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30/06/2025
11/01/2024
31/12/2023

Delhi Police Constable Result 2023: The Staff Selection Commission (SSC) has announced the results of the Delhi Police Constable written exam on December 31,

✅ दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2023 रिजल्ट हुआ जारी इस लिंक से देखें सबसे पहले👇
31/12/2023

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Delhi Police Constable Result 2023: The Staff Selection Commission (SSC) has announced the results of the Delhi Police Constable written exam on December 31,

07/11/2023

एक आठ दस साल की मासूम सी गरीब लड़कीं बुक स्टोर पर चढ़ती है और एक पेंसिल और एक दस रुपए वाली कापी खरीदती है और फिर वही खड़ी होकर कहती है अंकल एक काम कहूँ करोगे ?

जी बेटा बोलो क्या काम है ?
अंकल वह कलर पेंसिल का पैकेट कितने का है, मुझे चाहिए, ड्रॉइंग टीचर बहुत मारती है मगर मेरे पास इतने पैसे नही है, ना ही माँ-बाबा के पास है, में आहिस्ता-आहिस्ता करके पैसे दे दूंगी।

शॉप कीपर की आंखे नम है बोलता है बेटा कोई बात नही ये कलर पेंसिल का पैकेट ले जाओ लेकिन आइंदा किसी भी दुकानदार से इस तरह कोई चीज़ मत मांगना, लोग बहुत बुरे है, किसी पर भरोसा मत किया करो।

जी अंकल बहुत बहुत शुक्रिया में आप के पैसे जल्द दे दूंगी,
और बच्ची चली जाती है।
इधर शॉप कीपर ये सोच रहा होता है,, की अगर ऐसी बच्चियां किसी वहशी दुकानदार के हत्ते चढ़ गई तो "मनीषा" "आसिफा" का हाल हमे याद है।

टीचर्स से गुजारिश है की अगर बच्चे कोई कापी पेंसिल कलर पेंसिल वगैराह नही ला पाते तो जानने की कोशिश कीजिये के कही उसकी मजबूरी उसके आड़े तो नही आ रही। और हो सके तो ऐसे मासूम बच्चों की पढाई की छोटी जरूरतें आप टीचर मिल कर उठा लिया करें।
यक़ीन जानिए हज़ारों लाखो की तनख्वाह में से चंद सो रुपए किसी की जिंदगी ना सिर्फ बचा सकती है बल्के संवार भी सकती है...!

एक बार काम , नौकरी , व्यापार धंधे से फुर्सत मिल जाये तो देख लेना कि आपकी बेटी ,या बेटे1.कोचिंग ही जा रही है न2.मोबाइल मे...
24/08/2023

एक बार काम , नौकरी , व्यापार धंधे से फुर्सत मिल जाये तो देख लेना कि आपकी बेटी ,या बेटे
1.कोचिंग ही जा रही है न
2.मोबाइल में पासवर्ड तो नहीं है।
3.स्नेप चेट का इस्तेमाल कर रही हो तो चेट डिलीट का आप्शन तो नहीं है।
4.घंटों अपने कमरे में या अपने दोस्तों के साथ तो समय नहीं बिता रही है।
5. प्रोजेक्ट है, प्रोजेक्ट है कहकर दोस्तों के घर बार बार तो नहीं जा रही।
6. अगर आपकी बेटी का स्कूल आपसे सच्चाई कहे तो स्कूल की बात गंभीरतापूर्वक सुनें न कि गुस्सा हों।
7. कपडे और पहनावा मर्यादा मे तो हैं ना।
8. देर रात तक फोन का इस्तेमाल तो नही किया जा रहा है ना।
9. अगर बेटी कंही बाहर हॉस्टल मे रहती है तो बिना बताए अचानक कभी-कभार मिलने पहुच जाए।
10. बेटी के सहेलियो से बेटी के बारे मे फीडबैक लेते रहें
11.शापिंग के लिए भले ही सहेलिया साथ मे जा रही हो लेकिन परिवार का कोई न कोई सदस्य भी साथ मे जाए
12. एक्स्ट्रा क्लास के नाम पर विशेष सतर्क रहें।
13. बेटी के दोस्त और सहेलिया कौन है उनका व्यवहार चरित्र और चाल चलन कैसा है इसपर विशेष नजर रखें।
15.घर के सभी तीज त्यौहारो पूजा-पाठ एक धार्मिक कार्यो मे शामिल करें।
16. समाज मे घट रही श्रद्धा जैसी घटनाओ से उन्हे अवगत कराएं।
अपनी लड़की को जरूर पढाएँ,आजादी दें मगर इतनी भी नहीं कि वो जंगलों में टुकड़े हो जाए,,, आपकी सतर्कता ही बचाव है अन्यथा ये एक ऐसी उम्र होती है कि कोई भी बहक सकता है।।।
जनहित मे जारी
हर_बेटी,बेटा_मेरी👱‍♀

सच्चे संत !एक ऐसे कथावाचक जिनके पास पत्नी के अस्थि विसर्जन तक के लिए पैसे नहीं थे ... तब मंगलसूत्र बेचने की बात की थी।यह...
13/08/2023

सच्चे संत !
एक ऐसे कथावाचक जिनके पास पत्नी के अस्थि विसर्जन तक के लिए पैसे नहीं थे ...
तब मंगलसूत्र बेचने की बात की थी।

यह जानकर सुखद आश्चर्य होता है कि पूज्यनीय रामचंद्र डोंगरे जी महाराज जैसे भागवताचार्य भी हुए हैं जो कथा के लिए एक रुपया भी नहीं लेते थे 🙏 मात्र तुलसी पत्र लेते थे। जहाँ भी वे भागवत कथा कहते थे, उसमें जो भी दान दक्षिणा चढ़ावा आता था, उसे उसी शहर या गाँव में गरीबों के कल्याणार्थ दान कर देते थे। कोई ट्रस्ट बनाया नहीं और किसी को शिष्य भी बनाया नहीं।

अपना भोजन स्वयं बना कर ठाकुरजी को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करते थे। डोंगरे जी महाराज कलयुग के दानवीर कर्ण थे।

उनके अंतिम प्रवचन में चौपाटी में एक करोड़ रुपए जमा हुए थे, जो गोरखपुर के कैंसर अस्पताल के लिए दान किए गए थे। स्वंय कुछ नहीं लिया|

डोंगरे जी महाराज की शादी हुई थी। प्रथम रात के समय उन्होंने अपनी धर्मपत्नी से कहा था, "देवी मैं चाहता हूं कि आप मेरे साथ १०८ भागवत कथा का पारायण करें, उसके बाद यदि आपकी इच्छा होगी तो हम गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करेंगे'।

इसके बाद जहाँ जहाँ डोंगरे जी महाराज भागवत कथा करने जाते, उनकी पत्नी भी साथ जाती।१०८ भागवत कथा पूर्ण होने में करीब सात वर्ष बीत गए। तब डोंगरे जी महाराज पत्नी से बोले, *अब अगर आपकी आज्ञा हो तो हम गृहस्थ आश्रम में प्रवेश कर संतान उत्पन्न करें'।
इस पर उनकी पत्नी ने कहा, 'आपके श्रीमुख से १०८ भागवत कथा श्रवण करने के पश्चात मैंने गोपाल को ही अपना पुत्र मान लिया है, इसलिए अब हमें संतान उत्पन्न करने की कोई आवश्यकता नहीं है"। धन्य हैं ऐसे पति-पत्नी, धन्य है उनकी भक्ति और उनका कृष्ण प्रेम।

डोंगरे जी महाराज की पत्नी आबू में रहती थीं और डोंगरे जी महाराज देश दुनिया में भागवत कथा रस बरसाते थे।
पत्नी की मृत्यु के पांच दिन पश्चात उन्हें इसका पता चला। वे अस्थि विसर्जन करने गए, उनके साथ मुंबई के बहुत बड़े सेठ थे "रतिभाई पटेल जी" |
उन्होंने बाद में बताया कि डोंगरे जी महाराज ने उनसे कहा था ‘कि रति भाई मेरे पास तो कुछ है नहीं और अस्थि विसर्जन में कुछ तो लगेगा। क्या करें’ ? फिर महाराज आगे बोले थे, ‘ऐसा करो, पत्नी का मंगलसूत्र और कर्णफूल पड़ा होगा उसे बेचकर जो मिलेगा उसे अस्थि विसर्जन क्रिया में लगा देते हैं’।

सेठ रतिभाई पटेल ने रोते हुए बताया था....
जिन महाराजश्री के इशारे पर लोग कुछ भी करने को तैयार रहते थे, वह महापुरुष कह रहा था कि पत्नी के अस्थि विसर्जन के लिए पैसे नहीं हैं।

हम उसी समय मर क्यों न गए l
फूट फूट कर रोने के अलावा मेरे मुँह से एक शब्द नहीं निकल रहा था।

*ऐसे महान विरक्त महात्मा संत के चरणों में कोटी कोटी नमन भी कम है ||जय श्री राम
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