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जयपुर 24 अगस्त 2025    अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा के तत्वावधान में आगामी राष्ट्रीय जनगणना से पूर्व ओबीसी की अलग स...
25/08/2025

जयपुर 24 अगस्त 2025
अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा के तत्वावधान में आगामी राष्ट्रीय जनगणना से पूर्व ओबीसी की अलग से जनगणना हेतु जाति आधारित जनगणना की मांग के साथ ही ओबीसी से क्रिमिलेयर को हटाने की मांग उठायी गयी।
महासभा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र रावणा ने बताया कि, ब्रिटिश शासन के दौरान 1872 से लेकर 1931 तक नियमित रूप से जाति आधारित जनगणना की जाती थी। साल 1947 में देश आजाद हुआ और भारत सरकार ने नीतिगत रूप से अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के अलावा अन्य जातियों की जनगणना नहीं की। हालांकि, आखिरी बार सरकार द्वारा 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (Socio-Economic and Caste Census - SECC) कराई थी जिसे पुर्ण रूप से गोपनीय रखें और इस जनगणना में जाति को लेकर लिए गए आंकड़े पूरी तरह जारी नहीं हुए। इसके बाद जाति आधारित जनगणना को लेकर मोदी सरकार में 2018 में लोकसभा व राज्यसभा में विधेयक भी पास हो चुके है।
रावणा ने बताया कि राष्ट्रीय जनगणना विभाग का जाति आधारित जनगणना को लेकर स्पष्ट निर्णय नहीं आया है। इसलिए रावणा राजपूत महासभा केन्द्र सरकार के माध्यम से जानना चाहती है कि जिस प्रकार भारतीय संविधान में समता के अधिकारों की परिधि में अनुच्छेद 14, 15 व 16 से पिछड़े वर्गों के ही दूसरे भाग अनुसूचित जाति / जनजाति की भांति ओबीसी में भी आबादी के अनुपात में आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। दूसरी तरफ आरक्षण के लिए मुख्य आधार सामाजिक व शेक्षणिक पिछड़ी जातियां है तो फिर उसके लिए क्रिमिलेयर के रूप में आर्थिक आधार का प्रावधान क्यों है? जबकि संविधान से परे जाकर राजनैतिक दबाव में आकर संविधान (103वाँ संशोधन) अधिनियम, 2019 से आरक्षण की अनुमति देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करते हुवे EWS के नाम से आर्थिक आधार पर सामान्य जातियों को अलग से बगैर किसी आधार के 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान कर दिया गया दूसरी तरफ घूमन्तु जातियों को SBC के नाम पर 5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान कर दिया अब बची शेष अति पिछडी जातियों को ओबीसी में संपन्न जातियों के साथ छोड़ दिया जो सामाजिक न्याय के विरुद्ध है, इसलिए हमारी महासभा चाहती है कि, भारतीय संविधान में अनुच्छेद 340 का विस्तार एवं संशोधन करते हुवे नीतिगत रूप से पिछड़े वर्गों के शेक्षणिक एवं सामाजिक उत्थान हेतु उनकी आबादी के हिसाब से क्रिमिलियर रहित अलग से आरक्षण का प्रावधान किया जावे।
महासभा के संस्थापक जसवंत सिंह सोलंकी ने बताया कि जातिगत जनगणना से कमजोर वर्गों के लिए -
सामाजिक और आर्थिक असमानताओं का आकलन किया जा सकता है जिससे जातिगत जनगणना का मुख्य उद्देश्य विभिन्न जाति समूहों के बीच शिक्षा, रोजगार, आय और संपत्ति के वितरण में मौजूद असमानताओं का सटीक आकलन करना और अन्तरजातिय विवाह से सामाजिक समन्वय का अंकलन करना है।
लक्षित नीतियों का निर्माण किया जा सकता है जिससे जाति जनगणना से मिले डाटा से सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए नीतियों को बनाने में मदद मिलेगी।
संसाधनों का उचित आवंटन किया जा सकता है जिससे उन क्षेत्रों में ध्यान देने में मदद मिलेगी, जहां संसाधनों की आवश्यकता है।
पिछड़े वर्गों की जनसंख्या के रूप में पहचान की जा सकती है जिससे सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिससे उनके लिए बेहतर नीतियां बनाई जा सके।
अनुसंधान के लिए डाटाबेस तैयार होगा जिससे शिक्षाविदों और विशेषज्ञों को विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान करने के लिए मदद मिलेगी।
पिंकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र रावणा, युवा प्रदेश अध्यक्ष शंकर सिंह भाटी सहित जगदीश जी पंवार, राजबहादुर सिंह, रामनिवास पालवास, विजेन्द्र सिंह शेखावत, मुकेश सिंह जोधा, प्रताप सिंह, लोकेश पंवार, गुजरात से - मदन सिंह, पाली से राजबाला कँवर जयपुर ग्रामीण से - महावीर सिंह सिंघावत, उमराव सिंह मोरडा, मोहन सिंह चौहान, सांगानेर, चेन सिंह सिसोदिया,अजमेर से - श्रीमती विभा सिंह राठौड़, राजवीर मझेवला, प्रहलाद सिंह, विजेन्द्र सिंह भाटी, बांसवाड़ा से - नरेन्द्र सिंह चावड़ा, भीलवाड़ा से - विजय सिंह जी पंवार, हिम्मत सिंह सोलंकी, शंकर सिंह सिसोदिया, रतन सिंह जादू, महावीर सिंह देवड़ा, जोधपुर से - श्रीमती रामलीलावती भाटी, शंकर सिंह भाटी, श्रीमती रासमणी चौहान, नागौर से - मनोहर सिंह, सवाई माधोपुर से - राधेश्याम गहलोत, गोरधन सिंह कितावत, मोहन सिंह नाथावत, शिवराज सिंह तंवर, लड्डू सिंह राजावत, धन सिंह शेखावत, टोंक से - सुमेर सिंह जी, निवाई, राम सिंह राजावत, उदयपुर से - ओम प्रकाश सोलंकी ने रावणा राजपूत समाज से अपील करते हुवे कहा कि आगामी राष्ट्रीय जनगणना में अपनी जाति रावणा राजपूत बताये और वर्ग के कॉलम में ओबीसी लिखवाये। प्रदेश भर से 100 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने विभिन्न जिलों से भाग लिया। सभी प्रतिनिधियों ने ई मेल के जरिये भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को 2 अलग अलग जाति आधारित जनगणना एवं क्रिमिलेयर हटाने के लिए ज्ञापन प्रेषित किए।

18/04/2024

कांग्रेस लाएं, देश बचाएं,
तानाशाही से मुक्ति पाएं।

यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी न्याय-पत्र 2024 है, जिसमें ओबीसी, अनुसूचित जाति/ जनजाति के हक अधिकारों क...
18/04/2024

यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी न्याय-पत्र 2024 है, जिसमें ओबीसी, अनुसूचित जाति/ जनजाति के हक अधिकारों को संविधान सम्मत मानते हुवे, पिछले वर्ष 22 अगस्त 2023 को उच्चतम न्यायालय के राजकीय भर्तियों में आरक्षण सम्बन्धी कैप सिस्टम फैसले को सामाजिक न्याय के विरुद्ध मानते हुवे, केन्द्र सरकार में कांग्रेस राज आने पर संसद में बहुमत के साथ हटाने की बात कही है।

राजकीय भर्तियों में क्या है कैप सिस्टम ?
पिछले वर्ष 20 अगस्त 2023 को उच्चतम न्यायालय के राजकीय भर्तियों में आरक्षण सम्बन्धी कैप सिस्टम फैसले में 50% आरक्षित वर्ग को 50% आरक्षण के दायरे की भर्ती में ही समाहित रहने को कहा है। शेष 50% में उनके लिए है जो आरक्षण के दायरे में नहीं आ रहे है।
जबकि केन्द्रीय स्तर पर आरक्षण मामलों पर अन्तिम निर्णय हेतु भारतीय संविधान सम्मत ओबीसी, अनुसूची जाति/जनजाति के आयोग बने हुवे है, लेकिन किसी भी आयोग के अध्यक्ष या पूर्ण बहुमत की बीजेपी सरकार ने कुछ नहीं बोला है।

क्या आप में से किसी ने कुछ बोला क्या???
तानाशाही शासन में ऐसे ही होता है। नियम क़ानून कायदे ताक में रख कर देश को चलाया जाता है, पिछले 10 साल से देश राम-भरोसे चल रहा है।
*19 अप्रैल 2024 को अपना मत "न्याय के लिए करें, कांग्रेस के लिए करें।"*
सविधान बचाएँ, लोकतंत्र बचाएँ,
मोदी-शाह को भगाये, देश बचाएँ।

यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी न्याय-पत्र 2024 है, जिसमें आशा सहयोगिनी एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अला...
18/04/2024

यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी न्याय-पत्र 2024 है, जिसमें आशा सहयोगिनी एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के अलावा सभी मानदेय कर्मियों के लिए कहा गया है।

राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने अपने अन्तिम बजट में सभी मानदेय कर्मियों के लिए प्रति वर्ष 15% मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया था, बीजेपी सरकार ने इसे पुनः 10% किया।

क्या आप में से किसी ने कुछ बोला क्या???

तानाशाही शासन में ऐसे ही होता है। नियम क़ानून कायदे ताक में रख कर देश को चलाया जाता है, पिछले 10 साल से देश राम-भरोसे चल रहा है।

*19 अप्रैल 2024 को अपना मत "न्याय के लिए करें, कांग्रेस के लिए करें।"*

सविधान बचाएँ, लोकतंत्र बचाएँ,
मोदी-शाह को भगाये, देश बचाएँ।

15 अप्रैल 2024     (सर्वे के आधार पर)     राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 के चलते एक दम से वोटर्स साइलेंट हो गया है। पार्...
15/04/2024

15 अप्रैल 2024
(सर्वे के आधार पर)
राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2024 के चलते एक दम से वोटर्स साइलेंट हो गया है। पार्टी विशेष से जुड़े वोटर्स भी साइलेंट मजबूती से कार्य कर रहे है लेकिन एक बड़ा परिवर्तन इस बार बीजेपी के परम्परागात वोट बैंक में देखने को मिल रहा है वो है राजपूत वोट का जो बीजेपी के विरुद्ध मजबूती से करवट ले रहा है।
22 अगस्त 2023 को उच्चतम न्यायलय के आरक्षण को वर्ग विशेष के कोटे में सिमित करने के फैसले पर केन्द्र सरकार की चुपी पर दलित व पिछड़े वर्ग को बीजेपी की कार्यशेली पर आरक्षण विरोधी होने का पूर्ण सन्देह हो चूका है। इन वर्गों के शिक्षित लोगों में "संविधान बचाओ अभियान" जोर पकड़ चूका है।
बीजेपी के 400 पार के नारे और उस पर ब्राह्मण समाज का यह प्रचार कि हम आरक्षण को ही ख़त्म करवा देंगे। डॉ भीमराव अम्बेडकर के संविधान को बदलकर रख देंगे जैसे गुप्त प्रचार ने दलित और पिछड़ों को तो जगा दिया साथ ही साथ अल्पसंख्यक को भी जागरूक कर दिया है।
लगभग 10% जाट समाज के वोट बैंक को पूर्व गवर्नर और जाट समाज के राष्ट्रीय नेता रहे सत्यपाल मालिक मोदी के विरुद्ध खुल कर जागरूक कर चुके है।
ओबीसी से जुड़े लगभग 6 प्रतिशत रावणा राजपूत जिनका 70 फिसदी वोट बीजेपी की तरफ जाता है इस बार लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस की तरफ जायेगा।
अनुसूचित जाति व जनजाति में पिछले कुछ अरसे से धर्म के नाम पर बीजेपी शेंद मार चुकी थी लेकिन दलितों के लिए गुलाम भारत में डॉ भीमराव अम्बेडकर से बढ़कर कोई नहीं जिन्होंने संविधान के जरिये लोकतंत्र में दलितों को उनके हक-अधिकार दिलवाये।
देश में 400 पार के नारे ने वोटर्स को शांत कर दिया है, इस बार यह नारा और इस नारे के पीछे छुपे षड़यंत्र को जनता समझ रही है।
देश में विकास के नाम पार ख़त्म हो रहे सरकारी संसाधनों से निजीकरण की तरफ बढ़ देश में बड़े पूँजीपति देश की आर्थिक नीति तय करने लगे है, अदृश्य भ्रष्टाचार के अलावा इलेक्ट्रोल बॉन्ड ने बीजेपी को जनता के सामने चौपट कर दिया है।
ED और CBI के डर से कांग्रेस से बीजेपी में जा रहे नेताओं से बीजेपी व संघ के कार्यकर्त्ता अपने आप को असुरक्षित समझ रहे है।
बड़े बड़े उद्योगपति अचानक से बीजेपी की तरफ भाग रहे जिससे जनता को यह समझ आ रहा है कि देश एक बार फिर आर्थिक गुलामी की और अग्रसर है इस बार "ईस्ट इण्डिया कंपनी" में भारत के ही सत्ता के भूखे प्रभावशाली लोग है जो देश के लोकतंत्र को ख़त्म करने की और अग्रसर है।
देश के वर्तमान बिगड़ते आर्थिक हालातों को देखते हुवे अब केन्द्र में मजबूत गठबंधन की सरकार चाहिए जो किसी एक पार्टी की नीतियों से न चले। जबकि पिछले 10 वर्षों में मोदी-शाह की नीति ने गुजरात में संघ और बीजेपी को जिस तरीके चलाया है वही तरीका पुरे देश में काम कर गया तो यह संगठन भी किसी एक जाति विशेष के हवाले हो जायेंगे।
इस बार साइलेंट मतदान कई भरम तोड़ देगा। मोदी शाह विरुद्ध माहौल देश की दशा व दिशा तय करेगा।

20 अगस्त 2023 के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद, इस एक पक्षीय 50% सवर्ण आरक्षण का कोई तोड़ नहीं है। इस पर संसद में ही नि...
08/04/2024

20 अगस्त 2023 के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद, इस एक पक्षीय 50% सवर्ण आरक्षण का कोई तोड़ नहीं है। इस पर संसद में ही निर्णय हो सकता है।
आरक्षण जिनके लिए जरूरी था, अब उनको मिलना असम्भव है।

उत्तराखंड दैनिक समाचार:ब्योरो अब जनरल (GEN) केटेगरी मे कोई भी अन्य वर्ग का (OBC-SC-ST) अब नौकरी या कॉलेज मे apply नही कर सकता... मतल...

हरियाणा से जाट समाज के नेता और विचारक सत्यपाल जी मलिक जो बीजेपी से जुड़कर गवर्नर रह चुके है। पुलवामा अटैक के बाद यह मोदी...
08/04/2024

हरियाणा से जाट समाज के नेता और विचारक सत्यपाल जी मलिक जो बीजेपी से जुड़कर गवर्नर रह चुके है। पुलवामा अटैक के बाद यह मोदी-शाह की जुगल जोड़ी के विरुद्ध खुलकर राजनैतिक कैंपनिंग चला रहे हैं जिसमें हैरान कर देने वाले मुद्दों पर बोल रहे है।
अब तक लाखों की तादाद में राजस्थान के जाट समाज को प्रभावित कर चुके मलिक का कहना है कि जाति और धर्म से ऊपर उठ कर बीजेपी के विरूद्ध वोट करें अन्यथा अगली बार वोट देने का मौका भी नहीं मिलेगा अर्थात लोकतन्त्र खतरे में है, भारत का संविधान खतरे में है, देश की अर्थव्यवस्था डगमगा चुकी है मंहगाई कंट्रोल में नहीं रही। जिस प्रकार से देश को ED और CBI जैसी सरकारी एजेंसी का उपयोग देखने को मिल रहा है, चंदे के लिए इलेक्ट्रोल बॉन्ड के नाम पर राजनैतिक पार्टियों के लिए खुलेआम वसूली देश को एक तानाशाही शासन की ओर खींच रही है जो स्वस्थ लोकतन्त्र के लिए ठिक नहीं है।

07/04/2024

भाजपा भ्रम है, पूरा भरोसा रखें, एक विश्लेषण -

कृपया सुनिश्चित करें कि आप बाहर निकलें और मतदान करें!! 29 में से सिर्फ़ 6 राज्यों में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत प्राप्त है।दूसरी ओर बीजेपी को -
सिक्किम में 0 सीटें
मिज़ोरम में 0 सीटें
तमिलनाडु में 0 सीटें
आँध्र प्रदेश में बीजेपी को 175 में से 4 सीटें
केरल में 140 में से 1 सीट
पंजाब में 117 में से 3 सीटें
बंगाल में 294 में से 74 सीटें
तेलंगाना में 119 में से 5 सीटें
दिल्ली में 70 में से 8 सीटें
ओडिशा में 147 में से 10 सीटें
नागालैंड की 60 में से सिर्फ़ 12 सीटें
बिहार में 243 में से 74 सीटें मिलीं

जिन राज्यों में बीजेपी की गठबंधन सरकार है, वहाँ बीजेपी की सीटों की स्थिति -
मेघालय में 60 में से 2 सीटें
जम्मू-कश्मीर में 87 में से 25 सीटें
गोवा की 40 में से 13 सीटें
देशभर की कुल 4,139 सीटों में से बीजेपी के पास 1,516 सीटें हैं, जिनमें से 950 सीटें
गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, यूपी, एमपी, राजस्थान जैसे 6 राज्यों से हैं मतलब साफ़ है..... बीजेपी के साथ कोई लहर या तूफ़ान नहीं है, आज भी बीजेपी देश में 66 प्रतिशत सीटें हार चुकी है।

कोई भी बड़ा व्यावसायिक मीडिया चैनल इस सच्चाई को नहीं बताएगा, इसलिए इस सच्चाई को अधिक से अधिक स्थानों पर भेजने का निर्णय लें ताकि लोगों को सच्चाई पता चले।

"उनके पास इलेक्टोरल बॉन्ड की ताकत है, हमारे पास देशवासियों से मिला योगदान", ट्वीट कर राहुल गांधी ने भाजपा पर साधा निशाना...
07/04/2024

"उनके पास इलेक्टोरल बॉन्ड की ताकत है, हमारे पास देशवासियों से मिला योगदान",

ट्वीट कर राहुल गांधी ने भाजपा पर साधा निशाना

पढ़ें पूरी ख़बर : https://intdy.in/za3bvi

| Rahul Gandhi

जयपुर 2 अप्रैल 2024     लोकसभा चुनाव 2024 के चलते क्षत्रिय समाज ने भाजपा के विरुद्ध जारी किया एक 12 सूत्री सन्देश और लिख...
03/04/2024

जयपुर 2 अप्रैल 2024
लोकसभा चुनाव 2024 के चलते क्षत्रिय समाज ने भाजपा के विरुद्ध जारी किया एक 12 सूत्री सन्देश और लिखा भाजपा राजपूत विरोधी, भाजपा का बायकॉट हो।

जयपुर 31 मार्च 2024     ओबीसी महापंचायत एवं अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जयपुर शहर लोकस...
03/04/2024

जयपुर 31 मार्च 2024
ओबीसी महापंचायत एवं अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जयपुर शहर लोकसभा चुनाव से कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास को रावणा राजपूत समाज सहित अन्य पांच समाज संगठनों द्वारा समर्थन दिया गया।
ओबीसी समाज से जुड़े संगठनों का मानना है कि जिस प्रकार से केन्द्र सरकार देश में ED व CBI का उपयोग कर रही है उससे प्रतीत होता है कि तानाशाही शासन चल रहा है और साथ साथ पूंजीवादी असंतुलित अर्थव्यवस्था के कारण देश में बढ़ रही महंगाई और बेरोजगारी चरम सीमा पर है।
समर्थन देने वाले प्रमुख समाज पदाधिकारी रावणा राजपूत महासभा के संस्थापक जसवंत सिंह सोलंकी, स्वर्णकार समाज के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चंद कड़ेल व सत्य नारायण सोनी, नाथ समाज के प्रदेश अध्यक्ष डॉ ओ पी योगी, बुनकर समाज के प्रदेश अध्यक्ष भगीरथ मल खंडेलवाल, कुरैशी समाज से एडवोकेट अलिमुदीन, मंसूरी समाज के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल लतीफ आरको सहित प्रमुख समाज सेवी थे, जिन्होने इस लोकसभा चुनाव में लोकतंत्र को बचाने का सकल्प लिया एवं पुरजोर तरीके से समर्थन देने की घोषणा की क्योंकि संविधान खतरे में है।

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Jaipur
302006

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