29/11/2025
जब मैंने धीरे-धीरे ज़िंदगी को...समझना शुरू किया, तो एहसास हुआ...
ज़िंदगी का नाम ही सब्र है।
कोई अपना छूट जाए तो सब्र,...
कोई नाराज़ हो जाए तो सब्र, लोग सवाल उठाएँ तो सब्र, जो चाहा वो न मिले...
तब भी सिर्फ सब्र।