Priya

Priya Hindi story, Love story, Suhagrat story, Antarvasna story

26/09/2025

जेठ भाभी के नाजायज रिश्ते | Hindi Stories || Romantic Kahaniya || Suvichar Kahaniya || Emotional Audio story || Full hindi Audio Story Priya bhabhi //


























एक दिन मैं कैफियत ट्रेन से दिल्ली जा रहा था। सीट पर मैगज़ीन पढ़ रहा था कि तभी एक सलवार-सूट पहनी 17-18 साल की लड़की बैग ल...
25/09/2025

एक दिन मैं कैफियत ट्रेन से दिल्ली जा रहा था। सीट पर मैगज़ीन पढ़ रहा था कि तभी एक सलवार-सूट पहनी 17-18 साल की लड़की बैग लेकर मेरी बगल में आकर बैठ गई।

उसके पास सिर्फ़ जनरल टिकट था। मैंने कहा – “कोई बात नहीं, बैठ जाओ। टीटी आएगा तो देख लेंगे।”

थोड़ी देर बाद लड़की ने मोबाइल निकाला और किसी को अपना लोकेशन भेजा। मैंने पूछा – “पापा से बात कर रही हो?”
वो बोली – “नहीं… पापा गाँव में हैं।” फिर धीरे से बताने लगी कि दिल्ली में उसका बॉयफ्रेंड है, वहीं जाकर शादी करेगी।

मैंने समझाया – “घर वालों को बताए बिना? उसका घर देखा है? उसके परिवार से मिली हो?”
वो बोली – “नहीं… लेकिन वो बहुत अच्छा है, नौकरी करता है और मुझे भी नौकरी दिला देगा।”

मुझे शक हुआ। मैंने लड़की से कहा – “चलो एक परीक्षा लेते हैं। उसको कॉल करो और कहो कि पापा-मम्मी मान गए हैं, शादी यहीं दिल्ली में करेंगे और उसके घरवाले भी आ जाएं।”

लड़की ने फोन किया। उधर से लड़का गुस्से में चिल्लाया –
“तेरी जैसी कितनी लड़कियां आईं और गईं। पागल समझ रखा है क्या?!”
फिर उसने फोन काट दिया और मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया।

लड़की सन्न रह गई, रोने लगी। मैंने कहा –
*“देखो

25/09/2025

भईया एक बार में पूरा अंदर कर दिया जंगली हो क्या जान निकाल दी मेरी | Hindi Stories || Romantic Kahaniya || Suvichar Kahaniya ||

25/09/2025

Emotional Audio story || Full hindi Audio Story Priya bhabhi

























 # # **रहस्यमयी हवेली का राज**शहर से कई किलोमीटर दूर, घने जंगलों और ऊँचे-ऊँचे पेड़ों के बीच एक पुरानी हवेली खड़ी थी। हवे...
25/09/2025

# # **रहस्यमयी हवेली का राज**
शहर से कई किलोमीटर दूर, घने जंगलों और ऊँचे-ऊँचे पेड़ों के बीच एक पुरानी हवेली खड़ी थी। हवेली इतनी विशाल थी कि उसकी टूटी हुई दीवारें और ऊँचे गुम्बद दूर से ही नज़र आ जाते। गाँव वाले कहते थे कि वहाँ अजीब घटनाएँ होती हैं—रात के सन्नाटे में चीखने की आवाज़ें, खिड़कियों से दिखती रहस्यमयी परछाइयाँ और अपने-आप बजने वाली घंटियाँ।
किसी में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वो सूरज ढलने के बाद हवेली के आस-पास भी जाए। लोग बच्चों को डराने के लिए कहते—“अगर शरारत करोगे तो हवेली का भूत पकड़ ले जाएगा।”
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# # **राहुल की जिज्ञासा**
राहुल बीस साल का एक जिज्ञासु लड़का था। उसे बचपन से ही रहस्यमयी कहानियों में दिलचस्पी थी। जब भी कोई हवेली की डरावनी बात करता, उसके अंदर रोमांच भर जाता। उसके दोस्त चेतन, पायल और समीर अक्सर उसे समझाते, “पागल मत बन, वहाँ कोई जाता नहीं। जो गया, वो लौटकर नहीं आया।”
लेकिन राहुल का मन मानने वाला कहाँ था। उसने ठान लिया कि वह हवेली के रहस्य से पर्दा उठाकर रहेगा।
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# # **आधी रात की यात्रा**
एक रात, जब सब सो रहे थे, राहुल चुपचाप घर से निकला। उसके पास सिर्फ एक टॉर्च, एक मोबाइल और जेब में पेन-नोटबुक थी। अँधेरी रात में झींगुरों की आवाज़ और पेड़ों से आती ठंडी हवा उसे और भी बेचैन कर रही थी।
जंगल का रास्ता लंबा था। पत्तियों की सरसराहट और अचानक टूटती डालियाँ सुनकर कई बार उसका दिल जोर से धड़का। पर उसने कदम नहीं रोके। लगभग आधे घंटे की पैदल यात्रा के बाद वह हवेली के दरवाज़े तक पहुँच गया।
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# # **हवेली के भीतर**
हवेली का दरवाज़ा आधा टूटा हुआ था। राहुल ने हल्का धक्का दिया तो दरवाज़ा अपने-आप चरमराता हुआ खुल गया। अंदर घुप्प अंधेरा और सीलन की गंध थी। उसने टॉर्च जलाकर देखा—चारों तरफ पुरानी पेंटिंग्स, टूटे फर्नीचर और मकड़ी के जाले।
फर्श पर कदम रखते ही उसकी आवाज़ पूरे हॉल में गूँज गई। तभी अचानक उसे सीढ़ियों से ऊपर भागती हुई परछाई दिखी। राहुल का दिल तेज़ी से धड़कने लगा, पर उसका डर उसकी जिज्ञासा से छोटा था।
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# # **कमरों का रहस्य**
वह सीढ़ियाँ चढ़कर ऊपर पहुँचा। पहला कमरा खोला तो उसमें एक टूटी हुई चारपाई और बिखरे हुए बर्तन पड़े थे। दूसरे कमरे में दीवार पर एक विशाल पेंटिंग थी—राजा विक्रम सिंह और उनका परिवार। पेंटिंग के नीचे लिखा था, *“सत्य छिपा है भीतर।”*
इतने में अचानक कमरे का झूला अपने-आप हिलने लगा। राहुल के हाथ-पाँव ठंडे पड़ गए। उसने टॉर्च उस ओर घुमाई तो झूला रुक गया।
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# # **गुप्त दरवाज़ा**
राहुल की नज़र अलमारी पर पड़ी। उसने ज़ोर लगाया तो अलमारी हिली और पीछे से एक गुप्त दरवाज़ा दिखाई दिया। राहुल ने दरवाज़ा खोला और नीचे उतरने लगा। सीढ़ियाँ तहखाने की ओर जाती थीं।
नीचे पहुँचते ही उसे पुराने कागज़, नक्शे और एक धूल भरी डायरी मिली। डायरी खोलते ही पहला वाक्य चमका:
*“यदि कोई यह पढ़ रहा है, तो सावधान! यह हवेली सिर्फ एक महल नहीं, बल्कि एक रहस्य की क़ैदगाह है।”*
डायरी के पन्नों में लिखा था कि राजा विक्रम सिंह के पास *नवरत्न मणि* नामक हीरा था, जो जिसे भी मिलता, उसकी किस्मत बदल देता। पर उस हीरे के पीछे कई चोर और दुश्मन पड़े थे। एक रात वह हीरा गायब हो गया और उसी के बाद राजा रहस्यमय तरीके से लापता हो गए।
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# # **डरावनी मुलाक़ात**
अचानक तहखाने का दरवाज़ा ज़ोर की आवाज़ से बंद हो गया। राहुल घबरा गया। तभी पीछे से धीमी आवाज़ आई—“यहाँ आकर तूने बड़ी गलती की है।”
उसने टॉर्च घुमाई तो सामने एक परछाई खड़ी थी। परछाई धीरे-धीरे पास आई और अब साफ़ दिखा—वह कोई भूत नहीं बल्कि एक बूढ़ा आदमी था।
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# # **बूढ़े चौकीदार का सच**
बूढ़े आदमी ने कहा, “मैं इस हवेली का चौकीदार हूँ। सालों पहले राजा ने हीरे को यहाँ छिपाया था। चोरों ने हमला किया, राजा ने बचाने की कोशिश की पर वे खुद इसी तहखाने में क़ैद हो गए। लोग सोचते हैं कि यह हवेली भूतहा है, पर असल में ये सिर्फ अफवाहें थीं ताकि कोई हीरे तक न पहुँचे।”
फिर उसने दीवार के कोने में छिपी तिजोरी दिखाई। चाबी निकालकर तिजोरी खोली तो उसमें छोटा-सा डिब्बा था। जब डिब्बा खोला, तो उसमें से चमकदार *नवरत्न मणि* निकला।
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# # **सच्चाई सामने**
“यह हीरा अब किसे मिलेगा?” राहुल ने पूछा।
बूढ़ा बोला, “इसे सही हाथों में जाना चाहिए। लालच ने ही इस हवेली को सुनसान बना दिया। अब यह जनता की अमानत है।”
राहुल ने अगली सुबह पुलिस को सूचना दी। सरकार ने उस हीरे को संग्रहालय में सुरक्षित रख लिया।
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# # **अंतिम संदेश**
राहुल जब हवेली से निकला तो उसने पीछे मुड़कर देखा। हवेली अब भी खंडहर थी, पर अब उसके लिए वह डरावनी नहीं, बल्कि इतिहास और साहस की गवाही थी।
राहुल ने सबको साबित कर दिया कि—
**डर अक्सर हमारे दिमाग़ का वहम होता है, और सच्चाई को जानने के लिए हिम्मत चाहिए।**


























यह रहा एक रोमांचक और दिलचस्प हिंदी कहानी: हाय मैं शेखर आपके लिए एक स्टोरी लेकर आया हूँ मेरी उम्र २६ साल है मेरे घर में म...
24/09/2025

यह रहा एक रोमांचक और दिलचस्प हिंदी कहानी:

हाय मैं शेखर आपके लिए एक स्टोरी लेकर आया हूँ मेरी उम्र २६ साल है मेरे घर में माँ एक छोटा भाई और दो बहन है मेरे पिताजी के देहांत के बाद मैंने १२वीं पास करके पढाई छोड़ दी और घर के पालन पोषण में जुट गया मेरी बहन की शादी हमने एक अच्छे खानदान में पक्की कर दी मगर उन्होंने पहले दो लाख रुपये दहेज़ माँगा था.

मैं एक छोटे से करखाने में काम करता था कारखाने का मालिक ५५ साल का बुड्डा और एक अमीर आदमी था परन्तु उसकी बीवी एक सुंदर, सु्शील, और बेहद खूबसूरत लड़की थी वह उसकी पत्नी नहीं बल्कि उसकी रखैल थी। वह पहले एक हाई प्रोफाइल कॉलगर्ल थी और अभी भी वह लड़कियों से जिस्मफरोशी का धंधा करवाती थी हमारे मालिक ने उसे सारी पॉवर दे रखी थी और खुद उसकी हिप के पीछे दुम हिलाता फिरता था।

मैंने उसे पटाने के बारे में सोचा क्यूंकि अगर वह पट गयी तो मुझे इस कारखाने का मैंनेजर बना देगी एक दिन वह ऊपर खड़ी देख रही थी तो मैंने उसे देखकर एक प्यारी सी स्माइल दे दी। वह भी मुझे देकर हंस पड़ी। अब रोज़ ऐसा ही चलता एक दिन जब मैं खाना खा रहा तो वह मुझे देख रही थी तो मैंने उसे दूर से ही खाने का न्योता दिया तो वह मुझे न कहकर थैंक्स करके चली गयी।

एक दिन उसने मुझे रोककर मेरा नाम पूछा तो मैंने शेखर कह दिया इस पर उसने अपना नाम शबनम बताया और अपना पता देकर चली गयी और रात को १० बजे बाद आने को कहा मैं रात को ठीक १० बजे पहुच मैंने डोर बेल बजायी तो उसने दरवाजा खोला और मेरा स्वागत करते हुए मुझे अपने लिविंग रूम में ले गयी मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे पति कहाँ है तो वह बोली की उन्हें तो मैंने खाने में नींद की गोली देकर सुला दिया है अब वे सुबह तक नहीं उठेंगे।

वहां पर उसने मुझे एक बढ़िया सी वाईन पिलाई। वाईन पीकर मेरी हिम्मत बढ गयी और मैंने उसके गाल पर किस कर दिया। किस करने के बाद वोह खड़ी हुयी और दौड़कर अपने बेडरूम में चली गयी और दरवाजा बंद कर दिया्। मेरी लाख मिन्नतें करने के बाद आधे घंटे बाद उसने जब दरवाजा खोला तो मैं उसे देख कर स्तब्ध रह गया क्यूंकि उसके सरीर पर पेंटी नाम का भी वस्त्र नहीं था।

यह देख मैं उसके होंठों को जोर जोर से चूसने लगा और जैसे ही मैंने उसे बेड पर ले जाना चाहा तो वह बोली ऐसे नहीं जानेमन एक एक करके अपने कपडे उतारो और एक एक कदम बढाओ मुझे उसका आईडिया बड़ा ही रोमांटिक लगा मैं उससे अब मात्र एक कदम की दूरी पर था अब मैंने एक अंडरवियर बची थी उसे भी उतर फेका और मुझे अपने सामान पर शर्म आ रही थी कि कहीं वह इसे गधे का न कहने लगे पर वह मेरे सामान को देखते ही मुस्कुराई और बोली कितना बड़ा और प्यारा है यह सुनकर मुझे मेरे सामान पर अब गर्व महसूस होने लगा।

तभी मैंने उसके संतरो को जोर जोर से दबाने लगा और वह ठोस हो गए फिर मैंने उनसे स्तनपान किया उसके बाद जब मैं उसकी गुफा पर हाथ फेरने लगा तो मुझसे वह कहने लगी डार्लिंग इसे चाटो ना। मैंने उससे कह दिया आपका हुक्म सर आँखों पर उसकी गुफा देखकर लग रहा था कि वह अनेको सामान की चोट झेल चुकी है फिर मैंने पोसिशन ६९ में आकर १५ मिनट तक उसकी गुफा और उसने मेरा चूसा फिर वह बोली कि जान अब रहा नहीं जाता

अब इस गुफा की प्यास बुझाओ। यह सुनते ही मैंने उसकी गुफा पर जोर से दो झटके मारे और पूरा उसकी गुफा में चला गया और मैं उसे कर रहा था तब वह मेरा कम ओन! कम ओन! कहकर मेरा साथ दे रही थी उस रात उसे ५ तरीको से करने के बाद अब वह मुझसे रोज़ करवाने लगी और उसने मुझे अपने धंधे का दलाल बना लिया और अपने कारखाने के मैंनेजर के पद पर नियुक्त कर लिया।

अब मैं दलाली में रोज़ १००० रूपये कमा लेता हूँ और कुछ दिनों में मैं अपनी बहन की शादी भी कर दूंगा।


























24/09/2025

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