25/09/2024
जोधपुर की "जीजी" का जाना :-
साल था 2003 । अक्टूबर माह का पहला पखवाड़ा । राजस्थान में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन की बैठक दिल्ली में जारी थी । जोधपुर से भाजपा की वरिष्ठ नेता और लोकप्रिय विधायक सूर्यकांता जी व्यास "जीजी" भी ' जोधपुर शहर' विधानसभा सीट से टिकट दावेदारी हेतु दिल्ली पहुंची हुई थी ।
हालांकि "जीजी" का दबदबा पूरे राजस्थान में था ।लेकिन फिर भी यह माना जा रहा था कि चूंकि वसुंधरा राजे के रूप में राजस्थान में नए नेता को कमान दी जा रही है तो कई विधानसभा सीटों पर युवा चेहरों को भी उतारा जा सकता है । ऐसे में जोधपुर शहर विधानसभा सीट से भी उस दौर के कई युवा दावेदार थे। श्रीमती सूर्यकान्ता जी व्यास और उनके पति आदरणीय स्वर्गीय श्री उमाशंकर जी व्यास दोनों ही दिल्ली में टिकट की दावेदारी के लिए जमे हुए थे ।
उस दिन भाजपा के केंद्रीय कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में राजस्थान बीजेपी के वरिष्ठ नेता जुटे हुए थे और पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होने का इंतजार कर रहे थे । तभी सूचना मिलती है की राजस्थान के संबंध में होने वाली बैठक अब वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह जी जसोल के घर होगी । तुरंत सभी नेता वहां से रवाना होकर जसवंत सिंह जी के घर पहुंचते हैं । वहां पहुंचने पर पता चलता है की बैठक तो राजनाथ सिंह जी के घर हो रही है । सभी लोग अब राजनाथ सिंह जी के घर की ओर रवाना हो जाते हैं । वहां पहुंचकर धूप में बाहर रोड किनारे बनी पटरी पर बैठकर सब लोग इंतजार कर रहे होते हैं ।
तभी राजनाथ सिंह जी बाहर आते हैं । मेन गेट पर खड़े होकर राजनाथ सिंह जी कहते हैं "आप सभी के डॉक्यूमेंट हमारे पास में मौजूद हैं । आप सभी से हाथ जोड़कर विनम्र निवेदन है कि आप कृपया अपने अपने क्षेत्र में जाएं । कार्य करें । टिकट के संबंध में जो भी पार्टी फैसला लेगी उसे आप सभी को व्यक्तिगत रूप से सूचित किया जाएगा । इस तरह आप स्वयं सभी को यहां बैठे देखना अच्छा नहीं लगता ।"
तभी राजनाथ सिंह जी की नजर सूर्यकांता जी व्यास पर पड़ती हैं । और वह तुरंत जो अब तक मेन गेट पर खड़े थे बाहर आकर कहते हैं "अरे जीजी ! आप भी " और उनका हाथ पकड़ कर कहते हैं "आप हमारी मां समान है जीजी । आप कृपया यहां पर ना बैठे" और उनका हाथ पकड़ कर अपने बंगले के अंदर ले जाते हैं। धीमी और दूर होती आवाज में सुनाई देता है "जीजी आप क्यों चिंता कर रहे हो ? आपका टिकट कौन काट सकता है । आप तो घर जाओ और विधानसभा चुनाव की तैयारी करो ।" लेकिन सूर्यकांता जी व्यास लगातार मारवाड़ी में "नहीं!नहीं! राजनाथ सिंह जी थे समझो नहीं हो ! ".......बस फिर राजनाथ सिंह और जीजी बंगले के अंदर चले जाते है । राजस्थान भाजपा के बड़े बड़े नाम बाहर अवाक खड़े नजर आते है । जीजी के जलवे से वे भी हैरान रह जाते हैं । पार्टी आलाकमान पर जीजी की पकड़ जैसा नेता उस दौर में दूसरा नजर नहीं आया ।
"जीजी" उनका उपनाम था। पूरा जोधपुर शहर उन्हें जीजी के नाम से बुलाता था । उनके परिवारजनों से लेकर आमजन तक , बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सब उन्हें जीजी ही कहते थे ।
पार्षद से अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वालीं सूर्यकांता जी व्यास छह बार विधायक रहीं। उन्होंने 1990 में अपना पहला चुनाव जोधपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से जीता। इसके बाद वे तीन बार शहर विधानसभा क्षेत्र से चुनकर विधानसभा पहुंचीं। परिसीमन के बाद 2008 में उन्होंने जोधपुर के सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीतीं। इसके बाद वे लगातार तीन बार इसी विधानसभा क्षेत्र से जीत कर सदन तक पहुंचीं। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर उनकी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य के कारण टिकट बदल दिया ।
आज शहर की उन्हीं प्रमुख राजनीतिक हस्ती, समाजसेवी और सूरसागर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक सूर्यकांता जी व्यास (जीजी) का सुबह निधन हो गया। 86 वर्षीय जीजी लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं।काफी समय से उनका डायलिसिस चल रहा था। बुधवार सुबह अपने निवास पर ही उनकी तबियत काफी नासाज हो गई। इसके बाद परिजन उन्हें लेकर महात्मा गांधी अस्पताल (एमजीएच) पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूर्यकांता व्यास से निधन से जोधपुर शहर में शोक की लहर छा गई।
सूर्यकांता जी व्यास की पुनीत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि. शत शत नमन
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