प्रासंगिक सामाजिक बातें- ए. के.त्रिपाठी

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प्रासंगिक सामाजिक बातें- ए. के.त्रिपाठी Cricket Current talks, Life Success Stories, Spritual knowledge, Youth empowerment दिन-प्रतिदिन के सामाजिक मुद्दों पर विचार - विमर्श

इंडियन कोच गौतम गंभीर अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं और वर्तमान में वह टीम इंडिया के मुख्य कोच हैं। लगभग एक साल क...
15/08/2025

इंडियन कोच गौतम गंभीर अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं और वर्तमान में वह टीम इंडिया के मुख्य कोच हैं। लगभग एक साल के कार्यकाल में ही उन्होंने अपनी कोचिंग में टीम इंडिया को चैंपियंस ट्रॉफी विजेता बनाया है। इससे पहले गौतम गंभीर ने आईपीएल में अपनी कप्तान और मेंटर के रूप में कोलकाता नाइट राइडर्स को ट्रॉफी जिताया है। गौतम गंभीर की यह सभी उपलब्धियां इस बात की गवाह हैं कि गौतम गंभीर टीम इंडिया के एक बेहतरीन कप्तान भी साबित होते।

जब सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों की सलाह पर महेंद्र सिंह धोनी को टीम इंडिया के टी20आई के अलावा शेष दोनों फॉर्मेट का कप्तान बनाया गया तो किसी ने यह नहीं सोचा था कि वह इतने कामयाब कप्तान होंगे।

अगर महेंद्र सिंह धोनी के दौर में गौतम गंभीर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट न खेले होते तो वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में टीम इंडिया के एक महान कप्तान के रूप में याद किए जाते। आज जिस क्रेडिट के लिए तमाम जगह लोग गौतम गंभीर को ट्रोल करते हैं अगर गौतम गंभीर अपनी कप्तानी में टीम इंडिया के लिए कोई विश्वकप खेले होते तो जरूर ही विश्वकप विजेता कप्तान होते।

नेतृत्व क्षमता एक ऐसा गुण है जो जन्मजात होता है और इसे किसी प्रकार की ट्रेनिंग की कोई खास जरूरत नहीं होती। यह एक ऐसा गुण है जो बहुत कम लोगों में होती है और क्रिकेट की दुनिया में महेंद्र सिंह धोनी के लगभग साथ ही साथ कदम रखने वाले गौतम गंभीर के अंदर भी यह विशेष गुण अच्छी मात्रा में आज भी है।

दो दिन पहले जयपुर के wtp मॉल में गए तों ये स्टीकर दिखा हमने भी फोटो ले लिए,  वैसे लिखा तों सही ही हैं , जमाने के हिसाब स...
13/08/2025

दो दिन पहले जयपुर के wtp मॉल में गए तों ये स्टीकर दिखा हमने भी फोटो ले लिए, वैसे लिखा तों सही ही हैं , जमाने के हिसाब से ,
क्या लगता हैं आपको 😊

आज कल देख रहा हुँ सब अपनी वाल पर मेटा को जानकारी ना देने की पोस्ट डाल रहे दनादन एक दूसरे की नक़ल हैं या कही से कुछ आया है...
12/08/2025

आज कल देख रहा हुँ सब अपनी वाल पर मेटा को जानकारी ना देने की पोस्ट डाल रहे दनादन एक दूसरे की नक़ल हैं या कही से कुछ आया हैं कि ऐसा लिखने से कोई आपकी जानकारी नहीं उठाएगा | सोशल मीडिया पे आये ही क्यों हों फिर जानकारी ही छुपानी हैं तों 😂

आपकी जानकारी में ये रहस्य आये तों बताना सही हैं या गलत!

08/08/2025

Celebrating my 13th year on Facebook. Thank you for your continuing support. I could never have made it without you. 🙏🤗🎉

"काश मैं और शतक बना पाता... और कुंबले को ड्रॉप न करता!" — सौरव गांगुली का दिल छू लेने वाला खुलासावो कप्तान जिसने टीम इंड...
07/08/2025

"काश मैं और शतक बना पाता... और कुंबले को ड्रॉप न करता!" — सौरव गांगुली का दिल छू लेने वाला खुलासा

वो कप्तान जिसने टीम इंडिया को लड़ना सिखाया,
जिसकी छाती पर लगी BCCI की ड्रेस और आंखों में जीत की आग थी —
सौरव गांगुली।
लेकिन जब दादा अपने अतीत की तरफ देखते हैं,
तो दो अफसोस आज भी उनके दिल में गहराई से बैठे

😔 अफसोस : 'कुंबले को ड्रॉप करना मेरे लिए सबसे कठिन रहा'

टीम का कप्तान होना सिर्फ रणनीति नहीं,
कभी-कभी बलिदान और कठोर फैसलों की परीक्षा भी है।
गांगुली को आज भी अफसोस है कि उन्होंने कुछ मौकों पर
अनिल कुंबले जैसे महान स्पिनर को टीम से बाहर किया।

"कुंबले जैसे खिलाड़ी को ड्रॉप करना आसान नहीं था… लेकिन कभी-कभी परिस्थितियों के मुताबिक फैसले लेने पड़ते हैं।"
गांगुली जानते थे — ये वो घाव हैं जो स्कोरबोर्ड पर नहीं दिखते।

गांगुली ने अपने करियर में 38 शतक लगाए,
लेकिन खुद कहते हैं — "ये संख्या मुझे पूरी नहीं लगती।"
कई बार 80, 90 तक पहुंचकर चूक जाना…
30 बार ऐसा हुआ जब वो 80+ रन बनाकर आउट हुए।

"जब मैं अकेला होता हूं, तो YouTube पर अपनी पारियां देखता हूं... सोचता हूं — अरे! यहां तो शतक बनना चाहिए था..."
गांगुली का ये इमोशन हर उस खिलाड़ी के दिल को छू जाएगा जो कभी क़रीब आकर भी मंज़िल से दूर रह गया।

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⚔️ मैकग्रा: वो गेंदबाज़ जिसने गांगुली को भी मुश्किल में डाला

ऑस्ट्रेलिया हमेशा गांगुली के लिए एक जंग का मैदान रहा,
और ग्लेन मैकग्रा — सबसे ख़तरनाक दुश्मन।
गांगुली आज भी मानते हैं कि मैकग्रा की गेंदें हथियार से कम नहीं थीं।

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🎬 बायोपिक आने वाली है — राजकुमार राव निभाएंगे 'दादा' का किरदार

2026 के अंत तक सौरव गांगुली की बायोपिक बड़े पर्दे पर होगी।
जनवरी से शूटिंग शुरू होगी, स्क्रिप्ट तैयार है।
और इस किरदार को निभाएंगे राजकुमार राव।
यानि अब गांगुली की कहानी सिर्फ किताबों में नहीं,
बल्कि सिनेमा के पर्दे पर भी ज़िंदा होगी।

-सौरव गांगुली की ये बातें हमें सिखाती हैं कि बड़ा बनना सिर्फ रन बनाने से नहीं होता —
बल्कि अपने अफसोस को भी अपनाने से होता है।

दादा, आप मैदान में भी लड़े, और आज भी ईमानदारी से खुद से लड़ते हैं। यही तो आपको 'गांगुली' बनाता हैं |

किसान की मेहनत का खाना : बर्तन को पूरी तरह पोंछ कर खाना खाने वाले एक युवक के दोस्त उसका रोज़ मज़ाक उड़ाते थे।एक दिन उनमे...
05/08/2025

किसान की मेहनत का खाना : बर्तन को पूरी तरह पोंछ कर खाना खाने वाले एक युवक के दोस्त उसका रोज़ मज़ाक उड़ाते थे।

एक दिन उनमें से एक ने उस युवक से पूछा, "तुम रोजाना बर्तन में एक कण भी क्यों नहीं छोड़ते?"

बालक ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, "इसके तीन कारण हैं:

1. पिता के प्रति आदर: यह मेरे पिता के प्रति आदर है, जो इस भोजन को मेहनत से कमाए रूपयों से खरीद कर लाते हैं। उनके पसीने की कमाई का सम्मान करना मेरा कर्तव्य है।

2. माँ के प्रति आदर: यह मेरी माँ के प्रति आदर है, जो सुबह जल्दी उठकर बड़े चाव से इसे पकाती हैं। उनकी मेहनत और प्यार से बना यह भोजन मेरे लिए अनमोल है।

3. देश के किसानों के प्रति आदर: यह आदर मेरे देश के उन किसानो के प्रति है, जो खेतों में भूखे रहकर कड़ी मेहनत से इसे पैदा करते हैं। उनकी मेहनत की कद्र करना हमारा फर्ज है।

इसलिए थाली में झूठा छोड़ना अपनी शान नहीं समझता। जितना आप अन्न बर्बाद करते हैं, उतने में कई लोगों का पेट भर सकता है।

सीख : उतना ही ले थाली में, जो व्यर्थ न जाए नाली में ।

यह सुनकर उसके दोस्त सन्न रह गए और उन्हें इस बात की गहरी समझ हुई कि भोजन की कद्र कितनी महत्वपूर्ण है।

इंडिया को 06 रन से जीत दिलवाकर मोहम्मद सिराज ने खुद को साबित किया हैं जनता पूछती हैं कि सिराज टीम इंडिया में क्यों है अब...
05/08/2025

इंडिया को 06 रन से जीत दिलवाकर मोहम्मद सिराज ने खुद को साबित किया हैं जनता पूछती हैं कि सिराज टीम इंडिया में क्यों है अब सवाल पूछने वालों को इसका जवाब खुद मोहम्मद सिराज ने अपने प्रदर्शन से दे दिया है। इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट में मोहम्मद सिराज यादगार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया को 6 रनों से जीत दिलाकर सीरीज को 2-2 से बराबर करा दिया है। मोहम्मद सिराज और टीम इंडिया ने इंग्लैंड को ओवल टेस्ट हराकर दिल जीत लिया है और सभी भारतीयों का सीना चौड़ा कर दिया है।

मोहम्मद सिराज ओवल टेस्ट की दूसरी पारी में जब हैरी ब्रुक का कैच पकड़कर गलती से बाउंड्री लाइन के बाहर चले गए थे और बाद में हैरी ब्रुक ने शतकीय पारी खेली और इंग्लैंड को जीत के बेहद करीब पहुंचा दिया तो सबको लगा था कि वही कैच इस सीरीज का निर्णायक कैच था लेकिन अपनी इस गलती को सुधारते हुए मोहम्मद सिराज ने इंग्लैंड को पांचवें दिन जबर्दस्त झटके दिए और 5 विकेट लेकर 6 रन से हारने पर मजबूर कर दिया।

यह सीरीज शुभमन गिल के लिए यादगार जरूर रहेगी लेकिन मोहम्मद सिराज इस सीरीज के असली हीरो हैं क्योंकि 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में दोनों टीमों की तरफ से मोहम्मद सिराज ही इकलौते ऐसे गेंदबाज हैं जो पांचों मुकाबले बिना चोटिल हुए खेले हैं। सीरीज के 5वें टेस्ट के 5वें दिन भी मोहम्मद सिराज की एनर्जी उतनी ही थी जितनी सीरीज के पहले मैच के पहले दिन थी।

मोहम्मद सिराज ने इंग्लैंड के खिलाफ इस टेस्ट सीरीज में बुमराह की अनुपस्थिति में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए दोनों मुकाबलों में टीम इंडिया के गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई की और एक मुकाबले में आकाशदीप ने मोहम्मद सिराज का जबरदस्त साथ दिया तो दूसरे में प्रसिद्ध कृष्णा ने बेहतरीन साथ दिया। ओवल टेस्ट में मोहम्मद सिराज के अलावा प्रसिद्ध कृष्णा ने भी जबरदस्त प्रदर्शन किया और दोनों की बदौलत टीम इंडिया ने ओवल टेस्ट जीतकर सीरीज ड्रा कराकर इतिहास रच दिया है।

आइए जानते है प्रेम ❤️ की पराकाष्ठा क्या होती है ये हैं दशरथ माँझी जी,  जिन्हें "माउंटेन मैन" के नाम से भी जाना जाता है, ...
31/07/2025

आइए जानते है प्रेम ❤️ की पराकाष्ठा क्या होती है ये हैं दशरथ माँझी जी, जिन्हें "माउंटेन मैन" के नाम से भी जाना जाता है, इन्होंने जिस पहाड़ की वजह से बीवी की जान चली गयी उसी पहाड़ को अकेले ही छेनी हथोड़े से खोदकर रास्ता बना दिया। इनका जन्म 14 जनवरी 1934 को बिहार के गया के करीब गहलौर गाँव में हुआ था।
वे एक गरीब मजदूर थे और मुसहर भुइयां जाति से थे । उनका जीवन संघर्ष और कठिनाइयों से भरा था, लेकिन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और साहस ने उन्हें एक अद्वितीय नायक बना दिया।

दशरथ माँझी का बचपन कठिनाइयों से भरा था। उनके गाँव में न तो बिजली थी और न ही पानी की उचित व्यवस्था। गाँव से पास के कस्बे जाने के लिए एक पूरा पहाड़ पार करना पड़ता था। उनके छोटे से छोटे हक के लिए भी उन्हें संघर्ष करना पड़ा।

दशरथ माँझी ने फाल्गुनी देवी से शादी की और उनका जीवन थोड़ा सुखद हुआ, लेकिन एक दिन उनकी पत्नी की दुखद मृत्यु ने दशरथ के जीवन को बदल दिया।

एक दिन, इनकी पत्नी फाल्गुनी देवी पहाड़ के दूसरे छोर पर लकड़ी काट रहे दशरथ माँझी के लिए खाना ले जा रही थीं। पहाड़ के दर्रे में गिरने से उनकी पत्नी की मौत हो गई। दवाइयों के अभाव में, जो बाजार की दूरी के कारण समय पर नहीं मिल सकीं, फाल्गुनी देवी की मृत्यु ने दशरथ माँझी को झकझोर दिया। उन्होंने संकल्प लिया कि वे अकेले दम पर पहाड़ को काटकर रास्ता निकालेंगे ताकि भविष्य में किसी और को ऐसी त्रासदी का सामना न करना पड़े।

दशरथ माँझी ने 1960 में मात्र एक हथौड़ा और छेनी लेकर गहलौर पहाड़ को काटने का काम शुरू किया। लोग उन्हें पागल भी कहते थे, उनका मजाक तक उड़ाते थे, लेकिन यह सब उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति को और मजबूत करता गया। उन्होंने बिना रुके, बिना थके 22 साल तक काम किया और अंततः 1982 में 360 फुट लंबी, 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँची सड़क बना डाली।
अब इस सड़क ने अत्री और वजीरगंज ब्लाक की दूरी को 55 किलोमीटर से घटाकर 15 किलोमीटर कर दिया।

शुरुआत में दशरथ माँझी को गाँव वालों के बहुत ताने सहने पड़े, लेकिन बाद में कुछ लोगों ने उनकी मदद भी की। उन्होंने दशरथ को खाना दिया और औजार खरीदने में सहायता भी की। दशरथ माँझी ने अपने इस प्रयास से न केवल गहलौर गाँव के लोगों के जीवन को आसान बनाया, बल्कि एक अद्वितीय मिसाल कायम की।

दशरथ माँझी का जीवन संघर्ष और साहस की एक अद्वितीय कहानी है। उनकी मेहनत और दृढ़ निश्चय ने उन्हें एक सच्चा नायक बना दिया। वे हमें सिखाते हैं कि अगर हमारे इरादे मजबूत हों और हम पूरी लगन से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें, तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती।

दशरथ माँझी का जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है इस जमाने मे भी प्रेम की पराकाष्ठा दर्शता है ,
इनसे प्रेरणा मिलती है कि कठिनाइयों से लड़ते हुए भी एक व्यक्ति कैसे अपने दृढ़ संकल्प और साहस से असंभव को संभव बना सकता है। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची मेहनत और समर्पण से हर सपना साकार हो सकता है। 🌹🌹🌹❤️❤️❤️

पहली बार मैने किसी ठेके को डूबते हुए देखा है अन्यथा ये तो दूसरों को ही डुबोता है 🤣🤣😄😄😄
30/07/2025

पहली बार मैने किसी ठेके को डूबते हुए देखा है अन्यथा ये तो दूसरों को ही डुबोता है 🤣🤣😄😄😄

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