26/10/2025
खजौली विधानसभा में पचासों राजद कार्यकर्त्ताओं ने थामा भाजपा का दामन
मधुबनी
मधुबनी जिले के 33-खजौली विधानसभा मे आसन्न बिधानसभा चुनाव चुनाव के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष अब खुलकर सामने आ गया है। राजद से जुड़े लगभग पचास कार्यकर्त्ताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया।
साथ ही स्थानीय भाजपा विधायक अरुण शंकर की मौजूदगी मे भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेकर पार्टी ज्वाइन कर लिया है, जिससे राजद पार्टी के भीतर हड़कंप मच गया है।
इस बाबत स्थानीय #भाजपा #विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने कहा कि #भारत के #प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र एवं #मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में #बिहार सरकार के जनकल्याणकारी एवं विकासात्मक कार्यों से प्रभावित होकर राजद के सैकड़ो साथीयों ने आज भाजपा का दामन थामा, मैं उन्हें भाजपा का सदस्य बनकर देश एवं बिहार के विकास यात्रा में भागीदार बनने की बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं।
इस मौके पर नाराज #राजद कार्यकर्त्ताओं ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व #तेजस्वी_यादव पर जमीनी कार्यकर्त्ताओं की उपेक्षा, पक्षपात और मनमानी का गंभीर आरोप लगाया। कार्यकर्त्ताओं का कहना था कि राजद ने हमेशा जमीनी कार्यकर्त्ताओं को वोट दिलाने की मशीन की तरह से इस्तेमाल किया, लेकिन जब प्रतिनिधित्व देने की बात आई, तो उन्हें सच्चे और जमीनी कार्यकर्त्ता को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया।
समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप :
उन लोगों ने कहा कि हम लोग सालों से राजद के लिए खून-पसीना बहा रहे हैं, लेकिन टिकट बंटवारे में इस जमीनी कार्यकर्त्ता को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया। पार्टी में अब विचारधारा नहीं, बल्कि चापलूसी और आर्थिक ताकत का बोलबाला है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 33-खजौली विधानसभा के चंद नेता अपने हितों तक सीमित हैं, और समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है। कार्यकर्त्ताओं ने सामूहिक रूप से कहा कि चुनाव से पहले पार्टी ने सर्वे रिपोर्ट और भागीदारी के आधार पर टिकट देने की बात कही थी, लेकिन सब कुछ केवल भाषणों तक सीमित रह गया।
कार्यकर्त्ताओं ने सामूहिक रूप से कहा कि पार्टी में ईमानदार और समर्पित कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है।
उन्होंने कहा कि राजद की जो पहचान “गरीब, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग की पार्टी” के रूप में थी, वह अब सिर्फ नाम मात्र रह गई है। हम सम्मानजनक राजनीति करेंगे, न कि अपमानजनक समझौते। इसलिए आज हम सभी लोगों ने सामूहिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेकर पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे।
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह सामूहिक इस्तीफा न केवल राजद के भीतर बढ़ते असंतोष को उजागर करता है, बल्कि महागठबंधन के जातीय समीकरणों पर भी असर डाल सकता है, क्योंकि अति पिछड़ा वर्ग अब तक पार्टी का मजबूत आधार माना जाता रहा है।
Madhubani City News Live