15/07/2024
अमोल पालेकर एक प्रतिष्ठित भारतीय अभिनेता, निर्देशक और निर्माता हैं, जिन्हें मुख्यधारा और समानांतर सिनेमा दोनों में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। 24 नवंबर, 1944 को मुंबई, महाराष्ट्र में जन्मे, उन्होंने आम आदमी के अपने अनूठे, भरोसेमंद चित्रणों के साथ अपने लिए एक जगह बनाई।
शुरुआती करियर
पालेकर ने 1960 के दशक के अंत में एक चित्रकार और एक थिएटर कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया। वह मुंबई में प्रयोगात्मक थिएटर समूह अनिकेत से जुड़े थे। फिल्मों में उनका संक्रमण 1970 के दशक की शुरुआत में हुआ, जहाँ उन्होंने अपनी स्वाभाविक अभिनय शैली के लिए जल्दी ही पहचान हासिल कर ली, जो उस समय बॉलीवुड में प्रचलित बड़े-से-बड़े व्यक्तित्वों के विपरीत थी।
सफलता
अमोल पालेकर की सफल भूमिका 1974 में बासु चटर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म "रजनीगंधा" में आई। फिल्म की सफलता ने उन्हें आम आदमी के नायक के रूप में स्थापित कर दिया, एक ऐसी भूमिका जो उनकी पहचान बन गई। उन्होंने "छोटी सी बात" (1976), "गोल माल" (1979) और "बातों बातों में" (1979) जैसी फिल्मों से दर्शकों को आकर्षित करना जारी रखा।
उल्लेखनीय फ़िल्में
"रजनीगंधा" (1974): एक रोमांटिक ड्रामा जिसमें पालेकर ने अपनी बारीक अदाकारी का जलवा बिखेरा।
"छोटी सी बात" (1976): एक हल्की-फुल्की कॉमेडी जिसमें उन्होंने एक शर्मीले, प्रेम में डूबे व्यक्ति की भूमिका निभाई।
"गोल माल" (1979): ऋषिकेश मुखर्जी द्वारा निर्देशित एक कॉमेडी क्लासिक, जिसमें पालेकर ने दोहरी भूमिका निभाई, जो उनके सबसे यादगार प्रदर्शनों में से एक है।
"बातों बातों में" (1979): एक और रोमांटिक कॉमेडी जिसने एक सर्वोत्कृष्ट मध्यवर्गीय नायक के रूप में उनकी छवि को और मजबूत किया।
निर्देशन के क्षेत्र में कदम
1980 के दशक में, अमोल पालेकर ने निर्देशन की ओर कदम बढ़ाया और ऐसी फ़िल्में बनाईं जिन्हें समीक्षकों ने खूब सराहा। उनके निर्देशन की पहली फ़िल्म "आकृत" (1981) थी, जो एक मराठी फ़िल्म थी। उन्होंने मराठी और हिंदी दोनों फ़िल्मों का निर्देशन जारी रखा, जिनमें शामिल हैं:
"पहेली" (2005): शाहरुख खान और रानी मुखर्जी अभिनीत एक काल्पनिक फ़िल्म, जो ऑस्कर में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि थी।
पुरस्कार और मान्यता
अमोल पालेकर को सिनेमा में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले हैं, जिसमें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी शामिल है। उन्हें उनके यथार्थवादी चित्रण और अपने समय के दौरान भारतीय सिनेमा में ताज़ी हवा लाने के लिए सम्मानित किया गया है।
निजी जीवन
पालेकर एक अभिनेता और निर्देशक दोनों के रूप में टेलीविज़न से भी जुड़े रहे हैं। वे अपनी सादगी और अपने काम के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं, प्रभावशाली प्रदर्शन और निर्देशन देते हुए कम प्रोफ़ाइल बनाए रखते हैं।
विरासत
अमोल पालेकर भारतीय सिनेमा में एक प्रभावशाली व्यक्ति बने हुए हैं, जो रोज़मर्रा के किरदारों के चित्रण और समानांतर सिनेमा में उनके योगदान के माध्यम से दर्शकों से जुड़ने की उनकी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। उनका काम उद्योग में अभिनेताओं और फ़िल्म निर्माताओं को प्रेरित करता रहता है।