13/09/2025
जमशेदपुर :अनुसूचित जाति समन्वय समिति, जमशेदपुर के बैनर तले धोबी, घासी, पासी, दुसाध, डोम, वाउरी, तुरी, चमार, भुईया समेत सभी 22 उपजातियों के हजारों महिला-पुरुष सदस्य साकची आम बागान से मार्च निकालते हुए पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त कार्यालय पहुंचे।
समिति ने जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate) निर्गत करने की प्रक्रिया में आ रही बाधाओं को लेकर ज्ञापन सौंपा।
मार्च का नेतृत्व पद्मश्री मुकुंद नायक ने किया। समिति ने आरोप लगाया कि अंचल एवं अनुमंडल कार्यालयों द्वारा आवेदन करने पर 25 फरवरी 2019 को कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग द्वारा जारी पत्रांक-1754 का हवाला देते हुए 10 अगस्त 1950 से पूर्व निवास का प्रमाण मांगा जाता है।
समिति का कहना है कि जमशेदपुर एक औद्योगिक शहर है जहां टाटा कंपनी ने कंपनी हित में दलित समाज को बसाया। अधिकांश लोग भूमिहीन और आर्थिक रूप से कमजोर हैं, इसलिए भूमि संबंधी कागजात उपलब्ध नहीं हैं। मतदाता सूची 1952 से बनी है और 1950 से पहले कोई सरकारी दस्तावेज जारी ही नहीं हुआ था। इसी कारण दलित समाज को जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate) नहीं मिल पा रहा है।
इस वजह से दलित छात्रों (Dalit Students), युवाओं (Youth), वृद्ध नागरिकों (Senior Citizens) को शिक्षा, सरकारी/गैर सरकारी नौकरी और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि समस्या का समाधान शीघ्र नहीं हुआ तो वे जमशेदपुर से रांची तक शांतिपूर्ण संवैधानिक आंदोलन करेंगे।
ज्ञापन में भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 10 जून 2025 को जारी आदेश का हवाला दिया गया। इसमें कहा गया है कि नवगठित राज्यों में पूर्ववर्ती राज्य से निवासित अनुसूचित जातियों को जाति प्रमाण पत्र जारी कर लाभ दिया जाए।
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से अजय रजक,गणेश कुमार प्रसाद,विजय कुमार, गराचंद्र कलंदरी, फुलचन्द बाऊटरी,जुगल किशोर भत्वा आदि शामिल थे।
जमशेदपुर से रॉकी कुमार की रिपोर्ट।