13/08/2025
सन 2004 में ईसाई मूल की सोनिया गांधी की सरकार बनी और कुछ दिन बाद एक बड़ी घटना देश मे घटी ...जिसमे हिन्दुओं को समाप्त करने की साजिश रांची गयी
जो देश ने भुला दिया था, आइए विस्तार से जानते है 👉
हिन्दू आस्था के सर्वोच्च शिखर पुरूष रूप में विराजित कांची के पूज्य शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को और उनके शिष्य को दीपावली के दिन जयललिता की तमिलनाडु सरकार की पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया जब पूज्य शंकराचार्य हज़ारों वर्षो से चली आ रही त्रिकाल पूजा में बैठे थे ... पुलिस ने पूजा समाप्त करने तक कि प्रतीक्षा तक नही की और बीच पूजा को रोककर पूज्य शंकराचार्य को गिरफ्तार किया गया।
यह कोई सामान्य घटना नही थी हिन्दू धर्म और समाज पर बहुत बड़ा हमला था देश मे खलबली मच गई तो पुलिस द्वारा बताया गया कि शंकराचार्य पर एक हत्या में शामिल होने का आरोप है और एक आरोप बाद में और जोड़ा जिससे शंकराचार्य की रही सही जो इज्जत बची हो वो भी तार तार हो जाये , आरोप लगाया कि वृद्ध शंकराचार्य जिनकी दिनचर्या बहुत कठिन होती है वह अश्लील वीडियो देखते है और अनैतिक कार्यो में लिप्त है।
कई वर्षों तक मुकदमा चलता रहा और अंत मे 2013 में सोनिया गांधी की सरकार रहते हुए ही न्यायालय ने पूज्य शंकराचार्य और उनके शिष्य को पूरी तरह से निर्दोष पाया और बरी कर दिया और बाद में बात सामने आई कि कांची पीठ की जमीन पर , संपति पर जयललिता की विशेष सखी शशिकला की बुरी नजर थी और जो असली रूप में जयललिता सरकार को चलाती थी बाद में इसी शशिकला पर जयललिता को कई वर्षों से स्लो पोइजन ( जहर ) देने का आरोप लगा और जयललिता की मौत का कारण बनी और बाद में शशिकला जेल गयी और आज कहा है कुछ पता नही
बाद में यह बात सामने आई कि सोनिया गांधी की विशेष इक्षा थी कांची के पूज्य शंकराचार्य को ठिकाने लगाने की क्योंकि कांची पीठ ईसाई धर्मांतरण के रास्ते मे भारी अड़चन पैदा करता था ... तमिलनाडु के मदुरई में जब हिंदुओ का सामूहिक बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हुआ था तब पूरा देश स्तब्ध हो गया था जिससे हिन्दू धर्म ,समाज के लिए कार्य करने वाले सभी पीठ , संगठन परेशान हो उठे ऐसे में यही पूज्य शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी ने कहा जो हिन्दू मंदिर नही आ सकते उनके पास मंदिर जाएगा और सचल मंदिर बनाकर दलितों के घर इस पीठ के पुजारी मंदिर को लेके जाते थे हिन्दू समाज के वर्गभेद को मिटाने में इस पीठ ने व्यापक काम किया।
स्वाभाविक है ईसाई मिशनरियों को यह पीठ बहुत चुभ रही थी तो जैसे ही मौका मिला भ्रष्ट शशिकला जो जयललिता की दिल दिमाग थी उसका साथ ईसाई मिशनरियों को मिला और केंद्र में सरकार थी मैडम सोनिया गांधी की । पूर्व राष्ट्रपति कांग्रेसी नेता प्रणव मुखर्जी ने अपनी किताब " द कोइलिशन इयर्स " में लिखा कि - पूज्य शंकराचार्य की दीपावली के दिन गिरफ्तारी पर विरोध करते हुए बोला - क्या देश मे धर्म निरपेक्षता का पैमाना सिर्फ हिन्दू धर्म संत महात्माओं तक ही सीमित है ? क्या किसी राज्य की पुलिस किसी मुल्ला मौलवी को ईद के दिन गिरफ्तार करने की हिम्मत रखती है ?
सवाल है कि क्या यह मात्र संयोग था या पूरा प्रयोग ?
2007 में समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट में गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकी के गुनाह स्वीकार करने के बाद भी उसे 14 महीने बाद छोड़ दिया गया । किसके कहने पर पाकिस्तानी आतंकी को छोड़ा गया ? और फिर एक स्क्रिप्ट तैयार हुई और स्वामी असीमानंद को गिरफ्तार किया गया जो वनवासी क्षेत्र में ईसाई धर्मांतरण के लिए भारी चुनौती खड़ी कर रहे थे और नाम दिया - भगवा आतंकवाद , हिन्दू आतंकवाद ।
स्वामी असीमानंद को टार्चर किया गया बाद में स्वामी असीमानंद और समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में क्या हुआ इसे गूगल करके सभी को पढ़ना चाहिए ।
आज जब मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपी न्यायालय द्वारा आरोप मुक्त हुए है तब देश मे बहस छिड़ गई है कि भगवा आतंकवाद , हिन्दू आतंकवाद नाम देकर कांग्रेसी पी. चिदंबरम , सुशील शिंदे , दिग्विजय सिंह इतने मुखर क्यू हुए थे ?
आज महाराष्ट्र ATS के पूर्व अधिकारी महबूब मुजावर ने आरोप लगाया कि उस समय की कांग्रेस सरकार के आला अधिकारियों की तरफ से दबाव दिया गया था कि संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत और योगी आदित्यनाथ को मालेगांव केस में फंसाकर गिरफ्तार करो ...जब महबूब मुजावर ने यह करने से मना किया तो उसे धमकाया गया और बाद में उसे ससपेंड कर दिया गया --- आज मुझे समझ मे आता है की पूरा संघ परिवार करो या मरो की भूमिका में क्यों उतरी ?
कुछ लोगो का कहना है कि इतने वर्षो तक यह पूर्व अधिकारी महबूब क्यू चुप रहा ? यह ध्यान देना चाहिए जो केस न्यायालय में विचाराधीन होता है उसपर तब तक कोई विशेष टिप्पणी नही करनी चाहिए --- और आज जब ऐसा आरोप लग रहा है तो सरकार को इसपर एक निष्पक्ष जाँच अवश्य बैठानी चाहिए --- क्योंकि देश की एक प्रमुख राजनैतिक दल बहुसंख्यक हिन्दू धर्म समाज के प्रति घृणा का भाव रखती है इसे सम्पूर्ण देश को जानने और समझने का पूरा अधिकार है ---
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