07/11/2024
एक बार मां लक्ष्मी जी ओर मां दरिद्रता देवी जी का खूबसूरती को लेकर झगड़ा हो गया।
लक्ष्मी जी कह रहीं थी मैं ज्यादा सुंदर हूँ,और दरिद्रता की देवी जी कह रही थी मैं ज्यादा सुंदर हूँ ।
दोनों बहनें अपने झगड़े के समाधान हेतु शिवजी के पास पहुंची और शिवजी से पूछा कि हम दोनों में से सुन्दर कौन है ?
शिवजी ने सोचा मैं कहां इन औरतों के सुंदरता वाले झगड़े में पडूँ,उन्होंने बात को टालने हेतु दोनों बहनों से कह दिया इसका उत्तर पृथ्वी पर किसी भी नगर में जाकर किसी भी ईमानदार दुकानदार से पूछो, वही इसका सही उत्तर दे देगा ।
दोनों बहनें भेष बदलकर एक नगर में आती हैं और ईमानदार की दुकान पर पहुंचती है,तथा दुकानदार से पूछती हैं कि हम दोनों में से सुन्दर कौन है ???
दुकानदार समझ जाता है यह दोनों साधारण महिलाएं नहीं हैं ..वह दुकानदार बहुत सोच समझकर कहता है कि मेरी दुकान के सामने वह जो पीपल का पेड़ है,आप दोनों वहां तक चल कर जायें और लौटकर आयें, तब मैं बता दूँगा कि आप दोनों में से सुन्दर कौन है !
लक्ष्मी जी और दरिद्रता की देवी जी उस पीपल की ओर चल पड़ती हैं और जब दोनों पीपल के पेड़ को छूकर वापस आईं तो दुकानदार से पूछने लगीं कि भाई अब बताओ हम दोनों में से सुन्दर कौन है!
तब दुकानदार दरिद्रता की देवी जी से कहता है : बहन आप जाते हुए सुंदर दिखती हो और लक्ष्मीजी से कहता है आप आते हुऐ सुन्दर दिखती हो!
बुद्धिमान दुकानदार का जबाव सुनकर तब से दरिद्रता कभी ईमानदार के घर पर आती ही नहीं है,और मां लक्ष्मी जी कभी ईमानदार के घर से जाती ही नहीं..!!
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*जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।*
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