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शाम को हमारी रिसेप्शन थी । मैं तैयार होने के लिए पार्लर गई वहां मुझे तैयार किया गया। मेकअप किया गया और फिर मुझे साड़ी पह...
30/07/2025

शाम को हमारी रिसेप्शन थी । मैं तैयार होने के लिए पार्लर गई वहां मुझे तैयार किया गया। मेकअप किया गया और फिर मुझे साड़ी पहनाई गई उन दिनों साड़ी का ही फैशन था। साड़ी पहन कर चला ही नहीं जा रहा था खैर किसी तरह चलते हुए गाड़ी में बैठ कर हम वहां पहुंचे जहां हमारा रिसेप्शन था। वहां हमें स्टेज पर ले जाया गया। हम दोनों स्टेज पर खड़े थे और सब लोग हमसे मिलने के लिए आ रहे थे। फोटो खींची जा रही थी और हम तो चुप चाप फोटो खिंचवा रहे थे जानते तो हम किसी को भी नहीं थे। तभी उस भीड़ में हमें कुछ जाने पहचाने चेहरे नजर आए देखा तो हमारे मायके वाले थे और हमें ऐसा लगा जैसे सारी दुनिया हमें मिल गई हो। हम अपनी मम्मी के साथ लिपट गये । मुझे ऐसा लगा जैसे सारा जहां मिल गया हो। फिर मैं अपनी भाभियों से मिली और अपनी बुआ को भी मिली। सबने मिलकर मुझे गिफ्ट दिए और फोटो भी खिंचवाई। तभी मुझे खांसी शुरू हो गई मेरे उन्होंने चुपचाप मुझे विक्स दे दी मुझे उनका ये ख्याल रखना बहुत ही अच्छा लगा। अब सब खाना खाने लगे और इनके दोस्तों को तो मौका मिल गया मस्ती करने का। फिर हम सबने भी खाना खाया और हम सबको विदा करके घर के लिए निकल पड़े। मेरे मायके वाले भी चले गए थे।मेरा मन बहुत ही उदास था अपने परिवार वालों से दूर होने पर। मेरी आंखों में आंसू थे अपनो से बिछड़ने का गम भी था लेकिन हर लड़की को ये जुदाई का दुःख सहन करना ही पड़ता है। आंसुओ के बीच पता ही नहीं चला कि कब ससुराल की दहलीज आ गई। और हम गाड़ी से उतर कर घर के अन्दर आ गए। अब देखो आगे क्या होता है ये हम आपको जल्द ही बताएंगे।

शेखर के लिए मन लगा कर चाय बनाई थी, पर बाहर जाने की हड़बड़ी दिखाते हुए एकदम झपट कर उस ने प्याला उठा लिया और एक ही घूंट मे...
30/07/2025

शेखर के लिए मन लगा कर चाय बनाई थी, पर बाहर जाने की हड़बड़ी दिखाते हुए एकदम झपट कर उस ने प्याला उठा लिया और एक ही घूंट में पी गया. घर से बाहर जाते वक्त लड़ा भी तो नहीं जाता. वह तो दिनभर बाहर रहेगा और मैं पछताती रहूंगी. ऐसे समय में उसे घूरने के सिवा कुछ कर ही नहीं पाती.

मैं सोचती, ‘कितना अजीब है यह शेखर भी. किसी मशीन की तरह नीरस और बेजान. उस के होंठों पर कहकहे देखने के लिए तो आदमी तरस ही जाए. उस का हर काम बटन दबाने की तरह होता है.’ कई बार तो मारे गुस्से के आंखें भर आतीं. कभीकभी तो सिसक भी पड़ती, पर कहती उस से कुछ भी नहीं.

शादी को अभी 3 साल ही तो गुजरे थे. एक गुड्डी हो गई थी. सुंदर तो मैं पहले ही थी. हां, कुछ दुबली सी थी. मां बनने के बाद वह कसर भी पूरी सी हो गई. आईने में जब भी अपने को देखती हूं तो सोचती हूं कि शेखर अंदर से अवश्य मुरदा है, वरना मुझे देख कर जरा सी भी प्रशंसा न करे, असंभव है. कालिज में तो मेरे लिए नारा ही था, ‘एक अनार सौ बीमार.’

दूसरी ओर पड़ोस में ही किशोर बाबू की लड़की थी नीरू. बस, सामान्य सी कदकाठी की थी. सुंदरता के किसी भी मापदंड पर खरी नहीं उतरती थी. परंतु वह जिस से प्यार करती थी वह उस की एकएक अदा पर ऐसी तारीफों के पुल बांधता कि वह आत्मविभोर हो जाती. दिनरात नीरू के होंठों पर मुसकान थिरकती रहती. कभीकभी उस की बहनें ही उस से जल उठतीं.

देहरादून के एक घर मे बहुत ही उधल पुथल मची हुई थी, एक 45 साल की औरत चिल्ला के बोल रही थी " तुम्हे स्कूल नहीं जाना क्या?  ...
30/07/2025

देहरादून के एक घर मे बहुत ही उधल पुथल मची हुई थी, एक 45 साल की औरत चिल्ला के बोल रही थी " तुम्हे स्कूल नहीं जाना क्या? कब तक़ सोती रहोगी "?
तभी एक 20 साल का लड़का अपने हाथो मे दूध और ब्रेड का पैकेट ला के किचेन मे रखते हुए कहता है " माँ मुझे आज नयी shirt चाहिए कल मेरे दोस्त की पार्टी है मैं क्या वह पुराने कपडे पहनुंगा। "
बेटा ओज, मै उसे उठा तो रही हूँ लेकिन वह उठे तब ना,मै तो कब से उठा रही हूँ, तभी दो लड़कियां आती है उनकी उम्र करीब 19 और 16 साल हो गी उसमे से एक ने अपनी माँ पार्वती को एक लिस्ट देते हुए कहती है " माँ ये लिस्ट दी को दे देना और बोलना की मुझे ये चीजें आज ही चाहिए। "
और माँ ये मेरी किताबों की लिस्ट है जो मुझे चाहिए क्लास शुरू हो गए लेकिन मेरे पास कोर्स की किताबें ही नहीं,पार्वती दोनों की लिस्ट अपने सामान के लिस्ट के साथ रखते हुए फिर से चिल्ला के कहती है " वेदांशी आज कसम खा लिया है क्या की हमें परेशान कर के मानोगी उठती हो की मै आउ।"
वही एक मीठी सी आवाज आती है " आती हूँ माँ। "
वह आवाज वेदांशी की है, वेदांशी एक 23 साल की सावाले रंग की लड़की है, लेकिन उसके नैन नख्स बहुत ही खूबसूरत, काली आँखे, लम्बे बाल जिनकी लटे उसके छोटे और मासूम से चेहरे पर आते है, पतला शरीर वह बिस्तर से जैसे उठ के नीचे पैर रखने को हुई की उसने अपने पैर बिस्तर पर दुबारा रखते हुए बोला " sorry धरती माँ मै भूल गयी ।'"
वेदांशी झुक के धरती माँ को अपने हाथो से छुती है और हाथ जोड़ के कहती है " आज का दिन अच्छा हो बस।"
वह अपने बालो का जुड़ा बनाते हुए अपने कमरे से बाहर जाती ही है की पार्वती उसके ऊपर चिल्लाते हुए कहती है " आज ही तुम्हे लेट उठना था पता है ना आज सेलरी का दिन है, ये तुम्हारा नाश्ता रखा है खा लेना और ये पकड़ो लिस्ट इनमे से सारे सामान ले लेना समझी।"
वेदांशी हाँ मे सर हिला के उस लिस्ट को पढ़ती है, वह जैसे जैसे चीजों को. पढ़ती जाती है उसके चेहरे पर परेशानी आती जाती है,तभी वेदांशी की दोनों बहने रक्षा और तृषा उसके पास आते हुए कहती है " दीदी ये सब ले आना भूलना नही। "
लेकिन रक्षा ये सारे मेकअप के सामान की. क्या जरूरत है और ये तो बहुत महगे हो गे क्या तुम इस मंथ " उसका इतना बोला था की उसके गालों पर ज़ोर का थप्पड़ पड़ता है ।
तुमसे कितनी बार बोला है की मेरे बच्चों को किसी चीज के लिए मना मत किया करो लेकिन तुम अपनी हरकतो से बाज़ नहीं आती।" पार्वती जी वेदांसी जी को घूरते हुए कहती है।
''माँ " वेदांशी रूहासे गले से कहती है।
जितनी चीजे लिखी है ले आना और हाँ एक एक पैसे का हिसाब चाहिए मुझे " पार्वती जी वेदांशी से कह के किचेन मे चली जाती है। "वेदांशी चुपचाप अपने कमरे मे चली जाती है और फ्रेश हो कर तैयार हो जाती है, वह अपने बैग को जैसे लेती है उसके बैग उसके हाथो से छूट के नीचे गिर जाता है, वह उसे देख के कहती है " बस इस महीने साथ दे दो अगले महीने पक्का से बदल लुंगी। "
उसके बाग़ के हैंडल टूट गए थे जिसे उसने सेफ्टीपिन से टिका के रखा था। वह बाहर जाती है और अपने नास्ते को देखती है जिसमे दो ब्रेड रखे हुए थे, वह उन्हें अपने टिफिन मे रखती है और घर से निकल जाती है।
वह घर से जैसे निकलती है उसके सामने एक scooty आ के रूकती है , वेदांशी डर से कहती है " तुम मुझे मार डालोगी क्या श्रेया "?
अरे मेरी जान मै तुम्हे कैसे मार सकती हूँ, श्रेया ने बोला और स्कूटी से उतर के उसके गले लगते हुए कहती है, " हैप्पी बर्थडे मेरी जान। "
इतना बोल उसके गालों को पकड़ के चुम लेती है, तभी वेदांशी की अह्ह्ह्ह निकल जाती है।
श्रेया अपने हाथ को हटा के वेदांशी को ऊपर से नीचे तक़ देखते हुए कहती है " क्या हुआ तुम्हे "?
''कुछ नहीं " वेदांशी ने बोला। लेकिन श्रेया की नज़र वेदांशी के चेहरे पर जाती है तो वह देखती है की वेदांशी के होठो के कोने पर थोड़ा सा कट का निशान है और उसके गाल सुजे हुए थे।"
श्रेया ने गुस्से से बोला " आंटी ने फिर तुझे मारा "?
वेदांशी सर नीचे करते हुए कहती है " स्कूल चले लेट हो जायेगा "?
श्रेया गुस्से से कहती है '" होता है तो हो जाये लेकिन मुझे समझ नहीं आता वो तेरी सगी माँ है फिर तेरे साथ वह क्यों ऐसा करती है और किसी ने तुझे बर्थडे विश भी नहीं किया होगा। "
वेदांशी मुस्करा देती है, उसकी मुस्कान श्रेया को गुस्सा दिलाने लगती है, वह अपने हाथ मे पकडे एक गिफ्ट को उसे देते हुए कहती है " वेदु तू दुनिया के सामने झांसी की रानी हो जाती है फिर उनके सामने क्यों नहीं खड़ी होती तू 17 साल की उम्र से उन सब के लिए काम किये जा रही है और वो तीनो तो तेरे अपने भी नहीं है सोतेले भाई बहन है। "
छोड़ ना ये सब बातें इसमें क्या है बोल " वेदांशी की आँखो मे चमक आ जाती है उस पैकेट को देख के क्युकी एक श्रेया ही थी जिसे उसका बर्थडे याद होता था और वह उसके लिए गिफ्ट लाती थी।
श्रेया उस पैकेट को उसके हाथ मे देते हुए कहती है " लो "
और उसे scooty पर बैठने को बोलती है क्युकी उन्हें स्कूल मे जाने के लिए लेट हो रहा था,वेदांशी की माँ ने दूसरी शादी की थी जिनसे उन्हें ओज, रक्षा और तृषा हुए, ज़ब वेदांशी 17 साल की हुई तो उसके सोतेले पिता की डेथ हो गयी, उस समय वह स्कूल मे थी, और बहुत bright student होने की वजह से वह बच्चों को tuition देने लगी उसके बाद उसी स्कूल मे वह जॉब करने लगी और अपनी आगे की पढ़ाई वह private की, स्कूल उसकी दोस्त श्रेया के पापा का था तो उन्होंने वेदांशी की बहुत मदद की।
कैसा लगा वेदांशी से मिल के, क्या कभी उसकी ज़िन्दगी बदले गी? जानने के लिए हमारे साथ बने रहे........

दोस्तों मेरा नाम शबनम है मैं आपको बात उन दिनों की बताने जा रही हूं जब मैं और मेरे भाई घर में अकेले रहा करते थे मेरा भाई ...
30/07/2025

दोस्तों मेरा नाम शबनम है मैं आपको बात उन दिनों की बताने जा रही हूं जब मैं और मेरे भाई घर में अकेले रहा करते थे मेरा भाई जान मुझसे बहुत मोहब्बत करता था मेरा हर काम मानता था मुझसे जो कुछ भी कहती थी जो कुछ भी मांगती थी वह सब लाकर मुझे तुरंत दे देता था हम दोनों के बीच में कभी कोई बात छुपी नहीं थी वह अपनी गर्लफ्रेंड के बारे में अक्सर मुझे बताया करता था जब कभी उसकी गर्लफ्रेंड से लड़ाई हो जाती थी तो वह बात मुझे बताता था एक बार तो उसने यह भी बताया कि वह अपनी गर्लफ्रेंड से किस मांग रहा था और उसकी गर्लफ्रेंड ने साफ-साफ इनकार कर दिया जिसके बाद से दोनों का ब्रेकअप भी हो गया उसके कोई मैं बीतने के बाद में जब हम लोग एक दिन अकेले रहने लगे क्योंकि हमारे मम्मी पापा को किसी काम से विदेश जाना पड़ा मेरे दो बड़े भाई और है जो की विदेश में ज्यादा चाहिए उनसे मिलने मां पापा विदेश गए थे तो उसे टाइम में और मेरा भाई अफजल हम दो जने ही घर में थे अफसर पूरे दिन यहां वहां घूमता भटकता रहता था और मैं घर बैठकर अपना घर का सारा काम करती थी खाना बना दी थी वह आता घर में खाना खाता और फिर अपने दोस्तों के साथ मस्ती इंजॉय करने निकल जाता था एक दिन मैंने उससे पूछा तेरे जो गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप हुई उसके बाद कोई दूसरी पढ़ाई की नहीं उसने कहा यार कोई दूसरी भाभी नहीं देती है लड़की बहुत नखरे वाली हो गई है और खर्च भी इतनी करवाती है कि उसने खर्चे में कहां से लाऊंगा मैं कमाता थोड़ी हूं मतलब पापा मम्मी के खर्चे पर ही पालता हूं उसी में से थोड़ा खर्च कर देता हूं लोगों पर लेकिन उसके बाद दो लड़की फटी हुई थी लेकिन वह उन दोनों को मैं ज्यादा खर्चा नहीं कर पाया इसलिए वह मुझे छोड़कर चली गई दोस्तों वैसे तो मेरा भी बॉयफ्रेंड था जो कि मुझे बहुत खर्च करता था लेकिन मैं अपने भाईजान को इसके बारे में नहीं बताया क्योंकि मुझे डर था कहीं उसने बता दिया तो मेरे लिए कुछ दिक्कत ना हो जाए मैं बोली तो और कोई दूसरी पटाने का इरादा है या नहीं तो उसने कहा यार अगर तेरी कोई सहेली है तो उसका ही नंबर दे दे उससे मेरी सेटिंग करवा दे वैसे मेरे पास सहेलियां तो बहुत थी लेकिन सभी के सभी लालची थी पैसों की भूखी थी मैंने यह बात मेरे भाई जान से भी चाहिए की कमी तो नहीं है और तेरे साथ हमेशा रहेगी भी तुझे खुश भी रखेंगी लेकिन उसके लिए खर्च करने पड़ेंगे यार हम लड़कियां लड़की पटाते ही है इसलिए ताकि हमारे खर्च उठा सके नहीं तो हमें तो हमारे एमी अब वह भी खर्च के लिए पैसे नहीं देते हैं मेरी बातें सुनकर के मेरे भाईजान ने आचार्य मुझे एक ऐसी बात करनी कि मैं सुन के दंग रह गई उसने मुझसे कहा यार एक काम करना तू मेरी गर्लफ्रेंड बन जा मैं बोली पागल हूं क्या भाई जान भला हम दोनों गर्लफ्रेंड कैसे बन सकते हैं तो उसने कहां क्यों तुम्हें दोस्त नहीं है क्या मैं भी यहां दोस्त हूं तो फिर तू लड़की है और मेरी दोस्त भी है तो सीधी सी बात है तुम्हारी गर्लफ्रेंड हो गई जब तू मेरी गर्लफ्रेंड है तो जैसे करने में क्या दिक्कत है ऐसा नहीं होता है फिर अफसर ने मुझसे कहा इसका मतलब तेरा कोई बॉयफ्रेंड है तभी तो मुझे अपना बॉयफ्रेंड नहीं बनना चाहती है है ना मैं भी नहीं यार ऐसा कुछ नहीं है तू जा अभी सो जा अब यह सब बातें करने का मेरा मूड नहीं है मैंने आपसे कुछ समझ करके सुला दिया और अगले ही दिन मेरा जन्मदिन था जो कि मेरे भाईजान को याद नहीं था लेकिन मेरे बॉयफ्रेंड को अच्छे से आता है और मैं भी नहीं चाहती थी कि मैं भजन को याद रहे कि मेरा बर्थडे है कल ताकि मैं किसी बहाने से घर से निकाल करके अपने बॉयफ्रेंड के साथ जाकर के अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर सकूं इंजॉय कर सकूं सुबह उठते ही मैंने अपने भजन से कहा भाई जान देखो आज मेरी सहेली के वहां एक फंक्शन है तो मैं शाम को उसके पास जाऊंगी और आपको नहीं सो जाऊंगी तो प्लीज आप अकेले सो जाना और अमिया को इसके बारे में मत बताना नहीं तो वह गुस्सा करेंगे भजन का ठीक है लेकिन रात तक आप मेरा खाना तो बना कर जाएगी ना मैं अभी हां शाम को मैं खाना बना करके फिर जाऊंगी

21/07/2025
16/07/2025

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04/07/2025

Suvichar || Emotional kahani || New Emotional Story - Text Story - Moral Story || Text Kahaniyan




21/06/2025

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11/12/2023

“हौसले बुलंद कर रास्तों पर चल दे.. तुझे तेरा मुकाम मिल जाएगा, बढ़कर अकेला तू पहल कर देखकर तुझको.. काफिला खुद बन जाएगा।”

10/12/2023

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