12/10/2025
किसान की मेहनत-भाजपाई विपदा व एमएसपी, भाजपाई सरकारी धोखे में डूबी : रणदीप सुरजेवाला
कहा : नायब सरकार है गायब, धान-बाजरा-कपास की फसल की लुटवाई जगजाहिर!
बोले : शिफ़ूगा ब्ड नायब सैनी का फसल खरीदी का वादा निकला चुनावी झांसा
सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला व कैथल विधायक आदित्य सुरजेवाला ने कैथल की अनाज मंडियों का किया दौरा, मंडियों में चल रही किसान की फसल की बेकद्री को लेकर नायब सैनी सरकार पर बोला हमला
कैथल, 12 अक्टूबर 2025
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव एवं सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला व कैथल विधायक आदित्य सुरजेवाला ने आज कैथल की नई अनाज मंडी का दौरा कर किसानों की समस्याएं सुनीं और भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कैथल जिले सहित हरियाणा की की मंडियों में धान की आवाज जोरों पर है। लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों, खेत मजदूरों, आढ़तियों और मंडी मजदूरों के साथ लगातार अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि मंडियों में बाजरे की आवक जोरों पर है, लेकिन सरकार की ओर से खरीद नहीं की गई।
सुरजेवाला ने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला व कहा कि भाजपा सरकार का किसानों-खेत मजदूरों- आढ़तियों- मंडी मजदूरों पर जुल्म बदस्तूर जारी है, न एमएसपी पर खरीदी हो रही, न बाढ़ का मुआवज़ा मिला और खाद की चौतरफा कालाबाजारी है।
सुरजेवाला ने मुख्यमंत्री नायब सैनी पर तंज कसते हुए कहा कि जिसका ड्राईवर अनाड़ी, तो कैसे चलेगी गाड़ी? हवा हवाई मुख्यमंत्री नायब सैनी हैलीकॉप्टर से उतरें, तो उन्हें नवरात्रि व दिवाली के मौके पर अपना घर परिवार छोड़ मंडियों में दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर किसानों व मजदूरों का दुख नजर आए। सुरजेवाला ने कहा कि जब भाजपा सरकार एमएसपी पर धान, बाजरा, कपास, मूंग व अन्य फसलें खरीदती ही नहीं, तो फिर एमएसपी घोषित करने और बढ़ाने का ‘‘झूठा ढोंग’’ क्यों करती है?
रणदीप सुरजेवाला व आदित्य सुरजेवाला ने कहा कि कैथल की मंडियों सहित उत्तर हरियाणा और केंद्रीय हरियाणा में धान की फसल का किसान को एमएसपी नहीं दी जा रही,किसान ₹2,389 प्रति क्विंटल के एमएसपी के मुक़ाबले ₹400 से ₹500 प्रति क्विंटल के नुकसान से फसल बेचने को मजबूर है।
उन्होंने कहा कि दक्षिण हरियाणा की चरखी दादरी, बांढडा, झोलूं कलां, नारनौल, अटेली, नांगल चौधरी व नूंह जिले की मंडियों में बाजरे का एमएसपी ₹2,775 प्रति क्विंटल है। परंतु नायब सैनी सरकार इस एमएसपी के नाम पर किसानों के अरमानों की होली खेल रही है। झूठी वाहवाही लूटने के लिए 23 सितंबर से एमएसपी पर बाजरा खरीद की घोषणा कर डाली, परंतु आज 12 अक्टूबर तक, एक दाना भी बाजरा भाजपा सरकार ने नहीं खरीदा। किसानों को औने पौने दामों में प्राइवेट एजेंसियों को बाजरा बेचना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि ₹2,775 प्रति क्विंटल के बाजरे के एमएसपी की घोषणा कर तमाशा बनाने का काम नायब सैनी सरकार ने किया है। सरकार ₹2,150 प्रति क्विंटल पर बाजरा खरीदेगी और ₹665 प्रति क्विंटल भावांतर के तहत देगी। एक बार फिर किसान के घाव पर नमक छिड़कते हुए घोषणा कर दी कि ₹2,200 प्रति क्विंटल पर बाजरा खरीदेगी और ₹575 प्रति क्विंटल भावांतर में देगी। सच्चाई यह है कि नायब सैनी सरकार ने आज तक ना एक दाना खरीदा, ना ₹2,200 प्रति क्विंटल का एमएसपी दिया और ना ही ₹2,150 प्रति क्विंटल का एमएसपी दिया। केवल और केवल मुँह-ज़ुबानी जमा खर्च और जुमलों की बारात निकालते रहे।
सुरजेवाला ने कहा कि हिसार की मंडियों का भी यही हाल बेहाल है। शर्म की बात यह है कि 23 सितंबर से 10 अक्टूबर के बीच सरकारी एजेंसी हैफेड ने सिर्फ 70 क्विंटल बाजरे की खरीद की है, जो जिले में कुल आवक का 2 प्रतिशत भी नहीं है। हिसार की मंडियों में 33,540 टन मूंग पहुंची है, जिसमें से सरकारी एजेंसियों ने एक भी दाना नहीं खरीदा। उन्होंने कहा कि भिवानी मंडी में भी कपास और बाजरा औने-पौने दामों पर पिट रहा है. भिवानी मंडी में कपास ₹6500-₹7200 प्रति क्विंटल बिक रही है, जबकि MSP है ₹ 8100 प्रति क्विंटल। सरकारी खरीद न होने से सिर्फ मिलर खरीद कर रहे, नुकसान किसान को। बाजरे के भी एक दाने की सरकारी खरीद नहीं हुई।
सुरजेवाला ने कहा कि सरकारी एजेंसियां कह रही हैं कि मानकों के अनुसार फसल नहीं, इसलिए खरीद नहीं। कौन से मानक? कैसे मानक? बीज बेचते समय तो मानक सही थे, तो फिर फसल के मानक कैसे गड़बड़ाए? क्या किसान ने अपने घर पर बाजरे की फसल तैयार की? बीज गलत थे, तो किसान घाटा क्यों भुगते? क्या गलत बीज बेचने वालों पर कोई कार्रवाई हुई? क्या पूरे हरियाणा में ही गलत बीज बिकवाए गए? जब बीज की बिक्री हो रही थी तो कहां थी भाजपा सरकार और उसके नुमाइंदे? ये सिर्फ फसल की सरकारी खरीद न करने के बहाने हैं।
खाद की चल रही कालाबाजारी को लेकर सुरजेवाला ने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि अब चौतरफा खाद की कालाबाजारी चल रही है। दो दिन पहले एक नया फरमान निकाल नायब सैनी ने कह दिया कि चाहे ज़मीन की फ़र्द हो, मल्कियत हो, जमाबंदी हो, खसरा गिरदावरी हो या पट्टा हो तो भी खाद नहीं मिलेगी और खाद केवल उसको मिलेगी जिसने ‘मेरी फसल, मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर अपने आप को दर्ज किया है तथा जो फसल एमएसपी पर खरीदी जा रही है।
उन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री नायब सैनी को नहीं मालूम कि हरियाणा का 40% धान यानी बासमती, 1121, 1123, 1509 धान को एमएसपी पर खरीदा ही नहीं जाता, क्योंकि इसकी एमएसपी घोषित ही नहीं होती। तो फिर ये किसान कहाँ जाएं और इन्हें खाद क्यों नहीं मिलेगी? बाजरे और कपास की एमएसपी पर ख़रीद हो ही नहीं रही। चना, मूंग, ग्वार की एमएसपी पर ख़रीद हो ही नहीं रही, तो किसान को खाद मिलेगी ही नहीं और किसान कहाँ जाए।
सुरजेवाला ने आढ़तियों की आवाज उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकार अब आढ़तियों से भी धोखा कर उनकी रोजी-रोटी छीनने पर उतारू है। कांग्रेस सरकार में आढ़तियों को 2.5% कमीशन मिलता था। फिर भाजपा सरकार ने इसे घटाकर ₹45.88 प्रति क्विंटल कर दिया। पिछले विधान सभा चुनाव से ठीक पहले नायब सैनी ने इसे बढ़ाकर ₹55 प्रति क्विंटल कर दिया। अब चुनाव खत्म होते ही इस फसल से इसे घटाकर ₹45.88 प्रति क्विंटल कर दिया। हरियाणा में 50,000 से ज़्यादा आढ़ती परिवार हैं और ₹9.12 प्रति क्विंटल के इस नुकसान से हरियाणा के आढ़तियों को ₹1,500 करोड़ सालाना का नुकसान होगा।
भाजपा सरकार ने किसान, मजदूर और आढ़ती के विश्वास की बोली लगाई है। हरियाणा की माटी ने सदैव सत्य और न्याय का मार्ग दिखलाया है। हमारी मांग है कि किसानों की फसल का एक-एक दाना एमएसपी पर खरीदा जाए, मेहनतकशों को हक मिले और जो फसल कम रेट पर बिकी है, उसका एमएसपी पर बकाया भुगतान हो। बाढ़ के नुकसान का भुगतान हो और आढ़तियों को उनका पूरा कमीशन दिया जाए। हम मेहनतकशों को अपना हक दिलाकर रहेंगे। इस अवसर पर सुदीप सुरजेवाला, कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामचंद्र गुर्जर ढांड, रामनिवास मित्तल, अश्विनी शोरेवाला, रज्जी मित्तल, सुरेश गर्ग चौधरी, दीप चंद गर्ग, प्रवीण गर्ग, कमल गर्ग, रिंकू, मनीष सिक्का, जयकिशन मान, राजपाल चहल, राजकुमार बैनीवाल बुढ़ाखेड़ा, मुल्तान कैंदल, satish जिंदल, शमशेर मित्तल, कृष्ण शर्मा मालखेड़ी, प्रयागराज बालू, सत्यनारायण जैलदार व मीडिया प्रभारी राजेंद्र शर्मा बलवंती सहित अन्य साथी मौजूद रहे।