15/08/2025
राजनीति में समय और शब्दों का महत्व
शहर विधायक अतुल भंसाली राजनीति के नए खिलाड़ी हैं। हाल ही में एक अवसर था, जिसमें विपक्ष के मतदाताओं के बीच सेंध लगाने का मौका मिल सकता था। लेकिन अफसोस, सूचना तंत्र की कमी और परिस्थितियों को भांपने में चूक के कारण यह अवसर हाथ से निकल गया। न तो वे मौके पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर पाए और न ही राजनीतिक क्रेडिट ले सके।
राजनीति में केवल बोलना पर्याप्त नहीं, बल्कि कब, कहाँ और कैसे बोलना है—यही असली राजनीतिज्ञ की पहचान होती है। यदि सूचना मिलते ही विधायक पीड़ित परिवार से मिलते, उन्हें सांत्वना देते और उनके दुख-सुख में सहभागी बनते, तो यह न केवल उनकी छवि को सशक्त करता बल्कि मुख्यमंत्री तक यह संदेश भी पहुंचता कि उनका विधायक सक्षम, संवेदनशील और दक्ष है।
दुर्भाग्य से, समय पर कदम न उठाने और अपरिपक्व शब्दों के प्रयोग ने उनकी गंभीरता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया। परिणामस्वरूप, न केवल मतदाताओं का विश्वास कमजोर हुआ, बल्कि मुख्यमंत्री की नजरों में भी वे भरोसेमंद प्रतिनिधि के रूप में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए।