28/09/2025
एनएच-33 बना राहगीरों की मुसीबत, जर्जर सड़कों व यातायात जाम से बढ़ी दुश्वारियाँ
राष्ट्रीय राजमार्ग-33 के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। चांडिल गोलचक्कर से पाटा टोल प्लाजा तक लगभग डेढ़ किलोमीटर के दायरे में सड़क की बदहाली और भीषण जाम ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रखा है। बीते तीन महीनों से यह समस्या बनी हुई है, परंतु अब तक किसी भी स्तर पर समाधान की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
गौरतलब है कि इस मार्ग पर अनेक स्थानों पर सड़क की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि जगह-जगह गड्ढों ने तालाब का रूप ले लिया है। इन गड्ढों के कारण न केवल बड़े वाहनों का आवागमन बाधित हो रहा है, बल्कि दोपहिया वाहन चालक भी जाम के दौरान आगे बढ़ने में असमर्थ हो जाते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पाटा टोल प्लाजा के निर्माण के बाद से जाम की स्थिति और विकराल हो गई है। टोल प्लाजा प्रबंधन द्वारा कई लेन को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, जिससे जाम की समस्या और अधिक गंभीर हो गई है। वहीं, जब इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो प्रबंधन ने इसे मात्र "सामान्य ट्रैफिक समस्या" कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
यात्रियों, वाहन चालकों और स्थानीय लोगों का आरोप है कि एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की लापरवाही के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। सड़क मरम्मत कार्य को अधूरा छोड़ दिया गया है और फिलहाल इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
यह मार्ग न केवल हजारीबाग को बहरागोड़ा से जोड़ता है, बल्कि यह झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों को जोड़ने वाला एक प्रमुख अंतरराज्यीय मार्ग है। इस व्यस्त मार्ग पर प्रतिदिन हजारों वाहन चलते हैं, जिनमें आम नागरिकों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और व्यवसायी भी शामिल होते हैं। बावजूद इसके, सड़क की मरम्मत और यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
जानकारी के अनुसार, सड़क निर्माण कार्य की जिम्मेदारी संभाल रही आरकेएस कंपनी के परियोजना प्रबंधक जीतेंद्र सिंह ने बताया कि टू लेन सड़क की मरम्मत की अवधि केवल एक वर्ष के लिए थी, लेकिन बीते चार वर्षों से कार्य अधूरा पड़ा है। वर्तमान में बारिश के चलते सड़क की कालीकरण प्रक्रिया भी ठप पड़ी हुई है।
स्थिति की गंभीरता इस बात से भी समझी जा सकती है कि सड़क जाम के कारण न केवल आम जन परेशान हैं, बल्कि अंतरराज्यीय व्यापार, आपातकालीन सेवाएं, स्कूली छात्र और मरीजों को भी भारी संकट झेलना पड़ रहा है।
सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि जहां एक ओर इस क्षेत्र के सांसद केंद्र सरकार में मंत्री पद पर आसीन हैं और स्थानीय विधायक सत्तारूढ़ दल से हैं, वहीं दूसरी ओर दोनों ही इस समस्या पर चुप्पी साधे हुए हैं। क्षेत्र की जनता इस उदासीनता से आहत और नाराज है।
अब जरूरत इस बात की है कि प्रशासन, एनएचएआई और जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाएं और अविलंब सड़क मरम्मत एवं जाम से निजात के लिए ठोस कार्रवाई करें।