुख्यमंत्री एवं तात्कालिक उपमुख्यमंत्री के हाथों हो चुका था, तो आखिर चुनाव के समय इस तरह के बोर्ड लगाने की होड़ क्यों? जिस सड़क का शिलान्यास मुख्यमंत्री द्वारा हो चुका था, उस सड़क का दुबारा शिलान्यास कर मीना कामत ने मुख्यमंत्री का भी अपमान किया है और स्वीकृति वर्ष की सार्वजनिक जानकारी छुपाकर जनता के साथ भी छल किया है।
हालाँकि इस पूरे मामले पर विधायक मीना कुमारी कामत चुप्पी साधे हुए है और यह मुद्दा जनता के बीच आने से उनकी फजीहत हो रही है। कहाँ तो मीना कामत और उसके समर्थक सोचा होगा कि मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास किये गए सड़क का फिर से शिलान्यास कर देने से जनता के बीच वाहवाही होगी और जनता इसके लिए उन्हें बधाई देगी, उसी चक्कर में मुख्यमंत्री का अपमान कर बैठी, जनता का तो अपमान हुआ ही और स्वीकृति वर्ष छुपाने से सार्वजनिक शुचिता और नैतिकता का भी ह्रास हुआ है। यह मामला मीना कामत के लिए लाभदायक होने की बजाय दोगुने हानि का मुद्दा बनता जा रहा है। दोगुने हानि का इसलिए क्योंकि एक ओर विपक्ष यानि राजद और उसके नेतृत्व में महागठबंधन इस पर हमलावर है वहीं जदयू में भी मीना कामत के विरोधी गुट इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपमान बताकर पार्टी मुख्यालय तक विरोध जता रहे हैं और अपने ही पार्टी के विधायक द्वारा अपने ही पार्टी के सर्वोच्च नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपमान से जदयू के भीतर मीना कामत पर पार्टी की ओर से कार्रवाई करने और आगामी चुनाव में टिकट काटने का प्रेशर बनाया जा रहा है। अब आगे क्या होता है, यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल मीना कामत इस मामले में दोतरफा(पार्टी के भीतर और विपक्ष द्वारा) विरोध का सामना कर रही है। इसके अलावा जनता भी इनके चालाकी को देख रही है और झूठ पकड़े जाने पर लानत-मलानत कर रही है।
यह मामला एक्सपोज होने के बाद मीना कामत का पक्ष सामने नहीं आया है, उनका भी इस पूरे प्रकरण पर जो भी बयान आता है उसे प्रकाशित/प्रसारित किया जायेगा।
वैसे, आपलोग जदयू विधायक मीना कामत के इस कारनामे(एक ही सड़क जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री कर चुके थे, उसे दुबारा शिलान्यास कर जनता की आँखों में धूल झोंकने और धोखा देने) पर क्या सोचते हैं? वैसे मीना कामत कोई मेरिट पर बनी नेता नहीं हैं, वे परिवारवादी राजनीति की प्रोडक्ट है और इसके ससुर बाबूबरही से ही विधायक और मंत्री रहे हैं उसी कारण परिवार वाद के तहत जदयू के जमीनी और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर मीना कामत को टिकट दिया गया था।