श्री भारशिव क्षत्रिय फाउंडेशन राष्ट्रीय सोशल मीडिया प्रभारी

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श्री भारशिव क्षत्रिय फाउंडेशन राष्ट्रीय सोशल मीडिया प्रभारी भारशिव वंश इतिहास पेज अगर आप इतिहास से जरा सी भी रुचि रखते हैं तो हमें फॉलो जरूर करें
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बिहार दरभंगा गजेटियर भर /भारशिव/भर राजपूत के तौर पर दर्ज किया बहुत अफसोस की बात है कि राजाओं का नाम गायब हैं जब कि भरो न...
16/08/2025

बिहार दरभंगा गजेटियर
भर /भारशिव/भर राजपूत के तौर पर दर्ज किया बहुत अफसोस की बात है कि राजाओं का नाम गायब हैं जब कि भरो ने दरभंगा पर 1559ई तक सासन किया भाई सब गोल माल है कहीं
हल्दीव के राजा कि तरह अपनी बंशावली तो बदल नहीं लिए

क्या आपको पता हैं महान मौर्य साम्राज्य भर नागों के टोटम मयूर से मौर्य वंश एक शाखा बनी है,
13/08/2025

क्या आपको पता हैं महान मौर्य साम्राज्य भर नागों के टोटम मयूर से मौर्य वंश एक शाखा बनी है,

राजभर/राजपूत , राजभर/ठाकुर, राजभर/क्षत्रिय, यह न्यूज चलना, एक बहुत बड़ी खुशखबरी यह है कि इतिहास की फिर से पुनरावृति हो र...
12/08/2025

राजभर/राजपूत , राजभर/ठाकुर, राजभर/क्षत्रिय, यह न्यूज चलना, एक बहुत बड़ी खुशखबरी यह है कि इतिहास की फिर से पुनरावृति हो रही है जिसकी जड़ में सिर्फ भरों का राज अर्थात राजभर ही तो है, अब मिलकर दिल्ली का राजा बनना या पुरानी लड़ाई, या गुलामी अपने मातृ भूमि की



भारतीय प्रमाणित इतिहास 544 ई० पूर्व से 492  मगध के सम्राट बिम्बिसार प्रारंभ समाप्त होता है। हर्यंक नाग (भरवंश ) मगध सम्र...
12/08/2025

भारतीय प्रमाणित इतिहास 544 ई० पूर्व से 492 मगध के सम्राट बिम्बिसार प्रारंभ समाप्त होता है। हर्यंक नाग (भरवंश ) मगध सम्राट भारतीय इतिहास में बिम्बिसार को प्रथम इतिहासिक पुरुष माना जाता है। राजपूतों का प्रामाणिक इतिहास मध्य युगीन 10 वीं ईस्वी शताब्दी में प्रारंभ होकर तुर्क मुगलों अंग्रेजों के अधीन हो कर समाप्त हो जाता है ।।
त्रेता द्वापर में राजपूत शब्द का कोई इतिहास नहीं है।।
त्रेता द्वापर में क्षत्रिय शब्द से उल्लेख मिलता है इसके पहले क्षत्रिय शब्द का पौराणिक ऋग्वैदिक संस्कृति वैदिक इतिहास है। गुप्तकाल का इतिहास 3 री शताब्दी से प्रारंभ होकर 5 वीं शताब्दी में समाप्त हो जाता है। इसके पूर्वाद्ध पहली शताब्दी से लेकर 140 ई० पू० से लेकर 280 ई०पू० अधिकतम 350 ईo पूर्व इतिहासिक अंधकार युगीन भारतीय भारशिव काल माना जाता है। गुप्त काल को स्वर्णिम काल कहा जाता है।।
राजपूत काल से पूर्वाद्ध गुप्त काल से पूर्वार्ध भारशिव काल का इतिहासिक प्रमाण अंधकार युगीन के रूप में मिलता है।

भवनाग भारशिव वंश (नाग वंश) का एक प्रमुख शासक था, जिसका शासनकाल लगभग 290–315 ईस्वी माना जाता है। इस वंश का नाम भारशिव इसल...
12/08/2025

भवनाग भारशिव वंश (नाग वंश) का एक प्रमुख शासक था, जिसका शासनकाल लगभग 290–315 ईस्वी माना जाता है।

इस वंश का नाम भारशिव इसलिए पड़ा क्योंकि ये नागवंशी शैव धर्मावलंबी थे और अपने पराक्रम से प्राप्त सम्पन्नता का प्रतीक स्वरूप शिवलिंग धारण करते थे।

भारतीय इतिहास कलयुग के गुप्त काल से प्रारंभ होता है। राजपूतों का इतिहास त्रेता से प्रारंभ होता है, और द्वापर में समाप्त ...
12/08/2025

भारतीय इतिहास कलयुग के गुप्त काल से प्रारंभ होता है। राजपूतों का इतिहास त्रेता से प्रारंभ होता है, और द्वापर में समाप्त हो जाता है अन्धकार युग का असली इतिहास अंधकार में । जय भारशिव

भाई  आज अंग्रेज हमारे देश में नहीं रहते हैं, उनकी दूरदृष्टि लिखने की पावर तो देखिए, उनको पता था जो मैं लिखकर जा रहा हूं ...
12/08/2025

भाई आज अंग्रेज हमारे देश में नहीं रहते हैं, उनकी दूरदृष्टि लिखने की पावर तो देखिए, उनको पता था जो मैं लिखकर जा रहा हूं मेरे न रहने के बाद भी पढ़ा जाएगा और जो लोग सच या झूठ लिखवा रहे थे क्या उन्होंने भी जान बूझकर लिखवाया है राज,भर, एक दिन जरूर जागेगा ।।

महान भर वंश भारशिव क्षत्रियो से गहरवार राजपूत और गहरवार से राठौर और बुंदेला शाखाएँ निकली है, जड़ तो भर वंश ही है        ...
12/08/2025

महान भर वंश भारशिव क्षत्रियो से गहरवार राजपूत और गहरवार से राठौर और बुंदेला शाखाएँ निकली है, जड़ तो भर वंश ही है



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श्री भारशिव क्षत्रिय फाउंडेशन राष्ट्रीय सोशल मीडिया प्रभारी

जाति और धर्म बदल लेने से उसके पूर्वज और वंश नहीं बदलते हैं। चाहे कितना भी झूट मनगढ़ंत कहानियां बनाकर छुपते रहों सच्चाई त...
12/08/2025

जाति और धर्म बदल लेने से उसके पूर्वज और वंश नहीं बदलते हैं। चाहे कितना भी झूट मनगढ़ंत कहानियां बनाकर छुपते रहों सच्चाई तो एक दिन स्वीकार करना ही पड़ेगा।

बलिया की हल्दी रियासत और रतनपुरा एम पी वारिसदार पुरी तरह से मूलतः भर वंश के हैं, इन्होंने भी झूठी वंशावली बनाकर खुद को छ...
12/08/2025

बलिया की हल्दी रियासत और रतनपुरा एम पी वारिसदार पुरी तरह से मूलतः भर वंश के हैं, इन्होंने भी झूठी वंशावली बनाकर खुद को छुपाया क्यों

अवध/उत्तर प्रदेश की एक एक इंच जमीन भर/राजभर/भारशिव क्षत्रियों की थी, कुछ लोग नकली दिखावा घमंड करते हैं हमारे पूर्वजों ने...
11/08/2025

अवध/उत्तर प्रदेश की एक एक इंच जमीन भर/राजभर/भारशिव क्षत्रियों की थी, कुछ लोग नकली दिखावा घमंड करते हैं हमारे पूर्वजों ने रियासत दान में दी, तो सवाल उठता हैं वो जमीन आपको कैसे मिली थी और आपके अस्तित्व का क्या प्रमाण है

हमारा एक सिद्धांत है, सम्मान दो सम्मान लो, न खुद को ऊंचा समझो, न खुद को नीचा, अर्थात सम्मान देना जानते हो लेना भी सीखो, ...
11/08/2025

हमारा एक सिद्धांत है, सम्मान दो सम्मान लो, न खुद को ऊंचा समझो, न खुद को नीचा, अर्थात सम्मान देना जानते हो लेना भी सीखो, और सम्मान लेना जानते है तो देना भी सीखो,

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