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08/09/2025

#भङला_फलोदी_प्रकरण
ये है हमारे राजस्थान की हालत यहाँ के लोग क़ानून हाथ मे लेने से बिल्कुल नही डरते

08/09/2025

ये लोग चलती नदी में कैसे फस गए🤔
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08/09/2025

Punjab ke halat dekhiye__?
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*डाकू ओमपुरी और चौधरी खरताराम जी जाखड़ भणियाणा:-*बात राजस्थान के पश्चिमी इलाके के सरहदी जिले जैसलमेर की है ।जिले के एक छ...
07/09/2025

*डाकू ओमपुरी और चौधरी खरताराम जी जाखड़ भणियाणा:-*
बात राजस्थान के पश्चिमी इलाके के सरहदी जिले जैसलमेर की है ।जिले के एक छोटे से गांव भणियाणा से निकले एक महान व्यक्ति जिन्होंने शिक्षा,समाज सुधार,नशा मुक्ति,डाकुओं से समाज को भयमुक्त करवाया उनका नाम है खरता राम चौधरी भणियाणा।
बात लगभग भारत की आजादी मिली उन दिनों की है भणियाणा गांव और माडवा गांव के बीच जाखड़ों की ढाणी थी वहां एक मजबूत और स्वाभिमानी महिला जिनका नाम कसूम्बी देवी था वो अपने मजबूत बैलों की जोड़ी से खेती करती और माडवा गांव के मोड से उन पर पानी लाती थी । इस दौरान कुछ सामंती सोच वाले लोगों की बुरी नजर उनके मजबूत कद काठी के बैलों की जोड़ी पर पड़ गई सामंती लोगों ने जाटनी से बोला कि यह बैल हमें देदे लेकिन स्वाभिमानी जाटनी ने मना कर दिया । बैलों की जोड़ी लूट कर ले जाने का दुस्साहस करते उससे पहले सामंती लोगों को पता चला कि कसूम्बी देवी बहुत मजबूत और ताकत वाली महिला है उनसे बैल लूटना मुश्किल काम है इसके अलावा कसूम्बी देवी पुराने पहनावे में जो महिलाएं बहुत बड़ा धाबला (वजनदार और बड़ा लहंगा) पहनती थी और अपने कपड़ों में असामाजिक तत्वों से रक्षा हेतु धारदार हथियार फरी (किसान पशुओं के लिए चारा काटने हेतु प्रयोग में लेते है) छुपा कर रखती थी इसका दुस्साहसी लोगो को पता था। इसलिए सामने से भिड़ने की हिम्मत तो सामंती लोगों की थी नहीं ।इस कारण इन लोगों ने क्षेत्र के डाकुओं को भड़काया इस परिवार के खिलाफ और मजबूत और आकर्षक बैलों की जोड़ी और गाय का घी(घी के घड़े भरे हुए थे उनके घर में )लूटने हेतु उसकाया लेकिन चोर डाकू भी उस महिला के आगे हिम्मत नहीं कर सके जिससे उनका गुस्सा और टेढ़ी नजर उस स्वाभिमानी महिला के पुत्र खरताराम पर रहने लगी ।
उस महिला का पुत्र भी अपनी माता जैसे ही गुणवान,शक्तिशाली और बहुत बुद्धिमान थे जिनका नाम खरताराम चौधरी था ।डाकू और चोर शुरू से ही क्षेत्र के किसान वर्ग को बहुत परेशान करते उनसे बढ़िया पशु लूट कर ले जाते या गहने,घन जो भी मिलता डाकू के जाते उनमें से एक मुख्य कुख्यात डाकू ओमपुरी नाम का था तथा इस डाकू का भतीजा लालपुरी और इनकी गैंग संगठित लूट उस समय आम भाषा में धाड़ा पाड़ना बोलते थे। सामंती हुकूमतों और चोर डाकू मिल कर दबे हुए किसान , ग़रीब लोगों को परेशान करते थे जिनका सदैव विरोध खरताराम नाम के युवा ने किया और लोगों को देश आजाद होने तथा कानून , संविधान की जानकारी दी ।खरताराम की किसानों में प्रसिद्धि विरोधी ताकतों को शूल सी चुभती थी इस कारण वो हर हाल में खरताराम का खात्मा करना चाहते थे ।बार बार हो रहे अपने ऊपर आक्रमणों से हमेशा खरताराम जी चतुराई से बच जाते थे ।
उस समय प्रथम विधानसभा के दौरान नागौर के प्रसिद्ध किसान नेताओं जिनमें स्व नाथु राम जी मिर्धा,बलदेवराम जी मिर्धा, मदेरणा साहब के संपर्क ने आने से खरताराम जी का जोश और मनोबल बढ़ा ।प्रारंभिक सहकारी तंत्र से ही खरताराम ने क्षेत्र के किसानों को उचित मूल्य से सामान उपलब्ध करवाने के प्रयास में स्वयं भणियाणा के निकट मजबूत किसान पहलादोनियों गोदारों की ढाणी में उचित मूल्य की दुकान खोली सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन खरता राम की जान को हमेशा खतरा बना रहता था क्योंकि ना तो खरताराम जी चोर डाकुओं को धाड़ा पाड़ने देते ना ही उनके हाथ आते ।
इस तरीके से किसानों के हितों की हमेशा मन में खरताराम जी के चिंता रहती थी और डाकुओं और सामंतों से परेशान होती जनता को दुखी नहीं देखना चाहते थे ।
एक दिन विक्रम संवत् 2007( ईस्वी 1949- 1950) में खरताराम जी और उनके खास साथी भूराराम गोदारा दोनों ने मिलकर योजना बनाई कि अब इस डाकू को खत्म करना बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि डाकू सामंती ताकतों के इशारों पर जनता को खूब परेशान करने लगा था ।दोनों ने मिलकर योजना बना कर तय किया कि भूराराम गोदारा पता लगाएगा कि किस तरफ डाकू रुका हुआ हैं क्योंकि उस समय डाकू रात्रि में चलते थे और दिन में कही छुपकर रुकते थे । भूराराम डाकुओं के ऊंटों के पदचिह्नों का पीछा करते हुए खोज में निकल गए और दूसरी ओर खरताराम जी फलोदी थाने की निकले । पैदल बहुत तेज चलने में माहिर खरता राम जल्दी ही फलोदी थाना पहुंच कर डाकू की सूचना थाने में दी तथा दस्यु उन्मूलन टीम को एनकाउंटर के लिए तैयार करवाया ।

इस कुख्यात डाकू का एनकाउंटर करवाने में सबसे बड़ा साथ मिला जाँभा के ठाकुर साहब का एवं उनके पुत्र जो भारतीय सेना में थे वो एक बार ओमपुरी की तलाश में भणियाणा के आस पास के क्षेत्र में घूम रहे थे तो किसी ने बताया कि ऐसे डाकू लोगों की खिलाफत तो खरताराम जाट ही करते है आप उनसे मिलो तब से खरताराम जी और जाँभा के राजपूत ठाकर इस योजना में थे क्योंकि जांभा ठाकुर के भाईसाहब को डाकू ओमपुरी ने मारा था उसका बदला लेने हेतु इस एनकाउंटर में सहयोग किया। फलोदी थानेदार हाकम खान थे बहुत ही जांबाज अधिकारी थे उनके सामने हमेशा डाकू से दुखी जनता पहुंचती थी तथा उन्हीं दिनों में थानेदार के भाई के साथ डाकू ओमपुरी की झडफ हुई थी जिसमें थानेदार हाकम खान के भाई की मौत हो गई थी इस प्रकार आस पास के क्षेत्र के 36 कौम की जनता त्रस्त थी ।
एनकाउंटर के लिए पुलिस की गाड़ी फलोदी से रवाना होकर पोकरण से आगे माडवा गांव पहुंचने वाली ही थी आगे खरता राम जी का विश्वासपात्र मित्र भूराराम गोदारा जाल के पेड़ के पास खड़ा इंतजार कर रहा था जैसे ही गाड़ी दिखाई रास्ते पर तो अपने हाथ में सफेद कपड़ा (स्थानीय भाषा में खता) से इशारा करके अपनी ओर बुलाया और कहा कि आज ओमपुरी और लालपुरी दोनों पास की सांगसिंह पोकरणा राजपूत के घर में रुके हुए है ।पुलिस को एक बार हिचकिचाहट हुई कि घर के चारों तरफ घेरा डालना और एनकाउंटर करना मुश्किल काम है क्योंकि डाकू सांगसिंह के परिवार की आड़ लेकर बच सकता है या किसी निर्देश की जान भी जा सकती है । तब खरता राम जी ने बोला मै चलता हूं आगे देखते है .....तो जैसे ही खरता राम सांगसिंह के घर में घुसे तो ओमपुरी गुस्सा होकर सामने आने लगा क्योंकि ओमपुरी खरता राम जी से बैर रखता था तो सांगसिंह ने बीचबचाव किया इसी दौरान पुलिस की गाड़ी की आवाज सुनकर ओमपुरी और लालपुरी दोनों एक ही ऊंट पर पीलोंन करके भागने लगे। पुलिस भी यही चाहती थी इसी दौरान शाम का समय में डाकू लालपुरी अंधेरे के आड़ में ऊंट के पिछले पांव के सहारे नाडी की पाल की ओट में ऊंट से कूदकर भागने में सफल ही गया लेकिन कुख्यात डाकू ओमपुरी ऊंट पर चल रहा था तभी पुलिस ने मौका देखकर फायर खोल दिया जिससे पहले फायर से ही ओमपुरी का ऊंट जख्मी हो गया था इस कारण ओमपुरी नाडी की पाल पर खड़ी खेजड़ी के पेड़ की आड़ लेकर जबाबी फायर करने लगा ।पुलिस के पास भी थ्री नोट थ्री रायफल थी सामने ओमपुरी के पास 12बोर बंदूक थी लगभग 15- 20मिनट में ही एनकाउंटर समाप्त हो गया और ओमपुरी मारा गया ।तत्कालीन एनकाउंटर में शामिल जवानों से मिली जानकारी के मुताबिक ओमपुरी ने कुल 8 फायर किए थे जिसके खाली खोल पुलिस को मिले और पुलिस की फायरिंग में ओमपुरी के कुल 7- 8 गोली लगी जो सिर,कंधे,पेट, पैर और चेहरे पर लगी थी । डाकू के मौत की पुष्टि तुरंत हो गई थी पुलिस की गाड़ी में शव को डालकर फलोदी में पोस्टमार्टम करवाया गया ।ओमपुरी के पास जेब में अफीम(अमल),चांदी के सिक्के, सुरमा (आंख में निकालने वाला),तथा पानी की कूपी,एक चाकू यह सामग्री मिली थी ।

इस प्रकार एक कुख्यात डाकू का कुमौत अंत हो गया उसी शाम को ही क्षेत्र में ओमपुरी के मारने की सूचना आमजन के पास पहुंची जिससे चारों ओर खुशी का माहौल था ।36 कौम जिसमें विशेष कर किसान,बनिया जो दुकानदार थे,पशुपालक,स्थानीय राजपूत,जाट,मुस्लिम, नाई,दर्जी,ब्राह्मण, पुरोहित,मेघवाल,चारण सभी खुश हुए एक बार तो विश्वास ही नहीं किया लेकिन इन सबको खरताराम के खरीके (मजबूती) पर विश्वास था ।
चारण कवियों ने खरताराम जी के बखान कई छवियों में किए है ।
24 वर्ष की उम्र में खरताराम जी ने वो साहसी काम कर दिखाया जो हर किसी के बस की बात नहीं थी।खरताराम जी के पास कोई संसाधन,सपोर्ट,शिक्षा कुछ भी नहीं था लेकिन अपनी मजबूती और समाज सेवा के जज्बे ने यह ऐतिहासिक काम करवाया जिसको युगों युगों तक याद किया जाएगा ।
एनकाउंटर में ओमपुरी का भतिज लालपुरी चालाकी से बच गया था वो मारवाड़ से भागकर सिंध पाकिस्तान चला गया और मरने तक कभी वापस भारत नहीं आ सका ।
इस घटना के बाद खरता राम जी जाखड़ भणियाणा का नाम लोग गर्व से लेने लगे चारों तरफ चौधरी साहब की वाहवाही हो रही थी क्योंकि 36 कौम को डाकू से भयमुक्त करवाया था ।

क्षेत्र के साकड़ा गांव का ओमपुरी बहुत कुख्यात डाकू था अभी भी बूढ़े बुजुर्ग बताते है कि ओमपुरी पैर काट कर पैर के आभूषण कड़ियां,कान काट कर कान के गहने, इस तरीके से बहुत ही निर्दयता से लोगों को लूटता था आसपास मारवाड़ के कई बाजार ओमपुरी चैलेंज देकर लुट देता था उस समय सेठ साहूकार बहुत कम ही होते थे वो भी अपनी मेहनत से कमाई पूंजी और माल लुटता कुछ नहीं कर पाते थे ।सिर्फ विलाप करके बैठ जाते थे कारण यह था कि यह डाकू सामंतों की सह से डाका डालते थे जिसका प्रतिरोध,विरोध करना मतलब जान से हाथ गंवाना होता था कई लोग विरोध करते हुए इस डाकू की बंदूक से मारे भी गए ।हमने जानकारी संकलन करते हेतु सैकड़ों 36 कौम के जानकार बुजुर्ग लोगों से जानकारी ली उसमें कही भी यह जानकारी नहीं मिली जिसमें ओमपुरी को अच्छा बताया हो (अमीरों से लूट कर गरीबों में बांटने वाला )किसी ने नहीं बताया ।सभी उस पीढ़ी के लोगों ने ऐसे ऐसे किस्से बताए जो सुनकर रोंगटे खड़े ही जाए जिसमें ऊंट के लिए चारा नहीं देने पर एक किसान की हत्या,आबूरोड में महाजन की फोकट में सामान नहीं तोलने पर हत्या, मालानी मेले में पशुपालकों से पशु बेचने की राशि लूटकर मारपीट, लूणी नदी बहाव क्षेत्र में राजपूत समाज के चरवाहों से झड़फ जिसमें एक की मौत।जालौर में विश्नोई समाज की महिला के नाक का गहना भंवरिया नहीं देने पर नाक कर तलवार से वार कर नाक काटना,मालवा की तरफ से अनेक लुट करना, शेरगढ़ क्षेत्र में जाट महिला के पैर काटकर पैरों की कड़ियां(आभूषण चांदी का) लुट लेना ऐसे सैकड़ों उदाहरण हैं जो सुनने पर भी भयावह लगता है ।
ओमपुरी की मौत का समाचार जल्दी ही समूचे मारवाड़,मालवा,मेवाड़, सिंध चारों तरफ फैल गया जिससे छोटे मोटे चोर डाकू थे उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए लूट खसोट करना छोड़ किया और सामान्य जीवन अपना लिया ।ओमपुरी के मारने से 36 कौम के लोगों को फायदा हुआ केवल उस समय के सामंत जी बदमाश राजपूत जो अपने काम निकलने के किए ऐसे डाकूओ को पालते थे उनको ही नुकसान हुआ ।सामान्य राजपूत,जाट,माली,ब्राह्मण,विश्नोई,पटेल,गुर्जर,देवासी,मुस्लिम, चारण समेत सभी वर्ग, जाति,धर्म सभी खुश हुए और खरता राम जी को धन्यवाद देते नहीं थकते थे । गुजरात,जालौर,बाड़मेर से रामदेवरा रास्ते में भणियाणा रहता है। भणियाणा से 8 किलोमीटर आगे चौधरी खरताराम जी के झोपड़े थे इस क्षेत्र से पैदल आने वाले 60 के दशक के लोग खरताराम नामक युवा से जरूर मिलकर जाते और गर्व महसूस करके धन्य है इसके मात पिता जरूर बोलकर जाते।
खरताराम जी के पुलिस को सूचना देकर एनकाउंटर करवाने की घटना को तात्कालिक जनमानस एक हिम्मत का काम मानती थी क्योंकि उस समय चोर डाकुओं से पंगा लेना बहुत बड़ी बात होती थी जिसमें 100% जान जाने का खतरा रहता था फिर भी खरताराम जी ने हिम्मत दिखाकर यह काम किया जिससे मारवाड़ के लोग हिम्मत का बखान करते है गीत में गाते हैं।

ओमपुरी की कथा और सच्चाई :-
1950 में ओमपुरी मरने पर मातम केवल उन सामंती लोगों के घर ही छाया था जिसके घर ओमपुरी लुट का माल पहुंचाता था।क्योंकि चोर डाकू लोग कब समाज की भलाई करते थे(एक डूंगर जी ज्वार जी नागौर वाला उदाहरण छोड़कर)
इस बात की टीस निकलने और डाकू के झूठे बखान करने के लिए एक गायक कलाकार से मनगढ़ंत कोल काल्पनिक लाइन जोड़कर एक कुख्यात डाकू को महिममंडित करने का काम उस कथा में किया गया है ।उस कथा में थानेदार, डिप्टी,SP सभी को ओमपुरी द्वारा मारना, भारतीय सेना के जवानों को , बीएसएफ को मुठभेड़ में बताया है जो बिलकुल झूठ है सच्चाई के लिए आप फलोदी थाना का रिकॉर्ड चैक कर सकते है कोई पुलिस के जवानों को चोट भी नहीं लगी थी । खरता राम जी जाखड़ भणियाणा को महज कमतर आंकने के लिए और बदनामी की नियत से ओछे नाम और शिकायत करने पर गलत बताया गया है जबकि खरता राम जी ने तो पूरे क्षेत्र को महज 24 वर्ष की उम्र में पुलिस और सरकार की सहायता हेतु समाज को भयमुक्त करवाया यह बहुत बड़ा काम किया यह खरता राम जी की उपलब्धि है ।
जब देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था लागू हो गई है तो चोर डाकू कैसे उन्माद फैला सकते है इस दौरान बड़े स्तर पर उन दिनों दस्यु उन्मूलन अधिनियम 1936 के अंतर्गत डाकुओं का सफ़ाया चंबल के बीहड़ों से लेकर रेगिस्तान के थार किया जा रहा था जिसमें खरताराम जी ने सहायता कर नेक काम किया ।
इस ओमपुरी डाकू गिरोह में शामिल सभी सदस्यों को पुलिस ने 1 - 2 साल में ही मारकर सफाया कर दिया ।
भला एक उम्र भर खून पसीने की गाढ़ी कमाई के लूटने वाले कैसे भले हो सकते है माल चाहे किसी का ही उसका मालिक की आज्ञा बिना हरण करना कितना बड़ा अपराध था और उस दौरान कई लोगों को डाकू मार देते थे कुछ लोगों को सामंत लोग अपना बदला लेने हेतु डाकुओं से डाका डलवाना या मार भी देते थे ।
हमारी नजर में ऐसे डाकू लोग किसी सूरत में समाज का भला नहीं करते थे जो सामंती हुकूमतों के पिट्टू बनकर मेहनतकश अकालों , प्राकृतिक आपदाओं से दुखी आम जनता का खून चूसते थे।
इसलिए काल्पनिक कथाओं के आधार पर घटना की सच्चाई मानना कतई मूर्खता है ।
खरताराम जी ने अपना पूरा जीवन समाज में शिक्षा, लगान मुक्ति,पंचायती राज से जनता की सेवा , प्रशासनिक मदद,सरकारी उपक्रमों को ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित करवाने जैसा महान काम करके समाजहित में 36 कौम को फायदा पहुंचाया ।जो भी जीवन में खरता राम जी के पास समस्या लेकर गया कभी चौधरी साहब ने नाराज नहीं किया।

खरताराम जी और राजपूत समाज
कुछ अज्ञानी लोग बताते है खरता राम जी राजपूत जाति के खिलाफ थे यह सरासर झूठ और पूर्वाग्रह से ग्रसित बात है ।चौधरी साहब ने कभी राजपूत समाज के खिलाफ टिप्पणी या ऐसा कोई कृत्य जीवन में नहीं किया जिससे लगे कि वो खिलाफ थे जबकि खरताराम जी के सबसे खास दोस्त और साथी रहे श्री नैन दान जी रतनू बारठ का गांव,श्री खेतदान जी ऊंचपदरा, बताते है कि उस समय खरताराम जी के स्व.धन सिंह जी चंपावत ,जोधा परिवार,जांबा भंवर, भाटी परिवार , चौहान परिवार भणियाणा,, से बहुत अच्छे पारिवारिक संबंध थे हजारों काम राजपूत समेत 36 कौम के लोगों के बिना किसी भेदभाव के अपनी राजनीतिक पहुंच से निकलवाए। खरता राम जी के उन सामंतों के खिलाफ थे जो भारत आजाद होने के बावजूद भोली भाली जनता से लगान(हासल) वसूलते थे और फालतू शोषण करते थे ।
खरताराम जी संघर्ष और विकास के पर्याय थे:-
1.लगान वसूली के खिलाफ खरताराम जी सुप्रीम कोर्ट तक केस लड़कर जीते और आम 36 कौम के लोगों को राहत दिलाई।
2. 1950-60 के दशक में भणियाणा के आसपास के लोगों को सहकारिता के बारे में जागरूक करके खुद उचित मूल्य की दुकान लगाकर 36कौम के लोगों को फायदा पहुंचाया जो आज तक दुकान चल रही है ।
3. ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा हेतु 1950-1960 के दशक में भणियाणा में विद्यालय की देखरेख संरक्षक के रूप में कर शिक्षा के द्वार 36 कौम के लिए खुलवाए।
4. किसान छात्रावास राजस्थान विधानसभा से पारित करवा कर भणियाणा में छात्रों के लिए आवासीय सुविधा सुलभ की।
5. अस्पताल, भेड़ बैंक,बालिका विद्यालय,PWD ऑफिस, पशु चिकित्सालय, जैसे काम को शुरुआती दिनों में ही करवा दिए थे ।
6. भणियाणा को उपखंड,तहसील , यह सब काम बाबा ने अपने हाथों से स्वीकृत करवाए थे ।
7. भणियाणा विद्यालय में विज्ञान,कला,वाणिज्य और कृषि विषय लागू होने सब बाबा के प्रभाव से ही आज तक काम हो रहे है ।
यह संपूर्ण पोस्ट पढ़ने के बाद कैसे कोई खरताराम जी जैसे महापुरुष के बारे में संकीर्ण सोच रख सकता है क्योंकि बाबा खरता राम जी जाखड़ का संपूर्ण जीवन 36 कौम को समर्पित था । भाग्यशाली जाट कौम इसलिए है कि बाबा खरताराम जी ने जाट समाज में जन्म लिया और समाज को भयभीत करने वाले लुटेरे चोर डाकुओं का खात्मा करवाया और लगान से मुक्ति बाबा ने दिलवा कर इस भोली कौम को शिक्षा की तरफ मार्गदर्शित कर नया जीवन दिया ।
खरता राम जी अमर रहे , खरता राम जी अमर रहे।


(लेखक ने निष्पक्ष जानकारी खरताराम जी के 36 कौम के साथियों , वरिष्ठ जनो, उन दिनों के प्रशासनिक अधिकारियों, एनकाउंटर में शामिल पुलिस के जवानों से , चारण कवि जो उस समय बाबा के साथी थे उन सभी लोगों से ली है )
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वीरान पड़ी खेत सिंह की खेत वाली ढाणी यहां ही हुई थी हत्या 🛖🥲 #
05/09/2025

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राजस्थान सरकार में चिकित्सा मंत्री श्री गजेंद्र सिंह जी खींवसर की पूजनीया माताजी के देवलोकगमन का समाचार अत्यंत दुःखद है।...
05/09/2025

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परमपिता परमेश्वर दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को यह अपार दुःख सहने की शक्ति दें।

ॐ शांति।।
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04/09/2025

डांगरी घटना जैसलमेर

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04/09/2025

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04/09/2025

बाढ़ से बिगड़े हालात भारत पाकिस्तान बॉर्डर, बीएसएफ की कई पोस्ट बाढ़ की चपेट में कैसे बचाया जा रहा हथी यारों को 😱

03/09/2025

आप एक बार अवश्य सुने इनकी आवाज में बहुत बड़ा जादू है! मुझे तो बङा अच्छा लगा सा!शेयर एवं सपोर्ट ज़रूर करें सा!🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
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03/09/2025

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ऊंटो के टोले अब सिर्फ कुछ ही तालाबों पर दिखाई देते है #
03/09/2025

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