
25/06/2025
सन 2019 माह अप्रेल
समय कब बीत जाता है पता ही नहीं चलता है।
ये नन्हें - मुन्हें जिन्हें अपनी गोद में बिठाकर लिखना - पढ़ना सिखाया था। आँखों में, पलकों में सजाकर जीवन को सवारना, जीवन को जीना सिखाया था आज उच्च शिक्षा हेतु तमाम विद्यालयों जवाहर नवोदय विद्यालय, राजीव गांधी नवोदय विद्यालय व तमाम अन्य विद्यालयों में चले गये।
समय का पता ही नहीं चलता है। बस यादों का पिटारा रह जाता है।
एक अध्यापक के लिए यह बहुत खुशी की बात होती है कि वह अपने विद्यार्थियों को अपनी सगी संतान से ज्यादा प्यार देकर, शिक्षा देकर, सही व गलत के बीच अंतर समझाकर, हर परिस्थिति से हिम्मत से लड़ना सिखा कर खुद वहीं का वहीं रह जाता है लेकिन ये विद्यार्थी आगे चलकर कोई IPS, IAS, POLICE, ARMY, AIRFIRCE, GOVERNMENT servant, Political Leader, Businessmen न जाने क्या क्या बनेंगे। लेकिन अध्यापक वहीं का वहीं अन्य नन्हे - मुन्हे बच्चों के साथ उनको तैयार करने में ही लगा रहता है।
फिर भी समाज न जाने क्या - क्या .......
खैर एक अध्यापक का कार्य है ही कुछ ऐसा, कोई कुछ भी बोले, लेकिन उसने भावी भविष्य का युवा तैयार करना ही होता है।
एक लाइक उन सभी अध्यापकों के लिए जो अपना सम्पूर्ण जीवन नव निर्माण के स्तम्भ को बनाने में नौछावर कर देता है।
जय हिंद।
✍️ Mr. Vinod Kumalta
Kumalta