
05/08/2025
जीवन के भाग्य में संघर्ष ही लिखा है लेकिन संघर्ष में भी खुश हैं धोरों के हर कदम पर संघर्ष कहानी छाप छोड़ रही हैं जैसलमेर के भारत-पाक बॉर्डर का वो क्षेत्र जहां के पशुपालकों वो जीवन जहां पीने को पानी नहीं बिजली की रोशनी नसीब में नहीं, ढलते सूर्य के साथ ये कदम कच्चे आशियाने की ओर चल पड़ते है धोरों के बीच बसी ढाणी में चीमनी की रोशनी में पूरे परिवार के लिए बने रामरोट से पेट भर लेते है खुले आसमान के नीचे बच्चों की मीठी मीठी बातों के साथ तारों के देखते देखते कब ऑंख झपकी ले लेती है पता नहीं चलता, वापस सूर्योदय के साथ फिर से वो ही संघर्ष की कहानी