09/10/2025
#कभी सोचा है…
जब एक औरत फेसबुक पर काम करती है तो उसे कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है?
उसके लिए ये सफ़र उतना आसान नहीं होता जितना लोग सोच लेते हैं।
#रिश्तेदार कहते हैं – “लड़की होकर फेसबुक पर काम क्यों करती हो?”
घर वाले ताने देते हैं – “इससे क्या होगा, घर का काम देखो।”
कभी-कभी तो सबसे ज़्यादा दर्द तब होता है जब अपने ही उसे समझने की बजाय उसकी हिम्मत तोड़ने लगते हैं।
#लेकिन लोग ये क्यों नहीं समझते कि एक औरत का भी सपना होता है, उसकी भी अपनी पहचान होती है।
वो भी चाहती है कि उसका नाम हो, उसकी मेहनत की कदर हो, और लोग उसे सिर्फ घर की चारदीवारी में बंद होकर न देखें।
#फेसबुक पर काम करना उसके लिए सिर्फ “काम” नहीं होता, ये उसके सपनों की उड़ान होती है।
वो दिन-रात मेहनत करती है, कंटेंट बनाती है, नई चीज़ें सीखती है, और हर एक पोस्ट में अपना दिल लगाती है।
#लेकिन इसके बावजूद उसे सबसे पहले अपने ही समाज और घर के ताने झेलने पड़ते हैं।
#👉 फिर भी, औरत रुकती नहीं…
वो गिरकर भी उठती है, रोकर भी मुस्कुराती है, और हर हाल में आगे बढ़ती है।
#क्योंकि उसे पता है कि अगर आज वो हार गई तो कल उसकी बेटियाँ कभी सपने देखने की हिम्मत नहीं कर पाएँगी।
#एक दिन वही लोग जो आज उसे रोकते हैं, ताने कसते हैं, वही लोग कल उसके कामयाब होने पर ताली बजाएँगे और गर्व से कहेंगे – “ये हमारी बेटी है… ये हमारी बहन है।”
#औरत का फेसबुक सफ़र सिर्फ उसके लिए नहीं होता, ये हर उस औरत के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करना चाहती है।
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#💙 इसलिए अगर आपके घर या परिवार में कोई औरत फेसबुक पर काम कर रही है तो उसका साथ दीजिए, उसे रोकिए मत।
#क्योंकि उसका सपना सिर्फ उसका नहीं, बल्कि पूरे समाज की सोच बदलने की ताक़त रखना...