17/04/2025
सबकुछ हमारी इच्छा के अनुसार हो। ये जरूरी थोड़े। ये दुनिया केवल हमारे अकेले के लिए थोड़े बनी है। जो हम चाहेंगे वैसा ही होगा। एडजस्ट करना सीखिये। परिस्थिति के अनुसार खुद को ढालना सीखिये। अगर बात बात पर खिन्नता अनुभव करोगे तो लोग हमे अपनी दुनिया से बाहर निकाल फेंकेगे। ये जिंदगी है। यहाँ खुद को परिस्थिति अनुसार बदलना पड़ता है। एडजस्ट करना पड़ता है। कभी नापसंद सुनना पड़ता है। नापसंद खाना भी खाना पड़ता है। नापसंद लोगों के साथ वक़्त भी बिताना पड़ता है।