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09/11/2025
हार्ड वर्किंग के साथ कुछ पल
08/11/2025

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08/11/2025
"नक्शा": विश्वसनीय भू-अभिलेखों और नागरिक सशक्तिकरण के लिए एक नई पहल"नक्शा" आपकी भूमि की डिजिटल पहचान का प्रतीक लेखक: श्र...
08/11/2025

"नक्शा": विश्वसनीय भू-अभिलेखों और नागरिक सशक्तिकरण के लिए एक नई पहल

"नक्शा" आपकी भूमि की डिजिटल पहचान का प्रतीक

लेखक: श्री शिवराज सिंह चौहान माननीय केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार

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जब भारत एक समावेशी और विकसित भविष्य की कल्पना करता है, तो इसका सबसे मज़बूत आधार-स्तंभ भूमि है। चाहे घर हो, खेत हो, दुकान हो या स्मार्ट सिटी का सपना हो - विकास का प्रत्येक रूप भूमि पर अवस्थित होता है। हालाँकि, सच्चाई यह है कि वर्षों से हमारे भू-अभिलेख अधूरे, भ्रामक और अक्सर विवादों में उलझे रहे हैं। परिणामस्वरूप, आम नागरिकों को संपत्ति खरीदने, ज़मीन विरासत में प्राप्त करने, ऋण प्राप्त करने या सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।

इन दीर्घकालिक समस्याओं के समाधान के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में, ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत भूमि संसाधन विभाग ने "नक्शा" (राष्ट्रीय शहरी निवास-स्थल भू-स्थानिक ज्ञान-आधारित भूमि सर्वेक्षण) कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह भारत में भूमि प्रबंधन, प्रशासन और भूमि-रिकॉर्ड रख-रखाव में बदलाव लाने की एक पहल है। यह कार्यक्रम एक पारदर्शी, डिजिटल और सत्यापित भू-अभिलेख प्रणाली का निर्माण कर रहा है, जो न केवल नागरिकों के जीवन को आसान बनाएगी, बल्कि कस्बों और शहरों के विकास को भी गति प्रदान करेगी।

भारत में, भूमि पंजीकरण लंबे समय से एक जटिल व दस्तावेज-आधारित प्रक्रिया रही है। बिक्री विलेख, स्टाम्प शुल्क, पंजीकरण शुल्क, पटवारी सत्यापन और तहसील स्तर पर प्रस्तुतियाँ – ये सभी नागरिकों के लिए पूरी प्रणाली को बोझिल बना देती थीं। पुराने रजिस्टर और फाइलों में न केवल त्रुटियां मौजूद थीं, बल्कि इनमें आसानी से छेड़छाड़ की जा सकती थी, जो कई विवादों का मूल कारण होता है। अस्पष्ट संपत्ति अभिलेखों की वजह से बैंकों से ऋण प्राप्त करने की संभावना कम हो गयी थी।

उत्तराधिकार या दाखिल-खारिज की प्रक्रिया अक्सर वर्षों तक अदालतों में अटकी रहती थी। गलत माप, अस्पष्ट सीमाएँ और स्थानीय राजनीतिक हस्तक्षेप ने इन समस्याओं को और गंभीर बना दिया। यही कारण है कि लाखों भारतीयों के लिए, सुरक्षा के स्रोत के रूप में भूमि का महत्त्व कम होता गया और यह जोखिम का प्रमुख स्रोत बन गई।

नक्शा: डिजिटल पारदर्शिता की ओर कदम

नक्शा कार्यक्रम, सटीक और डिजिटल भू-रिकॉर्ड तैयार करने के लिए ड्रोन सर्वेक्षण, जीएनएसएस मानचित्रण और जीआईएस उपकरण जैसी उन्नत तकनीकों का लाभ उठाता है। इस पहल के तहत, नागरिकों को ‘योरप्रो’ (शहरी संपत्ति स्वामित्व रिकॉर्ड) कार्ड मिलता है, जो स्वामित्व का एक डिजिटल प्रमाण है और संपत्ति के लेन-देन को आसान बनाता है। सरकार ‘योरप्रो’ कार्यक्रम को समर्थन दे रही है। नक्शा के साथ, लोगों को अब स्वामित्व की पुष्टि के लिए दस्तावेजों या बिचौलियों पर निर्भर रहने की ज़रूरत नहीं है। इससे ऋण प्राप्त करने, बिक्री पूरी करने, उत्तराधिकार प्राप्त करने और विवादों का निपटारा करने की प्रक्रिया तेज़ और अधिक पारदर्शी हो गयी है। अंततः, नक्शा केवल एक तकनीकी सुधार नहीं है - यह नागरिक सशक्तिकरण, समानता और भू-स्वामित्व में कानूनी आश्वासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नक्शा कार्यक्रम मुख्य रूप से उन नागरिकों को लाभान्वित करता है, जो लंबे समय से अधूरे या अप्रचलित भू-दस्तावेजों पर निर्भर रहे हैं। नगरपालिकाओं और स्थानीय परिषदों के पास अब स्वच्छ, सटीक भू-स्थानिक डेटा तक पहुँच की सुविधा है, जिससे बेहतर निर्णय लेना और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है। नागरिक आसानी से ऑनलाइन प्रारूप मानचित्र देख सकते हैं और आपत्तियाँ दर्ज कर सकते हैं, जिससे इस प्रक्रिया में जनता की भागीदारी सुनिश्चित होती है। यह डिजिटल प्रणाली कराधान को अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी बनाती है, साथ ही शहरी नीति-निर्माण और अवसंरचना डिज़ाइन की सटीकता और गति में सुधार करती है। संक्षेप में, जो भू-रिकॉर्ड कभी धूल भरे रजिस्टरों में केवल हस्तलिखित प्रविष्टियों के रूप में मौजूद था, वह अब रंगीन, इंटरैक्टिव और पारदर्शी डिजिटल मानचित्रों में विकसित हो गया है। यह आधुनिक, डेटा-संचालित शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नक्शा कार्यक्रम का प्रभाव व्यक्तिगत स्वामित्व और प्रशासनिक दक्षता से कहीं आगे तक फैला हुआ है और यह आपदा प्रबंधन और शहरी नीति-निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में उभर रहा है। अवस्थिति की ऊँचाई का विस्तृत डेटा प्रदान करके, यह लोगों को बाढ़-जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करने में सक्षम बनाता है, जबकि चक्रवात, भूकंप या आग की स्थिति में, यह बिना किसी देरी के बचाव और राहत कार्यों को शुरू करने की सुविधा देता है। सत्यापित डिजिटल स्वामित्व रिकॉर्ड यह भी सुनिश्चित करते हैं कि मुआवजा और सहायता सही लाभार्थियों तक शीघ्रता से पहुँचे। इससे आपदा के बाद, पूर्वस्थिति को बहाल करने की प्रक्रिया अधिक कुशल हो जाती है। इसके अलावा, नक्शा संतुलित और सतत अवसंरचना विकास को बढ़ावा देकर दीर्घकालिक शहरी सुदृढ़ता का समर्थन करता है।

अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) और दिव्यांगजनों जैसे कमजोर समूहों के लिए, नक्शा सुरक्षा और सुलभता प्रदान करता है—उन्हें संपत्ति के रिकॉर्ड ऑनलाइन देखने और सत्यापित करने की सुविधा देता है, किसी भी धोखाधड़ी और अतिक्रमण के जोखिम को कम करता है, और सरकारी कार्यालयों के बार-बार चक्कर लगाए बिना आसान पहुँच सुनिश्चित करता है। संक्षेप में, नक्शा केवल एक तकनीकी सुधार नहीं है, बल्कि दुनिया भर के उन नागरिकों के लिए विश्वास और सशक्तिकरण का प्रतीक है, जिनकी भारत की भूमि और इसके भविष्य में हिस्सेदारी है।

विकसित भारत की आधारशिला
भारतीय इतिहास में, भूमि विवादों ने अक्सर असमानता, संघर्ष और विलंब को जन्म दिया है—लेकिन नक्शा कार्यक्रम भूमि प्रशासन प्रणाली को पारदर्शी, कुशल और नागरिक-केंद्रित बनाकर इस विरासत को बदल रहा है। स्मार्ट शहर, पीएम गति शक्ति और पीएम स्वनिधि जैसे राष्ट्रीय मिशनों के साथ एकीकरण के जरिये, नक्शा भारत के विकास-केंद्रित भविष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहा है। यह न केवल स्थानीय शासन को मज़बूत करता है, बल्कि नागरिक भागीदारी, सशक्तिकरण और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है, जिससे अधिक निवेश और रोज़गार सृजन का मार्ग प्रशस्त होता है।

आख़िरकार, भूमि सिर्फ़ एक भौतिक संपत्ति नहीं है—यह प्रत्येक भारतीय नागरिक की पहचान और विरासत है। दशकों से, यह विरासत अव्यवस्था और भ्रष्टाचार के आवरण से ढँकी हुई थी, लेकिन नक्शा विश्वास, पारदर्शिता और समानता का अमृत काल प्रस्तुत कर रहा है। सुरक्षित, सत्यापित डिजिटल भूमि रिकॉर्ड के साथ, अब नागरिकों के पास सचमुच अपने सपनों की कुंजी है—जो भारत को एक अधिक न्यायसंगत, पारदर्शी और विकसित भविष्य की ओर ले जा रही है।

केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री

भूमि संसाधन विभाग ने स्वच्छता को संस्थागत बनाने और लंबित मामलों को न्यूनतम करने के लिए विशेष अभियान 5.0 का समापन कियाअक्...
08/11/2025

भूमि संसाधन विभाग ने स्वच्छता को संस्थागत बनाने और लंबित मामलों को न्यूनतम करने के लिए विशेष अभियान 5.0 का समापन किया

अक्टूबर 2025 स्वच्छता अभियान के दौरान भूमि संसाधन विभाग द्वारा 100 से अधिक स्वच्छता अभियान और 2,400 फ़ाइल समीक्षाएं पूरी की गईं।

भूमि संसाधन विभाग ने विशेष अभियान 5.0 के दौरान योग, मानसिक स्वास्थ्य कार्यशाला और साइबर सुरक्षा जागरूकता का आयोजन किया।

08 NOV 2025 Sk Saxena
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सचिव (एलआर) के मार्गदर्शन में, विशेष अभियान 5.0 की प्रगति की बारीकी से निगरानी की गई, जिससे विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में गति सुनिश्चित हुई। नोडल अधिकारी और टीम के सदस्यों ने विभाग के रिकॉर्ड रूम सहित सभी कार्यालयों का निरीक्षण किया। इस अवधि के दौरान, भूमि संसाधन विभाग ने निम्नलिखित प्रमुख लक्ष्य हासिल किए:

अपने परिसर में शत-प्रतिशत स्वच्छता अभियान सफलतापूर्वक क्रियान्वित।
लोक शिकायतों का शत-प्रतिशत निपटान।
रिकॉर्डिंग/निराई/समापन के लिए 2415 फाइलों (भौतिक फाइलें और ई-फाइलें) की समीक्षा की गई।
विशेष अभियान 5.0 के हिस्से के रूप में स्वच्छता और इसके प्रति जागरूकता के लिए विभाग द्वारा कई गतिविधियाँ की गईं। महीने के दौरान योग और मानसिक स्वास्थ्य पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। अभियान अवधि के दौरान कर्मचारियों के लिए स्वच्छता गतिविधियों पर नारा लेखन, वाद-विवाद और चित्रकारी प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। भूमि संसाधन विभाग ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से अभियान का प्रचार-प्रसार किया।

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08/11/2025

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Aaj Tak Aamne Saamne👇👇👇👇👇👇👇👇👇ਦਫਤਰ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਲੋਕ ਸੰਪਰਕ, ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ। ਰਮਨ ਬਹਿਲ ਦੇ ਯਤਨਾਂ ਸਦਕਾ ਸਰਕਾਰੀ ਕਾਲਜ ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ ਨੂੰ ਮਿਲੇ ਹੋ...
07/11/2025

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ਦਫਤਰ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਲੋਕ ਸੰਪਰਕ, ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ।

ਰਮਨ ਬਹਿਲ ਦੇ ਯਤਨਾਂ ਸਦਕਾ ਸਰਕਾਰੀ ਕਾਲਜ ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ ਨੂੰ ਮਿਲੇ ਹੋਰ ਚਾਰ ਨਵੇਂ ਕੋਰਸ

2026-27 ਸੈਸ਼ਨ ਤੋਂ ਬੀ.ਏ. (ਫਾਈਨ ਆਰਟਸ), ਬੀ.ਏ. (ਮਾਸ ਕਮਿਊਨੀਕੇਸ਼ਨ), ਐਮ.ਏ. ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ, ਐਮ.ਐਸ.ਸੀ. ਮੈਥਮੈਟਿਕਸ ਕੋਰਸ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਣਗੇ

ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ , 7 ਨਵਬੰਰ
(Sonu. Ravinder Singh) ਰਮਨ ਬਹਿਲ ਹਲਕਾ ਇੰਚਾਰਜ ਵਲੋਂ ਲਗਾਤਾਰ ਹਲਕੇ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਦਿਨ ਰਾਤ ਕਾਰਜ ਕੀਤੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਲੋਂ ਕੀਤੇ ਗਏ ਯਤਨਾਂ ਸਦਕਾ ਸਰਕਾਰੀ ਕਾਲਜ ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ ਨੂੰ ਨਵੇਂ ਚਾਰ ਕੋਰਸ ਮਿਲੇ ਹਨ, ਜੋ ਨਵੇਂ ਸੈਸਨ ਵਿੱਚ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਣਗੇ।

ਅੱਜ ਸਰਕਾਰੀ ਕਾਲਜ ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ ਵਿਖੇ ਪਹੁੰਚੇ ਹਲਕਾ ਇੰਚਾਰਜ ਰਮਨ ਬਹਿਲ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਲੋਂ ਲਗਾਤਾਰ ਸਰਕਾਰੀ ਕਾਲਜ ਦੀ ਹੋਰ ਬਿਹਤਰੀ ਲਈ ਯਤਨ ਕੀਤੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ ਅਤੇ ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ ਦੇ ਸਰਕਾਰੀ ਕਾਲਜ ਨੂੰ ਮੁੜ ਸਿੱਖਿਆ ਦੇ ਖੇਤਰ ਵਿੱਚ ਅੱਗੇ ਲਿਜਾਇਆ ਗਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਲੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵੀ ਕਾਲਜ ਵਿੱਚ ਚਾਰ ਨਵੇਂ ਕੋਰਸ ਲਿਆਂਦੇ ਗਏ ਸਨ।

ਰਮਨ ਬਹਿਲ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਸਰਕਾਰੀ ਕਾਲਜ ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ, ਜੋ ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਵਿੱਚ ਉੱਚ ਸਿੱਖਿਆ ਦਾ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਕੇਂਦਰ ਹੈ, ਆਪਣੀ ਅਕਾਦਮਿਕ ਪ੍ਰਗਤੀ ਨਾਲ ਨਿੱਤ ਨਵੇਂ ਮਾਪਦੰਡ ਸਥਾਪਿਤ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਕਾਲਜ ਵਿੱਚ ਪਿਛਲੇ ਸਾਲ ਲਗਭਗ 1500 ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਸੀ, ਹੁਣ ਵਧ ਕੇ 2200 ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚ ਗਈ ਹੈ। ਇਹ ਵਾਧਾ ਕਾਲਜ ਵਿੱਚ ਗੁਣਵੱਤਾ, ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਅਤੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਦੀ ਵਧਦੀ ਰੁਚੀ ਦਾ ਸਪਸ਼ਟ ਪ੍ਰਤੀਕ ਹੈ।

ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਮੌਜੂਦਾ ਸੈਸ਼ਨ ਵਿੱਚ ਕਾਲਜ ਵਿੱਚ ਚਾਰ ਨਵੇਂ ਕੋਰਸ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਬੀ. ਕਾਮ (ਟੈਕਸ ਪਲੈਨਿੰਗ ਅਤੇ ਮੈਨੇਜਮੈਂਟ),ਐਮ. ਕਾਮ,ਬੀ.ਬੀ.ਏ. (ਬੈਚਲਰ ਆਫ ਬਿਜ਼ਨਸ ਐਡਮਿਨਿਸਟ੍ਰੇਸ਼ਨ), ਐਮ.ਏ. ਪੰਜਾਬੀ ।

ਇਹ ਸਾਰੇ ਕੋਰਸ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਦੀ ਅਕਾਦਮਿਕ ਅਤੇ ਪ੍ਰੋਫੈਸ਼ਨਲ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਵਿੱਚ ਨਵੇਂ ਮੌਕੇ ਪੈਦਾ ਕਰਨਗੇ। ਬੀ.ਕਾਮ ਟੈਕਸ ਪਲੈਨਿੰਗ ਅਤੇ ਬੀ.ਬੀ.ਏ. ਵਰਗੇ ਕੋਰਸ ਆਧੁਨਿਕ ਵਪਾਰ ਅਤੇ ਪ੍ਰਬੰਧਕੀ ਵਿਵਸਥਾ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਹੋਏ ਹਨ, ਜਦਕਿ ਐਮ.ਏ. ਪੰਜਾਬੀ ਪੰਜਾਬੀ ਸਾਹਿਤ ਅਤੇ ਸੰਸਕ੍ਰਿਤੀ ਨੂੰ ਅਗਲੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਤੱਕ ਸੰਭਾਲਣ ਦਾ ਮਾਧਿਅਮ ਬਣੇਗਾ।

ਕਾਲਜ ਵੱਲੋਂ 2026-27 ਸੈਸ਼ਨ ਤੋਂ ਚਾਰ ਹੋਰ ਨਵੇਂ ਕੋਰਸਾਂ ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ । ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ ਬੀ.ਏ. (ਫਾਈਨ ਆਰਟਸ), ਬੀ.ਏ. (ਮਾਸ ਕਮਿਊਨੀਕੇਸ਼ਨ)
, ਐਮ.ਏ. ਅੰਗਰੇਜ਼ੀ, ਐਮ.ਐਸਸੀ. ਮੈਥਮੈਟਿਕਸ।

ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਇਹ ਸਾਰੇ ਕੋਰਸਾਂ ਲਈ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਮਨਜ਼ੂਰੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਚੁੱਕੀ ਹੈ ਅਤੇ ਹੁਣ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ, ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਨਾਲ ਐਫੀਲੀਏਸ਼ਨ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਪੂਰੀ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ। ਇਹ ਕਾਲਜ ਲਈ ਇੱਕ ਵੱਡੀ ਅਕਾਦਮਿਕ ਉਪਲਬਧੀ ਹੈ ਜਿਸ ਨਾਲ ਇਹ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਪੋਸਟ ਗ੍ਰੈਜੂਏਟ ਕਾਲਜ ਬਣ ਜਾਵੇਗਾ।

ਕਾਲਜ ਵਿੱਚ ਹੁਣ ਇੱਕ ਨਵੀਂ ਸਕਿਲ ਡਿਵੈਲਪਮੈਂਟ ਲੈਬ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ, ਜੋ ਕਿ ਅਗਲੇ ਇੱਕ ਮਹੀਨੇ ਵਿੱਚ ਪੂਰੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕਾਰਗਰ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ। ਇਸ ਲੈਬ ਲਈ ਲੋੜੀਂਦਾ ਸਾਜੋ-ਸਮਾਨ ਕਾਲਜ ਵੱਲੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰ ਲਿਆ ਗਿਆ ਹੈ। ਇਹ ਲੈਬ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਰੋਜ਼ਗਾਰ ਕੇਂਦਰਿਤ ਪ੍ਰਸ਼ਿਕਸ਼ਣ, ਡਿਜ਼ੀਟਲ ਸਕਿਲਸ, ਕਮਿਊਨੀਕੇਸ਼ਨ ਅਤੇ ਪ੍ਰੈਜ਼ੇਂਟੇਸ਼ਨ ਸਕਿਲਸ ਵਿੱਚ ਪ੍ਰੈਕਟਿਕਲ ਅਨੁਭਵ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰੇਗੀ।

ਪ੍ਰਿੰਸੀਪਲ ਪ੍ਰੋ. ਅਸ਼ਵਨੀ ਭੱਲਾ ਨੇ ਰਮਨ ਬਹਿਲ ਦਾ ਧੰਨਵਾਦ ਕਰਦਿਆਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਹੇਠ ਸਰਕਾਰੀ ਕਾਲਜ ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ ਨੇ ਨਵੀਂ ਉਚਾਈਆਂ ਨੂੰ ਛੂਹਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹ ਲਗਾਤਾਰ ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਨੂੰ ਉੱਚ ਮਿਆਰੀ ਸਿੱਖਿਆ ਪ੍ਰਦਾਨ ਲਈ ਯਤਨਸ਼ੀਲ ਹਨ।

ਇਸ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਕਾਲਜ ਕੌਂਸਲ ਅਤੇ ਸ਼ਹਿਰ ਦੇ ਪਤਵੰਤੇ ਸੱਜਣਾਂ ਦੀ ਮੀਟਿੰਗ ਵਿੱਚ ਅਹਿਮ ਫੈਸਲੇ ਸਰਬਸੰਮਤੀ ਨਾਲ ਲਏ ਗਏ। ਸ਼ਹਿਰ ਵਾਸਿਆਂ ਲਈ ਕਾਲਜ ਦਾ ਮੁੱਖ ਗੇਟ ਸੈਰ ਕਰਨ ਲਈ ਸਵੇਰੇ 5:00 ਤੋਂ 8:00 ਵਜੇ ਤੱਕ ਖੋਲਿਆ ਜਾਵੇਗਾ।ਕਾਲਜ ਦਾ ਟੈਂਕੀ - ਗੇਟ ( ਫੁੱਟਬਾਲ ਗਰਾਊਂਡ) ਸ਼ਹਿਰ ਵਾਸੀਆਂ ਦੇ ਸੈਰ ਕਰਨ ਲਈ ਸ਼ਾਮ 3:00 ਵਜੇ ਤੋਂ 6:00 ਵਜੇ ਤੱਕ ਖੋਲਿਆ ਜਾਵੇਗਾ। ਇਸ ਸਮੇਂ ਦੌਰਾਨ ਕਾਲਜ ਕੈਂਪਸ ਵਿੱਚ ਅਨੁਸ਼ਾਸਨ ਅਤੇ ਅਣਸੁਖਾਵੇਂ ਅਨਸਰਾਂ ਤੋਂ ਸੁਰੱਖਿਆਂ ਲਈ ਪੁਲਿਸ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਵੱਲੋਂ ਪੀ.ਸੀ.ਆਰਦੀ ਡਿਊਟੀ ਲਗਾਈ ਜਾਵੇਗੀ।

ਇਸ ਮੌਕੇ ਮੈਂਬਰ ਜੋਗਿੰਦਰ ਸਿੰਘ, ਭਾਰਤ ਭੂਸ਼ਣ, ਸੁਰੇਸ਼ ਚੰਦਰ, ਬਲਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਐਮ. ਸੀ., ਹਰਦੀਪ ਸਿੰਘ ਆਦਿ ਮੌਜੂਦ ਸਨ।

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