31/07/2025
जींद में वकील को जेल से धमकी, बदमाशों ने कहा- "10 दिन में परिवार को खत्म कर देंगे"
जींद। जिला कारागार में बंद हत्या के एक आरोपी द्वारा जींद जिला अदालत के अधिवक्ता विनोद बंसल को 10 दिनों में परिवार सहित जान से मारने की धमकी देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने अधिवक्ता की शिकायत पर प्रदीप उर्फ गट्टा और उसके भाई के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। धमकी देने वालों पर पहले भी विनोद के परिवार पर हमले के गंभीर मामले दर्ज हैं, जिनमें उनके दो भाइयों की हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप शामिल हैं।सिविल लाइन थाना पुलिस को दी गई शिकायत में अधिवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि 30 जुलाई 2025 को सुबह 9:55 बजे वह अपने चैंबर में थे, तभी उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। ट्रूकॉलर पर कॉलर का नाम प्रदीप दिखा। कॉल अटेंड करने पर कॉलर ने अपशब्दों का प्रयोग करते हुए धमकी दी कि “10 दिनों में तुझे और तेरे परिवार को तेरे भाई की तरह गोली मारकर खत्म कर देंगे।” इसके बाद 11:22 बजे उसी नंबर से दोबारा कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को प्रदीप उर्फ गट्टा बताते हुए फिर से गालियां दीं और कहा कि विनोद के भाई की हत्या में वह और बलजीत पोकरी खेड़ी आदि शामिल थे। दोपहर 1:10 बजे एक अन्य कॉल में कॉलर ने खुद को प्रदीप का भाई बताते हुए फिर से जानलेवा धमकी दी।विनोद ने बताया कि 16 अप्रैल 2016 को बलजीत पोकरी खेड़ी और धर्मेंद्र पहलवान गैंग ने उनके बड़े भाई पुरुषोत्तम की किराए के शूटरों से गोली मरवा कर हत्या कर दी थी। इस मामले में बलजीत, धर्मेंद्र और उनके शूटरों को सजा हो चुकी है। इसके बाद 23 नवंबर 2021 को उसी गैंग ने उनके दूसरे भाई श्याम सुंदर पर 9 गोलियां दागकर हत्या कर दी थी, जिसका मामला थाना शहर जींद में दर्ज है। इस केस में प्रदीप उर्फ गट्टा भी आरोपी है और वर्तमान में जींद जेल में बंद है। विनोद ने आशंका जताई कि यह गैंग किसी भी वक्त उन पर और उनके परिवार पर जानलेवा हमला कर सकता है। इस गैंग पर हत्या, डकैती, अपहरण, हत्या का प्रयास, टाडा, एके-47 और बुलेटप्रूफ जैकेट रखने जैसे 50 से अधिक गंभीर मामले दर्ज हैं। विनोद के अनुसार, डर और धमकियों के कारण कोई भी पीड़ित इस गैंग के खिलाफ गवाही देने की हिम्मत नहीं जुटा पाता, और कई गवाह कोर्ट में अपने बयानों से मुकर जाते हैं। उन्होंने हिम्मत दिखाई, लेकिन इसके चलते अपने दो भाइयों को खो दिया। फिर भी, वह इस गैंग को सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जबकि गैंग उन्हें डराकर केस की पैरवी से पीछे हटाना चाहता है।विनोद ने यह भी बताया कि पुलिस द्वारा दी गई सुरक्षा नाकाम है। उन्हें रिकॉर्ड में पांच पुलिसकर्मी दिए गए हैं, लेकिन ज्यादातर समय गनमैन मोबाइल में व्यस्त रहते हैं या ड्यूटी पर मौजूद नहीं होते। पुलिस ने इस मामले में प्रदीप उर्फ गट्टा और उसके भाई के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 232, 296 और 351(3) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।