
16/07/2025
प्रिय सड़क के परम पूजनीय गड्ढों,
सादर चरण-स्पर्श। बरसात शुरू होते ही जिस तरह आप जगह-जगह प्रकट होते हैं, उससे तो आप किसी साधारण गड्ढे नहीं, बल्कि सड़क सज्जा के महत्वपूर्ण अंग लगते हैं। हमें तो हैरत है कि आपको अभी तक कोई राष्ट्रीय सम्मान नहीं मिला—“गड्ढा रत्न” की उपाधि तो कम से कम बनती है!
आपका धैर्य भी कमाल का है। बरसात की पहली बूँद गिरते ही आप उमड़ पड़ते हैं, और फिर महीनों तक वहीं डटे रहते हैं—ना थकते हैं, ना हटते हैं। आप सड़क को एक रोमांचकारी एडवेंचर ट्रैक में बदल देते हैं, जिससे हर वाहन चालक को मुफ्त का रेसिंग गेम मिल जाता है।
आपसे निकलने वाली मिट्टी और पानी का कीचड़ शहर को प्राकृतिक सौंदर्य देता है—बिल्कुल देहाती स्पा ट्रीटमेंट जैसा अनुभव! और स्कूटर वालों के तो आप पसंदीदा हैं, क्योंकि उनके कपड़ों पर फैली हुई मिट्टी की छप-छप एकदम फैशनेबल लगती है।
ऐसा लगता है जैसे आप नगर निगम की सबसे प्रिय रचना हैं—कभी-कभी तो हम सोचते हैं कि क्या आपको संवारने वाले कलाकार हैं, जो सड़क पर कला की एक नई शैली स्थापित कर रहे हैं: "पोथोल आर्टिज़्म."
अतः, इस वर्षा ऋतु में आपकी भव्य उपस्थिति का हम हार्दिक अभिनंदन करते हैं। कृपया इसी प्रकार टिके रहें, ताकि हम हर दिन एक नया अनुभव, नया संतुलन और एक नई चुनौती जी सकें।
आपके स्थायी प्रशंसक,
एक परेशान लेकिन अब अभ्यस्त नागरिक