RakhiPal55

RakhiPal55 REAL_LIFE_BLOG आपको हमसे जुड़ी हुई हमारी लाइफ स्टाइल नेचुरल मोटिवेशन वीडियो देखने को मिलती रहेगी हमारे पेज पर आपका स्वागत है

 #प्रेरणा_प्रवाह        एक रेस्टोरेंट में कहीं से एक कॉकरोच उड़ कर आया और एक महिला पर बैठ गया। महिला कॉकरोच देखकर चिल्लान...
14/09/2025

#प्रेरणा_प्रवाह

एक रेस्टोरेंट में कहीं से एक कॉकरोच उड़ कर आया और एक महिला पर बैठ गया। महिला कॉकरोच देखकर चिल्लाने लगी क्योंकि वह काफी डर चुकी थी। उसके चेहरे पर खौफ साफ़ दिखाई दे रहा था।

वह कांपते हुए होठों के साथ अपने दोनों हाथों की सहायता से कॉकरोच से पीछा छुड़ाना चाहती थी। उसकी प्रतिक्रिया ऐसी थी कि उसके ग्रुप के बाकी लोग भी भयभीत हो गये। अंतत: उस महिला ने किसी तरह कॉकरोच को खुद से दूर किया लेकिन वह उड़ कर फिर पास बैठी दूसरी महिला पर बैठ गया।

अब यह ड्रामा जारी रखने की बारी दूसरी महिला की थी। उसे बचाने के लिए पास खड़ा वेटर आगे बढ़ा तभी महिला ने कोशिश करते हुए कॉकरोच को भगाने की कोशिश की और वह काकरोच को भगाने में सफल भी हुई।

अब वह कॉकरोच उड़कर वेटर की शर्ट पर आकर बैठ गया लेकिन वेटर घबराने की बजाये शांत खड़ा रहा और कॉकरोच की हरकतों को अपने शर्ट पर देखता रहा। जब कॉकरोच पूरी तरह शांत हो गया तो वेटर ने उसे अपनी उँगलियों से पकड़ा और उसे रेस्टोरेंट से बाहर फेंक दिया।

मैं कॉफ़ी पीते हुए ये मनोरंजक दृश्य देख रहा था तभी मेरे दिमाग में कुछ सवाल आये। क्या वह कॉकरोच इस घटना के लिए जिम्मेदार था?

अगर हाँ, तो वह वेटर परेशान क्यों नहीं हुआ? उसने बिना कोई शोर-शराबा किये परफेक्शन के साथ उस स्थिति को कैसे संभाल लिया ????

काफी मनन चिन्तन के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उस परिस्थिति का जिमेदार वो कॉकरोच नहीं था बल्कि उन महिलाओं की परिस्थिति को संभालने की अक्षमता थी जिसने उन्हें परेशान किया।

आप अगर स्थिर चित्त से विचार करें तो पाएंगे कि आपके बॉस का या दुनिया का चिल्लाना आपको परेशान नहीं करता है, बल्कि यह आपकी अक्षमता है जो आप उन लोगों द्वारा बनायी गयी परिस्थितियों को संभाल नहीं सकता।

मुसीबत यह ट्रैफिक जाम की नही हैं जो हमें अक्सर परेशान करती है बल्कि हमारी उस परेशानी भरी स्थिति को हैंडल ना कर पाने की अक्षमता है जिससे हम ट्रैफिक जाम के वजह से परेशान हो जाते हैं।

हमारी परेशानियों के लिए हमारी प्रॉब्लम से ज्यादा जिम्मेदार उस प्रॉब्लम के प्रति हमारी प्रतिक्रिया है। यही प्रतिक्रिया हमारे जीवन में सारी परेशानियों का कारण है।

इस घटना ने मेरे सोचने का तरीका बदल दिया। मैंने पाया कि हमें अपने जीवन में कठिन समय में प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए, बल्कि उसे समझकर उसका जवाब देना चाहिए। उसका हल ढूंढना चाहिए। उस महिला ने प्रतिक्रिया व्यक्त की बल्कि वेटर ने उस परिस्थिति को समझा और उसका समाधान निकाला।

प्रतिक्रिया हम बिना सोचे समझे दे देते हैं जबकि जवाब हम सहज तरीके से सोच-समझ कर देते हैं।

जिंदगी को समझने का एक बहुत ही सुन्दर तरीका है। जो लोग खुश हैं वो इसलिए खुश नही हैं कि उनके जीवन में सब कुछ ठीक चल रहा है , बल्कि इसलिए खुश हैं कि उनका जीवन में सारी चीजों के प्रति दृष्टिकोण ठीक है।

इसीलिए जिंदगी में गुस्सा, जलन, जल्दबाजी और चिंता करने की बजाय प्यार करें और सब्र रखें क्योंकि, “जो भी हुआ वह आपके अच्छे के लिए हुआ और आगे भी जो कुछ भी होगा वह भी आपके अच्छे के लिए ही होगा। आपका क्या विचार है?

14/09/2025

औरतों के काम ही खत्म नहीं होते

New friend ko maine bhi follow kar diya hai
14/09/2025

New friend ko maine bhi follow kar diya hai

शानदार बंगले का  एक कमरा,  ,  ,    कमरे के अंदर से आ रही है आवाज इस बात को एहसास करवा रही है कि शायद कमरे में कोई प्रेमी...
13/09/2025

शानदार बंगले का एक कमरा, , , कमरे के अंदर से आ रही है आवाज इस बात को एहसास करवा रही है कि शायद कमरे में कोई प्रेमी जोड़ा है , , जो शायद इस वक्त एक दूसरे में खोया हुआ है , , l बिस्तर पर इधर-उधर बिखरे हुए कपड़े और कमरे से आ रहे हैं खुशबू , , किसी भी प्रेमी जोड़े के एक दूसरे के करीब होने को दिखाने के लिए काफी था l लेकिन बिस्तर पर इस वक्त बात कुछ और थी , , लड़की एक तरफ करवट लेकर अपने आंसू को पोंछ रही थी , , , अपने आप को उसने ब्लैंकेट से कवर कर रखा था , ,l जबकि लड़का सिगरेट के कस धुंए में उड़iते हुए अपने मोबाइल में कुछ देख रहा था l थोड़ी देर में लड़की ने अपने आप को संभाला और वह भी बिस्तर की टिक लेकर बैठ गई l लड़का एक चेक उसके तरह बढ़iते हुए कहता है , , , यह तुम्हारे इस महीने का पेमेंट, , , लड़की उसे चेक को देखती हैं और फिर अपने हाथ बढ़ाकर उसे चेक को ले लेती है l लड़का ने उस लड़की को देखा , , उसके कंधे पर उसके दिए हुए निशान को देखकर उसने अपने अंगूठे से उसे सहलाते हुए कहा, , , कल ऑफिस आने से पहले आराम कर लेना , , , लड़की कुछ कहती है, उससे पहले ही लड़का एक बार और उस पर हावी हो चुका था और चेक जो उस लड़की के हाथ में था , , उसके हाथ से छुट कर बिस्तर के नीचे गिर चुका था l यह है पंछी शेट्टी और लड़के का नाम है विक्रांत सिंह विक्रांत सिंह, , उम्र 29 साल , , मस्कुलर बॉडी बालों में कही कही गोल्डन रंग एक बड़ी कंपनी का सीईओ है l पंछी उसकी असिस्टेंट है, , पंछी शेट्टी उम्र 23 साल निहायत खूबसूरत भूरी बड़ी आंखें अपने अम्मा और अप्पा की लाडली विक्रांत के घर में एक भी औरत नहीं है , , उसके दादाजी , ,उसके पापा, , चाचा , ,यहां तक के चाचा का बेटे है, उसके बड़े भाई रूद्र सिंह उनका भी तलाक हो चुका है और अच्छी खासी रकम की डिमांड की थी इनकी बीवियो ने, , , , , , , तब से ही विक्रांत को लगने लगा की औरतें सिर्फ पैसों के लिए किसी मर्द के पास आती हैं और वह पंछी को भी यही समझता है l विक्रांत सुबह-सुबह अपने ऑफिस में अपने काम में व्यस्त था , , जब पंछी उसके केबिन में आती है l उसके सामने कॉफी टेबल पर रखकर उसके शेड्यूल को उसके सामने बताया , , ,l सिद्धांत उसके चेहरे को देखता है , ,कल के थकान उसके चेहरे पर नजर आ रही थी ,,पर फिर भी आज ऑफिस आई थी l पंछी , ,अगर आप आज थोड़ी देर से आती तो आपकी सैलरी कोई नहीं कटता , , ,, , विक्रांत ने कहा l No sir , , आई एम ओके , , कहकर पंछी ने एक मुस्कुराहट दी और सिद्धांत के ही केबिन में मौजूद अपने डेस्क पर जाकर बैठ गई l पता नहीं क्यों पिछले कुछ दिनों से सिद्धांत नोटिस कर रहा था , , पंछी पहले की तरह नहीं रह गई है , , और पहले से कम हंसती है, , जितना पुछे उतनी ही बातें करती है , , , , कुछ देर बाद उसने अपने सर को झटका और अपने काम में व्यस्त हो गया l पंछी अपने मोबाइल में एक तस्वीर को देखकर अपने आंखों में नमी लिए , , अपने आप से कहती है , , ,कुछ नहीं होगा अप्पा आपको, , , आपके लिए चाहे जितनी बार अपने आप को बेचना पड़े में बेच दूंगी , , पर देखना इस बीमारी से आपको छीन लूंगी , , , उसने अपनी मां को कॉल लगाया और बताया कि उसे पैसे भेज रही है और फोन कट करके रख दिया पंछी अपना काम करके केबिन में निकलने से पहले एक बार विक्रांत से कहती है, , सर क्या मैं जा सकती हूं , , , , मिस पंछी, , आप मुझे एसिस्ट करती हैं साथ में PA भी हो आप मेरी , , , आपका काम तब तक होता है जब तक कि मैं मेरा काम चलेगा , , , , जी सर , , पंछी जाकर फिर से अपने डेस्क पर बैठकर और विक्रांत के काम को खत्म होने का इंतजार करने लगी l मिस पंछी, ,आज आप मेरे साथ होटल चल रही है , , , , , पंछी जो कि इस वक्त अपना सर उठाकर बैठी थी , , , होटल का नाम सुनते ही उसका चेहरा झुक गया l सर, एम सॉरी, , बट आज , , , , रूम नंबर और होटल का नाम आपको मैसेज कर दिया जाएगा, , , पहुंच जाना, , कह कर केबिन से निकल गया l यहां पंछी का ऑफिस खत्म हो गया था और टैक्सी का इंतजार कर रही थी , , जब विक्रांत अपनी कार में बैठ रहा था l वह पंछी को लिफ्ट देने के लिए पूछता ,उससे पहले ही एक लड़का आया, , दोनों एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं और पंछी उसके बाइक पर बैठकर उसके साथ चली गई l इंटरेस्टिंग , , वेरी इंटरेस्टिंग , , कह कर विक्रांत अपनी गाड़ी में बैठ गया l अपने घर ना जाकर विक्रांत होटल के कमरे में जाता है, , , वह पंछी का इंतजार कर रहा था l उसने घड़ी देखा , , पंछी के आने का टाइम हो गया था l , उसने शराब की बोतल खोली और पीने बैठ गया , , उसकी ड्रिंक अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि उसके दरवाजे को खोलते हुए पंछी कमरे में आती है l वह अभी अपने फॉर्मल कपड़ों में थी l क्या बात है , आज आप घर नहीं गई , , नो सर, , , उसने अपने हाथ में पड़े हुए पर्स को टेबल पर रखi, , , अपने स्कार्फ को निकाल कर टेबल पर रखते हुए बोली , , , सर , कल लास्ट डेट था हमारे एग्रीमेंट का , , , , तो क्या हुआ , , तुम्हें अपनी कीमत मिल जाएगी , , , नहीं सर, , बात यह नहीं है , ,मैं इस कॉन्ट्रैक्ट को कंटिन्यू नहीं करना चाहती , , , क्या हुआ, पैसे कम है , , अपनी कीमत बढ़ाना चाहती हो, , , , , विक्रांत ने उसे इस तरह से देखा , मानो वह कोई समान हो, , नहीं सर, , ऐसी कोई बात नहीं है , , , अब तक पंछी की बात खत्म भी नहीं हुई थी कि विक्रांत उसके बालों के क्लच को निकाल कर अलग कर देता है l अब तक उसका बाल बंधा हुआ था , ,वह खुलकर उसके कमर के नीचे तक बिखर गया l उसके लंबे बाल उसके चेहरे को दोनों तरफ से ढक रहे थे l सिद्धांत उसके बालों से खुशबू को अपने अंदर लेते हुए कहता है , , तुम्हारी खुशबू कुछ तो अलग है, , , उसने गहरी सांस ली , , , तुम कितने पैसे चाहती हो , , , ,

Big thanks to Gopal Kumawat, Rohit Pal, Surendra Kumar Yadavfor all of your support! Congrats for being top fans on a st...
13/09/2025

Big thanks to Gopal Kumawat, Rohit Pal, Surendra Kumar Yadav

for all of your support! Congrats for being top fans on a streak 🔥!

12/09/2025

आज मैं सुबह हो गई ले नाश्ता बनाने good morning

11/09/2025

जितना मैं समेटती हूं उतना ही है फैला देता है





सुबह का समय था।घर में हलचल मची हुई थी। बेटा रवि का इंटरव्यू था – दिल्ली की बड़ी कंपनी में।पिता बार-बार उसे तैयार होने की...
11/09/2025

सुबह का समय था।
घर में हलचल मची हुई थी। बेटा रवि का इंटरव्यू था – दिल्ली की बड़ी कंपनी में।
पिता बार-बार उसे तैयार होने की हिदायत दे रहे थे, और माँ चूल्हे पर बैठी पराठे सेंक रही थी।

"जल्दी करो रवि, गाड़ी छूट जाएगी!" पिता की आवाज़ गूँजी।

रवि तैयार होकर निकला और गुस्से से बोला –
"माँ! कितनी बार कहा है, ये पराठों का ढेर मत लगाना। बाहर ब्रेड-ऑमलेट खा लूँगा।"

माँ ने मुस्कुराकर कहा –
"बेटा, बाहर कुछ भी खा लेना… पर माँ के हाथ का खाना नसीब वालों को मिलता है। ले जा, रास्ते में खा लेना।"

रवि झुँझलाया और बोला –
"आपको क्या पता बाहर क्या होता है!
ज़िंदगी केवल रसोई तक नहीं होती।"

ये शब्द माँ के दिल पर चोट कर गए।
पिता ने धीमे से कहा –
"सही तो कह रहा है बेटा… तुम्हें दुनिया कहाँ समझ में आती है?"

लेकिन उसी पल पिता की आँखें नम हो गईं।
क्योंकि उन्हें पता था – यही ‘अनपढ़ औरत’ ने इस घर को ताजमहल की तरह बनाया है।

---

माँ अनपढ़ थी।
वह न नौकरी जानती थी, न बड़े-बड़े अंग्रेज़ी के शब्द।
पर हर सुबह उठकर वह बेटे का यूनिफॉर्म धोती, इस्त्री करती,
भले ही उसके हाथों की उँगलियाँ जल जातीं।

वह अनपढ़ थी।
इसलिए परीक्षा का सिलेबस नहीं समझ पाती थी,
लेकिन पूरी रात जागकर बेटे के लिए तेल का दिया जलाती,
ताकि अंधेरे में पढ़ाई न रुके।

वह अनपढ़ थी।
इसलिए कभी रिपोर्ट कार्ड नहीं पढ़ पाई,
लेकिन बेटे के माथे की शिकन देखकर समझ लेती कि
"इस बार नंबर कम आए हैं।"

वह अनपढ़ थी।
इसलिए बड़ी-बड़ी कंपनियों का नाम नहीं जानती थी,
लेकिन रोज़ यही दुआ करती –
"हे भगवान, मेरा बेटा सबसे ऊँचा मुकाम पाए।"

---

दिन बीतते गए।
रवि सच में बड़ी कंपनी में चुन लिया गया।
घर में मिठाइयाँ बाँटी गईं।
सारा मोहल्ला बधाई देने आया।

माँ चुपचाप एक कोने में खड़ी रही।
रवि बार-बार सबको अंग्रेज़ी में अपनी जॉब और पैकेज के बारे में बता रहा था।

माँ मुस्कुरा रही थी, लेकिन उसकी आँखें भर आई थीं।
पिता ने देखा और बोले –
"तुम क्यों चुप हो? ये तुम्हारी जीत है।"

माँ ने धीमे से कहा –
"जीत उसकी है… मैं तो बस रसोई वाली औरत हूँ।
मुझे क्या समझ जॉब-पैकेज का…"

पिता ने हाथ पकड़कर कहा –
"नहीं… अगर तुम न होती, तो आज ये दिन कभी न आता।
तुमने जो त्याग किया, जो तपस्या की…
ये तुम्हारे हाथों का बनाया ताजमहल है।
हम बस मजदूर थे, असली शिल्पकार तो तुम हो।"

---

रवि ये सब सुन रहा था।
उसके दिल में जैसे बिजली कौंधी।
उसे याद आया –
कैसे माँ रात को भूखी सो जाती थी ताकि वह दूध पी सके।
कैसे वह बरसात में भीगकर छाता पकड़ती थी ताकि वह भीग न जाए।
कैसे उसने अपनी सोने की चूड़ियाँ बेच दी थीं ताकि उसकी कॉलेज की फीस भर सके।

रवि माँ के पैरों पर गिर पड़ा –
"माँ! माफ़ कर दो…
मैं सोचता था आप अनपढ़ हो।
लेकिन अब समझ गया –
आप दुनिया की सबसे बड़ी गुरु हो।
आपका ज्ञान किताबों से नहीं… त्याग और प्यार से बना है।"

माँ ने बेटे के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा –
"बेटा, एक दिन जब तुझे अपनी औलाद होगी,
तब समझेगा कि माँ के त्याग की कोई डिग्री नहीं होती…
ये सिर्फ़ जीया जाता है।"

---

उस दिन रवि ने महसूस किया –
डिग्री और सर्टिफिकेट से बड़ा अगर कोई विश्वविद्यालय है,
तो वह माँ के आँचल से शुरू होता है और
माँ के त्याग पर ख़त्म।

हाँ, वह अनपढ़ थी…
लेकिन उसके आँचल में पूरी ज़िंदगी का ज्ञान, त्याग और आशीर्वाद बसा था।

धीरज ने अपनी पत्नी कल्पना से  कहा" कल्पना कैसे भी करके  रुपये की व्यवस्था करनी होगी। वरना साहूकार खेत पर कब्जा कर लेगा। ...
10/09/2025

धीरज ने अपनी पत्नी कल्पना से कहा" कल्पना कैसे भी करके रुपये की व्यवस्था करनी होगी। वरना साहूकार खेत पर कब्जा कर लेगा। उसके ब्याज सहित 25000 रुपये हो गए है। " कल्पना बोली " कहाँ से करेंगे इतनी पैसों की व्यवस्था ? , धीरज ने कहा मै जहां काम करता हूं वहां के मालिक से उधार मांगे मैने पैसे ये भी कहा मेरी महीने की तनख्वाह से काट लिया करेंगे लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया वैसे भी मेरी तनख्वाह इतनी कम है की घर गुजारा भी महीने का अच्छे से नहीं चल पाता
धीरज ने याचना भरे स्वर मे बोला " जिन घरों मे तुम काम करती हो उनसे उधार मांग कर देखो ? " कल्पना मायूस होकर बोली " एक मैड को इतने रुपये कौन उधार देता है जी? यहाँ बाप अपने बेटे पर भरोसा नही करता। हम गरीब पर कौन करेगा।? फिर भी मै कोशिश करती हूँ। तुम चिंता मत करो। " फिर कल्पना ने तीनो घरों से पैसे मांग कर देखे। पहले दो घरों से उसे साफ इनकार मिला अंत मे उस घर की मालकिन से पैसे उधार मांगे जहाँ चार साल से काम कर रही थी। मालकिन और मालिक दोनों ने उसे बुलाया फिर" मालिक ने पूछा" तुमने 25000 हजार रुपये मांगे है? बताओ लौटाओगी कैसे? कल्पना बोली " हर महीने तीन हजार देते हो वही काट लेना साहब। " मालिक बोला " ये लो 25000 रूपए और इन्हें लौटाना मत। चार साल से जिस ईमानदारी से काम कर रही हो ना। ये समझ लेना ये पैसे तुम्हारे चार साल का बोनस है।" इतना सुनते ही कल्पना की आँखों मे आंसू आ गए। उसने रुलाई दबाते हुए अपने दोनों हाथ जोड़ दिये। फिर बोली " मालिक भगवान आपको ये पैसे सौ गुना करके लौटायेगे। पता नही ये इतफाक था या कल्पना की दुआ? सरकार ने वहाँ रोडवेज बस डिपो बनाने की घोषणा कर दी जहाँ मालिक का एक प्लॉट था। रातों रात प्लॉट की कीमत सौ गुणा बढ़ गई।

10/09/2025

हम चल पडे अब डाइट पर

हंसता खेलता परिवार, दो बेटा एक बेटी, समय के साथ साथ, बच्चे भी बड़े होते गए साथ ही खर्चे भी, मजबूरी में ज्यादा वेतन के का...
09/09/2025

हंसता खेलता परिवार, दो बेटा एक बेटी, समय के साथ साथ, बच्चे भी बड़े होते गए साथ ही खर्चे भी, मजबूरी में ज्यादा वेतन के कारण पिता को अन्यत्र शहर में नौकरी करना पड़ी!!
" चलो ज्वाइन तो कर लिया ऑफिस, माहौल भी ठीक है, एक सप्ताह तो कंपनी ने अपने गेस्ट हाउस में रुकने का बोला है, इसी हफ्ते रूम भी तलाशना होगा, थक गया हूं, पर घर पर फोन कर लूं, वो लोग भी तो मेरे बिना उदास होंगे"
ट्रिन ट्रिन घंटी की आवाज तो जा रही है, न जानें ज्योति फोन अपने पास क्यों नहीं रखती....... अरे उठा लिया , मैं...ज्योति बोलने ही वाला था कि अचानक बेटे की आवाज आई..... .
" हेलो.. पापा कैसे हो आप , खाना खाया आपने, अच्छा लग रहा है न आपको वहां "
मेरा गला भर आया, देखो बेटा याद कर रहा है मुझे... .!
" बेटा मम्मी कहां हैं?"
" मम्मी तो बाजू वाली आंटी के साथ घूमने गईं हैं , आएंगी तो बोल दूंगा पापा "
ज्योति को मालूम है आज रात मैं फ़ोन जरूर करूंगा उसके बावजूद भी वो फोन लेकर साथ नहीं गई ....... कुछ दरक सा गया अन्दर, कुछ बुरा सा लगा खैर दिमाग को झटका, टीवी चलाया पर मन नहीं हुआ कुछ देखने का तो बंद कर दिया, क्या करूं..... घरेलू सा आदमी हूं, परिवार पर ही शुरु परिवार पर ही खत्म है मेरी जिंदगी!! रह रहकर ज्योति, मानस मानव और लाड़ली बेटी मान्या के चेहरे,आंखों के सामने आ जाते....
इस वक्त बच्चे क्या कर रहे होंगे, ज्योति घूमकर आ गई होगी न, रोज़ मेरे साथ घूमती थी, आज़ पड़ोस वाली भाभी के साथ घूमने में थोड़ा अटपटा तो लगा होगा न, मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई....
रात को मेरी कमी अखरेगी, बाजू में मान्या को सुलाएगी, फिर भी बुरा तो बहुत लगेगा, सोचते सोचते, कब आंखें भारी हो गईं और मैं गहरी नींद सो गया!!
सुबह उठा, रेस्ट हाउस में ही चाय नाश्ते की व्यवस्था थी, फटाफट नाश्ता किया, पेपर पढ़ा और आफिस निकल गया, ऑटो में था तभी ज्योति का फोन आया, सॉरी बोल रही थी, देर से फ़ोन किया इसलिए.... पर जानता हूं सुबह उसे बहुत हड़बड़ाहट रहती है, इसलिए मैंने उसे शांत रहने को कहा!!
समय का पहिया, अपनी गति से भागा जा रहा है, बच्चे बड़े हो गए हैं, अपनी मंजिल पर पहुंचने की तैयारी में हैं, पहले जैसा अब कुछ नहीं रहा, सिर्फ जरूरतों की बातें होती हैं, थकने लगा हूं........ जीवन के खूबसूरत पल ज्योति के बिना पहाड़ की तरह बीते, बच्चों की लड़ाई बहस और पापा की गोद को लेकर एक दूसरे को
चिढ़ाना , हंसना खिलखिलाना सब भूली हुई स्मृति की तरह एक याद बनकर रह गई !!
छुट्टियों में घर जाता तो वापस नौकरी पर जाने का दिल नहीं करता, ऐसा लगता....... कोई रोक ले मुझे, और न जाने दे...... पर मध्यम वर्गीय आदमी, सोच भी कहां पाता है!!
और वक्त निकला, एक एक करके तीनों बच्चों के ब्याह कर दिए, परिवार की जिम्मेदारी पूरी हो गई
आजकल तबियत मेरी, खराब रहने लगी है, होटल का खाना हज़म होता नहीं, खाना देखकर ही जी खराब हो जता है, घर और घर के खाने को बहुत याद करता हूं , कुछ महीनों में मेरा रिटायरमेंट होना है, सोचकर खुश होता भी हूं, कुछ सोचने को मजबूर भी हो जाता हूं, क्या मेरे जाने से परिवार को,कोई नयापन तो नहीं लगेगा, एक बेटा, मुंबई में जॉब में था, एक अपने ही शहर के बैंक में जॉब कर रहा था , ज्योति से भी मतलब की ही बात होती थी वो भी, थकने सी लगी थी!!
आज मेरा रिटायरमेंट है, कल का रिजर्वेशन करा लिया है घर जाने का, सुबह घंटी की जोरदार आवाज़ से नींद खुली..... इस वक्त कौन होगा ...... ये क्या मैं अपनी खुशी संभाल नहीं पा रहा हूं.... मेरा पूरा परिवार मेरे सामने खड़ा, खिलखिला रहा हैं, मेरी ज्योति भी छुपी मुस्कुराहट से मुझे ठीक वैसे देख रही है जैसे नई नई शादी के समय देखा करती थी!!
" तुम लोग अचानक कैसे? एक फ़ोन तो कर दिया होता, मैं कुछ तैयारी करके रखता"
" कुछ नहीं पापा बस अब साथ चलिए हमारे साथ, बहुत काम कर लिया आपने, अब बस आराम करना है आपको... और कुछ नहीं
ढेर सारी फूलमालाओं से लदा हुआ कमरे पर लौटा हूं, बच्चों ने सारी तैयारी कर रखी है घर चलने की!!
आज अपने शहर की आबोहवा बड़ी अनोखी और खूबसूरत लग रही है, मेरे मन का डर कहीं दुम दबाकर भाग गया है उसकी जगह आ बैठा है
एक विश्वास .... जो अब कभी कमजोर नहीं पड़ेगा!
"अरे ये टैक्सी किस तरफ़ जा रही है
बच्चों"
" पापा... थोड़ा सा इंतजार कीजिए "
बच्चे एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे. शहर से थोड़ी दूर नव निर्मित सोसाइटी में सजे संवरे डुप्लेक्स के सामने टैक्सी रुकी, सब उतरे, वो ताज़्जुब से देख रहा........
" ये सब कैसे कब किया तुम लोगों ने?"
" पापा आपने और मम्मी ने जो तपस्या की हमारे भविष्य को बनाने के लिए..... उसके सामने ये तो कुछ भी नहीं, पापा..... आपकी मेहनत की वजह से हम सब सफल हुए हैं " आपको भरोसा दिलाया था.... हमेशा आपको गर्व महसूस कराएंगे....
बस पापा ये तोहफा हमारी तरफ से " भीगी आंखों से मैंने अपने बच्चों को गले लगा लिया!
बिटिया भी बोल पड़ी.... " पापा मैने भी तो आपका भरोसा बनाए रखा न? मेरी तरफ़ से आपको और मम्मी को ये तोहफा, एक सप्ताह बाद " चार धाम यात्रा" मेरी तरफ से !!"
सब खिलखिलाकर हंस पड़े, और चल पड़े अपने नए नीड़ की ओर ............
प्रीति सक्सेना
इंदौर

Address

Jalalabad
247772

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when RakhiPal55 posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share