14/06/2025
*नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी – संघर्ष से सितारा बनने तक*
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नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी आज बॉलीवुड का एक जाना-पहचाना नाम हैं। उनकी गिनती देश के सबसे बेहतरीन अभिनेताओं में होती है। लेकिन उनकी सफलता की कहानी संघर्ष, सब्र और आत्मविश्वास की मिसाल है।
*शुरुआत एक छोटे गाँव से*
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नवाज़ुद्दीन उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले के छोटे से गाँव बुढाना से ताल्लुक रखते हैं। उनका परिवार खेती-बाड़ी करता था। आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी, लेकिन नवाज़ के सपनों की उड़ान ऊँची थी।
कॉलेज में केमिस्ट्री से ग्रेजुएशन करने के बाद वह नौकरी की तलाश में गुजरात चले गए, जहाँ उन्होंने एक पेट्रोकेमिकल कंपनी में चौकीदार की नौकरी की। लेकिन उनका मन वहाँ नहीं लगा।
*थिएटर से मुंबई तक*
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एक दिन उन्होंने दिल्ली में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) के बारे में सुना। उन्होंने NSD में एडमिशन के लिए थिएटर में काम करना शुरू किया। तीन साल तक दिन-रात मेहनत की, और आखिरकार NSD में दाखिला मिल गया।
NSD से निकलने के बाद वे मुंबई आए, लेकिन यहाँ ज़िंदगी और भी कठिन थी।
*संघर्ष के दिन*
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मुंबई में उन्हें छोटे-मोटे रोल भी मुश्किल से मिलते थे। कभी भीख माँगने वाले का रोल, कभी बैकग्राउंड में पुलिसवाले का। उन्होंने सारांश, शूल, और सरफ़रोश जैसी फिल्मों में कुछ सेकंड्स के रोल किए, लेकिन कोई पहचान नहीं मिली। कई साल तक लोगों ने उन्हें नोटिस तक नहीं किया।
*पहचान और सफलता*
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2009 में आई अनुराग कश्यप की फिल्म "गैंग्स ऑफ वासेपुर" ने नवाज़ की किस्मत बदल दी। इस फिल्म में "फैज़ल खान" के किरदार ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। इसके बाद "बदलापुर," "मंटो," "तलाश," "रमन राघव 2.0," और "सेक्रेड गेम्स" जैसे प्रोजेक्ट्स ने उन्हें आलोचकों और दर्शकों दोनों का चहेता बना दिया।
*अभिनय में गहराई और ईमानदारी*
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नवाज़ की सबसे बड़ी ताकत है — उनका सच्चा और गहरा अभिनय। उन्होंने कभी दिखावा नहीं किया, बस अपने काम से लोगों के दिल जीते। उन्हें कई नेशनल और इंटरनेशनल अवॉर्ड भी मिल चुके हैं।
*सीख:*
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"अगर आपके सपने सच्चे हैं और आप में उन्हें पाने की सच्ची लगन है, तो कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, एक दिन सफलता ज़रूर मिलेगी।"
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की कहानी यही बताती है — 'संघर्ष से ही सितारे बनते हैं।' 🌟🫡🥰🔥