Bala pandit

Bala pandit samaj sewa

14/06/2025

जिंदगी ले तेरा भी हिसाब कर दिया
जो कुछ भी धुंधला सा था उसे साफ साफ कर दिया
तोहमद न लगाना अब मेरी पारसाई पर
तेरी एक तोहमद मिटाने को नीलाम हर ख़ाब कर दिया

06/06/2025

जिसका जमीर जिंदा है उसकी आवाज बुलंद होगी
जो स्वार्थ में जिंदा है उसकी जुवान बंद होगी
तुम्हे क्या लगता है हमें डरा लोगे
तुम आओ या मौत सबसे एक बार जरूर हमारी जंग होगी
जय हिंद

06/06/2025

आप सभी सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता तथा पदस्थित अधिकारियों का कार्य सराहनीय है किंतु
आप से निवेदन है कि आप एक बार जूही नहरिया से अनुपम तक पैदल चलें और फिर अपना जवाब दे कि इस दूरी में कोई अंडर पास होना चाहिए या नहीं वो भी तब जब एक तरफ मलिन बस्ती हो?
आप सभी बुध्दि जीवियों के तर्क का मुझे इंतजार रहेगा
धन्यवाद मुझे आपके जवाब की प्रतिक्षा रहेगी

06/06/2025

मेरी सिर्फ एक विनती है मैने जिस धरा पर जन्म लिया वो चाहे जैसी हो जिस माहौल में हो चाहे कितने भी अनपढ़ असभ्य लोग हो किंतु उनके भविष्य से खेलने वाले कुछ क्रिमिनल्स आज आपकी सरकार में पैर पसार रहे है मै अपनी शादी वादी करने या पैसा बर्बाद करने कानपुर नहीं गया था मैं अपने पूर्वजों की शहीद पार्क को देखने गया था जहां जुवां का अड्डा बना दिया आपकी सरकार ने?
अपना दल की एक नेता के कहने पर मेट्रो ने अपने स्थितियों में बदलाव कर इस क्षेत्र को एक भी अंडर पास नहीं दिए क्यों कि कोई नर व्यक्ति वहां यथा स्थिति पर गौर करने वाला नहीं था सभी अपने जीविका के लिए जद्दोजहद कर रहे थे किंतु यह मत समझना कि आम इंसान की आवाज में किसी दल के नेता से ज्यादा ताकत है
हम लड़ेंगे हम जीतेंगे स्वयं के लिए स्वयं के बच्चों के भविष्य के लिए
हम गरीब मजदूरों से आपको कोई नई घृणा थोड़ी है
हमारी मिलें आपकी सरकार में बंद हुई?
सरकारी पेंशन आपकी सरकार में बंद हुई ?
हमारी तादात यदि आप नहीं समझ पा रहे तो यह आपकी सबसे बड़ी भूल है
कानपुर में किसी भी संपत्ति पर यदि किसी कॉरपोरेट ने हांथ डाला तो
नतीजे की फिक्र आप को करनी है
ये गिने चुने लोग हम ईमान वालों का न कल कुछ बिगड़ पाए थे न आज कुछ बिगाड़ पाएंगे
मेरी कानपुर मेट्रो को चेतावनी भी है और मेरा मूल प्रश्न भी ?
क्यों आपने जूही नहरिया से निगम इलेक्ट्रॉनिक तक लगभग 1.5km तक कोई अंडर पास नहीं दिया ?
क्या कोई राजनैतिक दबाव आप पर हावी था?
क्या इस मजदूरों की बस्ती को आप स्वदेशी से काटना चाहते हैं?
ता कि जमीन को हड़पा जा सके और कोई उफ़ भी न कर सके ?
बाला जब तक जिंदा है सपना सपना ही रहेगा
और मर गया तो बाला कितने उत्पन्न होंगे इस बस्ती में ?
यह मेरे विचार मेरी ताकत है मैने कभी कोई गलत काम नहीं किया कोई मुकदमा आज तक मुझ पर दर्ज नहीं हो पाया है
यदि अब होता है तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता ?
कफ़न काला हो या सफेद मुझे सब कुबूल है
जय हिंद

06/06/2025

समाज क्या कहेगा ?
यदि मैं मजदूर हूं तो क्यों सोचूं मैं दुनियां की
क्या पेट भरेगी रोटी से या कोई भूख मिटा देगी
जब भूख तुम्हारी अपनी है तो आहार तुम्हारा अपना हो
भूखा न रहे दुनियां में कोइ बस इतना सा सपना हो
काबिल इतना बन जाना के कदमों पे ये दुनियां हो
चांद सितारे हाथ पसारे बाहों में ये दुनियां हो

06/06/2025

एक स्टूडेंट ने अजीबों गरीब प्रश्न रख दिया है जो कि हर स्टूडेंट को स्वयं से करनी ही चाहिए
फिल्म मैडम गीता रानी यानि एक अध्यापक अपने स्टूडेंट से प्रश्न छोड़ रहा है इस समाज के स्टूडेंट्स के लिए जो गरीब है लाचार है उनको न्याय कैसे मिलेगा और इस पर विचार कैसे हो कैसे असफलता के कारक सफलता का कुछ भी नहीं कर सकते
यह बालक बोल रहा है कि
भले ही मेरी चीखे तुम तक न पहुंचे
भले ही मेरी चीखे तुम तक न पहुंचे
भले ही मेरी हरकत पर तेरी नजर न हो लेकिन जब आप मुझसे पूछेंगे कि क्या कोई देख रहा है तो मैं कहूंगा हां देख रहा है वो मेरा naucuter
जिसने मुझे जीने के लिए सांस दी
इतनी सी बात को यदि हम हर स्टूडेंट को समझा पाए तो मानो हम कामयाब है
इस फिल्म के हम फैन हुए
तो मैडम जी आपके प्रश्न में एक सीख जो मुझे लगती है चरित्र से चरित्र का निर्माण होता है और यह कथन सत्य है मै सहमत हूं

05/06/2025

शरहद शिक्षा और विज्ञान जिससे बनता राष्ट्र महान
हमें महान राष्ट्र बनाने में इन तीन विषयों पर सचेत रहने की अत्यंत आवश्यकता है
यदि समाज अपने धर्म का पालन करते हुए ईमानदारी से दायित्वों का पालन करने लगे तो हम क्यों नहीं अपने राष्ट्र को सर्वोच्च स्थान पर ले जा सकते हममें आखिर कमी क्या है ?दिमाग है हाथ पैर है सब कुछ तो है लेकिन कमी आखिर कहा हो रही ?
1 कमी संसाधनों की
2 कमी दायित्वों के ईमानदारी से निर्वहन की
ये कमियां आखिर दूर कौन कर सकता है ? हम और आप
हमें विशेष ध्यान रखना होगा कि हम किसी भी कार्य क्षेत्र में हो हम अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी से यदि कर गए तो यकीन मानो हमारा राष्ट्र सबसे महान राष्ट्र कहलाएगा जिसके हम सभी भागीदार होंगे
जल वायु तथा अग्नि के बीच में डोलने वाली धारती हमें यह सिखलाती है कि हमें ठंडा नरम और गरम तीनों मिजाज का इस्तेमाल करना चाहिए
जय हिंद

04/06/2025

मौजूदा सरकार का राज्यों पर अब कोई दबाव नहीं रहा आज देश में एक कमजोर असंवेदन शील तथा निकृष्ठ सरकार चल रही है जिसे अपने सत्ता भोग के अलावा किसी भी चीज से कोई मतलब नहीं भारतीय नागरिक भूखे मरे हादसे में मरे महंगाई से मरे या बेरोजगारी से मरे सरकार भारत पाकिस्तान तथा हिंदू मुस्लिम के इलावा किसी तीसरे मुद्दे में न पड़ना चाहती है न उस पर गौर करना चाहती है वहीं मीडिया ने इतना पैसा खा रखा है मानो नींद में भी उन्हें सरकार के हर काम की सकारात्मक व्याख्या करने का पैसा मिल गया हो खैर देश में अब युवा पीढ़ी को जागरूक होने की अत्यंत आवश्यकता है तथा बुद्धिजीवी वर्ग को भी अत्यंत गंभीर होने की आवश्यकता है क्यों कि कहीं ऐसा न हो कि नादानी कोई करे और खामियाजा सबको भुगतना पड़े ये चंद्र मुट्ठी भर लोग आज मनमाने ढंग से देश चला रहे स्वयं की कमाई कर रहे खूब उगाही की जा रही बस मूर्ख इन्होंने या तो जनता को बना रखा है या दी जनता मूर्ख बन रही है
सावधान हिंदुस्तान

03/06/2025

आज एक दुर्भाग्य पूर्ण घटना जो कि मेरे साथ घटित हुई दम दम स्टेशन जो कि पश्चिम बंगाल में है आज वहां लोकल ट्रेन में हैंडीकैप बोगी में अनजाने में चढ़ने के उपरांत मुझे लोकल पुलिस तथा सिविक वालेंटियर द्वारा पकड़ा गया और वह खुद को जीआरपी बता रहे थे वो हमे स्टेशन के पास ही अपने बने ऑफिस में ले गए जहां लगभग 100 से 150 लोगों ने 300 रूप बिना किसी रशीद बिना किसी पर्ची के एक सादे रजिस्टर पर साइन करके दे दिए किंतु मैने न पैसे दिए न ही उनसे कोई बहस की बस देख रहा था भ्रष्टाचार का मारक खेल यदि पूरे दिन का अनुमान लगाया जाए तो जब दो घंटे में मेरी नजरों के सामने 150 लोगो को शिकार बनाया गया तो क्या पूरे दिन में 1000 लोग इस खेल का शिकार न हुए होंगे और यदि हुए तो बदनाम तो सेंट्रल की रेलवे पुलिस यानी जीआरपी ही नहीं होगी? यदि मेरी बात असत्य है तो इस स्टेशन के हर कैमरे को खंगाल लीजिए कितने लोगों को लोकल पुलिस तथा सिविक वालेंटियर ने आज शिकार बनाया और वह भी जीआरपी के नाम पर खैर जो दरोगा जी बंगाल पुलिस के खुद को जीआरपी बता रहे थे उनके नाम के बीच में आलम लगा हुआ है और वह वहीं दम दम में पोस्टेड है सरकार को ऐसी गतिविधियों पर स्वतः संज्ञान लेकर ठोस तथा उचित कार्यवाही करनी चाहिए क्यों कि गरीबों से इस प्रकार उगाही कर उन्हें परेशान करना ठीक नहीं? या फिर तय हो की राज्य सरकार ऐसा कर रही है या फिर केंद्र सरकार ?
आलम साहब जो कि दरोगा है उनकी संपत्ति की जाँच?

31/05/2025

मत मार इतनी चोट के वो कहीं भगवान की मूरत न बन जाए
तुझे ही तकलीफ हो एक दिन तू ही दीदार को तरस जाए
कौन कहता है के दिल टूट जाते हैं मोहब्बत में चोट खा कर
मैने संवरते भी देखा है अगर दिल में किसी की सूरत बन जाए

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