18/07/2025
दिनांक: 18 जुलाई 2025
स्थान:पालमपुर, जिला कांगड़ा (हि.प्र.)
मशरूम प्रशिक्षण पर आधारित पुस्तिका का वर्चुअल विमोचन निदेशक उद्यान श्री विनय सिंह, आईएएस द्वारा
बागवानी विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा आयोजित पांच दिवसीय मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज सफल समापन किया गया। इस अवसर पर विभाग के निदेशक श्री विनय सिंह, आईएएस द्वारा मशरूम विषय पर आधारित एक महत्वपूर्ण पुस्तिका का वर्चुअल विमोचन किया गया, जिसे मशरूम विशेषज्ञ डॉ. हितेंद्र पटियाल, डॉ. राजेश पटियाल और डॉ. हितेश ठाकुर द्वारा संपादित किया गया है। यह पुस्तिका मशरूम उत्पादन से जुड़ी वैज्ञानिक जानकारी का एक संपूर्ण स्रोत है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का विवरण:
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 14 जुलाई से 18 जुलाई 2025 तक आयोजित किया गया, जिसमें कुल 5 दिन तक किसानों व युवाओं को मशरूम उत्पादन की आधुनिक तकनीक, खाद निर्माण (कंपोस्टिंग), मूल्य वर्धन, विपणन (मार्केटिंग) तथा बैंक ऋण सुविधा जैसी अनेक महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गईं।
समापन समारोह में संयुक्त निदेशक बागवानी डॉ. कमलशील नेगी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में मशरूम उत्पादन कम भूमि में अधिक लाभ देने वाला व्यवसाय है, जिसे समूह बनाकर करने से लागत कम होती है और मुनाफा अधिक होता है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे इस स्वरोजगार को अपनाकर आत्मनिर्भर बनें और अन्य ग्रामीणों को भी रोजगार उपलब्ध कराएं।
विशेषज्ञों का योगदान:
इस अवसर पर मशरूम विकास परियोजना पालमपुर के विशेषज्ञ डॉ. हितेंद्र पटियाल ने भी किसानों को वैज्ञानिक तरीके से मशरूम उत्पादन की शुरुआत, रखरखाव और विपणन की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही, बागवानी में उत्कृष्टता केंद्र पालमपुर के विशेषज्ञ डॉ. उमंग भारद्वाज, उद्यान विकास अधिकारी डॉ. संजीव नारयाल, डॉ. राजेश पटियाल, डॉ. हितेश ठाकुर, तथा धरमपुर के उद्यान प्रसार अधिकारी श्री सिंपल कुमार एवं श्रीमती किरण ने भी विषयवार प्रशिक्षण प्रदान किया और किसानों के सवालों के उत्तर दिए।
मशरूम उत्पादन के लिए अनुदान योजनाएं:
बागवानी विभाग द्वारा मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न अनुदान योजनाएं चलाई जा रही हैं:
20x12x10 फुट के साधारण मशरूम हाउस पर ₹1 लाख का अनुदान, जिससे कोई भी लघु किसान 2 से 5 लाख रुपये वार्षिक आय अर्जित कर सकता है।
हाईटेक मशरूम यूनिट के निर्माण पर ₹8 लाख तक का अनुदान दिया जाता है, जिससे कोई भी उद्यमी 15 से 20 लाख रुपये वार्षिक आय प्राप्त कर सकता है।
इस योजना से न केवल किसान बल्कि बेरोजगार युवा भी स्वावलंबी बन सकते हैं और गांवों में ही स्वरोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं।
आयोजन के सहयोगी:
इस कार्यक्रम का आयोजन उद्यान विभाग धर्मपुर, जिला मंडी व मशरूम विकास परियोजना पालमपुर द्वारा किया गया, जिसे मशरूम विकास परियोजना, पालमपुर का तकनीकी सहयोग प्राप्त हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले भर के किसान भाइयों, महिलाएं, युवा उद्यमियों तथा बागवानी विशेषज्ञों की सक्रिय भागीदारी रही।
सम्पर्क सूत्र:
उद्यान विभाग, मशरूम विकास परियोजना पालमपुर
जिला कांगडा, हिमाचल प्रदेश
ईमेल: [email protected]