
14/09/2025
#प्रेरणा_प्रवाह
एक रेस्टोरेंट में कहीं से एक कॉकरोच उड़ कर आया और एक महिला पर बैठ गया। महिला कॉकरोच देखकर चिल्लाने लगी क्योंकि वह काफी डर चुकी थी। उसके चेहरे पर खौफ साफ़ दिखाई दे रहा था।
वह कांपते हुए होठों के साथ अपने दोनों हाथों की सहायता से कॉकरोच से पीछा छुड़ाना चाहती थी। उसकी प्रतिक्रिया ऐसी थी कि उसके ग्रुप के बाकी लोग भी भयभीत हो गये। अंतत: उस महिला ने किसी तरह कॉकरोच को खुद से दूर किया लेकिन वह उड़ कर फिर पास बैठी दूसरी महिला पर बैठ गया।
अब यह ड्रामा जारी रखने की बारी दूसरी महिला की थी। उसे बचाने के लिए पास खड़ा वेटर आगे बढ़ा तभी महिला ने कोशिश करते हुए कॉकरोच को भगाने की कोशिश की और वह काकरोच को भगाने में सफल भी हुई।
अब वह कॉकरोच उड़कर वेटर की शर्ट पर आकर बैठ गया लेकिन वेटर घबराने की बजाये शांत खड़ा रहा और कॉकरोच की हरकतों को अपने शर्ट पर देखता रहा। जब कॉकरोच पूरी तरह शांत हो गया तो वेटर ने उसे अपनी उँगलियों से पकड़ा और उसे रेस्टोरेंट से बाहर फेंक दिया।
मैं कॉफ़ी पीते हुए ये मनोरंजक दृश्य देख रहा था तभी मेरे दिमाग में कुछ सवाल आये। क्या वह कॉकरोच इस घटना के लिए जिम्मेदार था?
अगर हाँ, तो वह वेटर परेशान क्यों नहीं हुआ? उसने बिना कोई शोर-शराबा किये परफेक्शन के साथ उस स्थिति को कैसे संभाल लिया ????
काफी मनन चिन्तन के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उस परिस्थिति का जिमेदार वो कॉकरोच नहीं था बल्कि उन महिलाओं की परिस्थिति को संभालने की अक्षमता थी जिसने उन्हें परेशान किया।
आप अगर स्थिर चित्त से विचार करें तो पाएंगे कि आपके बॉस का या दुनिया का चिल्लाना आपको परेशान नहीं करता है, बल्कि यह आपकी अक्षमता है जो आप उन लोगों द्वारा बनायी गयी परिस्थितियों को संभाल नहीं सकता।
मुसीबत यह ट्रैफिक जाम की नही हैं जो हमें अक्सर परेशान करती है बल्कि हमारी उस परेशानी भरी स्थिति को हैंडल ना कर पाने की अक्षमता है जिससे हम ट्रैफिक जाम के वजह से परेशान हो जाते हैं।
हमारी परेशानियों के लिए हमारी प्रॉब्लम से ज्यादा जिम्मेदार उस प्रॉब्लम के प्रति हमारी प्रतिक्रिया है। यही प्रतिक्रिया हमारे जीवन में सारी परेशानियों का कारण है।
इस घटना ने मेरे सोचने का तरीका बदल दिया। मैंने पाया कि हमें अपने जीवन में कठिन समय में प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए, बल्कि उसे समझकर उसका जवाब देना चाहिए। उसका हल ढूंढना चाहिए। उस महिला ने प्रतिक्रिया व्यक्त की बल्कि वेटर ने उस परिस्थिति को समझा और उसका समाधान निकाला।
प्रतिक्रिया हम बिना सोचे समझे दे देते हैं जबकि जवाब हम सहज तरीके से सोच-समझ कर देते हैं।
जिंदगी को समझने का एक बहुत ही सुन्दर तरीका है। जो लोग खुश हैं वो इसलिए खुश नही हैं कि उनके जीवन में सब कुछ ठीक चल रहा है , बल्कि इसलिए खुश हैं कि उनका जीवन में सारी चीजों के प्रति दृष्टिकोण ठीक है।
इसीलिए जिंदगी में गुस्सा, जलन, जल्दबाजी और चिंता करने की बजाय प्यार करें और सब्र रखें क्योंकि, “जो भी हुआ वह आपके अच्छे के लिए हुआ और आगे भी जो कुछ भी होगा वह भी आपके अच्छे के लिए ही होगा। आपका क्या विचार है?