Pathey Kan

Pathey Kan ।।ॐ संभूत्या अमृतमश्नुते ।।

पथ प्रदर्शक युवा सन्यासी: स्वामी विवेकानंदस्वामी विवेकानंद एक ऐसे युवा संन्यासी थे, जिन्होंने भारतीय संस्कृति, ज्ञान और ...
12/01/2025

पथ प्रदर्शक युवा सन्यासी: स्वामी विवेकानंद

स्वामी विवेकानंद एक ऐसे युवा संन्यासी थे, जिन्होंने भारतीय संस्कृति, ज्ञान और धर्म का परचम पूरे विश्व में लहराया। 11 सितंबर 1893 को शिकागो में उनके ऐतिहासिक उद्बोधन ने भारत को गौरवान्वित किया। उन्होंने कहा, "त्याग और सेवा ही भारत के राष्ट्रीय आदर्श हैं। दरिद्र, मूर्ख और दुःखी को अपना ईश्वर मानो और उनकी सेवा को अपना धर्म समझो।"

विवेकानंद ने युवाओं को चरित्र, इच्छाशक्ति और साहस से परिपूर्ण बनने का संदेश दिया। उनका मानना था कि सशक्त युवा ही राष्ट्र निर्माण का आधार हैं। उन्होंने कहा, "हमें लोहे की नसें, फौलाद के स्नायु और वज्र के समान मन चाहिए।"

आज 21वीं सदी में, हमें उनके आदर्शों को आत्मसात करते हुए त्याग, सेवा और नवाचार से राष्ट्र को सशक्त करना होगा। राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ जब हम आगे बढ़ेंगे, तभी भारत विश्व गुरु के पद पर आरूढ़ होगा।

~ कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल

23/12/2024



23 दिसंबर स्वामी श्रद्धानंद बलिदान दिवस

 #गोवा_मुक्ति_दिवस
19/12/2024

#गोवा_मुक्ति_दिवस

भारत के विकास के लिए समाज के सभी वर्गों का सशक्तिकरण आवश्यक – डॉ. मोहन भागवतखराड़ी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक...
17/12/2024

भारत के विकास के लिए समाज के सभी वर्गों का सशक्तिकरण आवश्यक – डॉ. मोहन भागवत

खराड़ी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि देश का विकास केवल सेवा तक सीमित नहीं है, बल्कि सेवा के माध्यम से नागरिकों को विकासक्षम बनाना आवश्यक है।

'भारत विकास परिषद विकलांग केंद्र' के रजत जयंती समारोह में 1200 दिव्यांगजनों के लिए कृत्रिम हाथ-पैर स्थापित करने हेतु नि:शुल्क शिविर आयोजित हुआ। कार्यक्रम में पैरालिंपिक विजेताओं और समाजसेवियों को सम्मानित किया गया।

"सेवा करने की प्रवृत्ति सेवितों में भी उत्पन्न होती है, जो समाज में स्थायी विश्वास पैदा करती है।"

मार्च 2025 तक 1200 कृत्रिम पैर लगाने का लक्ष्य तय किया गया है।

यह भयंकर है। खतरनाक है। ये लोग अपने भारत को सीरिया और बांग्लादेश बनाने पर तुले हैं। जरा स्मरण कीजिए, बांग्लादेश की घटना ...
16/12/2024

यह भयंकर है। खतरनाक है। ये लोग अपने भारत को सीरिया और बांग्लादेश बनाने पर तुले हैं। जरा स्मरण कीजिए, बांग्लादेश की घटना का। सोमवार, 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में पांच लाख लोगों का जुनूनी मार्च, टिड्डी दल के हमले जैसा, ढाका के शाहबाग चौक में आ धमका और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ढाका छोडकर भाग गईं। उनके पीछे छूटा बांग्लादेश, पूर्णतः अराजकता की लहर में डूबा हुआ था। किसी का, किसी पर नियंत्रण नहीं, केवल अराजकता, हिंसा, अनार्की, छूट, गुंडागर्दी, हिन्दुओं की दर्दनाक हत्याएं..!

पूरे विश्व को हिलाकर रख देने वाली इस घटना के तुरंत बाद, दूसरे दिन मंगलवार 6 अगस्त को, काँग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद आलम, 'शिकवा-ए-हिंद : द पॉलिटिकल फ्यूचर ऑफ इंडियन मुस्लिम्स' पुस्तक का लोकार्पण करते हैं। इस कार्यक्रम में वे, ढाका के शाहबाग आंदोलन की तुलना, वर्ष 2020 के शाहीनबाग आंदोलन से करते हैं। वे कहते हैं, "बांग्लादेश जैसा हिंसा से भरपूर आंदोलन, भारत में भी हो सकता है। वैसी परिस्थितियां तैयार हो रही हैं।"

एक भी माई का लाल काँग्रेस में नही है, जो खुर्शीद आलम के इस वक्तव्य का विरोध करता हो।

दूसरे दिन, 7 अगस्त को, खुर्शीद आलम पुनः दोहराते हैं, "बांग्लादेश जैसी घटनाएं भारत में भी हो सकती हैं।"

इसका अर्थ स्पष्ट है। नीयत साफ है। इरादा भी साफ है। वे भारत को बांग्लादेश जैसी अराजक परिस्थिति में ढकेलना चाहते हैं।

बस, इसी शृंखला को आगे बढ़ा रहे हैं, उबाठा (उद्धव ठाकरे) शिवसेना के विश्व प्रवक्ता संजय राऊत।'द वायर' को दिये गए साक्षात्कार में उन्होंने बड़े साफ शब्दों में कहा, कि "भारत में भी सीरिया जैसी परिस्थिति निर्मित होगी। सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद-अल-बशर तो भाग गए...।"

ये लोग क्या चाहते हैं..?

स्पष्ट है, ये भारत में अराजकता फैलाना चाहते हैं। इन्हें कोई मतलब नहीं, देश ठीक चले या नहीं। इनका इरादा साफ है। सामान्य प्रक्रिया से तो इनको सत्ता मिलने से रही। जनता ने बुरी तरह से लताड़ा है। इसलिये ये इंडी गठबंधन के नेता, भारत में अराजकता / अनार्की का निर्माण कर, उस रास्ते सत्ता हथियाना चाहते हैं।

इनके इरादे खतरनाक हैं। बहुत खतरनाक ..!

10/12/2024

बांग्लादेश में हिन्दुओ पर हो रहे अत्याचारो के विरोध में धारवाड़ शहर में विशाल मशाल मोर्चा निकाला गया।

07/12/2024

बाबा साहब आम्‍बेडकर ने संविधान में स्‍वतंत्रता, समानता, बंधुता और न्‍याय की बात की - दत्तात्रेय होसबाले, सरकार्यवाह, राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ

J&K: अब घर बैठे बुक करें श्रीनगर की डल झील में शिकारा उबर ने भारत की पहली जल परिवहन सेवा शुरु की।
04/12/2024

J&K: अब घर बैठे बुक करें श्रीनगर की डल झील में शिकारा उबर ने भारत की पहली जल परिवहन सेवा शुरु की।

बांग्लादेश में हिन्दुओं पर लगातार हो रहे हमलों एवं अत्याचारों के विरोध में जयपुर में हवा महल से विधायक एवं अखिल भारतीय स...
03/12/2024

बांग्लादेश में हिन्दुओं पर लगातार हो रहे हमलों एवं अत्याचारों के विरोध में जयपुर में हवा महल से विधायक एवं अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष बालमुकुंद आचार्य के नेतृत्व में संत समाज ने आज बड़ी चौपड़ पर प्रदर्शन किया…।

भारत ने K-4 मिसाइल का किया सफल परीक्षणभारत ने बुधवार को बंगाल की खाड़ी में परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम K-4 सबमरीन लॉ...
30/11/2024

भारत ने K-4 मिसाइल का किया सफल परीक्षण

भारत ने बुधवार को बंगाल की खाड़ी में परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम K-4 सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) का सफल परीक्षण किया। INS अरिघात से लॉन्च की गई इस मिसाइल की रेंज 3500 किलोमीटर है, जो इसे हमारी नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक हथियार बनाती है।

K-4 मिसाइल की विशेषताएँ:

परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम।

3500 किलोमीटर की रेंज।

स्वदेशी तकनीक से निर्मित।

दूसरी-हमलावर (Second-Strike) क्षमता प्रदान करती है।

यह परीक्षण भारत की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को प्रमाणित करने और इसे नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास जमीन, हवा और समुद्र से परमाणु हमले करने की क्षमता है।

हाइपरसोनिक मिसाइलों में भी भारत ने बढ़ाई अपनी ताकत:
भारत ने हाल ही में लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया, जो ध्वनि की गति से 5 गुना तेज (मैक 5) उड़ सकती है। यह हमारी वायु रक्षा क्षमता को और अधिक मजबूत बनाती है।

भारत का स्पष्ट संदेश:
भारत शांति और सद्भाव में विश्वास करता है, लेकिन किसी भी प्रकार के हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। K-4 मिसाइल का सफल परीक्षण आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।

दिशा प्रवर्तक पुरखों को नमन रच दिया जिन्होंने महाग्रंथहो राष्ट्र जीवन का एक पंथजिसमें विभेद का नाम नहींधर्म जाति का वाद ...
28/11/2024

दिशा प्रवर्तक पुरखों को नमन

रच दिया जिन्होंने महाग्रंथ
हो राष्ट्र जीवन का एक पंथ
जिसमें विभेद का नाम नहीं
धर्म जाति का वाद नहीं
पुष्प लिये हम कृतज्ञता के
नमन हमेशा करते हैं,
संविधान तंत्र के रक्षक हैं
संविधान दिवस मनाते हैं।

हमें मिले अधिकार असीमित
अस्मिता राष्ट्र की रहे प्रखर
कर्तव्य रहें हमारा लक्ष्य
न भेदभाव हो न्याय समक्ष
हर धर्म के पालनहारों के
स्वतंत्र रीति के रक्षक हैं,
सम दृष्टिवान उन ऋषियों को
नमन हमेशा करते हैं,
लोकतंत्र के साक्षी बन
संविधान दिवस मनाते हैं।

जब जब भी काली छाया से
संविधान पर चोट हुई
प्रस्ताव भाव से मिली दिशा
औ न्याय क्षेत्र सक्रिय हुआ।
संसद के पारित भावों से
लोकतंत्र सुदृढ़ हुआ
संविधान के रचनाकारों को
नमन हमेशा करते हैं।
संविधान तंत्र के रक्षक हैं
संविधान दिवस मनाते हैं।

संविधान हमारी वह थाती है
जिस पर गर्वीले रहते हैं
उस वृहद ग्रंथ के ज्ञाता हैं,
नीति निर्देश के पालक हैं।
है समन्वय जो भारत में
विश्व में कहीं ना पाते हैं,
संविधान के रचनाकारों का
सम्मान हृदय से करते हैं,
संविधान तंत्र के रक्षक हैं
संविधान दिवस मनाते हैं।

मेरा भारत, मेरा गौरव
संविधान यही सिखाता है,
जीवन शैली को सरल सुघड़,
सदा सुरक्षित रखता है,
राष्ट्र चिन्हों का भान हमें,
सम्मान प्रतिदिन रखना है,
उन दिशा प्रवर्तक पुरखों को
नमन सदा हम करते हैं।
संविधान तंत्र के रक्षक हैं
संविधान दिवस मनाते हैं।

- डॉ. राम कुमार जोशी

अमर बलिदानी लक्ष्मण नायकजन्म : 22 नवम्बर 1899, कोरापुट, टेंटुलिगमा, उड़ीसाजनजाति : भूमिया बलिदान : 29 मार्च 1943
20/11/2024

अमर बलिदानी लक्ष्मण नायक

जन्म : 22 नवम्बर 1899, कोरापुट, टेंटुलिगमा, उड़ीसा
जनजाति : भूमिया
बलिदान : 29 मार्च 1943

राजस्थान में सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली पत्रिका पाथेयकण (1 लाख 73 हजार सब्सक्राइबर) के महिला सम्मान एवं सुरक्षा विशेषांक का...
20/11/2024

राजस्थान में सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली पत्रिका पाथेयकण (1 लाख 73 हजार सब्सक्राइबर) के महिला सम्मान एवं सुरक्षा विशेषांक का सोमवार को पाथेय भवन में हुआ विमोचन…।

"महाराष्ट्र चुनाव में उलेमा बोर्ड और छद्म सेकुलर ताकतों की साज़िशमहाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उलेमा बोर्ड, 180 एनजीओ और...
19/11/2024

"महाराष्ट्र चुनाव में उलेमा बोर्ड और छद्म सेकुलर ताकतों की साज़िश

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उलेमा बोर्ड, 180 एनजीओ और छद्म सेकुलर संगठन महाविकास अघाड़ी को जिताने के लिए जुटे हैं। भाजपा विरोधी अभियान चलाने के साथ, उलेमा बोर्ड ने 17 माँगों वाला पत्र जारी किया, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध, मुसलमानों के लिए 10% आरक्षण, और पुलिस भर्ती में प्राथमिकता जैसी मांगें हैं।

क्या ये केवल सत्ता परिवर्तन है, या भारत को आंतरिक रूप से तोड़ने की योजना?

अमर बलिदानी नन्तराम नेगीजन्म: 1725, जौनसार, देहरादून, उत्तराखंडजनजाति : जौनसारीबलिदान 14 फरवरी 1746देहरादून के सुदूर पश्...
16/11/2024

अमर बलिदानी नन्तराम नेगी

जन्म: 1725, जौनसार, देहरादून, उत्तराखंड
जनजाति : जौनसारी
बलिदान 14 फरवरी 1746

देहरादून के सुदूर पश्चिम में स्थित जौनसार जनजाति क्षेत्र के नन्तराम नेगी बाल्यकाल से ही अत्यंत ओजस्वी थे। जब मुगल सेनापति गुलाम कादिर खान ने देहरादून पर हमला किया और वहाँ से नाहन, हिमाचल प्रदेश की ओर बढ़ा, उस समय नाहन के राजा नाबालिग थे। उनकी माता ने अपने सेनापति को नन्तराम नेगी के पास भेजा। वीर नन्तराम ने नाहन की सेना के साथ मुगलों पर आक्रमण किया और उसके सेनापति का वध कर उसे परास्त किया। इस लड़ाई में नन्तराम नेगी और उनका घोड़ा दोनों घायल हो गए और मारकनडे की चढ़ाई में 14 फरवरी 1746 को मात्र 21 वर्ष की आयु में वीरगति को प्राप्त हुए।

जयपुर आदर्श शिक्षा समिति, जयपुर सरस्वती बालिका विद्या मंदिर जवाहर नगर में आयोजित अखिल भारतीय विज्ञान मेले में अपने अपने ...
14/11/2024

जयपुर आदर्श शिक्षा समिति, जयपुर सरस्वती बालिका विद्या मंदिर जवाहर नगर में आयोजित अखिल भारतीय विज्ञान मेले में अपने अपने प्रोजेक्ट्स के साथ देश भर से आए 500 नन्हें वैज्ञानिक.....।

13/11/2024

बांग्लादेशी-रोहिंग्या के कारण मुबंई में डेमोग्राफी चेंज की चिंताजनक रिपोर्ट, 2051 तक 54% तक घटेंगे हिंदू, 30% बढ़ेगी मुस्लिम आबादी

ब्रज संवादोत्सव 2024: साहित्य, संस्कृति और समसामयिक मुद्दों का संगमभरतपुर में 9 व 10 नवंबरी को आयोजित ब्रज संवादोत्सव का...
12/11/2024

ब्रज संवादोत्सव 2024: साहित्य, संस्कृति और समसामयिक मुद्दों का संगम

भरतपुर में 9 व 10 नवंबरी को आयोजित ब्रज संवादोत्सव का दूसरा संस्करण विचारों और चर्चाओं से सराबोर रहा। प्रमुख सत्रों में मुरारी गुप्ता के उपन्यास "सुगंधा" पर चर्चा, डीप स्टेट, वोकिज्म और सांस्कृतिक मार्क्सवाद जैसे मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श, और सोशल मीडिया पर फेक नैरेटिव के प्रभाव पर संवाद सम्मिलित थे।

पुस्तक मेले में 5,000 से अधिक पुस्तकों का संग्रह और प्रमुख प्रकाशकों की भागीदारी ने इसे और खास बनाया। साहित्य, संस्कृति और समसामयिक मुद्दों पर विचार-विमर्श का यह मंच अद्वितीय है!

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