16/10/2025
"वोट बैंक की राजनीति या राष्ट्रहित? फैसला आपका!"
यह तस्वीर भारत की राजनीति का कड़वा सच बयां कर रही है। एक तरफ़ देश के लिए काम करने वाली विचारधारा का विरोध है, और दूसरी तरफ़ देश की सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डालने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रति चुप्पी!
क्या यह विचित्र नहीं है कि जो नेता संघ और भाजपा का विरोध करने में अपनी सारी ऊर्जा लगा देते हैं, वही 'घुसपैठियों' के मुद्दे पर मौन हो जाते हैं? ममता बनर्जी (TMC) और कांग्रेस पार्टी (Congress) की यह दोहरी नीति समझ से परे है। क्या इन पार्टियों के लिए 'वोट बैंक' राष्ट्रहित से ऊपर है?
रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए न केवल हमारी सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि ये स्थानीय लोगों के हक़ और संसाधनों पर भी डाका डाल रहे हैं। फिर भी, इन पार्टियों द्वारा इनका 'समर्थन' क्यों? यह चुप्पी एक गंभीर सवाल खड़ा करती है।
जागो भारत! देश को तोड़ने वाली इस तुष्टिकरण की राजनीति को पहचानो। हमें एक ऐसा भारत चाहिए जहां राष्ट्रहित सर्वोपरि हो, न कि चुनावी फायदे। अपनी सुरक्षा और संस्कृति की रक्षा के लिए आवाज़ उठाओ!
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