
28/07/2025
और भारत में बैठे विदेश के लिए All eyes on falana ट्रेंड चलाने वाले गैंग मेंबर्स आज मौन हैं।
भोजपुर जिला के शाहपुर विधानसभा अंतर्गत जवईनिया गांव में लोग आज अपने सालों के तप,त्याग,मेहनत से पसीना बहाकर,दो रोटी कम खाकर बनाए गए अपने सपनों के घर को नज़र के सामने गंगा में समाते देख रहे हैं।
ना सर पर छत है,ना खाने को अनाज और ना हीं भागने का कोई रास्ता फिर भी ना तो सरकार द्वारा कोई साधारण सा राहत शिविर लगाया गया है और ना हीं किसी भी संसाधन की उपलब्धता करवाई गई है।
हेलीकॉप्टर से घूमकर शराब ढूंढने वाले मुख्यमंत्री के पास आज अपने प्रदेश के एक बर्बाद हो रहे गांव के लोगों का आंसू पोछने का वक्त नहीं है, एक उपमुख्यमंत्री विधानसभा में लंठई करने में लगे हैं और दूसरे अशोक चौधरी से पटका पटकी कर रहे हैं,
जनता के बीच रुमाल से नाक झांक कर जाने वाले नेता प्रतिपक्ष को वहां जाने की फुर्सत नहीं है।
शाहपुर के माननीय विधायक लालू परिवार के चरण वन्दना में लगे हुए हैं और मुद्दों पर राजनीति करने का दावा करने वाली माले के सांसद सुदामा प्रसाद इस आपदा आने के हफ्तों बाद तक दिल्ली प्रवास पर थे।
विदेशों के संकट में सहभागिता देने वाला बॉलीवुड आज बिहार के एक पूरे गांव के बर्बाद होने के बाद भी अनभिज्ञ है, क्रिकेटर्स को कुछ जानकारी नहीं होगी क्योंकि टेबल के नीचे से ऑपरेट होने वाले बिहार के तथाकथित मीडिया हाउसेज और तमाम बड़े चैनल्स ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधी हुई है,
वजह है फेम,टीआरपी और स्थानीय जन प्रतिनिधियों का विरोध कर 2025 के चुनावी कवरेज और कैंपेनिंग में पिचिंग के वक्त आने वाला समस्या।
इंटरनेट पर वायरल वीडियो देखकर लोगों को बैल गिफ्ट कर देने वाले सोनू सूद को कोई होश खबर नहीं है।
तेलंगाना के कांचा गचीबावली में जंगल कटने से जानवरों के बेघर हो जाने पर रोने वाले पूरे देश में आज जवईनिया गांव के बदहाली पर कोई सहानुभूति नहीं है।
अब उम्मीद है तो सिर्फ ऊपर वाले से की कोई चमत्कार ही बचे खुचे गांव को बचा सकता है तो सवाल उठता है प्रजातंत्र पर!
की जब उम्मीद ऊपरवाले से ही रखना है तो फ़िर ये प्रजातंत्र का ढोंग क्यों? विधि,व्यवस्था,नीति,न्याय की बातें क्यों?
महादेव भला करें ऐसी मुर्दा सत्ता का, नपुंसक सरकार का और निर्लज्ज जनता का.....!