28/09/2025
साहिब बंदगी के संत सद्गुरु श्री मधुपरमहंस जी महाराज ने आज रखबंधु में अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए कहा कि अलग अलग पंथ और मत अलग अलग मार्ग बता रहे हैं। ऐसे में इंसान फैसला नहीं कर पाता है कि किस मत, किस पंथ पर चलकर मेरा कल्याण होगा। आदमी विवेक सहित किसी बात को नहीं अपना रहा है। एक से मैंने पूछा कि किसकी भक्ति करते हो। उसने कहा कि फलाने देवता की। मैंने पूछा कि क्यों करते हो। वो बोला कि यह मैं नहीं जानता हूँ। माता पिता भक्ति करते थे तो मैं भी कर रहा हूँ। यह देखा देखी भक्ति चल रही है। सभी दूसरे का खंडन करके अपना मंडन कर रहे हैं। आजकल बेरोजगारी बहुत है, इसलिए भक्ति क्षेत्र में जीवनयापन के लिए बहुत लोग आ गये। यहाँ साहिब कह रहे हैं कि पेट के कारण गुरुआई करेगा तो पीढ़ी सहित नरक में जायेगा।
आप बाजार में कुछ खरीदने जाते हैं तो हरेक दुकानदार अपनी चीज का गुण बताता है। वो ग्राहक का ब्रेनवाश कर देता है। ग्राहक को इल्म नहीं है। वो फंस जाता है। इसी तरह देखा देखी सब सुबह-सुबह उठकर प्रभु का नाम जपते हैं, पर आधीरात को उठकर कोई कोई भक्ति करता है।
साहिब जी ने आगे कहा कि मौत के समय इतना पीड़ा होती है जैसे 16 बिच्छू एक साथ ढंक मारें। उसे मूर्छित अवस्था में ले जाते हैं। इसलिए जन्म और मरण का दुख बहुत बड़ा है। जो जो जीवन में पाया, इक्टठा किया, एक ही झटके में सब कुछ छोड़ना पड़ता है। सोचो, यह देही एक किराए का घर है। मौत आवाज देगी तो बाहर निकलना पड़ेगा। जिन बड़े बड़े योद्धाओं के हुंकारने से पृथ्वी कांपती थी, वो भी मिट्टी में मिल गये। यह मृत्यु लोक है। जो यहाँ आया, वो जायेगा। आप सोचो कि आपकी गाड़ी गुम हो जाए तो आप कितना परेशान हो जाओगे। एक गाड़ी गुम हो गयी तो परेशान हो गये। जब आपके घर के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो आप कितने परेशान हो जाते हैं। जब आपको या आपके अपने को रोग हो जाते हैं तो आप दुखी हो जाते हैं। आपका धन कोई छीन ले तो आप कितना दुखी हो जाते हैं।
मौत के समय पर सब कुछ एक साथ छीना जाता है। आप यही ध्यान रखो कि यह मृत्यु लोक है। एक साथ सबकुछ खत्म हो जायेगा। मौत के समय एक प्रकृया होती है। जब यमदूत प्राणों को खींचता है तो जैसे आक्सीजन की कमी के कारण शरीर में सुईयाँ चुभती हैं, ऐसी क्रिया होती है। पर वो न बोल सकता है, न कुछ कर सकता है। जैसे इंसान का आप्रेश्न करते हैं तो पहले बेसुध करते हैं। वो इशारा भी नहीं कर सकता है, बता भी नहीं सकता है कि मेरे साथ क्या हो रहा है। यह संसार मृत्यु लोक है। एक बात तो सब स्वीकार करते हैं तो जो भी मात गर्भ में आया, वो सब मरेंगे। मैं युवा लोगों से कहता हूँ कि आप जवानी के गर्भ में नहीं घूमना। यह चार दिन की चाँदनी की तरह है। हरेक शरीरधारी को दुख है।
यदि आप शुभ कर्म भी करते हैं तो जन्म मरण का दुख खत्म नहीं होगा। आप थोड़ी देर के लिए स्वर्ग का सुख भोगने जायेंगे, फिर वापिस आयेंगे। जन्म लेंगे। यह जन्मना और मरना बहुत बड़ा दुख है। आत्मा को ये दुख कौन दे रहा है। यह फँसी हुई है। सत्य नाम के बिना कोई भी सदा के लिए इन दुखों से नहीं छूट सकता है।
Dated : 28-9-2025
Publicity Secretary