
20/09/2025
समाचार:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और फसल हानि से बचाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। लेकिन जमीनी स्तर पर यह योजना कई खामियों के कारण किसानों की पीड़ा बढ़ा रही है।
किसानों को समय पर बीमा राशि न मिलना, सर्वे में पारदर्शिता की कमी, और प्रीमियम कटौती के बावजूद क्लेम प्रक्रिया का पेचीदा होना सबसे बड़ी समस्या है। बीमा कंपनियों के नियम इतने जटिल हैं कि साधारण किसान उन्हें समझ ही नहीं पाते। छोटे-छोटे तकनीकी कारण बताकर क्लेम खारिज कर दिया जाता है, जिससे किसान को हक का मुआवजा नहीं मिल पाता।
किसानों का आरोप है कि कंपनियां प्रीमियम तो आसानी से वसूल लेती हैं, लेकिन क्लेम भुगतान में नियमों की आड़ लेकर टालमटोल करती हैं। नतीजा यह होता है कि 50% से ज्यादा नुकसान होने के बावजूद किसान को बेहद कम या फिर शून्य राहत मिलती है।
किसानों की मांग है कि योजना को सरल और पारदर्शी बनाया जाए, सर्वे वास्तविक नुकसान के आधार पर हो और बीमा कंपनियों को कठोर जवाबदेही में लाया जाए। जब तक ये खामियां दूर नहीं होंगी, तब तक किसानों की पीड़ा का असली समाधान संभव नहीं है।