08/06/2024
संत, महात्मा, समाज सुधारक,
1. महात्मा बुद्ध
ईसा से 600 वर्ष पूर्व कपिल वस्तु में शाक्य राजा शुद्धोधन के यहां अवतरित हुए। शीघ्र ही वैराग्य लेकर घर से निकल गए। गया में पीपल के वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ। बौद्ध धर्म की स्थापना की।
2. ऋषभ देव
नाभिराय तथा मेरूदेवी के पुत्र। जैन धर्म के 24 तीर्थकरों में से प्रथम।
3. महावीर स्वामी
जैन धर्म के 24 वें तथा अन्तिम तीर्थकर। जन्म 599 ई. पूर्व कुन्डग्राम या कुन्डलपुर में राजा सिद्धार्थ एवं त्रिशला देवी के घर हुआ। 527-28 ई. पूर्व पावापुरी नामक स्थान पर निर्वाण प्राप्त किया।
4. अश्वघोष
सम्राट कनिष्क के समय प्रसिद्ध विद्वान, दार्शनिक एवं कवि। गीतों के माध्यम से बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार किया। बुद्धचरितम के लेखक।
5. नागार्जुन
माध्यमिक सम्प्रदाय के प्रवर्तक एवं महान दार्शनिक। बुद्ध के मध्य मार्ग को अपनाने के कारण माध्यमिक अथवा शून्यवादी कहा जाता है।
6. वसु बन्धु
चौथी शताब्दी में, बौद्ध धर्म के दार्शनिक सम्प्रदायों के संस्थापकों में सर्वोपरि नाम। अपने काल में ये द्वितीय बुद्ध कहलाते थे।
7. शंकराचार्य
मलाबार के कालडि ग्राम में शिवगुरू तथा आर्यम्बा के घर सन् 788 ई. में पैदा हुए। संन्यासी गुरू गोविन्द पाद से दीक्षा ली। भारत के चारों कोनों में, पूर्व में जगन्नाथ, पुरी, पश्चिम में द्वारिका, दक्षिण में श्रृंगेरी तथा उत्तर में बद्रीनाथ में चार मठ स्थापित किए। महान विचारक और ज्ञानी जिन्होंने पूरे भारत में ज्ञान और भक्ति का प्रसार-प्रचार किया। अद्वैतवाद के प्रवर्तक। 32 वर्ष की अल्पायु में इहलीला समाप्त हुई।