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ईरान की इस बहादुर लड़की के चर्चे पूरी दुनिया में हो रहे हैं।तेहरान के विज्ञान और अनुसंधान विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही...
03/11/2024

ईरान की इस बहादुर लड़की के चर्चे पूरी दुनिया में हो रहे हैं।

तेहरान के विज्ञान और अनुसंधान विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही इस छात्रा को वहां के प्रशासन द्वारा हिजाब पहनने को लेकर परेशान किया गया। जो कि ईरान में आम बात है।

इसके विरोध में उसने कैंपस में कपड़े उतार कर टहलने लगी।

कहा जा रहा है इस घटना के बाद कैंपस से सुरक्षा बलों द्वारा इस लड़की को उठा कर किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है। उसके साथ बुरी तरह से मार पीट भी की गई है।

फिलहाल वो कहां है किस हालात में है किसी को नहीं पता।

ईरान में दमघोंटू कट्टरपंथी इस्लामिक शासन द्वारा थोपे गए मध्ययुगीन नियमों के खिलाफ इस छात्रा ने इतना बहादुरी भरा कदम उठाया। यह जानते हुए भी कि इस साहस की कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ सकती है, उसने यह जोखिम करोड़ो महिलाओं के लिए उठाया।

भारत से लेकर पूरी दुनिया में महिला अधिकारों का ढिंढोरा पीटने वाले तथाकथित चैंपियन यहां चुप्पी साध लेते हैं। वैसे लोगों का पाखंड इसी तरह के मामले में बेनकाब होता है।

21/08/2024

मोदी जी ने EVM नहीं लोगो का दिल हैक किया है 🫀
*75 वर्षो से आजतक किसी भी प्रधान मंत्री का ऐसा बालबच्चो के साथ मनमोहक दृश्य नहीं देखा गया। अद्भुत है मोदीजी।* 🇮🇳👍👍👍

30/07/2024

भारत की राष्ट्रपति जनजातीय समुदाय से हैं। भारत के उप-राष्ट्रपति जाट समाज से हैं। भारत के प्रधानमंत्री OBC वर्ग से हैं। 'मोदी 3.0' में 29 OBC मंत्री हैं, 10 दलित मंत्री हैं और 5 जनजातीय समाज से हैं। इससे पहले जो राष्ट्रपति थे, वो दलित थे। इससे पहले जो उप-राष्ट्रपति थे, वो दक्षिण भारत से थे।

लेकिन, जो नेता प्रतिपक्ष हैं उनके दादा पारसी थे, माँ ईसाई है और पूर्वज हिन्दू थे। मोतीलाल नेहरू तक ये लोग ब्राह्मण थे, उसके बाद वामपंथी हो गए और अब ऐसी मिक्स्ड ब्रीड है कि इन्हें अपनी जाति तक का नहीं पता। जिस मोदी सरकार पर ये निशाना साधते हैं, जिसने हर वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया है।

जिस कॉन्ग्रेस में सिर्फ एक परिवार की चलती है और जिस सपा में एक ही परिवार सब कुछ हड़पता है, वो लोग आज 'सबके प्रतिनिधित्व' की बात कर रहे। फिर अखिलेश यादव अपनी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी दलित को क्यों नहीं बनाते? मुलायम सिंह यादव ने उत्तराधिकार किसी अन्य OBC नेता को क्यों नहीं सौंपा? जब-जब सपा सत्ता में आई, सिर्फ मुलायम और अखिलेश ही क्यों CM बने दैत्यों-OBC का हक़ हड़प कर? कॉन्ग्रेस पार्टी ने दलित सीताराम केसरी को बेइज्जत कर के अध्यक्ष पद से क्यों हटाया? जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी... PM एक ही परिवार से क्यों बने, किसी दलित-OBC-जनजातीय को क्यों नहीं दिया?

05/06/2024

मन छोटा करने की एकदम आवश्यकता नहीं है, 10 सांसदों का समर्थन तो वैसे ही PM नरेंद्र मोदी को मिल गया है और इसके साथ ही NDA का आँकड़ा 302 हो गया है।

अगर वर्स्ट केस सिनेरियो की बात करें तो अब JDU और TDP दोनों चली जाती है फिर भी NDA के पास बहुमत से 2 अधिक सीटें होंगी। इसीलिए, इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए कि सरकार चलेगी या नहीं। सरकार बहुत अच्छे से चलेगी। और बड़े फैसले भी होंगे, जिस दल को वो फैसला पसंद नहीं आएगा उसे कह दिया जाएगा कि वो संसद में वोटिंग में हिस्सा न ले। चीजें ऐसे भी चलती हैं। ठीक इसी तरह, कुछ नीतिगत बिल पर I.N.D.I. गठबंधन में शामिल किसी दल से भी डील हो सकती है, और वो दल भी एक-दूसरे पर दबाव बनाने के लिए आराम से भाजपा का समर्थन करेंगे।

अगले 5 साल बहुत आराम से चलेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में गठबंधन सरकार चलाते हुए और निखर कर सामने आएँगे। जो व्यक्ति जाना ही इसीलिए जाता है कि वो नए-नए अनुभव लेता रहता है और नई-नई चीजें सीखता रहता है, उसकी क्षमता पर शक कैसे किया जा सकता है। जहाँ तक बात लोगों से डील करने करने की है, RSS के दिनों से ही मोदी जी वही कर रहे हैं।

अपनी सरकार के लिए हम विपक्ष का भी काम करेंगे, चमचों की मरम्मत भी पूर्ववत जल्द ही चालू करेंगे। बहुत उछल-कूद मचा रहे थे, जो भी उदासी हमारे मन में आई है उसको सूद समेत गरिया कर लौटाना है।

इंदिरा जी से बहुत कुछ सीख सकते हैं मोदी।एक समय था की एक बार इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आदेश दिया की इंदिरा गांधी भ्रष्टाचारी...
01/06/2024

इंदिरा जी से बहुत कुछ सीख सकते हैं मोदी।

एक समय था की एक बार इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आदेश दिया की इंदिरा गांधी भ्रष्टाचारी है... इन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाता है... इंदिरा गाँधी को जब ये बात पता चली तो तो उन्होंने कहा कि मीलॉर्ड की ऐसी की तैसी...अरे प्रधानमंत्री हम है देश के... तुरंत ही पुरे देश में तत्काल प्रभाव से इमरजेंसी लगा दी...
आडवानी खड़े हुए... कहा कि आप ऐसा कैसे कर सकती हैं?
इंदिरा गाँधी ने कहा कि बिलकुल कर सकते हैं और इसी के साथ उन्होंने आडवानी सहित पुरे विपक्ष को 19 महीने के लिए जेल में ठूस दिया।
तबके दिग्गज गायक किशोर कुमार ने मीडिया में एक बयान दिया कि इंदिरा गाँधी तानाशाह है... इंदिरा गाँधी ने आल इंडिया रेडिओ को आदेश दिया कि इस डी के बोस के गाने रेडिओ पर बजने नहीं चाहिए... अंत में किशोर कुमार को माफ़ी मंगनी पड़ी...
इंदिरा गाँधी ने संघ पर भी प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि संघ इंदिरा की नीतियों के खिलाफ थे.. इमरजेंसी के बाद संघ से प्रतिबंध हटा...
सत्तर के दशक में पंजाब में अकाली दल एक बड़ी शक्ति के रूप में उभर रहा था. तब इंदिरा गाँधी ने संघ और अकालियों को रोकने के लिए भिंडरेवाले को हथियार और पैसे दिए और कहा की पंजाब में संघ और अकालियों का नामोनिशान भी नहीं दिखना चाहिए. परिणाम ये हुआ कि आये दिन आरएसएस के कार्यकर्ताओं की हत्यायें पंजाब में होने लगी. उन दिनों असम में एक नयी पार्टी बनी थी असम गण परिषद. इस पार्टी ने अपने गठन के साथ ही कांग्रेस के लिए चुनौती पैदा कर दी. इंदिरा गाँधी ने उन दिनों असम गण परिषद को रोकने के लिए उल्फा जैसे आतंकी संगठन को पैसे दिए और हथियार दिए.
चारु मजुमदार का नाम आपको याद होगा. ये एक बड़ा वामपंथी नेता था जो इंदिरा गांधी के लिए खतरा बन रहा था. दुनिया जानती है कि चारु मजुमदार को बंगाल में एक पुलिस थाने में ही मरवा दिया गया. इंदिरा गाँधी उस हस्ती का नाम था जिनके नाम से लोग और उनके विरोधी थर थर कापते थे. कोई उन्हें गाली देना तो दूर की बात उनके खिलाफ भी बोलने से भी डरता था. इंदिरा गांधी उस हस्ती का नाम था जिसे जब लगा की उनका सगा बेटा उनके लिए खतरा बन रहा है तो उसकी मृत्यों भी एक दम हो गई.प्रधानमंत्री का क्या मतलब होता है ये इंदिरा गांधी ने दुनिया को बता दिया.
आज मोदी को लोग गाली देते हैं. जी खोल के बहिन मतरिया करते हैं. यहाँ तक कि उनकी माँ और पत्नी को लेकर भी खुले आम लोग गाली देते हैं. लेकिन मोदी जी चुप चाप सब सुनते हैं. एक इमाम कलकत्ते की मस्जिद से मोदी का गला काटने का फतवा देता है आप कैसे प्रधानमंत्री है कि चुप रहते है?
अरे उसी समय उसे कलकत्ते से घसीटते हुए दिल्ली लाकर सरेआम उसके पिछवाड़े पर दस लाठी दिल्ली पुलिस मारती तो यकीन मानिये अगली बार मोदी जी को गाली देने से पहले कोई भी दस बार सोचता. आज तक JNU काण्ड में एक भी अभियुक्त को सजा नहीं हुई... ये सब क्या है?

इंदिरा गाँधी की विचारधारा और उनकी पार्टी से मेरा कोई सरोकार नहीं है... लेकिन अपने दुश्मनों के लिए इंदिरा की नीति आज भी भारतीय राजनीति में धारण करने योग्य है... मुह में दही जमा कर बैठने से कुछ नहीं होगा... जो आपके खिलाफ बोले उसे कुत्ते की तरह दौड़ा कर ख़त्म करिये...

19/05/2024

मोदी पांच किलो
अपने बाप के घर से नहीं दे रहा :- खांग्रेस

लेकिन दस किलो देने वाले अपने बाप के घर से देंगे
😂😂😂

11/05/2024

सोनिया गांधी - जमानत पर बाहर
राहुल गांधी - जमानत पर बाहर
रॉबर्ट वाड्रा - जमानत पर बाहर
पी चिदंबरम - जमानत पर बाहर
संजय सिंह - जमानत पर बाहर
लालू यादव - जमानत पर बाहर
अरविंद केजरीवाल - जमानत पर बाहर

फिर भी कोर्ट पर मोदी सरकार का कब्जा है !

फिर भी नरेंद्र मोदी तानाशाह हैं !

11/05/2024

"मैंने जानबूझकर इस्तीफा नहीं दिया।"

"हम उनके ट्रैप में फंसने वाले नहीं हैं।"

: अरविंद केजरीवाल

तो फिर मनीष सिसोदिया से इस्तीफा क्यों लिया ?

वो भी तो आपके अनुसार लोकप्रिय उप मुख्यमंत्री थे ?

मनीष सिसोदिया को ट्रैप में क्यों फंसने दिया ?

29/04/2024

कांग्रेस इतनी शक्तिशाली थी कि उन्होंने अपनी शक्ति की परवाह किए बिना अपने रास्ते में आने वाले सभी लोगों को खत्म कर दिया।

मैं आपको तीन पुरानी घटनाएं याद दिला दूं।घटनाएं जैसी घटित हुईं, वैसा ही लिखी जा रही है।

1. ज्ञानी जैल सिंह पूर्व राष्ट्रपति थे। उन्हें Z सुरक्षा मिली हुई थी। उन्होंने दिल्ली में घोषणा की - "कल चंडीगढ़ पहुंचकर......मैं बोफोर्स के सारे राज खोलने वाला हूं।" ......तो हुआ यह कि.....दिल्ली-चंडीगढ़ रोड पर एक ट्रक......सामने से दहाड़ता हुआ आया और जैल सिंह की कार को कुचल दिया। उनकी वहीं मौत हो गई। कोई जांच नहीं हुई।

2. राजेश पायलट ने कांग्रेस नेता की सलाह नहीं मानी। उन्होंने घोषणा की - "कल......मैं कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करूंगा।" और फिर क्या हुआ,......सामने से एक बस आई और......उनकी कार को कुचल दिया। ......वहीं मर गये। कोई जांच नहीं हुई।

इन दोनों घटनाओं में कार्यप्रणाली एक जैसी थी। तीसरी घटना में कार्यप्रणाली अलग थी।

3. श्रीमंत माधवराव शिंदे (सिंधिया) उस लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय और कर्मठ नेता थे। वे लगातार नौवीं बार लोकसभा के लिए चुने गए और लोकसभा में विपक्ष के नेता भी थे। कांग्रेस नेता ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से कहा - "मैं प्रचार करने आ रहा हूँ!" प्रदेश अध्यक्ष निडर थे। उन्होंने कहा - "आप मत आइए। माधवराव जी को भेजिए। वही वोट दिला सकते हैं।" और फिर क्या हुआ। माधवराव जी से कहा गया कि वे अपने निजी विमान से नहीं बल्कि इसी विमान से जाएंगे। एक प्रत्यक्षदर्शी किसान ने बयान दिया - "पहले विमान में बम फटा, फिर आग लग गई"। विमान में सवार सभी आठ लोग मारे गए लेकिन कोई जांच नहीं हुई। थोड़े समय बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी मृत पाए गए। (डॉ ईश्वर चंद्र करकरे की कलम से साभार)*एइसी तरह 1965 के युद्ध के विजेता प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी...डॉ होमी जहांगीर भाभा...के साथ-साथ 2500 से अधिक इसरो और DRDO के वैज्ञानिक और शीर्ष इंजीनियर बेहद संदिग्ध परिस्थितियों में मारे गए...कोई जांच नहीं हुई...2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद स्थिति नियंत्रण में आई...*

👉राजीव गांधी ने अपने जीवनकाल में कुल 181 रैलियों को संबोधित किया था। जिसमें से 180 में सोनिया गांधी भी उनके साथ थीं, बस उस दिन उनके साथ नहीं थीं, जब राजीव गांधी के जीवन की आखिरी रैली हुई थी।*

👉राजीव गांधी की हत्या के समय 14 लोगों की भी मौत हुई थी। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इन 14 लोगों में एक भी कांग्रेस का नेता नहीं था, जो भी मरे वो आम लोग थे। क्या ये संभव है कि देश के प्रधानमंत्री की रैली में उनके साथ एक भी बड़ा कांग्रेस नेता न हो?*

👉राजीव गांधी के साथ कांग्रेस का कोई भी बड़ा या छोटा नेता नहीं मरा, न ही सोनिया गांधी जो हर मीटिंग में राजीव गांधी के साथ होती थीं। उस दिन वो सिरदर्द के कारण होटल में रुकी थीं, ये आधिकारिक बयान है।
👉तो क्या सबको पता था कि क्या होने वाला है और इस तरह पूरी कांग्रेस विदेशियों के हाथों हाईजैक हो गई।

👉बाद में प्रियंका गांधी ने खुद कोर्ट में अपने पिता के हत्यारे को माफ करने की अपील की।*

👉जब से इटली की मैडम इस परिवार की बहू बनकर आई हैं, तब से अब तक इस गांधी परिवार में एक भी व्यक्ति को प्राकृतिक मृत्यु का सौभाग्य नहीं मिला है, सभी की अप्राकृतिक मृत्यु हुई है।

👉इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी के ससुर कर्नल आनंद अपने ही फार्म हाउस से थोड़ी दूरी पर गोली लगने से मृत पाए गए।

👉संजय गांधी की मृत्यु तब हुई जब उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इंदिरा गांधी की हत्या उनके ही अंगरक्षकों ने गोली मारकर कर दी थी*

👉राजीव गांधी को बम से उड़ा दिया जाता है।

👉प्रियंका गांधी के ससुर राजेंद्र वाड्रा दिल्ली के एक गेस्ट हाउस में मृत पाए जाते हैं। प्रियंका गांधी की ननद जयपुर-दिल्ली हाईवे पर कार दुर्घटना में मारी जाती है। प्रियंका गांधी के देवर मुरादाबाद के एक होटल में मृत पाए जाते हैं।

हम खुद देख सकते हैं, केरल में नंबी नारायण को जेल भेजा जाना, गोधरा और मालेगांव की घटनाओं में हिंदुओं को फंसाया जाना और पाकिस्तानी आतंकवादियों को रिहा किया जाना..., हिंदू आतंकवाद शब्द गढ़ा जाना,... करोड़ों-अरबों के घोटाले, ...देश को कमजोर करना, .... गोला-बारूद का आपातकालीन स्टॉक 40 से घटाकर 7 दिन करना, .सेना को गोला-बारूद न देना, बुलेट प्रूफ जैकेट न देना, लड़ाकू विमान न खरीदना, कश्मीर से हिन्दू पंडितों को निकालना, .....26/11 के लिए पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार करना, .....चीनी राजदूत से मिलना

*और सबसे दिलचस्प बात ये है कि संसद पर हमले के दिन सोनिया-राहुल गांधी संसद नहीं गए।*

15/04/2024

🛑शायद आपको हैदराबाद की वो घटना आज भी याद होगी..

👉जब एक "महिला वेटेरिनरी डॉक्टर" स्कूटी से जा रही थी और उसकी स्कूटी खराब हो गई एक G हादी मोहम्मद आरिफ, अपने मित्रों शिवा, नवीन और सी चेन्नकेशवुलु ने स्कूटी ठीक करने के बहाने उसे अपने साथ ले गए उसके साथ बेरहमी से दुष्कर्म किया और उसको जिंदा जला कर मार दिया

👉पूरे देश में गुस्सा फैल गया, दरिंदो की बुराई देखकर पुलिस भी उठ खड़ी हुई, पुलिस ने सभी शैतान लोगों को गिरफ्तार कर लिया और जब वे भागने लगे तो सभी का एनकाउंटर कर दिया। तब लोगों ने उन पुलिसकर्मियों की जय-जयकार की, उन पर फूल बरसाये, जगह-जगह उनका सम्मान किया

👉अब उन्हीं पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया है सभी को जेल भेज दिया गया है और उनका भविष्य समाप्त हो गया है, लेकिन उनके पक्ष में एक आवाज नहीं उठी

👉क्योंकि आरोपी "G"हादी कीड़ों के साथ उनका एक पूरा इको सिस्टम होता है

👉उन पुलिस वालों ने किसी व्यक्तिगत हत्या या फायदे के लिए एनकाउंटर नहीं किया

👉उन बुरे लोगों की बुराई और दुष्टता देखकर ही न्याय किया गया था, जो बिल्कुल सही था।

👉आश्चर्य की बात है कि इस पर पूरा देश खामोश है। उन पुलिसवालों को कहीं से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है.

👉शायद समाज की इसी प्रवृत्ति के कारण अच्छे लोग निराश होकर चुप बैठ जाते हैं
जो चल रहा है, जैसा चल रहा है, सोच कर जाने दो

आरोपी का इको सिस्टम बहुत मजबूत हे हम दो दिन में सब भूल जाते हैं, ये उन्हें भी पता है

👉दोस्तों अगर आप इन बहादुर पुलिसकर्मियों के समर्थन में आवाज नहीं उठाएंगे तो कल संकट के समय आपको, आपकी बहनों और बेटियों को बचाने कोई सिंघम नहीं आएगा

👉यह एकजुटता दिखाने का समय है। मुठभेड़ असली थी और दुष्कर्म वाले, हत्यारे भी असली थे

यह संदेश हर जगह, हर ग्रुप में भेजें जिससे देश में उन पुलिस कर्मियों के हित में सकारात्मक वातावरण बने

मैं आवाज उठाऊंगा और आप ?🙏

अगर आज आवाज नहीं उठेगी तो कोई सिंघम भविष्य में आगे नहीं आएगा...😊

14/04/2024

आतंकवादियों को भ्रम है कि वो अगर बॉर्डर के उस पार रहेंगे तो कोई उन्हें छू नहीं सकता।

अब समय बदल चुका है, “घर में घुसकर आतंकवादियों को मारेंगे”।: एस जयशंकर, विदेश मंत्री, भारत सरकार

आवेश में आकर बिना जानकारी के जगदीप धनकड जी के लिए ये कहना कि वो सरपंच का चुनाव भी नहीं जीत सकता ये निम्न स्तर का बयां है...
14/04/2024

आवेश में आकर बिना जानकारी के जगदीप धनकड जी के लिए ये कहना कि वो सरपंच का चुनाव भी नहीं जीत सकता ये निम्न स्तर का बयां है, ऐसे निम्न स्तर की बयानबाजी की वजह से ही पार्टी की आज यह हालत हुयी है।
सरपंच के चुनाव की छोड़ो आप, 1 बार लोकसभा और 1 बार विधान सभा का चुनाव जीता है माननीय उपराष्ट्रपति जी ने।
पद और बड़ो का सम्मान करने से कोई नुकसान नहीं होता है, हां अपमान करने से जरूर नुकसान हो सकता है।

14/04/2024

भाजपा ने अपने घोषणापत्र में दावा किया है कि वे रेलवे, हवाई अड्डों, सड़कों आदि में सुधार करेंगे, लेकिन यह उल्लेख नहीं किया कि लोगों को इन सुविधाओं के लिए पैसे कैसे मिलेंगे। जाहिर है, बीजेपी के पास कोई विजन नहीं है

इसलिए कांग्रेस का न्याय घोषणा पत्र चुनें कांग्रेस सभी को सालाना 1 लाख रुपये देगी. उस पैसे से, आप अपनी सड़कें, हवाई अड्डे और रेलवे बना सकते हैं और यहां तक ​​कि उन पर टोल/टिकट भी एकत्र कर सकते हैं, और उस तरह के राजस्व से कतर में तेल क्षेत्र खरीद सकते हैं।
ये राहुल जी की न्याय दृष्टि की ताकत है

कौन है ये चम्पतराय ?? श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महा सचिव !!!!!1975 इँदिरा गाँधी द्वारा थोपे आपातकाल के समय बिजन...
01/01/2024

कौन है ये चम्पतराय ?? श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महा सचिव !!!!!

1975 इँदिरा गाँधी द्वारा थोपे आपातकाल के समय बिजनौर के धामपुर स्थित आर एस एम डिग्री कॉलेज में एक युवा प्रोफेसर चंपत राय, बच्चों को फिजिक्स पढ़ा रहे थे, तभी उन्हें गिरफ्तार करने वहां पुलिस पहुंची क्योंकि वह संघ से जुड़े थे ।अपने छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय चंपत राय जानते थे कि उनके वहाँ गिरफ्तार होने पर क्या हो सकता है । पुलिस को भी अनुमान था कि छात्रों का कितना अधिक प्रतिरोध हो सकता है ।

प्रोफ़ेसर चंपत राय ने पुलिस अधिकारियों से कहा, आप जाइये मैं बच्चों की क्लास खत्म कर थाने आ जाऊँगा । पुलिस वाले इस व्यक्ति के शब्दों के वजन को जानते थे अतः वे लौट गए । क्लास खत्म कर बच्चों को शांति से घर जाने के लिए कह कर प्रोफेसर चंपत राय घर पहुँचे, माता पिता के चरण छू आशीर्वाद लिया और लंबी जेल यात्रा के लिए थाने पहुंच गए ।

18 महीने उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में बेहद कष्टकारी जीवन व्यतीत कर जब बाहर निकले तो इस दृढ़प्रतिज्ञ युवा के आत्मबल को संघ के सरसंघचालक श्री रज्जू भैया ने पहचाना और श्री राममंदिर की लड़ाई के लिए अयोध्या जी को तैयार करने का जिम्मा उनके कंधों पर डाल दिया।

चंपत राय ने अपनी सरकारी नौकरी को लात मार दी और राम काज में जुट गए । वे अवध के गाँव गाँव गये हर द्वार खटखटाया । स्थानीय स्तर पर ऐसी युवा फौज खड़ी की जो हर स्थिति से लड़ने को तत्पर थी । अयोध्या के हर गली कूँचे ने चंपत राय को पहचान लिया और हर गली कूंचे को उन्होंने भी पहचान लिया । उन्हें अवध के इतिहास, वर्तमान, भूगोल की ऐसी जानकारी हो गई कि उनके साथी उन्हें "अयोध्या की इनसाइक्लोपीडिया" उपनाम से बुलाने लगे ।

बाबरी ध्वंस से पूर्व से ही चंपत राय जी ने राम मंदिर पर "डॉक्यूमेंटल एविडेंस" जुटाने प्रारम्भ किये । लाखों पेज के डॉक्यूमेंट पढ़े और सहेजे, एक एक ग्रंथ पढ़ा और संभाला उनका घर इन कागजातों से भर गया, साथ ही हर जानकारी उंन्हे कंठस्थ भी हो गई । के. परासरण जी और अन्य साथी वकील जब जन्मभूमि की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतरे तो उन्हें अकाट्य सबूत देने वाले यही व्यक्ति थे ।

6 दिसंबर 1992 को मंच से बड़े बड़े दिग्गज नेता कारसेवकों को अनुशासन का पाठ पढ़ा रहे थे । तमाम निर्देश दिए जा रहे थे । बाबरी ढांचे को नुकसान न पहुँचाने की कसमें दी जा रहीं थीं, उस समय चंपत राय जी मंच से कुछ दूर स्थानीय युवाओं के साथ थे । एक पत्रकार ने चंपत राय से पूछा "अब क्या होगा ?" उन्होंने हँस कर उत्तर दिया "ये राम की वानर सेना है, सीटी की आवाज पर पी टी करने यहां नहीं आयी है I ये जो करने आयी है करके ही जाएगी I"

इतना कह उन्होंने एक बेलचा अपने हाथ में लिया और बाबरी ढांचे की ओर बढ़ गये, फिर सिर्फ जय श्री राम का नारा गूंजा और... इतिहास रचा गया ।

आदरणीय चंपत राय को यूं ही राम मंदिर ट्रस्ट का सचिव नहीं बना दिया गया है । उन्होंने रामलला के श्रीचरणों में अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पित किया है । प्यार से उन्हें लोग "रामलला का पटवारी" भी कहते हैं । यह व्यक्ति सनातन का योद्धा है । कोई मुंह फाड़ बकवास करता कायर नहीं...

बाबरी ध्वंस के मुकदमों में कल्याण सिंह जी के बाद चंपत राय ने ही अदालत और जनसामान्य दोनों के सामने सदैव खुल कर उस घटना का दायित्व अपने ऊपर लिया । चम्पत राय जी कह चुके हैं, जैसे ही राममंदिर का शिखर देख लेंगे युवा पीढ़ी को मथुरा की ज़िम्मेदारी निभाने को प्रेरित करने में जुट जाएंगे"।

चंपत राय जी धर्म की छोटी से छोटी चीजों का ध्यान रखने वाले तपस्वी और विद्वान हैं । एक बार वे किसी काम से काशी में किन्हीं के यहां रुके, तब रात्रि में देखा तो पाया कि बैड का डायरेक्शन कुछ ऐसा था कि सोते हुए पैर दक्षिण की तरफ हो रहे थे, उन्हें एक रात को भी यह स्वीकार नहीं था, रात में ही उन्होंने बैड का डायरेक्शन ठीक करवाया, तभी सोए । जो धोती कुर्ता पहनकर भारत का गाँव गाँव नापने वाला व्यक्ति अपने निजी जीवन में हिन्दू जीवनचर्या की छोटी छोटी बातों का हठ के साथ पालन करता है वह श्रीराममंदिर के संदर्भ में किस हद तक विचारशील और जुझारू होगा, समझा जा सकता है ।
*वास्तव में इन पर उंगली उठाने वाले इनके पाँव की धूल के समान भी नहीं हैं ...*

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