
12/06/2025
बिहार में सवर्ण समाज की मजबूत आवाज़ बनकर उभरे हैं आशुतोष कुमार।
उन्होंने न सिर्फ़ अगड़ा समाज के हक़ की बात की, बल्कि लगातार ज़मीन पर उतरकर युवाओं को जोड़ा, संगठित किया और सोशल मीडिया से लेकर जनआंदोलनों तक सवर्ण समाज की बात को राष्ट्रीय मंचों पर पहुँचाया।
आज बिहार में विशेष रूप से भूमिहार और ब्राह्मण समाज में उनकी पकड़ बेहद मजबूत है।
गांव हो या शहर, युवाओं का एक समर्पित और संगठित समूह उनके नेतृत्व में काम कर रहा है। आशुतोष कुमार का सबसे बड़ा योगदान यह रहा है कि उन्होंने सवर्ण समाज के मुद्दों को जातिवाद से ऊपर उठाकर सामाजिक न्याय, आर्थिक हक़ और आत्मसम्मान के रूप में रखा।
वे अकेले ऐसे युवा नेता हैं जो बिना किसी राजनीतिक परिवार की विरासत के, संघर्ष के बल पर उभरे हैं।
उनकी भाषा में आत्मविश्वास है, व्यवहार में सहजता है, और सोच में पूरे बिहार के प्रति प्रतिबद्धता है।
आज जब सवर्ण समाज नेतृत्व विहीनता के संकट से गुजर रहा है, तब आशुतोष कुमार जैसे ज़मीनी नेता को आगे लाना समय की माँग है।
भाजपा हो या एनडीए – अगर उन्हें मंच मिलता है, तो पार्टी को एक चेहरा नहीं, एक जननेता, एक आंदोलनकारी और एक निडर आवाज मिलेगी।
आशुतोष कुमार न सिर्फ़ अपने क्षेत्र की लड़ाई लड़ेंगे, बल्कि पूरे बिहार में सवर्ण समाज की अधिकारिक आवाज बनेंगे।
अब समय है संघर्षशील नेतृत्व को मौका देने का।
अब समय है उस व्यक्ति को आगे लाने का, जो साधारण परिवार से आता है लेकिन असाधारण सोच रखता है।