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J & K

13/09/2025
08/09/2025

कश्मीर में जमीन गायब हो रही है बाढ़ के बाद कई गांवों में
--सुरेश एस डुग्गर--
जम्मू, 8 सितम्बर। कश्मीर में इस सप्ताह की शुरुआत में जेहलम और अन्य नदियों के जलस्तर में अचानक उतार-चढ़ाव के बाद दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में मिट्टी धंसने और बांध टूटने की चिंताजनक घटनाएं सामने आई हैं। यह घटना, जो निवासियों के अनुसार बुधवार को आई बाढ़ जैसी उफान के कम होने के बाद शुरू हुई, ने कई जिलों में घरों, विस्तारों और सार्वजनिक सुविधाओं को नुकसान पहुंचाया है।
बिजबिहाड़ा के कटरीटेंग में, बांध के एक बड़े टूटने से एक स्थानीय मस्जिद को गंभीर खतरा पैदा हो गया है, जिसके बाथरूम पहले ही डूबती हुई जमीन में धंस गए हैं। कटरीटेंग के निवासी अब्दुल हमीद बताते थे कि पानी अचानक ऊपर आया और फिर उतनी ही तेजी से नीचे चला गया। अब बांध नदी में धंस रहा है, और मस्जिद भी असुरक्षित है।
हरनाग निवासी गुलाम रसूल कहते थे कि दीवारों में दरारों की आवाज सुनकर हमारी नींद खुली। सुबह तक कमरे ढह चुके थे। पुशवारा के एक अन्य स्थानीय निवासी ने दौरे पर गए पत्रकारों को बताया कि जमीन सचमुच गायब हो रही है। नदी के हर उतार-चढ़ाव के साथ, और जमीन बह रही है। हम अपने घरों के अंदर रहने से डर रहे हैं।
अधिकारियों ने पुष्टि की कि हरनाग में प्रभावित परिवारों को एहतियात के तौर पर पास के सरकारी भवनों में पहुंचाया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि लोगों की सुरक्षा हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। संवेदनशील इलाकों से परिवारों को स्थानांतरित कर दिया गया है, और हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
जबकि विशेषज्ञ नदियों के जलस्तर में तेजी से कमी को मिट्टी के धंसने का कारण मानते हैं। पुलवामा के भूविज्ञानी डा मसूद अली बताते थे कि जब नदी का जलस्तर बढ़ता है, तो पानी किनारों में रिसता है, जिससे मिट्टी भारी और संतृप्त हो जाती है। लेकिन जब पानी तेजी से घटता है, तो मिट्टी को थामे रखने वाला बाहरी सहारा खत्म हो जाता है। जमीन, जो अभी भी जलमग्न और अस्थिर है, ढह जाती है। इसे हम तेजी से जलस्तर घटने के कारण ढलान की अस्थिरता कहते हैं। नदी के किनारों पर अनियोजित निर्माण और कमजोर तटबंधों के कारण कश्मीर में ऐसी स्थितियां बहुत आम हैं।
डा अली ने चेतावनी दी कि अगर सरकार तुरंत सुधारात्मक कदम नहीं उठाती, तो आने वाले महीनों में नुकसान और बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी तत्काल आवश्यकता है कि उचित तटबंधों, अवरोधक दीवारों और वनस्पति आवरण के माध्यम से नदी के किनारों को मजबूत किया जाए। अगर इसे नजरअंदाज किया गया, तो और ज्यादा घर, मस्जिदें और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे डूब जाएंगे। यह खतरा अस्थायी नहीं है, बल्कि संरचनात्मक और दीर्घकालिक है।
हालांकि बिजबिहाड़ा के पूर्व विधायक डा बशीर अहमद वीरी ने नुकसान का आकलन करने के लिए घटनास्थल का दौरा किया और निवासियों को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को अधिकारियों के समक्ष उठाया जाएगा।
अन्य जगहों पर, कुलगाम के अरवानी, बाडीीपोरा के नैदखाई, अनंतनाग में टीआरसी के पीछे हरनाग, पुल के पास पुशवारा और जेहलम व अन्य नदियों के किनारे बसी अन्य बस्तियों से भी ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं। हरनाग में दो रिहायशी मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि दो कमरों का एक विस्तारित खंड पूरी तरह से ढह गया है। प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों ने अधिकारियों से अपने घरों और जमीन को और नुकसान से बचाने के लिए तत्काल सुरक्षा कार्य शुरू करने का आग्रह किया है।

08/09/2025

मटन नहीं तो शादियां भी नहीं!
कश्मीर में मटन की भारी कमी के चलते 150 शादियां स्थगित
--सुरेश एस डुग्गर--
जम्मू, 8 सितम्बर। श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग के लगातार बंद रहने और मुगल रोड पर कथित कुप्रबंधन के कारण कश्मीर घाटी में मटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इससे मटन की भारी कमी हो गई है और लोगों को शादी समारोह स्थगित करने पड़े हैं।
मटन डीलर्स एसोसिएशन के अनुसार, मटन की अनुपलब्धता के कारण घाटी में होने वाली 150 से ज्यादा शादियां स्थगित करनी पड़ीं हैं। एसोसिएशन के महासचिव मेहराजुद्दीन गनई ने बताया कि स्थिति चिंताजनक हो गई है और अगर एक दिन के भीतर घाटी में पशुओं की आपूर्ति नहीं पहुंची, तो मंगलवार से मटन की उपलब्धता शून्य हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि पिछले तीन दिनों में फंसे हुए ट्रकों में कम से कम 400 भेड़ें मर चुकी हैं। इन मौतों का कारण लंबे समय तक ट्रकों का रुकना, भोजन और पानी की कमी और वाहनों के अंदर दम घुटना बताया गया है।
हालांकि सरकार का कहना है कि आवश्यक आपूर्ति मुगल रोड के रास्ते की जा रही है, लेकिन डीलरों का आरोप है कि यातायात पुलिस नियमों का उल्लंघन कर रही है और अनावश्यक रुकावटें पैदा कर रही है। गनई का कहना था कि लखनपुर से ही ट्रकों को नौशहरा, सुरनकोट और पुंछ सहित कई जगहों पर रोक दिया जाता है। उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति देने से पहले कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है, जिससे बड़ी संख्या में मवेशियों की मौत हो जाती है और आर्थिक नुकसान होता है।
उन्होंने कहा कि भेड़-बकरियों से लदे ट्रक कई जगहों पर लगातार तीन-चार दिनों तक फंसे रहते हैं। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद अधिकारी सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं।
मटन डीलर्स एसोसिएशन ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप करने और पशुओं के ट्रकों की कश्मीर में बिना किसी परेशानी के आवाजाही सुनिश्चित करने की अपील की है ताकि और नुकसान को रोका जा सके और बाजार में आपूर्ति स्थिर रहे।
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कश्मीर के कुलगाम में एक आतंकी ढेर, 3 से चार आतंकी घेरे में, 4 जवान जख्मीबीएसएफ ने जम्मू के आरएस पुरा में एक पाकिस्तानी न...
08/09/2025

कश्मीर के कुलगाम में एक आतंकी ढेर, 3 से चार आतंकी घेरे में, 4 जवान जख्मी
बीएसएफ ने जम्मू के आरएस पुरा में एक पाकिस्तानी नागरिक को पकड़ा
--सुरेश एस डुग्गर--
जम्मू, 8 सितम्बर। कश्मीर के कुलगाम इलाके के जंगलों में तीन से चार आतंकियों के साथ मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने एक को मार गिराया है जबकि बाकी के साथ मुठभेड़ जारी थी। मुठभेड़ में सेना के एक अधिकारी समेत चार जवान जख्मी हो गए। दूसरी ओर बीएसएफ ने जम्मू के आरएस पुरा में एक पाकिस्तानी नागरिक को पकड़ा है।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के गुड्डार वन क्षेत्र में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस, सेना की 9 आरआर और सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम द्वारा आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद इलाके में तलाशी अभियान शुरू करने के बाद मुठभेड़ शुरू हुई।
चिनार कोर, भारतीय सेना के मुताबिक सीमा सुरक्षा बलों की जवाबी फायरिंग में एक आतंकवादी मारा गया है. वहीं, एक जूनियर कमीशन अधिकारी समेत चार जवानों के घायल होने की खबर मिली है। फिलहाल आतंकियों की तलाशी का अभियान जोर शोर से जारी है। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी फायरिंग की। घायल जवानों को पास के अस्पताल में भेजा गया है। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सुरक्षा बलों की संयुक्त टीमों ने कासो (घेराबंदी और तलाशी अभियान) शुरू किया था।
अधिकारी ने बताया कि जैसे ही संयुक्त टीम संदिग्ध स्थान के पास पहुंची, छिपे हुए आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका जवाबी कार्रवाई में जवाब दिया गया, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि आखिरी रिपोर्ट आने तक गोलीबारी जारी थी, जबकि इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजा गया है।
दूसरी ओर सीमा सुरक्षा बलों ने देर रात जम्मू जिले के आरएस पुरा सेक्टर में एक पाकिस्तानी नागरिक को पकड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ कर्मियों ने कल देर रात एक सीमा स्तंभ के पास कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखीं और उसके बाद एक पाकिस्तानी नागरिक को हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने बताया कि फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है।
गिरफ्तार युवक सिराज खान (16 वर्ष) पुत्र जाहिद खान ने बताया कि वह पाकिस्तान में गांव 27 चक तहसील भलवाल, जिला सरगोधा, पंजाब (पाकिस्तान) का रहने वाला है। तलाशी में उसके पास से पाकिस्तानी 30 रुपये बरामद हुए हैं।
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02/09/2025

भयानक मौसम के बीच भी कश्मीर को मटन की चिंता
कश्मीर में मटन की आपूर्ति प्रभावित, राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने से कमी की आशंका
शादी के सीजन में डीलरों ने संकट की चेतावनी दी; पशुओं के ट्रकों को प्राथमिकता देने का आग्रह
--सुरेश एस डुग्गर--
जम्मू, 2 सितम्बर। यह सच में हैरानगी की बात है कि पूरे प्रदेश में जब मौसम खलनायक बना हुआ है और बादल व पानी भयानक परिस्थितियां पैदा करते हुए भयानक तबाही मचा रहे हैं, कश्मीरियों को ऐसे में भी मटन की चिंता सताए जा रही है।
कश्मीर मटन डीलर्स एसोसिएशन ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के बार-बार बंद होने के बाद घाटी में मटन की बाधित आपूर्ति पर चिंता व्यक्त की और आने वाले दिनों में इसकी भारी कमी की चेतावनी दी।
एसोसिएशन के महासचिव मेहराजुद्दीन गनई ने बताया कि राजमार्ग लगभग एक सप्ताह से बंद था और यातायात के लिए केवल आंशिक रूप से ही बहाल किया गया था, जिससे पशुओं की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है।
मेहराज ने बताया कि अगस्त के अंत, सितंबर और अक्टूबर के ये महीने कश्मीर में शादी के चरम सीजन होते हैं। कई वाहन समय पर नहीं पहुंच पाए और अगर यही स्थिति बनी रही तो घाटी में मटन की भारी कमी हो सकती है।
वे कहते थे कि डीलर आपूर्ति का आंशिक प्रबंधन कर रहे हैं, लेकिन व्यवधान का मतलब है कि लोगों को कभी भी अचानक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी पशुपालकों के वाहनों को एक घंटे के लिए आने देते हैं और फिर उसे दो घंटे कर देते हैं। यहां पूरी तरह से कुप्रबंधन है और कभी-कभी ट्रकों को पुंछ, नौशहरा और अन्य जगहों पर रोक दिया जाता है।
मेहराज ने सरकार से फलों से लदे और पशुपालकों के ट्रकों को बिना किसी बाधा के आने-जाने की अनुमति देने का भी आग्रह किया और उन्हें आवश्यक आपूर्ति बताया। वे कहते थे कि सितंबर के सामान्य दिनों में, लगभग 50-70 पशुपालक वाहन प्रतिदिन घाटी में प्रवेश करते हैं। ईद-ए-मिलाद (मेहराज-उन-नबी) भी नजदीक आ रहा है, इसलिए अधिकारियों को मुगल रोड को एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में इस्तेमाल करने पर विचार करना चाहिए।

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