08/09/2025
खिलाड़ियों का खान है जमुई : श्री नवीन।
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खेलो और खिलो : एसपी।
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जमुई में मशाल महाकुंभ का हुआ आगाज।
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विभिन्न प्रखंडों के सैकड़ों बाजीगर कबड्डी , एथलेटिक्स , फुटबॉल , साइक्लिंग और वॉलीबॉल विधाओं में दिखाएंगे दम।
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विजेताओं को मिलेगा मेडल , प्रमाण पत्र और नगद पुरस्कार।
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जिला कलेक्टर श्री नवीन ने बिहार राज्य खेल प्राधिकरण , खेल विभाग , शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय जिला स्तरीय मशाल खेल प्रतियोगिता-2025 का सोमवार को अग्नि ज्योति प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। कार्यक्रम का आयोजन श्रीकृष्ण सिंह स्टेडियम में किया जा रहा है। यहां अंडर-14 और अंडर-16 आयु वर्ग के बालक-बालिका कबड्डी , एथलेटिक्स , फुटबॉल , साइक्लिंग और वॉलीबॉल खेल विधाओं में उत्साहपूर्वक भाग लेंगे। साथ ही अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। जिला खेल पदाधिकारी नागमणि कुमार वर्मा ने अतिथि देवो भवः की तर्ज पर अभ्यागतों का हृदयतल से सत्कार किया वहीं ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल बैंड ग्रुप ने राष्ट्रगान गाकर उपस्थित लोगों में देश प्रेम जगाया। राज्य उद्घोषक डॉ. निरंजन कुमार ने किताबी अंदाज में उद्घाटन सत्र का मंच संचालन किया और प्रशंसा के पात्र बने। मशाल प्रतियोगिता में जिले के विभिन्न प्रखंडों के सैकड़ों बालक-बालिका , कई शिक्षक-शिक्षिका एवं टीम प्रभारी हिस्सा ले रहे हैं। मशाल महाकुंभ में डुबकी लगाने जन समुद्र उमड़ रहा है।
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट श्री नवीन ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान महावीर की पावन धरा जमुई खिलाड़ियों की खान है। बाजीगरों की प्रतिभा को निखारना और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रशिक्षण के लिए पात्र बनना मशाल का मूल मकसद है। विद्यालयों में खेलकूद का आयोजन बेटे और बेटियों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। खेल न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि बच्चों में खेल के प्रति प्रतिस्पर्धात्मक भावना को और अधिक निखारें ताकि वे जीवन में बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकें। सरकारी पाठशालाओं में खेल प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देने की यह एक विशेष पहल है। इस पहल के तहत बाजीगरों को कम उम्र में ही उनकी प्रतिभा की पहचान कर उन्हें वांछित प्रशिक्षण दिया जाता है। विजेता बाजीगरों को पदक , प्रमाण पत्र और नगद पुरस्कार दिए जाएंगे। सभी निबंधित प्रतिभागियों का विवरण निबंधन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है। श्री नवीन ने मशाल को बिहार के खेल इतिहास में एक नई शुरुआत की संज्ञा देते हुए कहा कि इसे देश-दुनिया में सबसे बड़ी खेल प्रतिभा खोज प्रतियोगिता के रूप में देखा जा राय रहा है। उन्होंने बाजीगरों के उज्जवल भविष्य की कामना की। खेल हमें खिलने का अवसर देता है।
पुलिस अधीक्षक विश्वजीत दयाल ने कहा कि मशाल का उद्वेश्य न केवल राज्य में खेल संस्कृति का विकास करना है , बल्कि ग्रामीण और दूर-दराज क्षेत्रों से प्रतिभाशाली बाजीगरों की पहचान कर उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल के लिए प्रशिक्षित करना भी है। एसपी ने प्रसन्नचित होते हुए कहा कि यह पहल बिहार को खेलों के क्षेत्र में शिखर तक ले जाने में एक सशक्त कदम साबित होगा। उन्होंने भी प्रतिभागियों को अखंड शुभकामना दी।
जिला खेल पदाधिकारी नागमणि कुमार वर्मा ने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ बच्चों का चहुंमुखी विकास का होना अत्यंत आवश्यक है। मशाल के तहत प्रथम दिन कबड्डी , दूसरे दिन एथलेटिक्स तथा तीसरे और अंतिम दिन यानी 10 सितंबर को फुटबॉल , साइक्लिंग एवं वॉलीबॉल स्पर्धाओं का आयोजन किया जाएगा। अंडर-14 और अंडर-16 बालक-बालिका मशाल प्रतियोगिता में दम दिखाएंगे और पदक , प्रमाण पत्र के साथ नगद पुरस्कार पर कब्जा करने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा का इस्तेमाल करेंगे। अंतिम दिन यानी 10 सितंबर को विजेता व उपविजेता बाजीगरों को पुरस्कृत किया जाएगा।
डीडीसी सुभाष चंद्र मंडल , एडीएम रविकांत सिन्हा , डीपीआरओ वीरेंद्र कुमार , एसडीएम सौरभ कुमार , डीसीएलआर सुजीत कुमार , डीईओ दया शंकर , डीपीओ नीतीश कुमार , सहायक निदेशक काजोल मोदी , श्रम अधीक्षक रतीश कुमार , बीपीआरओ शिवाजी आदि पदस्थों ने उद्घाटन सत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज की वहीं शिवपूजन शर्मा , मृत्युंजय कुमार , श्याम कुमार , नवीन कुमार , सौरभ कुमार , जुली कुमारी , विंध्यवासिनी , गुड़िया , दिनेश कुमार , प्रभारी प्रधानाध्यापक मनोज आदि शिक्षक-शिक्षिकाओं ने मशाल को गति देने में अग्रिम भूमिका निभाई। मशाल महाकुंभ उत्साह और उमंग के वातावरण में जारी है।