19/09/2025
बलिदान दिवस स्मरणोत्सव- शौर्य, संस्कृति और सामाजिक न्याय का अद्भुत संगम
उदय समाचार । अनिल चौधरी
कटनी, मध्य प्रदेश । 1857 की क्रांति के वीर बलिदानियों की स्मृति में आयोजित बलिदान दिवस स्मरणोत्सव एवं सामाजिक न्याय भाईचारा सम्मेलन ऐतिहासिक गरिमा और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मोहाई तिराहा स्थित वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। इसके बाद निकली शौर्य यात्रा में गगनभेदी नारों और जनसमुद्र की भागीदारी ने वातावरण को देशभक्ति से सराबोर कर दिया। यात्रा का समापन कार्यक्रम स्थल पर हुआ, जहाँ मंचीय कार्यक्रम का आगाज़ हुआ। मंचीय कार्यक्रम अमर शहीदों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया कार्यक्रम मै गोंडवाना का पारंपरिक नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जिसने शहीदों की परंपरा, संस्कृति और शौर्यगाथा को जीवंत कर दिया। इस अवसर पर ओमकार सिंह मरकाम ने अमर राजा शंकर शाह पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह बंदी ग्रह को प्रेरणा का केंद्र बताया अजय गोटिया ने गोंडवाना साम्राज्य को अपना गौरव बताया धर्मेंद्र कुशवाहा ने भाई चारा कायम रखने के लिए सभी जातीय बुजुर्गों के पैर धोकर सम्मान किया इसमें मुख्य अतिथि जीतू पटवारी एवं अध्यक्षता कर रहे राकेश लोधी ने साथ दिया पूर्व विधायक चंदला आर डी प्रजापति ने बहुजनों के साथ हो रहे अत्याचार पर बात रखी लालकमल बंसल जनपद अध्यक्ष बहोरीबंद यादवेंद्र यादव देव सिंह बृजलाल पटेल ने भी अपनी बात रखी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी जी ने अमर शहीदों को नमन करते हुए सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग के हक अधिकारों के साथ हो रहे खिलवाड़ को गंदा मजाक बताए 27 प्रतिशत आरक्षण एवं आदिवासियों की हड़पी गई जमीनों को वापस दिलाने एवं बोट चोरी पर सरकार को घेरा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ओबीसी महासभा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश लोधी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बहुजन महापुरुषों एवं लोगों के साथ किए जा रहे शोषण एवं अधिकारों के हनन पर अपनी बात रखी वीरांगना महारानी अवंतीबाई लोधी, जिन्होंने अंग्रेज़ी सत्ता को ललकारते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह, जिन्हें 18 सितंबर 1857 को जबलपुर में तोप से बांधकर उड़ा दिया गया उन अमर शहीदों के अद्वितीय साहस व बलिदान को श्रद्धासुमन अर्पित किए। साथ ही अतिथियों ने कहा कि इन शहीदों का पराक्रम केवल इतिहास नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है कार्यक्रम मै लगभग दस हजार की संख्या में लोगों की उपस्थिति रही कार्यक्रम का संचालन डॉ. नारायण पटेल ने किया।