ध्यान एक जीवित मृत्यु

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27/10/2025
🕊️  “सत्य कोई खोज नहीं, एक जागरण है”“तुम सत्य को खोज नहीं सकते, क्योंकि सत्य कहीं बाहर नहीं है।तुम केवल अपने भीतर की नीं...
27/10/2025

🕊️ “सत्य कोई खोज नहीं, एक जागरण है”

“तुम सत्य को खोज नहीं सकते, क्योंकि सत्य कहीं बाहर नहीं है।
तुम केवल अपने भीतर की नींद को तोड़ सकते हो — और जैसे ही तुम जागते हो, सत्य पहले से वहाँ होता है।
ध्यान सत्य की ओर जाने का मार्ग नहीं, ध्यान स्वयं सत्य की उपस्थिति है।🌻🌻

जहाँ कोई ‘मैं’ नहीं रहता, वहाँ परमात्मा प्रकट होता है।
और जब तुम शून्य हो जाते हो, तब सम्पूर्ण ब्रह्मांड तुम्हारे माध्यम से बहने लगता है।”

27/10/2025

“रामकृष्ण एक बालक की तरह थे — मासूम, निर्दोष, निर्मल।उनमें कोई पांडित्य नहीं था, न कोई तर्क, न कोई प्रदर्शन।वे केवल प्रे...
27/10/2025

“रामकृष्ण एक बालक की तरह थे — मासूम, निर्दोष, निर्मल।
उनमें कोई पांडित्य नहीं था, न कोई तर्क, न कोई प्रदर्शन।
वे केवल प्रेम थे — इतना निर्मल प्रेम कि उसमें स्वयं परमात्मा उतर आया।

जब वे बोलते थे तो लगता था जैसे स्वयं ईश्वर बोल रहा है।
उनकी आँखों में करुणा का ऐसा सागर था कि उसमें डूबकर अहंकार गल जाता था।
उनका मौन भी वाणी था, और उनकी वाणी भी मौन।
वे तर्क से नहीं, स्पर्श से सिखाते थे — एक दृष्टि, एक मुस्कान, और सब कुछ कहा जा चुका होता था।
जो उनके पास थोड़ी देर भी बैठा, वह कभी पहले जैसा नहीं रहा।

रामकृष्ण किसी धर्म के नहीं थे — वे धर्म का सार थे।
उनके लिए भक्ति ध्यान बन गई थी, और ध्यान प्रेम बन गया था।
वे गुरु नहीं थे, वे एक सुगंध थे — जो पास आए, वह महक उठा।
रामकृष्ण ने दिखाया कि परमात्मा कोई सिद्धांत नहीं, एक अनुभव है।
और जब हृदय पूर्णतः खाली हो जाता है, तब ईश्वर उसमें भर जाता है।”

26/10/2025

🌼 संत कबीर — धर्म की आत्माकबीर न हिन्दू हैं, न मुसलमान।वे दोनों की सीमाओं से परे हैं।जहाँ नाम मिट जाता है, वहाँ कबीर खड़...
26/10/2025

🌼 संत कबीर — धर्म की आत्मा

कबीर न हिन्दू हैं, न मुसलमान।
वे दोनों की सीमाओं से परे हैं।
जहाँ नाम मिट जाता है, वहाँ कबीर खड़े हैं — मौन और शून्य में।

कबीर का कोई संप्रदाय नहीं, क्योंकि सत्य किसी दीवार में नहीं रह सकता।
पोथियाँ ज्ञान नहीं देतीं — आँख जब भीतर की रोशनी देख लेती है,
तभी सच्चा धर्म जन्म लेता है।

“जब तुम भीतर उतरते हो,तो तुम्हें ईश्वर नहीं मिलता —तुम स्वयं ईश्वर बन जाते हो।मौन कोई क्रिया नहीं है,वह तुम्हारे अस्तित्...
26/10/2025

“जब तुम भीतर उतरते हो,
तो तुम्हें ईश्वर नहीं मिलता —
तुम स्वयं ईश्वर बन जाते हो।

मौन कोई क्रिया नहीं है,
वह तुम्हारे अस्तित्व की सुगंध है।
जब मन शांत होता है,
तो प्रेम स्वाभाविक रूप से बहने लगता है —
बिलकुल वैसे ही जैसे फूल से खुशबू।”

— ओशो 🌸

“मृत्यु कोई अंत नहीं है, मृत्यु एक द्वार है।जिस तरह तुम नींद में जाते हो और सुबह फिर लौट आते हो,उसी तरह मृत्यु भी एक विश...
26/10/2025

“मृत्यु कोई अंत नहीं है, मृत्यु एक द्वार है।
जिस तरह तुम नींद में जाते हो और सुबह फिर लौट आते हो,
उसी तरह मृत्यु भी एक विश्राम है, एक गहरी नींद —
जिसके बाद जीवन का नया प्रभात आता है।

मृत्यु से डरो मत,
वह तुम्हारा अंत नहीं, तुम्हारा रूपांतरण है।
जो मृत्यु को जान लेता है, वह जीवन को पहली बार सच में जी लेता है।
क्योंकि मृत्यु को स्वीकार करने वाला ही पूर्णतः जीवित होता है।”

25/10/2025

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