03/06/2025
जींद यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार का अड्डा बना डिप्टी रजिस्ट्रार ऑफिस, रवि भूषण पर गंभीर आरोप
कैंटीन के ठेकेदार से माँगे 10 हजार रुपये महीना, कार के टायर डलवाने तक की डिमांड, हर सामान पर कमीशनखोरी का आरोप | भर्ती प्रक्रिया पर भी उठे सवाल
जींद। चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी (CRSU), जींद एक बार फिर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के घेरे में आ गई है। यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार रवि भूषण पर कई आपत्तिजनक आरोप लगे हैं, जिनमें पद के दुरुपयोग, ठेकेदारों से अवैध वसूली, व्यक्तिगत लाभ के लिए दबाव, और भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता शामिल हैं।
विश्वविद्यालय परिसर में स्थित कैंटीन के ठेकेदार ने बाकायदा लिखित शिकायत में खुलासा किया है कि रवि भूषण ने उससे हर महीने ₹10,000 की अवैध मांग की थी। यही नहीं, उन्होंने ठेकेदार से अपनी निजी कार के टायर डलवाने तक का दबाव बनाया। ठेकेदार ने आरोप लगाया है कि रवि भूषण हर प्रकार की खरीद और आपूर्ति में कमीशन लेते हैं, जिससे न केवल संस्थान की छवि धूमिल हो रही है, बल्कि छात्रों और कर्मचारियों को भी प्रभावित किया जा रहा है।
भर्ती प्रक्रिया पर भी उठे सवाल
रवि भूषण की भर्ती प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, उनकी नियुक्ति में नियमों की अनदेखी की गई थी और इसमें प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता भी सामने आई है। कई कर्मचारी और प्रोफेसर इस संबंध में चर्चा करते रहे हैं, लेकिन खुलकर बोलने से डरते हैं।
जाँच की माँग हुई तेज
कैंटीन ठेकेदार द्वारा लिखित शिकायत देने के बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। यूनिवर्सिटी के कुछ आंतरिक लोग और छात्र संगठन इस मामले की उच्च स्तरीय, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि रवि भूषण अक्सर अपने प्रभाव और धनबल से खुद को बचा ले जाते हैं, जबकि विश्वविद्यालय की गरिमा को लगातार ठेस पहुँच रही है।
प्रोफेसरों की जाँच पर भी सवाल
छात्रों और कर्मचारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय के ही कुछ प्रोफेसरों को जाँच सौंपी जाती है, जो रवि भूषण के करीबी होते हैं या आर्थिक लाभ लेते हैं। ऐसे में निष्पक्ष जाँच संभव नहीं है और रवि भूषण हर बार साफ-सुथरे बच निकलते हैं।
मौन है प्रशासन
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन को सब कुछ पता होते हुए भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या प्रशासन भी इस भ्रष्टाचार में कहीं न कहीं शामिल है?
अगर समय रहते इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करवाई गई तो यह न केवल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल को प्रभावित करेगा, बल्कि युवाओं के भविष्य पर भी गंभीर असर पड़ेगा। मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा विभाग और विजिलेंस विभाग से माँग है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें।
जींद यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार का अड्डा बना डिप्टी रजिस्ट्रार ऑफिस, रवि भूषण पर गंभीर आरोपउपशीर्षक:कैंटीन के ठे...