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निठारी कांड:     अल्मोड़ा के सुरेंद्र कोली 18 साल बाद बाइज्जत बरी, मां पत्नी ने भुगती कलंक की सजानई दिल्ली नोएडा के बहुच...
19/11/2025

निठारी कांड:
अल्मोड़ा के सुरेंद्र कोली 18 साल बाद बाइज्जत बरी, मां पत्नी ने भुगती कलंक की सजा

नई दिल्ली नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि, नोएडा के निठारी हत्या एवं दुष्कर्म कांड में दोषी ठहराए गए अल्मोड़ा जिले के सुरेंद्र कोली को सुप्रीम कोर्ट ने आखिरी 13 वें केस में भी दोषमुक्त करार कर दिया है।
,,,,,,इतना ही नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश देते हुए कहा कि, अगर सुरेंद्र किसी और केस में संलिप्त नहीं है तो उन्हे तुरंत रिहा किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद यह तो तय हो गया है कि सुरेंद्र अब जल्द ही जेल से बाहर आने वाले हैं क्योंकि उन पर वर्तमान में कोई भी केस नहीं है। इससे पहले अन्य आरोपी मोनिंदर सिंह पंढ़ेर पहले ही इस केस में बरी हो चुके हैं।

अभी तक मिली जानकारी के अनुसार मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के स्याल्दे ब्लॉक के मंगरुखाल के निवासी सुरेंद्र कोली पर निठारी कांड का गम्भीर आरोप लगा था जिस पर उन्हे अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहत दी गई है। दरअसल वर्ष 2006 में नोएडा के निठारी गांव में स्थित कोठी नंबर D-5 के बगल वाले नाले से अचानक नरकंकाल मिलना शुरू हुए थे।
,,,,,,,,,इतना ही नहीं बल्कि यह कोठी मोनिंदर सिंह पंढेर की थी जिसमें वह सुरेंद्र कोली के साथ रहते थे। सुरेंद्र कोठी के नौकर थे जिन पर आरोप था कि वह कोठी पर लड़कियों को लाते थे
उनसे रेप कर फिर हत्या की घटना को अंजाम देकर लाश के टुकड़े कर बाहर फेंक आते थे। इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ था जब निठारी गांव से दर्जनों लड़कियों अचानक से गायब होने लगी।
बताते चले 7 मई 2006 को पायल नाम की एक लड़की अचानक से लापता हो गई थी जो मोनिंदर पंढेर की कोठी मे रिक्शे से पहुंची थी। पायल ने रिक्शे वाले को कोठी के बाहर रोका और वापस आकर पैसे देने की बात कही थी। काफी वक्त गुजर जाने के बाद भी पायल वापस नहीं लौटी ,,,,,,,
तो रिक्शे वाले ने कोठी का गेट खटखटाया जिस पर सुरेंद्र ने बताया कि पायल काफी देर पहले जा चुकी है। सुरेंद्र की इस बात पर रिक्शे वाले को शक होने लगा जिस पर रिक्शे वाले का कहना था कि वो कोठी के सामने पायल का इंतजार कर रहा था। लेकिन पायल पैसे लेकर बाहर नहीं निकली।

इसके बाद रिक्शे वाले ने इस घटना की जानकारी पायल के परिजनों को दी। जिसकी सूचना मिलते ही पायल के पिता नंदलाल ने एफआईआर लिखवाई की उनकी बेटी कोठी से गायब हो गई है।

पहला मामला सामने आते ही पुलिस जांच पड़ताल में जुटी तो पता चला कि निठारी से एक दर्जन से ज्यादा बच्चे और लड़कियां गायब हो चुकी है। पुलिस प्रशासन ने इस पूरे मामले में जांच पड़ताल तेजी से शुरू की तो उन्हें पायल के पास मोबाइल फोन होने की सूचना मिली लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ जा रहा था। पुलिस ने पायल के नंबर की कॉल डिटेल निकलवाई तो मुंबई से लेकर तमाम जगहों के नंबर मिले फिर उन नंबरों की जांच की गई जिसमें अहम सुराग मिले। नंबरों के आधार पर पुलिस ने कोठी पर छापा मारा तो निठारी कोठी का सच बाहर आया। पुलिस ने जब सुरेंद्र और मोनिंदर से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने बताया की पायल का रेप के बाद हत्या कर लाश कोठी के बराबर में नाले में फेंकी गई है। इसके बाद 2006 दिसंबर में नोएडा पुलिस ने नाले से बड़ी संख्या में मानव कंकाल बरामद किए

जानकारी के मुताबिक मोनिंदर और सुरेंद्र कोठी पर लड़कियों को किसी बहाने से बुलाते थे और रेप कर हत्या की घटना को अंजाम देकर लाश काटकर नाले में फेंक देते थे। लोगों का कहना था पंढेर की कोठी से मानव अंगों का व्यापार होता था। जो बच्चों को मार कर उनके अंग निकाल लेते थे जिसकी विदेशों में तस्करी की जाती थी। इतना ही नहीं बल्कि हत्या के बाद अंगों को पकाकर खाया जाता था । पुलिस ने मोनिंदर और सुरेंद्र के खिलाफ रेप और हत्या के कुल 19 मामले दर्ज किए। निठारी केस में सीबीआई ने सुरेंद्र कोली को हत्या अपहरण रेप और सबूत मिटाने के केस में आरोपी बनाया था जबकि मोनिंदर पर मानव तस्करी का आरोप था

सुप्रीम कोर्ट ने निठारी हत्याकांड मे सुरेंद्र कोली को भले ही बरी कर दिया हो लेकिन सुरेंद्र की माता कुंती देवी और उनके पत्नी अपने गांव वालों के सामने अपनी बेगुनाही साबित नहीं कर पाई। जिसके चलते उन्हें दो छोटे बच्चों के साथ गांव छोड़ना पड़ा वही सुरेंद्र की राह देखते देखते उनकी मां की जिंदगी भी चली गई। इतना ही नहीं बल्कि सुरेंद्र के दो भाई भी गांव नहीं लौटे जिसके कारण सुरेंद्र का पूरा घर खंडर पड़ गया।
कुंती देवी और शाकरु राम के चार बेटे हैं जिनमें से सबसे बड़े सुरेंद्र ही है। सुरेंद्र ने सातवीं तक के पढ़ाई की थी इसके बाद वह दिल्ली चले गए थे। इसके बाद गांव में उनकी शादी शांति देवी से हुई और पिता की मौत के बाद सुरेंद्र के दो भाई भी काम के लिए दिल्ली चले गए। वर्ष 2006 में निठारी कांड में सुरेंद्र का नाम आने से उनका पूरा परिवार तहस-नहस हो गया इतना ही नही बल्कि जब सुरेंद्र जेल में गए तो उनकी एक बेटी थी जिनका बेटा उनकी पत्नी शांति के गर्भ में पल रहा था। सुरेंद्र का परिवार करीब 10 साल पहले हरियाणा जा चुका है,,
इस दौरान शांति देवी ना तो कभी सुरेंद्र को मिलने गई और ना ही कभी वापस गांव लौटी। हालांकि सुरेंद्र की पत्नी शांति की उनसे अंतिम मुलाकात डासना जेल में हुई थी। अब जब सुरेंद्र को जेल से राहत मिलने वाली है तो उनका परिवार ही उनके साथ नही है। सुरेंद्र की पत्नी और दो बच्चों का क्या रुख होगा इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता.....।

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