Eklavya Digital Marketing

Eklavya Digital Marketing Advertisement/ Social media marketing

भारत गणराज्य की 15 वी व देश की प्रथम आदिवासी महिला माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को भारत की राष्ट्रपति बन...
21/07/2022

भारत गणराज्य की 15 वी व देश की प्रथम आदिवासी महिला माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को भारत की राष्ट्रपति बनने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।। #द्रोपदी_मुर्मू_जी

    🏹✅
04/07/2022

🏹✅

कश्यप राजपूत भवन कुरुक्षेत्र के 42 वें स्थापना दिवस के वार्षिक समारोह में समाज के मेधावी छात्र, गोल्डमेडलिस्ट नेशनल इंटर...
29/06/2022

कश्यप राजपूत भवन कुरुक्षेत्र के 42 वें स्थापना दिवस के वार्षिक समारोह में समाज के मेधावी छात्र, गोल्डमेडलिस्ट नेशनल इंटरनेशनल खिलाड़ी, एवं विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले समाज के रोल मॉडल युवा व सहयोगियों को सम्मानित किया गया।

✅ मेधावी छात्रों , खिलाड़ियों , विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले युवावो को सम्मानित करने की परिपाटी कश्यप राजपूत सभा ने शुरू की। ताकि उन सबका होंसला बड़े। भविष्य ऐसे ही मेधावी छात्राओ , खिलाड़ियों के सर्वागीण विकास के लिए कश्यप राजपूत सभा० कुरुक्षेत्र धर्मशाला सदैव प्रयासरत रहेगी।।

✅ शिक्षा के अक्षेत्र में कदम बढ़ाते हुए आप सभी के सहयोग एवं मार्गदर्शन से सभा ने धर्मशाला में लाईब्रेरी की स्थापना की है जो कि ऐतिहासिक है। इसमें आप अपने समाज का इतिहास , एवं आधुनिक सुविधाओं प्राप्त लाईब्रेरी में छात्र पढ़ाई कर सकेंगे। शिक्षा जागरण अभियान के लिए एक विशेष मार्गदर्शन मंडल बन रहा है। आप सभी का आर्शीवाद एवं सहयोग मार्गदर्शन मिलता रहेगा।
#धन्यवाद #सम्मान_समारोह

✍️ Pardeep Upli Karnal
सदस्य कश्यप राजपूत सभा०
कश्यप राजपूत भवन धर्मशाला (कुरुक्षेत्र) 7988902088

कश्यप समाज के सतंभ और विश्व के महानतम धनुर्धर एकलव्य जी की जयंती की हार्दिक शुभ कामनाये."आधुनिक तीर-अंदाजी के जनक थे महा...
07/05/2022

कश्यप समाज के सतंभ और विश्व के महानतम धनुर्धर एकलव्य जी की जयंती की हार्दिक शुभ कामनाये.

"आधुनिक तीर-अंदाजी के जनक थे महान धनुर्धर एकलव्य"

एकलव्य, महाभारत का ऐसा पात्र जिसने अपनी दृढ़ शक्ति से स्वयं को ना केवल श्रेष्ट धनुर्धर बनाया, बल्कि अपने माने हुए गुरु, जिसने उसे शिक्षा देने से भी इनकार कर दिया था, के कहने मात्र पर अपना अंगूठा उसे गुरु-दक्षिणा में अर्पित कर दिया था, को स्मरण करके कश्यप निषाद समुदाय हमेशा गर्व की अनुभूति करता है।

लेकिन कितने स्वजाति मित्र जानते है कि महान धनुर्धर एकलव्य द्वारा अंगूठा कट जाने पर उनके द्वारा तर्जनी और मध्यमा ऊँगली से तीर चलानेे की कला से आधुनिक तीर-अंदाजी के तरीके का जन्म हुआ था । निसंदेह एकलव्य द्वारा प्रचलित तीर-अंदाजी के यह तरीका बेहतरीन था, जिस कारण वर्तमान तीर-अंदाजी में एकलव्य वाला तरीका अपनाया गया, ना कि अर्जुन जैसे तीर चलाने का।

विश्व का एकमात्र एकलव्य मंदिर, हरियाणा के गुडगाँव ज़िले के खंडवा गांव में स्तिथ है । पौराणिक काल में ये स्थान खंडवा वन के नाम से प्रसिद्ध था और उनके पिता हिरण्यधनु निषाद के राज्य का हिस्सा था । खंडसा गांव के सरकारी स्कूल के पीछे बने एकलव्य मंदिर गुरु-शिष्य परम्परा के लिए विख्यात है, जहाँ प्रतिवर्ष एकलव्य-वंशज 2-3 दिन पूजा करने आते है । मंदिर प्रांगण की लगभग दो एकड़ भूमि को स्कूल के खेल परिसर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है ।

महान धनुर्धर एकलव्य द्वारा पर द्रोण को गुरु मानकर जिस स्थान पर उनकी मूर्ति स्तापित कर आत्म-ज्ञान अभ्यास से विद्या प्राप्त करी थी वो स्थान गौतम बुद्धनगर जनपद के ग्रेटर नॉएडा से 20 किलोमीटर दूर गाँव दनकौर के नाम से जाना जाता है । इसी मंदिर के नजदीक एक अन्य गाँव है जिसका नाम है मुँहफाड़, कहते है इसी स्थान पर एकलव्य ने भौंक रहे कुत्ते का मुह अपने तीरो से बंद किया था, जिसके बाद ये स्थान मुहफाड़ के नाम से प्रसिद्ध हो गया । इसी घटना के बाद द्रोण को एकलव्य की धनुर्विद्या का पता चला था और उसने एकलव्य से उसका अंगूठा माँगा था ।

द्रोण मंदिर में एकलव्य द्वारा बनाई पत्थर की मूर्ति रखी हुए बताई जाती है और इसी मंदिर के समीप एकलव्य पार्क भी बना हुआ है । एकलव्य ने मूर्ती की स्थापना करके गुरु द्रोण को साक्षात् मानकर यहाँ धनुर विद्या सीखी थी, इसलिए इसका नाम एकलव्य सिटी होना चाहिए था । इस मंदिर में हर वर्ष सर्दियो में भादो मास का मेला लगता है जिसमे महान धनुर्धर एकलव्य की विशेष पूजा होती है, लेकिन कश्यप-निषाद समाज के पूज्य का महाभारतकालीन ये महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहे है ।

कश्यप समुदाय के गौरव 'एकलव्य' की इन ऐतिहासिक विरासतों/मंदिरो को भव्य रूप और प्रचारित किये जाने की आवश्यकता है ताकि हमारे स्वजाति महापुरषो के संघर्ष से हमारी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिले और वो गर्व से कहे कि हम एकलव्य के वंशज है ।

14/04/2022

समाज की धर्मशाला में लाइब्रेरी का प्रारूप तैयार करने के लिए 17 अप्रैल दिन रविवार को कश्यप धर्मशाला कुरुक्षेत्र में मीटिंग का आयोजन किया गया है। जो भी साथी शिक्षित समाज-विकसित समाज की धारणा को मजबूत करना चाहते है और इस अभियान से जुड़ना चाहतें है उनका मीटिंग में सादर स्वागत है !!

सामाजिक समरसता एवं समानता का मूलमंत्र देने वाले विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र 'भारत' के संविधान के निर्माता, भारत रत्न बाब...
14/04/2022

सामाजिक समरसता एवं समानता का मूलमंत्र देने वाले विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र 'भारत' के संविधान के निर्माता, भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जन्म जयंती पर उन्हें शत् शत् नमन।

10/04/2022
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग्भवेत् ॥आज  #विश्व_स्वास्थ्य_दिवस पर ...
07/04/2022

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग्भवेत् ॥

आज #विश्व_स्वास्थ्य_दिवस पर हम सभी विश्वबंधुत्व की भावना के साथ अच्छे स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने का संकल्प लें । आप सभी को विश्व स्वास्थ्य दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !
✍️

Address

Karnal
132001

Opening Hours

Monday 9am - 5pm
Tuesday 9am - 5pm
Wednesday 9am - 5pm
Thursday 9am - 5pm
Friday 9am - 5pm
Saturday 9am - 5pm

Telephone

+917988902088

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Eklavya Digital Marketing posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Eklavya Digital Marketing:

Share