15/06/2025
पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है,
पिता सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति हैl
पिता उंगली पकड़े बच्चे का सहारा है,
पिता कभी कुछ खट्टा, कभी खारा है।
पिता पालन है, पोषण है, पारिवार का अनुशासन है,
पिता धौंस से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है।
पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है,
पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है।
पिता अपदर्शित अनन्त प्यार है,
पिता है तो बच्चों को इंतजार है।
पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं,
पिता है तो बाज़ार के सब खिलौने अपने हैं।
पिता से परिवार में प्रतिपल राग है,
पिता से ही माँ का बिंदी और सुहाग है।
पिता परमात्मा की जगत के प्रति आसक्ति है,
पिता गृहस्थ आश्रम में उच्च स्थिति की भक्ति है।
पिता अपनी इच्छाओं का हनन और परिवार की पूर्ति है,
पिता रक्त में दिये हुए संस्कारों की मूर्ति है।
पिता एक जीवन को जीवन का दान है,
पिता दुनिया दिखाने का अहसान है।
पिता सुरक्षा है, सिर पर हाथ है,
पिता नहीं तो बचपन अनाथ है...
~ ओम व्यास