Shiv Prasad Page

Shiv Prasad Page Today is the best day �

हमारे पास 2 विकल्प हैं 1. आसान जीवन के लिए कठिन कार्य करें 2. कठिन जीवन के लिए आसान काम करेंजब आपने स्वेच्छा से खुद को च...
18/01/2025

हमारे पास 2 विकल्प हैं
1. आसान जीवन के लिए कठिन कार्य करें
2. कठिन जीवन के लिए आसान काम करें

जब आपने स्वेच्छा से खुद को चुनौती देना चुना, तो आपके जीवन के अन्य क्षेत्रों में आरओआई अविश्वसनीय होगा।

मेरे लिए यह चल रहा है.
90% समय मेरे लिए दौड़ना कठिन होता है

लेकिन अगर मैं सुबह 5 km घूमने जाती हूं, तो मुझे लगता है कि बाकी सब कुछ आसान है और मैं उस दिन किसी भी चीज से निपट सकती हूं।

कठिन कार्य करने से गति उत्पन्न होती है

किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोचें जो जल्दी उठता है, कसरत करता है और गहन कार्य करता है... सब कुछ सुबह 9 बजे से पहले

यह व्यक्ति काम से ठीक पहले बिस्तर से उठने वाले व्यक्ति की तुलना में पूरे दिन अधिक अनुशासित निर्णय लेने की अधिक संभावना रखता है
• वह नया प्रोजेक्ट शुरू करें? हां!
• दोपहर के भोजन के लिए पिज़्ज़ा? कोई मौका नहीं


ये छोटी-छोटी अनुशासित कार्रवाइयां बड़ा रूप लेने लगती हैं। आप अनुशासनप्रिय व्यक्ति के रूप में पहचाने जाने लगते हैं

- अनुशासन स्वतंत्रता पैदा करता है
- स्वतंत्रता से जीवन आसान होता है

आराम हमारी सबसे बड़ी दासता है

हमारे आराम क्षेत्र को छोड़ना सबसे कठिन काम है, लेकिन बढ़ने के लिए इसे करना ही पड़ता है

सुबह 5 बजे मेरा बिस्तर दुनिया का सबसे आरामदायक स्थान होता है। 7 डिग्री temperature, गर्म कम्बल , मैं बस बिस्तर पर वापस जाना चाहती हूँ

लेकिन अगर मैंने ऐसा किया, तो बाकी दिन मैं आराम चुनने के कारण खुद से परेशान हो जाऊँगी

यही बात आरामदायक नौकरी के लिए भी लागू होती है। सुरक्षित और आरामदायक, लेकिन आप जानते हैं कि आपमें कुछ बड़ा करने की क्षमता है

यदि आप आज सहज रहते हैं और असुविधाजनक रास्ता नहीं अपनाते हैं तो आप परेशान होंगे जीवन कठिन होने वाला है, चाहे अभी हो या बाद में।

लेकिन हर चीज़ की तरह, यदि हमने अभी उनका सामना नहीं किया तो कठिनाइयाँ बड़ी बाधाओं में बदल जाएंगी।

आइए आज इसके पीछे लग जाएं, कुछ कठिन कार्य करें जिसे आपका भविष्य स्वयं धन्यवाद देगा।

प्रिय माता-पिता, 🙋‍♀️15 मिनिट का समय निकालिये और अपने बच्चों को इस लिखी बातें को पढ़कर सुनाइए। क्या पता ये बातें उनका जी...
14/01/2025

प्रिय माता-पिता, 🙋‍♀️

15 मिनिट का समय निकालिये और अपने बच्चों को इस लिखी बातें को पढ़कर सुनाइए। क्या पता ये बातें उनका जीवन बदल दे।

बातें जो विद्यार्थियों को नहीं सिखाई जाती

रतन टाटा की सीख

रतन टाटा ने एक स्कूल में भाषण के दौरान 10 बातें बताई, जो विद्यार्थियों को नहीं सिखाई जाती.

1 जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है इसकी आदत बना लो

2) लोग तुम्हारे स्वाभिमान की परवाह नहीं करते इसलिए पहले खुद को साबित करके दिखाओ.

3) कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद 5 आंकड़े बाली पगार की मत सोचो, एक रात में कोई बाइस प्रेसिडेंट नहीं बनता. इसके लिए अपार मेहनत करनी पड़ती है.

4) अभी आपको अपने शिक्षक सख्त और डरावने लगते होंगे क्योंकि अभी तक आपके जीवन में बॉस नामक प्राणी से पाला नहीं पड़ा.

5) तुम्हारी गलती सिर्फ तुम्हारी है, तुम्हारी पराजय सिर्फ तुम्हारी है. किसी को दोष मत दो, गलती से सीखो और आगे बढ़ो.

6) तुम्हारे माता पिता तुम्हारे जन्म से पहले इतने नीरस और ऊबाऊ नहीं थे जितना तुम्हें अभी लग रहा है. तुम्हारे पालन पोषण करने में उन्होंने इइतना
कष्ट उठाया कि उनका स्वभाव बदल गया.

7) सांत्वना पुरस्कार सिर्फ स्कूल में देखने मिलता है. कुछ स्कूलों में तो पास होने तक परीक्षा दी जा सकती है लेकिन बाहर की दुनिया के नियम अलग हैं, वहाँ हारने वाले को मौका नहीं मिलता.

8) जीवन के स्कूल में कक्षाएं और वर्ग नहीं होते और वहां महीने भर की छुट्टी नहीं मिलती. आपको सिखाने के लिए कोई समय नहीं देता. यह सब आपको खुद करना होता है

9) टीवी का जीवन सही नहीं होता और जीवन टीवी के सीरियल नहीं होते. सही जीवन में आराम नहीं होता सिर्फ काम और सिर्फ काम होता है. क्या आपने कभी ये विचार किया कि लग्जरी क्लास कार (जगुआर,
हम्मर, बीएमडब्लू, ऑडी, फेरारी)) का किसी टीवी चैनल पर कभी कोई विज्ञापन क्यों नहीं दिखाया जाता? कारण यह कि उन कार कंपनी वालों को ये पता है कि ऐसी कार लेने वाले व्यक्ति के पास टीवी के सामने बैठने का फालतू समय नहीं होता..

10) लगातार पढ़ाई करने वाले और कड़ी मेहनत करने वाले अपने मित्रों को कभी मत चिढ़ाओ. एक समय ऐसा आएगा कि तुम्हें उनके नीचे काम करना पड़ेगा.

पोस्ट अच्छी लगी हो तो share करे🙏

एक बार काम , नौकरी , व्यापार धंधे से फुर्सत मिल जाये तो देख लेना कि आपकी बेटी 1.कोचिंग ही जा रही है न2.मोबाइल में पासवर्...
11/01/2025

एक बार काम , नौकरी , व्यापार धंधे से फुर्सत मिल जाये तो देख लेना कि आपकी बेटी
1.कोचिंग ही जा रही है न
2.मोबाइल में पासवर्ड तो नहीं है।
3.स्नेप चेट का इस्तेमाल कर रही हो तो चेट डिलीट का आप्शन तो नहीं है।
4.घंटों अपने कमरे में या अपने दोस्तों के साथ तो समय नहीं बिता रही है।
5. प्रोजेक्ट है, प्रोजेक्ट है कहकर दोस्तों के घर बार बार तो नहीं जा रही।
6. अगर आपकी बेटी का स्कूल आपसे सच्चाई कहे तो स्कूल की बात गंभीरतापूर्वक सुनें न कि गुस्सा हों।
7. कपडे और पहनावा मर्यादा मे तो हैं ना।
8. देर रात तक फोन का इस्तेमाल तो नही किया जा रहा है ना।
9. अगर बेटी कंही बाहर हॉस्टल मे रहती है तो बिना बताए अचानक कभी-कभार मिलने पहुच जाए।
10. बेटी के सहेलियो से बेटी के बारे मे फीडबैक लेते रहें
11.शापिंग के लिए भले ही सहेलिया साथ मे जा रही हो लेकिन परिवार का कोई न कोई सदस्य भी साथ मे जाए
12. एक्स्ट्रा क्लास के नाम पर विशेष सतर्क रहें।
13. बेटी के दोस्त और सहेलिया कौन है उनका व्यवहार चरित्र और चाल चलन कैसा है इसपर विशेष नजर रखें।
14. शांतिप्रियो से मित्रता पर रोक लगाएं।
15.घर के सभी तीज त्यौहारो पूजा-पाठ एक धार्मिक कार्यो मे शामिल करें।
16. समाज मे घट रही श्रद्धा जैसी घटनाओ से उन्हे अवगत कराएं।

अपनी लड़की को जरूर पढाएँ,आजादी दें मगर इतनी भी नहीं कि वो जंगलों में टुकड़े हो जाए,,, आपकी सतर्कता ही बचाव है अन्यथा ये एक ऐसी उम्र होती है कि कोई भी बहक सकता है
और यह एक ऐसी उम्र और एक ऐसी प्रजाती है जिसपर भरोसा तो बिल्कुल भी नही किया जा सकता है
Like share

07/01/2025

मैं जितने साल जी चुका हूँ, उससे अब कम साल मुझे जीना है। यह समझ आने के बाद मुझमें यह परिवर्तन आया है :

१. किसी प्रियजन की विदाई से अब मैं रोना छोड़ चुका हूँ क्योंकि आज नहीं तो कल मेरी बारी है।

२. उसी प्रकार,अगर मेरी विदाई अचानक हो जाती है, तो मेरे बाद लोगों का क्या होगा, यह सोचना भी छोड़ दिया है क्योंकि मेरे जाने के बाद कोई भूखा नहीं रहेगा और मेरी संपत्ति को कोई छोड़ने या दान करने की ज़रूरत नहीं है।

३. सामने वाले व्यक्ति के पैसे, पावर और पोजीशन से अब मैं डरता नहीं हूँ।

४. खुद के लिए सबसे अधिक समय निकालता हूँ। मान लिया है कि दुनिया मेरे कंधों पर टिकी नहीं है। मेरे बिना कुछ रुकने वाला नहीं है।

५. छोटे व्यापारियों और फेरीवालों के साथ मोल-भाव करना बंद कर दिया है। कभी-कभी जानता हूँ कि मैं ठगा जा रहा हूँ, फिर भी हँसते-मुस्कुराते चला जाता हूँ।

६. कबाड़ उठाने वालों को फटी या खाली तेल की डिब्बी वैसे ही दे देता हूँ, पच्चीस-पचास रुपये खर्च करता हूँl जब उनके चेहरे पर लाखों मिलने की खुशी देखता हूँ तो खुश हो जाता हूँ।

७. सड़क पर व्यापार करने वालों से कभी-कभी बेकार की चीज़ भी खरीद लेता हूँ।

८. बुजुर्गों और बच्चों की एक ही बात कितनी बार सुन लेता हूँ। कहने की आदत छोड़ दी है कि उन्होंने यह बात कई बार कही है।

९. गलत व्यक्ति के साथ बहस करने की बजाय मानसिक शांति बनाए रखना पसंद करता हूँ।

१०. लोगों के अच्छे काम या विचारों की खुले दिल से प्रशंसा करता हूँ। ऐसा करने से मिलने वाले आनंद का मजा लेता हूँ।

११. ब्रांडेड कपड़ों, मोबाइल या अन्य किसी ब्रांडेड चीज़ से व्यक्तित्व का मूल्यांकन करना छोड़ दिया है। व्यक्तित्व विचारों से निखरता है, ब्रांडेड चीज़ों से नहीं, यह समझ गया हूँ।

१२. मैं ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखता हूँ जो अपनी बुरी आदतों और जड़ मान्यताओं को मुझ पर थोपने की कोशिश करते हैं। अब उन्हें सुधारने की कोशिश नहीं करता क्योंकि कई लोगों ने यह पहले ही कर दिया है।

१३. जब कोई मुझे जीवन की दौड़ में पीछे छोड़ने के लिए चालें खेलता है, तो मैं शांत रहकर उसे रास्ता दे देता हूँ। आखिरकार, ना तो मैं जीवन की प्रतिस्पर्धा में हूँ, ना ही मेरा कोई प्रतिद्वंद्वी है।

१४. मैं वही करता हूँ जिससे मुझे आनंद आता है। लोग क्या सोचेंगे या कहेंगे, इसकी चिंता छोड़ दी है। चार लोगों को खुश रखने के लिए अपना मन मारना छोड़ दिया है।

१५. फाइव स्टार होटल में रहने की बजाय प्रकृति के करीब जाना पसंद करता हूँ। जंक फूड की बजाय बाजरे की रोटी और आलू की सब्जी में संतोष पाता हूँ।

१६. अपने ऊपर हजारों रुपये खर्च करने की बजाय किसी जरूरतमंद के हाथ में पाँच सौ हजार रुपये देने का आनंद लेना सीख गया हूँ। और हर किसी की मदद पहले भी करता था और अब भी करता हूँ।

१७. गलत के सामने सही साबित करने की बजाय मौन रहना पसंद करने लगा हूँ। बोलने की बजाय चुप रहना पसंद करने लगा हूँ। खुद से प्यार करने लगा हूँ।

१८. मैं बस इस दुनिया का यात्री हूँl मैं अपने साथ केवल वह प्रेम, आदर और मानवता ही ले जा सकूंगा जो मैंने बाँटी हैl यह मैंने स्वीकार कर लिया है।

१९. मेरा शरीर मेरे माता-पिता का दिया हुआ हैl आत्मा परम कृपालु प्रकृति का दान है और नाम फॉइबा का दिया हुआ है... जब मेरा अपना कुछ भी नहीं है, तो लाभ-हानि की क्या गणना?

२०. अपनी सभी प्रकार की कठिनाइयाँ या दुख लोगों को कहना छोड़ दिया है, क्योंकि मुझे समझ आ गया है कि जो समझता है उसे कहना नहीं पड़ता और जिसे कहना पड़ता है वह समझता ही नहीं।

२१. अब अपने आनंद में ही मस्त रहता हूँ क्योंकि मेरे किसी भी सुख या दुख के लिए केवल मैं ही जिम्मेदार हूँl यह मुझे समझ आ गया है।

२२. हर पल को जीना सीख गया हूँ क्योंकि अब समझ आ गया है कि जीवन बहुत ही अमूल्य हैl यहाँ कुछ भी स्थायी नहीं हैl कुछ भी कभी भी हो सकता है, ये दिन भी बीत जाएँगे।

२३. आंतरिक आनंद के लिए मानव सेवा, जीव दया और प्रकृति की सेवा में डूब गया हूँl मुझे समझ आया है कि अनंत का मार्ग इन्हीं से मिलता है।

२४. प्रकृति और देवी-देवताओं की गोद में रहने लगा हूँl मुझे समझ आया है कि अंत में उन्हीं की गोद में समा जाना है।

देर से ही सही, लेकिन समझ आ गया हैl शायद मुझे जीना आ गया हैl

Shiv Prasad Page 🙏🙏🙏🚩🚩🚩

1990 में एक फिल्म आई थी, आशिकी। इस फिल्म में सब कुछ ऐसा था कि जो एक फिल्म को‌ हिट विट कराने के लिए चाहिए होता है। खासकर ...
02/01/2025

1990 में एक फिल्म आई थी, आशिकी। इस फिल्म में सब कुछ ऐसा था कि जो एक फिल्म को‌ हिट विट कराने के लिए चाहिए होता है।

खासकर इसका गीत-संगीत। ये एक ऐसी फिल्म थी जिसके गीत-संगीत के आगे सब कुछ साइड में रखा जा सकता था और जाता था। आज भी रखा जाता है।

फिल्म की अभिनेत्री हैं अनु अग्रवाल। एक सादगी से भरी अभिनेत्री जो‌ आज के वक्त में होती तो अपने फिगर को लेकर भर भरकर इतराती (आज की अभिनेत्रियों, जिन्हें मॉडल्स कहना बेहतर होगा, के अनुसार तो फिगर ही सब कुछ है, खैर)। सादगी भरी सुंदरता का कमाल उदाहरण अनु अग्रवाल।

तो इस मासूमियत और सादगी से भरी अभिनेत्री, जो खलनायिका में भी किरदार निभा चुकीं, का 1999 में एक भयावह एक्सीडेंट हुआ और उस एक्सीडेंट के बाद इनके साथ उस एक्सीडेंट से भी बहुत कुछ भयंकर हुआ।

चेहरा इनका लगभग खत्म था। याददाश्त कुल‌ मिलाकर कहाँ थी, कुछ पता नहीं। मीडिया ने इनकी "बिफॉर एंड आफ्टर" वाली तस्वीरें ऐसे दिखाई मानों ये दुनिया की सबसे बड़ी घटना हो और चेहरा ना होना, चेहरा होने से बड़ी घटना है।

तीन बरस के उपचार के बाद अनु की याददाश्त तो वापस आ गई किंतु बहुत कुछ ऐसा था जो अब नहीं ही लौटना था।

और वो क्या था!

वो था आपके इस समाज की कसौटी पर कसा जाने‌ वाला सौंदर्य। वो था, शारीरिक सौष्ठव जो यूँ तो जीवन की हकीकत के हिसाब से दो कोड़ी का भी नहीं किंतु सामाजिक पैमानों पर जाने कौनसे गुमान में पलता है।

आप देखेंगे तो‌ पाएँगे कि गूगल‌ पर इनकी तस्वीरें हमेशा तुलना करते हुए मिलेंगी।

यही इंसान की तकलीफों का कारण है, तुलना।

कभी किसी से तो कभी किसी से। सिवाए खुद को जानने, मानने और पहचानने के।

मैं अनु अग्रवाल को फॉलो करती हूँ क्योंकि मैं भयावह चोट खाए लोगों को असली गुरु मानती हूँ। ऐसे लोग जो भी कहेंगे, सच ही कहेंगे। उस चोट में ही जीवन का लेसन है।

चोटों पर यकीं कीजिए, इनमें फिल्टर नहीं लगता कि इनमें घाव असली हैं, दर्द असली है तो बात भी असली है।

अनु अग्रवाल जैसे लोगों को दुनिया के सेल्फ लव जैसे अवश्यंभावी विषय के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि ये तो‌ आप भी जानते हैं कि, "बीस सेल्फियों में से उन्नीस डिलीट कर देने पर बीसवीं को पास करना खुद से प्यार करना तो‌ नहीं ही है।"

ज़िंदगी ने गर स्वयं से प्यार करना नहीं सिखाया तो फिर आप क्या ही सीखे! देह से प्यार सबसे घिनौना रूप है प्यार का और हाँ कि रूप तो‌ हर चीज़ का है इस दुनिया में क्योंकि ऐसा मानना और जानना ही तो कंडिशनिंग है, वरना हमारे माता-पिता कौनसे सर्टिफाइड विश्व सुंदरी और विश्व सुंदर हैं। पर हमारी नज़र में तो है ना क्योंकि हमारा प्यार हैं।

अब अनु बहुत एक्टिव हैं। खासकर योग में। मैं जब भी इनको देखती हूँ, चुप हो जाती हूँ और जो हमें चुप कर दे वो मामूली कैसे हो सकता है 🥰

ये हादसा किसी के भी साथ हो सकता है किंतु हर कोई अनु थोड़ी हो सकता है।

अनु जो भी कर रही हैं, जो भी किया उन्होंने स्वयं को खड़ा करने के लिए वो साहस नहीं है, वो साहस शब्द के लिए उदाहरण है। अनु से एक बार ही बात हुई मैसेज के द्वारा और जानकर खुशी हुई कि वे भी मनोविज्ञान की छात्रा रही हैं। खूब देखती हूँ इनको। ग़ज़ब वाइब्स आती हैं इनसे।

मैं अनु की तुलनात्मक तस्वीरें ‌नहीं लगाउँगी क्योंकि ‌ये तो‌ वो खुद भी नहीं चाहती। वो मेरे लिए हमेशा रहेंगी कि, "बस एक सनम चाहिए आशिकी के लिए" 🥰❤️

इस संसार में सबसे सुंदर है फिर से उठ खड़े होने का साहस और इस पैमाने पर आप हद सुंदर हैं अनु।

Like share follow
Shiv Prasad Page

01/01/2025

जिंदगी का सबसे खूबसूरत, हिस्सा जवानी होता है! जिसे ज्यादातर लोग डिप्रेशन और नशे मे गवां देते हैं !! Shiv Prasad Page
31/12/2024

जिंदगी का सबसे खूबसूरत, हिस्सा जवानी होता है! जिसे ज्यादातर लोग डिप्रेशन और नशे मे गवां देते हैं !!
Shiv Prasad Page

दानवीर कर्ण यदि जीवित होता, तो आज अपना ही तीर अपनी छाती में घोंप लेता 😥....दान नहीं दिखावा है बस सबको पब्लिसिटी चाहिए क्...
29/12/2024

दानवीर कर्ण यदि जीवित होता, तो आज अपना ही तीर अपनी छाती में घोंप लेता 😥....

दान नहीं दिखावा है बस सबको पब्लिसिटी चाहिए क्या होगा इस देश का भगवान ही जाने 😥😥

29/12/2024

Good Morning friends
fans

दो वार्ता1- नोकिया ने एंड्रॉयड स्वीकार नही किया 2- याहू ने गूगल को खरीदने से इंकार कर दिया था आपने क्या शिक्षा लि ?• रिस...
27/12/2024

दो वार्ता
1- नोकिया ने एंड्रॉयड स्वीकार नही किया
2- याहू ने गूगल को खरीदने से इंकार कर दिया था
आपने क्या शिक्षा लि ?
• रिस्क लीजिये
• बदलाव को स्वीकार कीजिये
• यदि आपने वक्त के साथ खुद को नही बदला तो आपना नाश तय है

और दो वार्ताए

1- फेसबुक ने व्हाट्सएप और इन्स्टाग्राम को खरीद लिया
2- फ्लिप्कार्ट ने मंत्रा को खरीदा और मंत्रा ने जोबांग को खरीदा
आपने क्या शिक्षा लिया ?
• प्रतियोगियों को अपना सहयोगी बनाकर ज्यादा शक्तिशाली बने
• ऊंचाई पर पहुंचकर प्रतिस्पर्धा मत करे
• हमेशा नया सीखते रहे और नयापन अपनाते रहे

फिर से दो और वार्ताए
1- कर्नल सैंडर्स ने 65 वर्ष की उम्र में KFC की स्थापना की थी
2- जैक मा को KFC में नौकरी नही मिली थी और बाद में उन्होंने अलीबाबा जैसी कम्पनी खड़ी कर दी

आपने क्या सिखा ?
• उम्र मात्र एक गणितीय संख्या है
• मात्र वही सफल होता है जो सतत प्रयत्न करता रहता है

और अंत में :-

लोम्बोर्गिनी की स्थापना एक ट्रेक्टर मालिक ने बदला लेने के उदेश्य से किया था क्योकि फेरारी के मालिक एंजो फेरारी ने उसका अपमान किया था

आपने क्या सिखा ?

• किसी भी व्यक्ति को कमजोर या छोटा मत समझो
• सफल होकर खुद को साबित करना ये सबसे श्रेष्ठ बदला है
• सतत मेहनत करो
• असफलता से मत घबराइए
• सोच बदलिए, साहस करिये, आपकी दशा खुद ब खुद बदल जायेगी।

Address

Kanpur Nawabganj

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Shiv Prasad Page posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share

Category