10/08/2025
राष्ट्रोत्थान ग्रंथ – एक परिचय
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह शताब्दी वर्ष है। संघ की शताब्दी यात्रा में कई महत्वपूर्ण पड़ाव आए हैं। अनेक संघर्षों और आव्हानों का सामना कर संघ ने यहां तक की यात्रा की है। अपने कार्यों और विचारों के माध्यम से संघ समाज में हिंदुत्व की भावना को गहराई से स्थापित करने सफल रहा है। संघ शताब्दी के अवसर पर सामाजिक परिवर्तन के लिए संघ पांच सूत्र प्रस्तुत कर रहा है। सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, नागरिक कर्तव्य और स्व- जागरण परिवर्तन। हिन्दुस्तान प्रकाशन संस्था के विवेक साप्ताहिक की ओर से प्रस्तुत यह विशेष संकलन ग्रंथ, राष्ट्रोत्थान, इन्हीं राष्ट्रीय विचार और उसकी अभिव्यक्ति का एक दस्तावेज है। इस अक्षर यज्ञ में संघ के सर संघ चालक माननीय डॉ. मोहनजी भागवत, दत्तात्रय जी होसबले, भैयाजी (सुरेश) जोशी व संघ और इस विचार से जुड़े विचारकों से बातचीत और आलेख सम्मिलित हैं। इस पुस्तक में सज्जनशक्ति का जागरण, एकत्रिकरण, पंचसूत्री सभी के लिए-जग के लिए, विकास की अवधारणा, स्वतंत्रता आंदोलन में संघ और उसकी यात्रा, भारतीय मजदूर संघ की यात्रा और श्रम का भारतीय विचार, वनवासी कल्याण आश्रम के कार्य उनकी चुनौतियां, विश्व हिन्दू परिषद और समाज संगठन में योगदान, संघ व तकनीक,वैचारिक उपनिवेशवाद के साथ मुकाबले जैसे विषयों पर आलेख हैं जो संघ और उसके विविध संगठनों के कार्य- विचार के संदर्भ में परिचयात्मक अनुभूति करवाते हैं।
पुस्तक में 8 विभाग - चिंतन, विचार, समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, नागरी कर्तव्य, स्व जागृति और अग्रणी हैं। इनमें से पांच विभागों में संघ के पंच परिवर्तन के विषयों के संदर्भ में दृष्टिबोध करवाते विभिन्न आलेख सम्मिलित हैं। जिनमें ऐतिहासिक, समसामयिक और भविष्य की दृष्टि का विश्लेषण है। पुस्तक के अन्तिम और आठवें विभाग अग्रणी में समाज की संरचना में सामाजिक सुधार, स्वदेशी, पर्यावरण, राष्ट्रीय कर्तव्य, कुटुंब व्यवस्था जैसे विषयों में अपनी अपनी भूमिका अनुसार योगदान करने वाले चुनिंदा महापुरुषों के विचार- उनका परिचय दिया गया है। इनमें लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, स्वातंत्रय वीर सावरकर, महात्मा फुले, संत गाडगे बाबा, तुकडोजी महाराज, पंजाबराव देशमुख, श्रीपाद महादेव माटे, राजर्षी शाहू महाराज, स्वामी विवेकानंद, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, श्री नारायण गुरू, रवींद्रनाथ टैगोर, महर्षी धोंडो केशव कर्वे, ठक्कर बापा, डॉ. श्रीधर नातू, कन्हैयाला मुंशी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, आचार्य विनोबा भावे, भगिनी निवेदिता, सावित्री बाई फुले, मावशी केलकर, डॉ. विलास राव सालुंखे, सयाजीराव गायकवाड, दत्तोपंत ठेंगडी, मोरोपंत पिंगले, दामूअण्णा दाते, भैय्याजी काणे, अनिल माधव दवे, अटल बिहारी वाजपेयी, मधुकरराव लिमये, नाना ढोबळे, सदाशिव कात्रे, हुतात्म बाबू गेनू, अब्दुल कलाम जैसी महान विभूतियां शामिल हैं। यह पुस्तक कुल 402 पृष्ठों में हैं।